Tuesday, June 11th, 2019

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Posted by: | Posted on: June 11, 2019

केशवचंद यादव ने गांधी कॉलोनी पहुंच परिवार काे बंधाया ढांढस

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशवचंद यादव मंगलवार को गांधी कॉलोनी में उस घर का हालचाल लेने पहुंचे, जिसमें रविवार को आग लगने से बुजुर्ग दंपती की मौत हो गई थी। उन्होंने एसपी शर्मा व उनकी पत्नी पूनम शर्मा की मौत पर शोक जताया। एसपी शर्मा वरिष्ठ कांग्रेसी थे और उनका बेटा सागर शर्मा बड़खल विधानसभा क्षेत्र से युवा कांग्रेस का उपाध्यक्ष है। केशचंद यादव के साथ जिला युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता तरुण तेवतिया, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव दीपक भाटी चोटीवाला, दिल्ली युवा कांग्रेस अध्यक्ष विकास चिकारा व पलवल से युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राजू देशवाल मौजूद थे। सभी ने मृतक दंपती के दोनों बेटों सागर शर्मा और बिन्नी शर्मा को ढांढस बंधाया व हर संभव मदद का आश्वासन दिया।मौके पर केशवचंद यादव ने कहा कि पिछले एक सप्ताह के दौरान फरीदाबाद में आगजनी की दो बड़ी घटनाएं हैं, लेकिन बीजेपी सरकार व प्रशासन अभी भी आंखें बंद किए हुए बैठा है। फरीदाबाद जैसे बड़े शहर में भी फायर सेफ्टी के कोई इंतजाम न होना बड़े शर्म की बात है। गांधी कॉलोनी जैसी जगहों पर व तंग गलियों में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां नहीं पहुंच सकती। सरकार ने तंग गलियों में आग बुझाने के लिए फरीदाबाद शहर के लिए 6 बाइक खरीदी हैं, लेकिन ये बाइकें सेक्टर 15 ए स्थित कार्यालय में धूल फांक रही हैं। अभी तक सरकार इन बाइकों को चलाने के लिए एक्सपर्ट ड्राइवरों को भी नियुक्त नहीं कर पाई है। फरीदाबाद प्रदेश में सबसे बड़ी आबादी वाला शहर है और यहां पर केवल 6 बाइकों का होना ऊंट के मूंह में जीरे के समान है। लगभग 25 लाख लोगों की सुरक्षा के लिए सरकार ने 6 बाइकें रखी हैं। तंगी गलियों की तो छोड़ो सरकार के पास खुली जगहों पर आग बुझाने के साधनों का भी अभाव है। आगजनी की स्थिति में फायर डिपार्टमेंट को प्राइवेट संस्थानों से दमकल गाड़ियां मंगवानी पड़ती हैं। जहां एक तरफ प्रदेश सरकार लोगों को नौकरियां देने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ फायर डिपार्टमेंट स्टाफ की भारी तंगी से जूझ रहा है। कहने को फरीदाबाद स्मार्ट सिटी है, लेकिन यहां पर आग से सुरक्षा के इंतजाम न होना सरकार की बड़ी नामाकी को दिखाता है। तरुण तेवतिया ने कहा कि एक तरफ फरीदाबाद में बहुमंजिला इमारतें बनी हुई हैं, लेकिन यह बड़ी विडंबना है कि यहां पर चार मंजिलों से ऊपर के हिस्से में आग बुझाने के लिए हाइड्रॉलिक मशीन भी नहीं है।