Saturday, December 16th, 2017
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मानव रचना यूनिवर्सिटी के पहले दीक्षांत समारोह में प्रदान की गई डिग्रियां
फरीदाबाद Vinod Vaishnav | मानव रचना यूनिवर्सिटी (एमआरयू) ने आज अपने कैम्पस में पहले दीक्षांत समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर गोदरेज इंडस्ट्रीज के एमडी श्री नादिर गोदरेज; लाहती यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंस, फिनलैंड की पूर्व-अध्यक्ष डा. आऊती कैलीओनिनेन; मानव रचना एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस (एमआरईआई) की चीफ पैट्रन , श्रीमती सत्या भल्ला; अध्यक्ष डा. प्रशांत भल्ला, उपाध्यक्ष डा. अमित भल्ला; एमआरयू के कुलपति डा. संजय श्रीवास्तव; एमआरयू की पीवीसी डा. मीनाक्षी खुराना; एमआरईआई के एडवाइजर डॉ प्रीतम सिंह; परफेक्ट ब्रेड के श्री एच के बत्रा; साइकोट्रोपिक्स इंडिया के श्री नवदीप चावला; एच सी सी आई के श्रीरवि वासुदेवा और एमआरईआई के विभिन्न संस्थानों के डीन और डायरेक्टर्स भी उपस्थित थे कनवोकेशन की शुरुआत की घोषणा श्रीमती सत्या भल्ला ने की इस अवसर पर श्री नादिर गोदरेज और डॉ आऊती को फिलोसोफी में आनरेरी डॉक्टरेट डिग्रीसे नवाज़ा गया। कॉन्वोकेशन के संस्करण ‘प्रतिबिम्ब ‘ का सभी दिग्गजों ने मिलकर उद्घाटन किया। 2017 बैच (एमबीए, एमटेक और बीटेक कार्यक्रम) के 392 मेधावी छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं। सभी क्षेत्रों में अनुकरणीय प्रदर्शन करने के लिए विशेष अवार्ड प्रदान किए गए। विशेष अवार्ड और मेडल के लिए चुने गए सभी विजेताओं का चयन एक अच्छी तरह से गठित प्रक्रिया के तहत किया गया था, जहां प्रत्येक छात्र के नामाकंन का मूल्यांकन डीन और डायरेक्टर्स की अध्यक्षता वाली कमेटी ने किया था।
सुश्री राशि गुप्ता (इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी) ने सामुदायिक सेवा क्षेत्र में अपनी उत्कृष्ट काम के लिए संरक्षक अवार्ड हासिल किया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि हासिल करने के लिए श्री तरुण सिंह (मैकेनिकल) को प्रेसिडेंट अवार्ड प्रदान किया गया। राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि हासिल करने के लिए श्री अंजन कार (इलेक्ट्रोनिक्स) को वाइस प्रेसिडेंट मेडल से सम्मानित किया गया। श्री रोहित गोयल (मैकेनिकल) को उनके शैक्षणिक कौशल के लिए वाइस चांसलर मेडल से सम्मानित किया गया। वह बीटेक में टॉपर हैं। सुश्री श्वेता गोसैन (इलेक्ट्रॉनिक्स) को शैक्षणिक, खेल और अन्य गतिविधियों में उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए स्टूडेंट लीडरशिप अवार्ड प्रदान किया गया।
लक्ष्य शर्मा (मैकेनिकल) को अनुसंधान के क्षेत्र में, महक लांबा (कम्प्यूटर साइंस) को प्रोफेशनल कुशलता और अभिजीत सिंह (मैकेनिकल) को टेक विशेषज्ञ के तौर पर ‘आउटस्टैंडिंग अचीवर’ घोषित किया गया। इस अवसर पर सभी कार्यक्रमों के टॉपर्स को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर एमआरईआई कैम्पस से मोबाईसी साईकिल को झंडी दिखाकर रवाना किया। मोबाईसी भारत का पहला डॉकलेस साईकिल शेयरिंग प्लेटफॉर्म है। मोबीसाई ‘स्मार्ट बाइक्स’ इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) लॉक और जीपीएस ट्रैकिंग के साथ आती हैं मोबीसी के “स्मार्ट बाइक” चीजों के इंटरनेट (आईओटी) ताले और जीपीएस ट्रैकिंग के साथ आते हैं, जिससे रिमोट मैनेजमेंट और ट्रेसेबिलिटी को सक्षम बनाया जा सकता है। इन डॉकलेस बाइक्स को किराये पर लिया जा सकता है और कही भी पार्क किया जा सकता है। मोबीसाई साईकिल को अपनाने वाला एमआरईआई पहला प्राइवेट संस्थान है। एमआरईआई में साईकिलों को खड़ा करने के लिए एक सुनिश्चित स्थान कैम्पस को साफ और स्वस्थ रखने को सुनिश्चित करेगा।
मोबाइसी ने मानव रचना यूनिवर्सिटी के कैम्पस में अपनी स्मार्ट साइकिलों की शुरुआत की
फरीदाबाद, 16 दिसंबर, 2017: गुडगांव की ग्रीन टेक स्टार्टअप मोबाइसी ने फरीदाबाद के मानव रचना यूनिवर्सिटी कैम्पस में अपनी डॉकलेस, स्मार्ट साइकिल्स की शुरुआत की। भारत की पहली डॉकलेस साइकिलों के अनावारण में सह—संस्थापक आकाश गुप्ता और राशि अग्रवाल के साथ हरियाणा के माननीय राज्यपाल श्री कप्तान सिंह सोलंकी उपस्थित थे। मोबाइसी ने आईओटी ताले और जीपीएस ट्रैकिंग से सुसज्जित 5,000 स्मार्ट साइकिलें सड़कों पर उतारकर अपने संचालन की शुरुआत की है।मोबाइसी के सह—संस्थापक आकाश गुप्ता ने कहा, “फरीदाबाद के मानव रचना यूनिवर्सिटी कैम्पस में भारत की पहली डॉकलेस साइकिलों को शुरू करके मैं काफी खुश हूं। इन साइकिलों को मोबाइसी ऐप के माध्यम से आसानी से किराए पर लिया जा सकता है और ये किसी दिक्कत के बिना हर रोज सफर करने वालों और विद्यार्थियों को छोटी दूरियां तय करने में मदद करने हेतु हैं। ये साइकिलें रोज सफर करने वालों को डॉकिंग स्टेशंस की उपलब्धता तक सीमित रहे बिना अपने सफर को पूरा करने की सहूलियत देती हैं। हमें उम्मीद है कि कई सारे राहगीर, विद्यार्थी और फिटनेस प्रेमी अपने आसपास मौजूद इन स्मार्ट, डॉकलेस साइकिलों की उपलब्धता को पसंद करेंगे।”मोबाइसी ने अपनी तरह के पहले ‘साइकिलों के लिए उबेर‘ मॉडल के साथ भारत में मोबिलिटी क्षेत्र को बदला है। प्रयोक्ता एंड्रॉयड प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर पर उपलब्ध इसके मोबाइल ऐप को डाउनलोड करके अपने आसपास में साइकिलों को खोज सकते हैं। प्रयोक्ता स्मार्ट बाइक्स को खोज सकते हैं, क्यूआर कोड से साइकिल को अनलॉक कर सकते हैं और काम पूरा होने के बाद, साइकिल को सुरक्षित रूप से आसपास पार्क कर सकते हैं – जिसमें गेटेड कम्यूनिटी, निजी कंपाउंड आदि शामिल नहीं है। भारत में हर जगह की कनेक्टिविटी की बड़ी समस्या को देखते हुए, यह स्टार्टअप अपनी कभी भी, कहीं भी उपलब्ध साइकिलों से 3-6 कि.मी. की अंतिम दूरी तक का सफर करने में प्रयोक्ताओं की मदद करता है।10 रुपए प्रति घंटे के सफर, या उससे भी कम में मोबाइसी का वर्तमान मॉडल डॉकलेस साइकिलिंग को बेहद वहनीय बनाता है। मासिक योजना के तहत, प्रयोक्ताओं को प्रति दिन2 घंटे के सफर के लिए 99 रुपए का भुगतान करना होगा। इसके अलावा, प्रयोक्ताओं को अपने आधार पहचान पत्र का प्रयोग करके साइन अप करना होगा और 999 रुपए के न्यूनतम प्रतिभूति जमा का भुगतान करना होगा, जो पूर्णत: वापसी योग्य होगा। विद्यार्थियों के लिए, यह प्रतिभूति जमा मात्र 499 रुपए है और साइनअप प्रक्रिया उनके कॉलेज के पहचान पत्र से पूरी की जाएगी। भले ही यह केवल शुरुआत है, लेकिन स्टार्टप आगे काफी तेजी से वृद्धि करने का लक्ष्य बना रहा है। साइकिलों की मौजूदा संख्या को बढ़ाकर 50,000 करने के साथ, मोबाइसी अगले 6 महीनों में 12 अन्य शहरों और अगले साल तक 20 प्रमुख शहरों में विस्तार करना चाहता है।