Saturday, February 15th, 2020

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Posted by: | Posted on: February 15, 2020

अंतररष्ट्रीय गोल्ड मेडलिस्ट ”परफेक्ट लेडीज एवं हरियाणा की बेटी शशिबाला ”, फरीदाबाद की बहु से आज हमारी सहयोगी सुनैना सिंह एवं पूजा सोलंकी ने की महिला सुरक्षा एवं आत्मसम्मान के सम्बंधित मुद्दे पर की खास चर्चा….

पृश्न – शशि बाला अपने बारे में पाठकों को कुछ बताइए।
उत्तर – मेरी उम्र 39 वर्ष है। मैं अमरावत ,नुहुँ से हूं।मैंने एमएससी किया है कंप्यूटर मेडिकल साइंस से। फिर पार्ट टाइम जॉब की हॉस्पिटल में नुहुँ में  है। दिसंबर 2013 में मैंने जॉब छोड़ दी फिर मैंने जो भी अपनी स्पोर्ट्स ट्रेनिंग छोड़ी थी वह दोबारा से शुरू की ।

पृश्न – शशिबाला आपने अपनी लाइफ में क्या उपलब्धि प्राप्त की है ?
उत्तर :-मैंने 6 साल पहले ” शक्ति ताइक्वांडो डांस एकेडमी ”  शुरू की थी जो कि आज महिला शक्ति को बढ़ावा दे रही है साथ ही लड़कों के लिए भी है । मैं रैफरी भी रही हूं। मैंने तायक्वोंडो में ब्लैक बेल्ट हासिल कर ली है। मैंने सरकार की तरफ से मेडल्स भी जीते हैं।

प्रश्न – शशिबाला आप का तायक्वोंडो की तरफ रुझान कैसे हुआ?
उत्तर -मैं जब छोटी थी तो मुझे एक युवक ने छेड़ा था तभी से मैंने ठान लिया कि खुद को ही नहीं समाज की सभी महिलाओं को भी इस काबिल बनाऊंगी कि वह अपनी रक्षा स्वयं कर सकें।

प्रश्न -शशि बाला आप को इस मुकाम तक पहुंचने में सबसे ज्यादा किसने सहयोग किया ?
उत्तर- मुझे मेरे पिताजी ने बचपन में लाठी चलाना सिखाई साथ ही मेरे भाई ने भी मेरे साथ सेल्फ डिफेंस एकेडमी ज्वाइन की ट्रेनिंग ली। मैंने अमरावत डिफेंस एकेडमी से ट्रेनिंग प्राप्त की। मेरे गुरु ओम प्रकाश सैनी हैं जिन के सहयोग से मैंने अकैडमी शुरू की |  शादी के बाद मेरे पति ने भी मुझे पूरा सहयोग दिया।

पृश्न- शशि बालाआपको इस सफर में कहीं कोई रुकावट या बाधा आई क्या ?  अगर आई तो आपने उसे कैसे सुलझाया ?
उत्तर- जी हां मेरी शादी के बाद मुझे यह ट्रेनिंग छोड़नी पड़ी  मेरी शादी जहां हुई वहां ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की सोच की वजह से | लेकिन मेरे पति के सहयोग  की वजह से आज मैं इस मुकाम पर हूं।

Posted by: | Posted on: February 15, 2020

उद्यमी-लेखिका सपना खंडेलवाल की पुस्तक ने पैदा किया एक जादू –‘अनलीश द शक्ति विदिन’

दिल्ली (विनोद वैष्णव ) |

उद्यमी-लेखिका सपना खंडेलवाल की पुस्तक ने पैदा किया एक जादू – ‘अनलीश द शक्ति विदिन’
स्वयं की शक्ति पहचानिये, उन्हें तराशिए और अपना जीवन निखारिये !!

फेसबुक कम्युनिटीज की पहुंच और शक्ति पर दुनिया की पहली पुस्तक

जीवन को नया मोड़ देने में सहायक सफलता की 11 शक्तिशाली कहानियां!

11 अद्भुत फेसबुक ग्रुप जो दुनिया बदल रहे हैं!

11 असाधारण फेसबुक ग्रुप संस्थापक जो सामूहिकता की शक्ति में विश्वास रखते थे और जिन्होंने सशक्त कम्युनिटी बनायीं!

भारत के 40 प्रमुख फेसबुक ग्रुप्स के संस्थापकों के अक्टूबर 2019 में दिल्ली में संपन्न एक सम्मेलन से प्रेरित होकर सपना खंडेलवाल ने स्लीपवैल फाउंडेशन के सहयोग से एक पुस्तक प्रकाशित की। उस सम्मेलन में सपना भी एक ग्रुप संचालक के तौर पर आमंत्रित की गयी थीं।

‘अनलीश द शक्ति विदिन’ के लांच कार्यक्रम में स्लीपवैल फाउंडेशन की चेयरपर्सन, नमिता गौतम ने कहा कि “यह पुस्तक हमारे फाउंडेशन के सिद्धांत से मेल खाती है कि लोगों की भीतरी शक्ति को उजागर करके समाज का विकास संभव है।”।

पुस्तक का विमोचन समारोह 13 फरवरी 2020 को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित हुआ।

कार्यक्रम में 200 से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिसमें समाज के अग्रणी नागरिक और साहित्यकार शामिल हुए। दिल्ली लिटरेचर फेस्टिवल की संस्थापक रतन कौल कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं। उन्होंने कहा, “मैं बेसब्री से इंतजार करूंगी कि इस पुस्तक का हिंदी व अन्य स्थानीय भाषाओं में भी अनुवाद हो।”

पुस्तक का विमोचन विमेनोवेटर की संस्थापक तृप्ति सिंघल सोमानी ने किया। उनकी संस्था देश भर की इनोवेटिव महिलाओं का मार्गदर्शन करती है। उन्होंने कहा, “हम सभी को समाज के उत्थान के लिए, विशेष रूप से महिला उद्यमियों का समर्थन करके, प्रयास करते रहने की आवश्यकता है।”

कार्यक्रम में ऐसे कई लोग भी उपस्थित थे, जिनकी कहानियों को पुस्तक में स्थान मिला है। उन्होंने भी अपनी सफलता के रहस्यों को सबके सामने साझा किया।

क्वीन इन दि मेकिंग की डॉ. शिवांगी मलेटिया ने कहा, “महिलाओं के लिए यह महत्वपूर्ण है कि यदि वे अपनी शक्ति को पहचानना चाहती हैं तो स्वयं के साथ अपने रिश्ते को प्राथमिकता दें।” वीविमेन की संस्थापक उद्यमी स्वाति जैन ने कहा, “महिलाओं को सबसे अच्छी मदद दूसरी महिलाओं से ही मिल सकती है।” रिइमेजिन ट्रेवलिंग की श्रद्धा गुलाटी ने खुलासा किया कि, “यात्राओं से नये-नये अनुभव होते हैं, जिससे दिमाग और दिल, दोनों का विस्तार होता है।”

कार्यक्रम में भाग लेने के लिए फ्रांस से यहां पहुंची, फिटनेस2फ्लेश की रिंकू शाह ने कहा, “सिर्फ वजन घटाने पर नहीं, हमारा ध्यान फिटनेस और स्वास्थ्य पर होना महत्वपूर्ण है।” विमेन ऑन वैल्थ की प्रियंका भाटिया ने कहा कि “डब्ल्यूईएफ 2017 के महिलाओं के आर्थिक योगदान संबंधी सर्वेक्षण में 144 देशों की सूची में भारत 139 वें स्थान पर है! ” ग्रेट शेफ्स ऑफ दि वर्ल्ड के शेफ अरुण चंदा ने फूड ब्लॉगर्स के बढ़ते दबदबे की सराहना करते हुए कहा, “वे जरूरी एक्सपोजर प्रदान करते हैं और भोजन उद्योग का महत्व बढ़ा रहे हैं।”

लॉन्च ईवेंट का संचालन माधवी आडवाणी ने बख़ूबी किया। कार्यक्रम में समकालीन समाज के उत्थान में सोशल मीडिया की भूमिका पर एक चर्चा की गयी। देवदिती फ़ाउंडेशन की महिलाओं ने अद्भुत ‘नारी सहयोग शक्ति’ का प्रदर्शन करते हुए इस प्रोग्राम को कार्यान्वित किया। आयोजक वंदना गुप्ता और कृत्वी मेठी ने दर्शकों के साथ संवाद रखते हुए कार्यक्रम में जान डाल दी।

लेखिका सपना खंडेलवाल ने अपनी वाकपटुता से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा, “हर किसी के लिए यह संभव है कि वे जो चाहें हासिल कर सकते हैं, बशर्ते वे अपनी विचार प्रक्रिया को विकसित करते रहें, अपनी परिस्थितियों को स्वीकार करें और बिना कमियाँ निकाले या शिकायत किये स्वयं का उत्थान करते रहें।”

‘अनलीश द शक्ति विदिन’, सेल्फ़-हेल्प पुस्तक, हर उम्र, वर्ग और तबके के लिए सहायक है। इसमें साधारण भाषा में ये बताया गया है, की आप अपने आप को संभालते हुए, अपने व्यक्तित्व को निखारते हुए, रिश्तों को मज़बूत रखते हुए, धन अर्जित करते हुए, अपने जीवन को ऊर्जावान कैसे बना सकते हैं। शिकायतें ना करते हुए, ख़ुश हाल रहने की कला आपके जीवन को नयी दिशा दे सकती है बशर्ते आप इस पुस्तक में दर्शायीं हुई पद्धतियों को अपनाएँ व आज़माएँ।