Saturday, November 24th, 2018

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Posted by: | Posted on: November 24, 2018

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव भविष्य में भी एक स्थाई कार्यक्रम हो :-मुख्यमंत्री मनोहर लाल

नई दिल्ली( विनोद वैष्णव )- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव भविष्य में भी एक स्थाई कार्यक्रम हो, इसके लिए कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड को बैधानिक दर्जा दिया जाएगा। इसके अलावा, गीता मनीषी श्री ज्ञानानंद जी महाराज की अध्यक्षता में एक स्थाई आयोजन समिति का गठन भी किया जाएगा।
     एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि मारीशश में फरवरी, 2019 में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के आयोजन सहमति दी है, इसके अलावा यूके व कनाडा में भी इस पर विचार किया जा रहा है। इस साल गीता महोत्सव के दौरान 12 दिसंबर को यूके के हाऊस आफ कामन्स में भी गीता से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा, गीता महोत्सव को मनाने के लिए 15 देश अपने यहां पर तैयारी कर रहे है और प्रारूप तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज परिवर्तन व युवाओं में नैतिकता व उन्हें संस्कारवान बनाने के लिए राहगीरी, गीता जयंती, मैराथन जैसे कार्यक्रमों का आयेाजन हरियाणाभर में किया जा रहा है ताकि शिक्षा के साथ-साथ ज्ञान के गुणों का भी संचान युवाओं में हों।
     एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि दिल्ली के लाल किला मैदान में गीता  महोत्सव से संबंधित प्रदर्शनी 20 नवंबर से लेकर 30 नबंवर तक रहेगी तथा इसके बाद 1 दिसंबर से यह प्रदर्शनी बोट क्लब में शिफट की जाएगी ताकि अधिक से अधिक लोगों तक गीता का संदेश जाएं।
     महाभारत काल से जुडे राज्य के अन्य स्थानों के विकास के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि गुडगांव का नाम गुरूग्राम किया गया क्योंकि पौराणिक समय में यह गुरूग्राम ही था और यहां पर गुरू द्रोणाचार्य ने कौरवों व पांडवों को शिक्षा दिक्षा दी थी तथा आज भी यहां पर गुरू द्रोणाचार्य के नाम से महाविद्यालय संचालित है। इसी प्रकार, गुरूग्राम में मेट्रो के एक स्टेशन का नाम भी गुरू द्रोणाचार्य के नाम पर रखा गया है।
     एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार कृष्णा सर्किट के तहत हरियाणा को 95 करोड रूपए की राशि उपलब्ध करवाई हैं जिसमें इस क्षेत्र का ओर विकास होगा और दूसरे चरण में इससे भी अधिक बजट मिलेगा।
गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ के तौर पर लाने के लिए पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि यदि इस प्रकार का कोई प्रस्ताव आता है तो वे उसका स्वागत करते है।
इस अवसर पर थानेसर के विधायक सुभाष सुधा, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक श्री समीरपाल सरो, गीता महोत्सव के नोडल अधिकारी अमित अग्रवाल, कुरूक्षेत्र के उपायुक्त आर आर फुलिया, कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड के सदस्य भी उपस्थित थे।
Posted by: | Posted on: November 24, 2018

Ymca फरीदाबाद ने जीता इंटर-कॉलेज क्रिकेट टूर्नामेंट, echelon कॉलेज को फाइनल में हराया

फरीदाबाद/पलवल ( विनोद वैष्णव ) | Advance इंस्टिट्यूट कॉलेज (AITM), पलवल में आयोजित तीन दिवसीय अन्तर-महाविद्यालय क्रिकेट टूर्नामेंट में जे सी बोस विश्वविद्यालय YMCA की टीम विजय रही, इस टूर्नामेंट का आयोजन जे सी बोस विश्वविद्यालय YMCA द्वारा ही Advance कॉलेज पलवल के क्रिकेट मैदान पर करवाया गया था, तीन दिवसीय टूर्नामेंट की शुरुआत 20 नवम्बर 2018 को हुई थी, इसमें फरीदाबाद और पलवल के कुल 8 कॉलेजों की टीम ने हिस्सा लिया, तीन दिनों के तीन राउंड मुकाबले के बाद सेमी-फाइनल में जे सी बोस ymca ने दिल्ली इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (DITM फरीदाबाद) को हराया और Echelon इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी ने advance इंस्टिट्यूट को हराया।
आखिर के फ़ाइनल मैच में ymca और echelon आमने सामने थे, टॉस जीत कर echelon ने फील्डिंग करने का निर्णय लिया, पहले बल्लेबाज़ी करते हुए ymca ने निर्धारित 14 ओवर्स में 127 रन बनाए। इसके जवाब में echelon 14 ओवर्स में केवल 76 रन ही बना पाई और इस तरह ymca 22 नवम्बर को हुए इस फाइनल मुकाबले को जीत कर ट्रॉफी को जे सी बोस ymca, फरीदाबाद में लेकर आने में सफल रहा। मौके पर ymca स्पोर्ट्स इंचार्ज राजेश भरद्वाज उपस्थित रहे।
Posted by: | Posted on: November 24, 2018

राजस्थान की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों ने जाना जल प्रबंधन और संरक्षण 

जयपुर( विनोद वैष्णव)ग्रामीण राजस्थान की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को जल प्रबंध और संरक्षण का प्रशिक्षण दिया जारहा हैयह एक ऐसी परियोजना का भाग है जिसका मकसद ग्रामीण महिलाओं में राज्य के वाटर बॉडीज (तालाब, जलाशय, पोखर)का प्रबंध करने के लिए कौशल विकास करना है। भारत में लिंग के आधार पर भेदभाव न करने वाला समाज बनाने की दिशा में कामकरने वाले एक संगठन, सेंटर फॉर सोशल रीसर्च ने एक अनूठी राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया है ताकि तेस स्टडी साझा किएजा सकें और ग्रामीण महिलाओं से भारत में ग्रामीण जल प्रबंध, संरक्षण और सुरक्षा से जुड़े सर्वश्रेष्ठ व्यवहारों के बारे में जाना जासके इस कार्यशाला में जल और जलवायु परिवर्तन विशेषज्ञों के साथ स्त्रीपुरुष में भेदभाव खत्म करने के काम करने वाले लोग भीआए हैं। इनके साथ निर्वाचित महिला प्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी भी कार्यशाला में हिस्सा लेंगे। यह आयोजन 23 से 25 नवंबर2018 तक द थीम होटल, जयपुर में किया गया है।

इस परियोजना में राजस्थान की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों (ईडब्ल्यूआर) को वाटर बॉडीज के रखरखाव, जल संरक्षण और वाटरहारवेस्टिंग (संचयन) की व्यवस्था का प्रशिक्षण देने के साथ-साथ कौशल विकास किया जा रहा है ताकि सरकार को जेंडर बजटिंग केलिए प्रभावित किया जा सके और जल प्रबंध के सरकारी ठेके लिए जा सकें।

सेंटर फॉर सोशल रिसर्च की डायरेक्टर डॉ. रंजना कुमारी कहती हैं, “ग्रामीण भारत में जल प्रबंध का काम जेंडर से जुड़ा मुद्दा है औरबड़े पैमाने पर महिलाओं को इस काम से जोड़ा जाना चाहिए। हमारी परियोजना से पता चल रहा है कि ग्रामीण महिलाएं और उनकापरिवार जब व्यवस्थित और संगठित तरीके से वाटर बॉडीज का प्रबंध करना सीख जाता है तो भारी लाभ में रहता है।”

कार्यशाला में भाग लेने वालों को यह मौका मिलेगा कि वे जेंडर, जल, पंचायती राज व्यवस्था और पीआरआई लीडरशिप के बारे मेंजानें। भाग लेने वालों को भिन्न अनुभवों से जल संरक्षण और प्रबंध के सर्वश्रेष्ठ व्यवहारों के बारे में भी पता चलेगा जो केरल,गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली के साथ राजस्थान के भी हैं।