Saturday, August 4th, 2018

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Posted by: | Posted on: August 4, 2018

एकेडमी ऑफ ओरल इंप्लांटोलॉजी (एओआई) ने किया डॉक्टरों का इंटरनेषनल कांफ्रेंस

नई दिल्ली( विनोद वैष्णव )| दुनियाभर से आए डॉक्टरों की प्रस्तुतियों के साथ एकेडमी ऑफ ओरल इंप्लांटोलॉजी (एओआई)का तीन दिवसीय वार्शिक सम्मेलन आज षुरू हो गया। इंटरनेषनल कांग्रेस फॉर एकेडमी ऑफ ओरल इंप्लांटोलॉजी (आईसीएओआई) ने बीते कुछ दषकों के दौरान,हर साल भारत में सम्मेलन का आयोजन कर डेंटिस्ट्री के क्षेत्र में नवीनतम नवोन्मेश एवं आधुनिकीकरण पेष किए हैं। इस सम्मेलन में अलग-अलग देषों से आए डॉक्टरों को अपने संबंधित देषों में डेंटिस्ट्री के क्षेत्र में सामने आए इनोवेषन एवं अन्य प्रगति में अपने योगदान को साझा करने के लिए प्रमुख वक्ता के तौर पर मंच उपलब्ध कराया जाता है। सम्मेलन में ब्रिटेन, अमरीका, इस्राइल, आस्ट्रिया, जर्मनी, इटली, दक्ष्जि्ञण कोरिया और स्पेन के प्रतिनिधियों के रूप में डॉक्टर मौजूद हैं।
ओरल इंप्लोटोलॉजी बेहद डायनमिक स्पेष्यलिटी है और पिछले कुछ वर्शों में इस क्षेत्र में व्यापक बदलाव और सुधार हुए हैं जिसके चलते आज यह विभिन्न आयुवर्ग के मरीज़ों के लिए पसंदीदा डेंटल उपचार का विकल्प बन चुका है। प्रत्येक सुधार और संषोधन ने ओरल इंप्लोटोलॉजी को, अपेक्षाकृत मंहगा विकल्प होने के बावजूद समाज के लिए वरदान साबित किया है और इसे आम आबादी द्वारा भी काफी पसंद किया जा रहा है। डेंटल इंप्लांट एक टिटेनियम पोस्ट (टूथ रूट की तरह) होता है जिसे जबड़े के नीचे जबड़े की हड्डी में स्थापित किया जाता है ताकि आपका डेंटिस्ट इस जगह पर दांत या ब्रिज लगा सके। इंप्लांट दरअसल, डेंचर कैन की तरह ढीला नहीं होता। यह ओरल हैल्थ का अधिक फायदेमंद विकल्प है क्योंकि इन्हें ब्रिज की तरह दूसरे दांतों के साथ जोड़ना नहीं पड़ता।
कुछ मामलों में, विषेशज्ञ इंप्लांट डिजाइन फीचर्स को सर्वाधिक बुनियादी खूबी बताते हैं जो कि स्थिरता देता है और लोडिंग को वहन करने की क्षमता भी प्रदान करता है। नवीनतम डिजाइन में इस प्रकार का टैक्सचर और षेप होती है जो सैलुलर एक्टिविटी को बढ़ावा देती है।
इंप्लांट्स के क्रेस्टल में मौजूद माइक्रो थ्रैड्स वास्तव में, इंप्लांट के इर्द गिर्द की हड्डी और नरम ऊतकों (सॉफ्ट टिष्यू) को बरकरार रखने की दिषा में एक बड़ा कदम हैं। ओरल इंप्लांट के क्षेत्र में यह हाल में हुई प्रगति है।
कोन बीम कंप्यूटेड टोमोग्राफी या सीबीसीटी एक ऐसी डायग्नॉस्टिक इमेजिंग टैक्नोलॉजी है जो डेंटल पेषेवरों को ओरल तथा मैक्सीलोफेषियल कांप्लैक्स को सही तरीके से दिखाने में मददगार है। पारंपरिक डायग्नॉस्टिक इमेजिंग में जिस तरह से रेडिएषन काम करता है उसी प्रकार सीबीसीटी भी रॉ डेटा को डिजिटल इमेजिंग एवं कम्युनिकेषन में बदलता है।
कुछ वर्शों पहले तक बुजुर्गों के लिए ओरल इंप्लांट को जोखिमपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस आबादी की हड्डियों की संरचना समुचित नहीं होती और साथ ही उम्र की वजह से हीलिंग प्रक्रिया भी मंद पड़ चुकी होती है। इसी तरह से, मसूढ़ों की बीमारियां भी चुनौती पेष करती हैं और ओरल इंप्लांट के लिए खतरा होती हैं। हाल के अध्ययनों और षोध से यह सामने आया है कि बुजुर्गों में भी इंप्लांट ठीक उसी प्रकार से कामयाब हो सकते हैं जैसे कि वे युवाओं में होते हैं। इससे अब एक बड़ी आबादी को इममूवेबल टीथ की सुविधा बिना किसी अतिरिक्त देखभाल के मिलने का विकल्प हासिल हो गया है।
डॉ. सरनजीत सिंह भसीन, चेयरमैन, एकेडमी ऑफ ओरल इंप्लांटोलॉजी (एओआई) ने कहा, ’’’हमारी कोषिष तीन दिनों में एक व्यापक कार्यक्रम तैयार करने की है जहां मुख्य लक्ष्य नवीनतम प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना और नवोन्मेश के क्षेत्र में युवा डॉक्टरों को प्रोत्साहित किया। अनुभवी पेषेवर अपने कार्यों से युवा पेषेवरों को अवगत कराएंगे जिससे अलग-अलग भागों से आए लोगों के बीच ज्ञान का आदान-प्रदान हो सकेगा। इस मंच पर मेडिकल कंपनियां अपने उन्नत प्रोडक्ट्स एवं टैक्नोलॉजी को प्रदर्षित करेंगी।‘‘
सभी प्रकार की ओरल समस्याओं या रोगों के डेंटल उपचार के विकल्प अब नवीनतम टैक्नोलॉजी और विषेशज्ञता के साथ उपलब्ध हैं और एंडोडोन्टिक्स, प्रोस्थोडॉन्टिक्स, पेडोडॉन्टिक्स, पेरियोडॉन्टिक्स, ओरल एवं मैक्सीलोफेषियल सर्जरी तथा इंप्लानटोलॉजी में विषेशज्ञता प्राप्त करने वाले डॉक्टर उपलब्ध कराते हैं। हाल के दषक में डेंटल क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है और सम्मेलन में प्रस्तुत विशयों में षॉर्ट इंप्लांट; न्यू रेवोल्यूषन इन इंप्लांट डेंटिस्ट्री; ए पैराडाइम षिफ्ट फ्रॉम कन्वेंषनल इंप्लांटोलॉजी; टीथ इन ए डे – मिथ ऑर रिएलिटी, इमीजिएट इंप्लांट्स – सक्सेस फैक्टर्स आदि को षामिल किया गया।
डॉ. प्रफुल्ल बाली, अध्यक्ष, एओआई ने ओरल इंप्लोटोलॉजी के क्षेत्र मे सक्रिय कंपनियों के बारे में बताया, ’’दुनियाभर में ओरल इंप्लांट के क्षेत्र में विषेशज्ञता प्राप्त कंपनियां लंबे समय तक चलने वाले बेहतर उत्पादों को पेष करने पर षोध एवं विकास कार्यों के लिए समर्पित हैं और यही किसी डॉक्टर द्वारा मरीज़ को उपलब्ध करायी जाने वाली विषिश्ट सुविधा है। दीर्घकालिक आधार पर अनुकूलता, टैक्नोलॉजी के क्षेत्र में उन्नति और साथ ही मरीज़ों को षानदार डेंटल केयर उपलब्ध कराने की संतुश्टि ही इन कंपनियों की प्रमुख प्रेरणा है।‘‘
डॉ. अजय षर्मा, महासचिव एवं कोशाध्यक्ष, एओआई ने कहा, ’’पिछले पांच दषकों से ओरल इंप्लांट्स उपलब्ध हैं। लेकिन पिछले करीब दस वर्शों में ही ये अधिक लोकप्रिय हुए हैं और मरीज़ के ओरल स्पेस में तरह-तरह की विकृतियों को दूर कर उन्हें अधिक सेहतमंद जीवन जीने का अवसर देते हैं। डेंटल इंप्लांट्स काफी तेजी से डेंटल इंडस्ट्री का चेहरा बदल रहे हैं और इस बदलाव को देखना चौंकाने वाला है। इंप्लोटोलॉजी के क्षेत्र में हो रहे इन भारी बदलावों के चलते मरीज़ों को हिलते-लड़खड़ाते डेंचर्स की बजाय अब बिना किसी परेषानी के और एस्थेटिक्स वैल्यू के साथ सही तरह के इंप्लांट मिलने लगे हैं।‘‘
दांत खराब होना, बढ़ती उम्र के कारण दांत को नुकसान, बीमारी या दुर्घटना, खराब और टूटे हुए दांत, मुंह की खराब साफ-सफाई के कारण दांत खराब होना, हृदय जैसे कुछ अंगों को प्रभावित करने वाली खराब सफाई जैसी बीमारियों का उपचार अब तक संभव नहीं था। मुंह की साफ-सफाई के बारे में जागरूकता की कमी, मुंह की सेहत के महत्व को लेकर जागरूकता की कमी और देष में डेंटिस्ट्री के क्षेत्र में उपलब्ध उपचार के बारे में जागरूकता की समान रूप से कमी इसका मुख्य कारण हो सकता है। चूंकि भारत डायबिटीज़, उच्च रक्तचाप, हृदय रोगों की सूची में षीर्श पर पहुंच चुका है, ऐसे में मुंह संबंधी समस्यों पर गौर करना सेहत संबंधी महत्वपूर्ण विशय बन चुका है। अब मुंह संबंधी प्रत्येक समस्या का उपचार और उसका सुधार भी उपलब्ध है। इसलिए अधिक उम्र के लोगों को पिसे हुए खाने और द्रवित पदार्थों के आधार पर बगैर दांत के जीवन जीने की जरूरत नहीं है, इसके बजाय वे किसी भी अन्य उम्र के लोगों की ही तरह जीवन का आनंद ले सकते हैं।
एकेडेमी ऑफ ओरल इम्पलांटोलॉजी के बारे में
एओआई डेंटल प्रोफेषनल्स की ऐसी एकेडेमी है जो ओरल इम्लांटोलॉजी साइंस और आर्ट में नए आविश्कारों में योगदान के लिए प्रतिबद्ध हैं। एकेडेमी का फोकस रिसर्च, एजूकेषन, डेंटल हैल्थ और उपचार के उच्च मानकों पर है। एकेडेमी की विजन नई टैक्नोलॉजी को बढ़ावा देना और युवा डॉक्टरों को इनोवेषन के लिए प्रोत्साहित करने की है। 10वीं इंटरनेषनल कांग्रेस फॉर एकेडमी ऑफ ओरल इंप्लांटोलॉजी का आयोजन इस वर्श अगस्त 2018 में द ग्रैंड, नई दिल्ली में किया जाएगा।