Saturday, February 22nd, 2020
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होली पर क्यों नही खानी चाहिए गुजिया जानिए सुनैना सिंह एवं पूजा सोलंकी की इस खास रिपोर्ट में।
बीकानेर मिष्ठान भंडार (ओल्ड फरीदाबाद ) के मैनेजर रूप सिंह ने बताया की देसी घी से निर्मित गुजियालगभग 5 से 7 दिन तक ठीक रहती है।
देसी घी गुजिया -400 रूपये
सदा गुजिया -200
पनीर गुजिया -400
गुझिया बनाने की विधि
आवश्यक सामग्री :
गुझिया में भरने के लिये-
1- मावा/खोया_Mawa – 400 ग्राम,
2- शक्कर_Sugar – 400 ग्राम (पिसी हुई),
3- सूजी_Semolina – 100 ग्राम,
4- सूखा नारियल_Dry coconut – 100 ग्राम,
5- काजू_Cashew – 100 ग्राम (महीन कतरे हुए),
6-किशमिश_Raisins – 50 ग्राम (डंठल रहित),
7-घी_Ghee – 02 बड़े चम्मच,
8- छोटी इलाइची_Green cardamom -08 (छील कर कूटी हुई)
9-गुझिया का आटा तैयार करने के लिये-
10- मैदा-500 ग्राम,
11- दूध_Milk – 50 ग्राम,
12-घी_Ghee – 125 ग्राम (आटा में डालने के लिये),
13-घी_Ghee – गुझिया तलने के लिये।
गुझिया बनाने की विधि :
गुझिया रेसिपी के लिए सबसे पहले गुझियों में भरने के लिए भरावन तैयार करना है। इसके लिए एक भारी तले की कढ़ाई लें और उसमें मावा (खोया) को हल्का भूरा होने तक भून लें और उसे एक एक अलग बर्तन में निकाल लें।
इसके बाद कढ़ाई में घी डालें और सूजी डाल कर उसे भी हल्का ब्राउन होेने तक भून लें। भुन जाने पर सूजी को भी एक अलग बर्तन में निकाल लें। अब मावा (खोया), सूजी, शक्कर और मेवों को अच्छी तरह से मिला लें। अब आपकी भरावन तैयार है।
अब गुझिया बनाने के आटा की तैयारी करनी है। इसके लिए सबसे पहले घी को पिघला लें। फिर उसे छने हुए मैदा में डाल कर अच्छी तरह से मिला लें।
इसके बाद दूध को भी आटे में मिला दें और उसके बाद पर्याप्त मात्रा में पानी डालकर थोड़ा कड़ा आटा गूथ लें। गुथे हुए आटे को एक बर्तन में रख दें और उसे गीले कपड़े से ढ़क कर आधे घंटे के लिए रख दें।
आधे घंटे के बाद आटे को खोलें और उसे एक बार पुन: हल्के हाथों से गूथ लें।
इसके बाद आटे की छोटी-छोटी लोई बना लें। ये लोइयां सूख कर कड़ी न हो जाएं, इसलिए इन्हें गीले कपड़े से ढक दें। इसके बाद एक-एक लोई लें और उसे पूरी की शक्ल में बेल लें।
अब एक-एक पूरी को उठाएं और उसके बीच में दो बड़े चम्मच भरावन सामग्री रख कर पूरी को बीच से पलट दें और किनारे के सिरों को मोड़ कर बंद कर दें। आप चाहें तो इसके लिए गुझियों के सांचे Gujiya Maker का भी प्रयोग कर सकते हैं।
सारी गुझिया भरने के बाद एक मोटे तले की कढ़ाई में घी गरम करें। घी गरम होने पर आंच को मीडियम कर दें और उसमें जितनी गुझिया आराम से तल सकें, उतनी डालें और हल्की भूरी होने तक उलट-पलट कर तल लें।
लीजिए, गुझिया बनाने की विधि कम्प्लीट हुई। अब आपकी स्वादिष्ट मावा गुझिया Mawa Gujiya / सूजी गुजिया Suji Gujiya तैयार हैं। इन्हें एक प्लेट में गर्मा-गरमा गुझिया निकालें और परोसें। बची हुई गुझिया को ठंडी होने के बाद किसी एअर टाइट डब्बे में रखें और दो सप्ताह तक आराम से उपयोग करें।
आईये अब जानते है कीतीने प्रकार की होती है गुजिया
1. चॉकलेट गुझिया आप पारंपरिक होली रेसिपी को ट्विस्ट कर इसे एक पूर्ण मेकओवर दे सकते हैं। मीठे गुझिया, मैदे से बने और खोये और चॉकलेट चिप्स के मिश्रण से भरे हुए, ताज़े बने चॉकलेट सिरप के साथ सबसे ऊपर है जो चॉकलेट की हमारी कभी न खत्म होने वाली इच्छा को पूरा करेगा।
2. भांग गुझिया भांग के बिना होली अधूरी सी लगती है। खोये के साथ भरता में भैंग डालकर आप इसे अपनी मीठी डिश में शामिल कर सकते हैं।
3-नुटेला गुझिया
नुटेला हर रेसिपी के संग प्रयोग में लाया जा सकता है । और हाँ, इसे गुझिया में भरने के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। आप इसमें नूतेला डालकर पारंपरिक होली डिश की समृद्धि बढ़ा सकते हैं।
4. जेम गुझिया जेम सिर्फ रोटी पर फैलने के लिए नहीं है। यदि आप इस मीठे व्यंजन को और अधिक मीठा बनाना चाहते हैं, तो आप गुझिया को जेम से भरने की कोशिश कर सकते हैं।
5. फल गुझिया यदि आप गुझिया को एक स्वस्थ मोड़ देने के लिए उत्सुक हैं, तो आप फलों के मिश्रण का उपयोग करके भरने को चुन सकते हैं। पोषण प्रदान करने के अलावा, फल पकवान में प्राकृतिक मीठे स्वाद भी प्रदान करते हैं।
6. हलवा गुझिया गुझिया बनाने के लिए एक दिलचस्प तरीका यह है कि भरने के लिए सूजी का हलवा, गाजर का हलवा और मूंग दाल का हलवा जैसे किसी भी हलवे का इस्तेमाल किया जा सकता है।
7. पान गुलकंद गुझिया फिलिंग के लिए आप पान और गुलकंद का इस्तेमाल करके गुझिया को बिहार और यूपी का टच देने की कोशिश कर सकते हैं। इन गुझिया की खुशबू आपको बार-बार खाने का मन करेगी।
8. राबडी गुझिया रबड़ी हर स्वीट डिश का स्वाद बढ़ाती है, चाहे वह मालपुआ हो या गुलाब जामुन। रबड़ी गुझिया को पारंपरिक गुझिया को रबड़ी में डुबोकर बनाया जाता है
9. अंजीर गुझिया एक क्लासिक मिठाई है जिसे आपके फैंसी होली व्यंजनों का हिस्सा बनने की आवश्यकता है। बहुत सारे अंजीर के साथ कटे हुए ड्राई फ्रूट्स का इस्तेमाल गुझिया बनाने में किया जाता है।
10. सेब गुझिया अभी तक पारंपरिक गुझिया का एक और संस्करण है। गुझिया भरने के लिए खोया और सूखे मेवे के साथ कटे हुए सेब का उपयोग किया जाता है।
लिंग्याज विद्यापीठ ने खेल दिवस मनाया एवं डा. पिचेश्वर गड्डे ने कहा की जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए खेल भी आवश्यक
फरीदाबाद(विनोद वैष्णव )। लिंग्याज विद्यापीठ में आज जोर-शोर से खेल दिवस मनाया गया। इस अवसर पर खेल समारोह का विधिवत उदघाटन विद्यापीठ के कुलाधिपति डा. पिचेश्वर गड्डे ने किया। उन्होंने छात्रों को सम्बोधित करते हुए खेलों की महत्ता बताते हुए कहा कि जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए खेल भी आवश्यक हैं। समारोह में विद्यापीठ के कुलपति डा. लूकमान खान ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि खेलों से मानव में जहां एक एकजुटता की भावना विकसित होती है वहीं स्वास्थ्य की दृष्टि से भी खेलों का विशेष महत्व है। इसलिए हर व्यक्ति को जीवन में खेलों को अपनाना चाहिए।विद्यापीठ के आंतरिक खेलों में लगभग 500 छात्र-छात्राओं ने भगा लेकर अपना मनोरंजन किया और प्रसिद्ध खेल क्रिकेट के अलावा फुटबाल, बालीवाल, कबड्डी, एथलेटिक, खो-खो, बैडमिंटन, टेबिल टेनिस एवं बास्केट बाल जैसे खलों में अपनी रुचि जाहिर की। खेल विभाग द्वारा आयोजित उक्त खेल समारोह में कंप्यूटर साइंस, फार्मेश, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल आदि सभी विभागों ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में एमवीएन विश्वविद्यालय, स्कूल ऑफ लॉ पलवल द्वारा सामाजिक समस्याओं के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
पलवल(विनोद वैष्णव )जिला विधि सेवा प्राधिकरण पलवल के तत्वधान से एमवीएन विश्वविद्यालय पलवल ने समीप के गांव छज्जूनगर, पेलक, सीहोल और मीसा में लोगों को पर्यावरण शिक्षा, जातिवाद, कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग, स्वास्थ्य एवं सफाई, असंगठित मजदूर, घरेलू हिंसा, बाल शोषण, एवं मानव तस्करी इत्यादि के बारे में अवगत कराया| विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ जेवी देसाई एवं कुलसचिव डॉ राजीव रतन ने विभाग के इस कार्य की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर होने जरूरी हैं क्योंकि इनसे लोगों को नवीनतम ज्ञान की प्राप्ति होती है| विधि विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ राहुल वार्ष्णेय ने लोगों को उनके कानूनी अधिकारों से अवगत कराया| विधि विभाग के प्रोफेसर डॉ रामवीर एवं अजय तिवारी ने लोगों को जातिवाद बाल शोषण, घरेलू हिंसा, मानव तस्करी इत्यादि से संबंधित कानून के बारे में अवगत कराया| भेषज विभाग के सहायक अध्यापक गिरीश कुमार एवं अश्वनी शर्मा ने लोगों को कोरोना वायरस एवं उससे बचने के उपायों के बारे में अवगत कराया| कृषि विभाग के सहायक अध्यापक डॉ० खुशबू सिंह एवं विशाल चक्रवर्ती ने लोगों को कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में बताया| इस अवसर पर प्रेरणा सिंह, दुष्यंत सिंह, बृजेश कुमार, राहुल मोंगिया, पारुल, रितु मुद्गल, जगबीर सिंह, रवि दत्त, कृष्णा सौरोत, चाणक्य शर्मा, याह्य ख़ान, मुबीन, अन्नू इत्यादि मौजूद रहे|
काम न करने वाले कर्मचारी नपेंगे :-सिविल सर्जन पलवल डॉक्टर ब्रह्म डीप
पलवल (योगेश शर्मा /दीपक शर्मा ):- सिविल सर्जन पलवल डॉक्टर ब्रह्म डीप ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हथीन का औचिक निरीक्षण किया । निरीक्षण के दौरान सभी डॉक्टर्स व स्टाफ ड्यूटी पर मौजूद मिला। सिविल सर्जन ने साफ साफ शब्दों में कहा की किसी भी डॉक्टर व स्टाफ के खिलाफ यदी किसी भी प्रकार की शिकायत मिली तो उसे अनदेखा नही किया जायेग व उक्त के खिलाफ तुरंत कार्यवाही की जाएगी। सभी कर्मचारियों को अपना कार्य ईमानदारी से करने के आदेश दिये । उन्होंने आश्वाशन दिलाया की स्टाफ की कमी के संदर्भ में उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जायेग । उसके उपरांत उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मंडकोल का निरीक्षण किया व PHC की बिल्डिंग के संदर्भ में उच्च अधिकारियों व लोकल MLA से बात करने का अस्वाशन दिया । उन्होंने सभी स्टाफ को ड्यूटी पर टाइम से आने को कहा व कामचोर कमर्चारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की बात कही ।काम न करने वाले कर्मचारी नपेंगे
शिक्षाविद सतीश कुमार फौगाट को मिलेगी डाक्टरेट की डिग्री
फरीदाबाद(विनोद वैष्णव )।शहर के जाने माने शिक्षाविद एवं समाजसेवी सतीश कुमार फौगाट को अमेरिका की स्वाहिली युनिवर्सिटी पीएचडी की मानद डिग्री से नवाजेगी। वह 29 फरवरी को विशाखापत्तनम में हो रहे युनिवर्सिटी के एशिया चैप्टर कन्वोकेशन में यह डिग्री प्राप्त करेंगे।शिक्षाविद एवं समाजसेवी सतीश कुमार फौगाट ने बताया कि अमेरिका के पनामा शहर में स्थित स्वाहिली युनिवर्सिटी ने उनके प्रोफाइल को देखकर यह निर्णय किया है। उन्होंने बताया कि जब यूनिवर्सिटी की ओर से उन्हें इस बारे में कंन्फर्मेशन कॉल मिली तो उन्हें खुशी के आंसू आ गए। उन्हें लगा कि जैसे उनके शैक्षिक एवं सामाजिक कार्यों को वैश्विक मान्यता प्राप्त हो रही है। फौगाट ने बताया कि विश्वप्रसिद्ध इस यूनिवर्सिटी के एशिया चैप्टर का कन्वोकेशन आन्ध्रप्रदेश के शहर विशाखापत्तनम में 29 फरवरी को कर रही है। जिसमें उन्हें यूनिवर्सिटी के चांसलर द्वारा यह डिग्री प्रदान की जाएगी।बता दें कि सतीश कुमार फौगाट को हाल ही में लंदन के हाउस ऑफ कॉमन्स में भी शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान देने के लिए सम्मानित किया गया था। जिसको लेकर शहर में काफी सुर्खियां मिली थीं। इसी महीने फौगाट को चंडीगढ़ में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला द्वारा बेस्ट सीनियर सेकंडरी स्कूल का पुरस्कार प्रदान किया गया है। वह बल्लभगढ़ के राजीव कॉलोनी में फौगाट एजुकेशनल सोसाइटी के जरिए फौगाट पब्लिक स्कूल का संचालन कर रहे हैं। इस स्कूल में बेटियों का प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है। इसके साथ साथ करीब 300 बेटियों को निशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है। सतीश कुमार फौगाट ने बताया कि किन्हीं स्तरों पर मिल रहे सम्मान वास्तव में उनके लिए समाज से आ रही दुआओं का नतीजा है। वह अपने शिक्षा और समाज की सेवा का मिशन इसी प्रकार जारी रखेंगे।