Friday, February 15th, 2019
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सुधा रुस्तगी कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज एंड रिसर्च फरीदाबाद ने पुलवामा आतंकी हमले में शहीदों को मौन रख कर दी श्रृद्धाजंलि
फरीदाबाद (विनोद वैष्णव )। सुधा रुस्तगी कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज एंड रिसर्च, फरीदाबाद ने जम्मू और कश्मीर में 14 फरवरी को पुलवामा में हुए भयानक आतंकी हमले शहीदे हुए सैनिकों के लिए मौन रख कर उन्हें श्रृद्धाजंलि दी। इस हमले में जिसमें 4० से अधिक सीआरपीएफ के जवान शहीद हुए। इस अवसर पर अध्यक्ष धर्मवीर गुप्ता ने कहा कि यह बहुत ही दुख की बात है और आज प्रत्येक भारतवासी इस दुख की घड़ी में उन सैनिकों के परिजनों के लिए दुआ मांगता है कि प्रभु उनको संभलने का मौका दे जिन्होंने इस हमले में अपनी जान गंवाई। इस मौन व श्रृद्धाजंलि सभा में कॉलेज के अध्यक्ष धरमवीर गुप्ता, सचिव दीपक गुप्ता, प्राचार्य डॉ सीएम मडिय़ा, सीईओ डॉ विशाल जुनेजा, संकाय सदस्य डॉ.आरके मित्तल, डॉ गौरव शर्मा, डॉ सुमिधा बंसल और अन्य संकाय, कर्मचारियों और छात्रों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।
पुलवामा में हुए आंतकवादी हमले के विरोध में जलूस निकालते हुए सरस्वती शिशु सदन सीनियर सैकेंडरी स्कूल के छात्र
बल्लबगढ़ (विनोद वैष्णव )| जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सी.आर.पी.एफ के काफिले पर पाकिस्तान समर्थित जैशे मोहम्मद आंतकवादी संगठन द्वारा किए गए आत्मघाती कायराना हमले में शहीद हुए 43 जवानों के विरोध में तिगांव स्थित सरस्वती शिशु सदन सीनियिर सैकेंडरी स्कूल व सरस्वती ग्लोबल स्कूल के छात्रों ने तिगांव की मार्किट व गांव में जलूस निकाला। इस मौके पर छात्रों ने पाकिस्तान व आतंकवाद के खिलाफ नारेवाजी करके अपना रोष प्रकट किया। जलूस से पूर्व छात्रों व अध्यापकों ने स्कूल के ग्राउंड में एकत्रित होकर शहीद जवानों को अपनी श्रृद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर विद्यालय के चेयरमैंन वाई.के.माहेश्वरी ने अपने संबोधन मंे कहा कि वे पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन द्वारा किए गए कायराना हमले की कडी निंदा करते है। सरस्वती परिवार शहीद 44 रणबांकुरों की नमन करता है तथा सभी घायल जवानों को शीध्र स्वस्थ होने की कामना करता है। आज देश के हर नागरिक में इस आतंकवादी घटना को लेकर रोष व्याप्त है। माहेश्वरी ने कहा कि अब समय आ गया है कि आंतकवादी रूपी नाग का फन पूरी तरह से कुचल दिया जाए और इसके लिए हमारी सेना को पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकवादी व आतंकवादी ठिकानों को नेस्तानाबूत करने की खुली छूट दी जानी चाहिए।
दिल्ली पब्लिक स्कूल बल्लबगढ़ की छात्रा दिया सेहरावत, डीपीएस फेस ऑफ द इयर चुनी गयी
बल्लबगढ़ (विनोद वैष्णव )| दिल्ली पब्लिक स्कूल बल्लबगढ़ एवं ब्लिट्ज टूडे की ओर से दिल्ली पब्लिक स्कूल बल्लबगढ़ में डीपीएस फेस ऑफ द इयर का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में दिल्ली पब्लिक स्कूल बल्लबगढ़ की छात्रा दिया सेहरावत, डीपीएस फेस ऑफ द इयर चुनी गयी। इसके अलावा जारेद द्वितीय एवं इनेश कक्कर तीसरे स्थान पर रहेण्ण्ण्। करीब एक हफ्ते चले इस ऑनलाइन एवं ऑफ लाइन प्रतियोगिता में लगभग 1264 बच्चों ने भाग लिया। इन्डीविजुअल फोटोग्राफी के अलावा इस मौके पर मी विद मॉम, मी विद डैड एवं फैमिली क्लिक्स को लेकर भी पेरेंट एवं बच्चों में काफी उत्साह था। बच्चों ने अपने अभिभावकों के साथ फैमिली फोटोग्राफी का भरपूर आनंद उठाया।
मानव रचना में मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक कप का आयोजन
फरीदाबाद(विनोद वैष्णव )|मानव रचना शैक्षणिक संस्थान में दो दिवसीय मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक कप का आयोजन किया जा रहा है। इस साल का थीम ‘Digital Industry through Smart Imagination’है। पहले दिन एग्जीबिशन का उद्घाटन किया गया, जिसमें मित्सुबिशी जापान के फेलो एडवाइजर डॉ. गौरव मजूमदार ने बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया। इसके अलावा मित्सुबिशी जापान के डिविजन हेड Hisahiro Nishimoto, मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के वीपी डॉ. अमित भल्ला, एमआरआईआईआरएस के वीसी डॉ. एनसी वाधवा, मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक इंडिया-कॉर्पोरेट सर्विसेज हेड राजीव शर्मा, मानव रचना यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. आईके भट्ट, फैक्ट्री ऑटोमेशन सेंटर के जीएम विक्रम मट्टू और इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की एचओडी डॉ. अनीता खोसला समेत कई लोगों ने हिस्सा लिया।पहले दिन पैनल डिस्कशन, क्लासरूम सेशन और कल्चरल ईवनिंग का आयोजन किया गया। मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक कप के लिए देशभर से 134 छात्रों ने अपने प्रोजेक्ट शोकेस किए थे लेकिन 35 टीम ग्रांड फिनाले तक पहुंचने में कामयाब रही। फर्स्ट प्राइज जीतने वाले को एक लाख रुपए, दूसरे नंबर के विजेता को 75 हजार, तीसरे नंबर के विजेता को 50 हजार और 10 हजार के कोन्सोलेशन प्राइज किए जाएंगे।डॉ. गौरव मजूमदार ने कहा कि मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक कप की शुरुआत नए टैलेंट को मौका देने के लिए की गई है। छात्रों को इस मौके का भरपूर फायदा उठाना चाहिए। उन्होंने कहा, हम भारत सरकार की स्किल इंडिया और डिजिटल इंडिया योजना का समर्थन करते हैं। उन्होंने बताया कि मित्सुबिशी ‘सोशियो टेक’ यानी कि टेक्नोलॉजी फॉर सोसाइटी में विश्वास रखती है।आपको बता दें, कल (शनिवार) कार्यक्रम के दूसरे दिन रोबो लैब का उद्घाटन किया जाएगा। इसके अलावा एआईसीटीई के वाइस चेयरमैन डॉ. एमपी पूनिया कार्यक्रम में शामिल होंगे और विजेता छात्रों को सम्मानित करेंगे।मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के वीपी डॉ. अमित भल्ला ने कहा, मुझे युवाओं से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। मानव रचना शैक्षणिक संस्थान इनोवेशन में विश्वास रखता है। उन्होंने कहा, जिस तरह तकनीक 4.0 की ओर बढ़ रही उसी तरह मानव रचना भी बदलते समय के साथ 4.0 एजुकेशन की तरफ अपने कदम बढ़ा रहा है।
लिंग्याज विद्यापीठ ने अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड व्यापार मेले के लिए शैक्षिक यात्रा का आयोजन किया
सूरजकुंड (विनोद वैष्णव )| लिंग्याज विद्यापीठ फरीदाबादए स्कूल ऑफ एजुकेशन ने सूरजकुंड क्राफ्ट इंटरनेशनल ट्रेड फेयर के लिए एक दिन की शैक्षिक यात्रा विशेष रूप से बीएड ,एमएड पाठ्यक्रम के छात्र के लिए आयोजित की । चूंकि यह व्यापार मेला 1 से 17 फरवरी 2019 तक सूरजकुंड, फरीदाबाद, हरियाणा में आयोजित किया जाता है। संयुक्त रूप से पर्यटन मंत्रालय एवं कपड़ा विकास आयुक्त, हथकरघा और हस्तशिल्पद्ध, विदेश मंत्रालय और संस्कृति, भारत सरकार के साथ.साथ भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) और हरियाणा पर्यटन द्वारा आयोजित किया जाता है। इस ट्रेडफेयर के माध्यम से छात्रों को यह ज्ञान मिला कि यह भारत के सभी देशों के साथ.साथ विदेशी देशों के हस्तशिल्प, हथकरघा, संस्कृति और व्यंजनों की बेहतरीन परंपराओं को प्रदर्शित करता है। सूरजकुंड मेले का मुख्य आकर्षण यह है कि एक भारतीय राज्य को वर्ष का थीम राज्य होने का विशेष सम्मान मिलता है। इस प्रकार वे हर साल सूरजकुंड मेले को एक अनोखा मामला बनाने का प्रबंधन करते हैं । 33 वें सूरजकुंड मेला 2019 के लिए थीम राज्य महाराष्ट्र है। आगंतुकों के लिए एक इलाजए लोगों को समृद्ध संस्कृतिए परंपराओं और भारत के सबसे ज्वलंत शिल्प उत्सवों में उस राज्य के कारीगरों द्वारा बनाई गई विशेष कलाकृतियों का एक और सेट देखने को मिलता है। छात्रों ने बड़ी संख्या में प्रसिद्ध राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकारों, सांस्कृतिक समूहोंए लोकगीतोंए तेजतर्रार रंगोंए अलंकृत शिल्प और विभिन्न व्यंजनों की सुगंध का आनंद लिया है। सभी ने बहु.व्यंजन खाद्य न्यायालय की सराहना की जो दुनिया भर से जातीय व्यंजन प्रदान करता है । पेरू और बोलिविया की कला और रचनात्मकता ने छात्रों के दिलों को जीत लिया हैए जहां पेरू और बोलीविया के जीवंत सांस्कृतिक मंडलों य10.15 सदस्यों वालेद्ध और 4.5 कारीगरों / शिल्पकारों की भागीदारी ने अपने अद्वितीय शिल्प का प्रदर्शन किया है। शैक्षिक भ्रमण की सभी ने सराहना की। चूंकि भ्रमण का मुख्य उद्देश्य विभिन्न देशों की संस्कृतिए परंपरा,विरासत और रीति.रिवाजों के साथ छात्रों को परिचित करना था और सभी के साथ और एक के साथ सौहार्दपूर्ण भाईचारा संबंध स्थापित करना था।