Wednesday, April 8th, 2020

now browsing by day

 
Posted by: | Posted on: April 8, 2020

जनभावना का सम्मान करना कोई बिजोपुर फरीदाबाद के सरपंच नासिर से सीखे

जनभावना का सम्मान करना कोई बिजोपुर फरीदाबाद के सरपंच नासिर से सीखे

फरीदाबाद(विनोद वैष्णव ) |देश के सबसे युवा सरपंचों में से एक बिजोपुर गांव बल्लभगढ़ फरीदाबाद के सरपंच नासिर खान अपने पंचायत में जागरूकता से लेकर लोगों की सहायता में दिन-रात जुटे हुए हैं। वे खुद गांव में घूम कर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। अनाज एवं अन्य राशन की व्यवस्था इंतजाम कर रहे हैं। ताकि कोई भूखा न रहे। उन्होंने सोशल डिस्पेंसिंग के बारे में गांव वालों को जागरूक किया। किस तरह से कोरोनावायरस से बचा जा सकता है उसको लेकर गांव वालों को प्रतिदिन जागरूक कर रहे हैं। खुद गांव में घूम कर सैनिटाइज करने का काम किया। इनके कार्यों की जमकर प्रशंसा हो रही है।

Posted by: | Posted on: April 8, 2020

शिक्षाविद सतीश फौगाट शिक्षा बोर्ड के फैसले से नाखुश

शिक्षाविद सतीश फौगाट शिक्षा बोर्ड के फैसले से नाखुश

फरीदाबाद(विनोद वैष्णव ) |कोरोना संकट को लेकर स्थगित परीक्षाओं के संदर्भ में सरकार और शिक्षा बोर्ड के बयानों पर शिक्षाविद सतीश कुमार फौगाट ने नाखुशी जताई है। उन्होंने कहा कि बच्चों को अगली कक्षा में पदोन्नत करने के बाद भी परीक्षा लेने की बात करना ठीक नहीं होगा। इसके बजाय बोर्ड चार विषयों में प्राप्तांक के आधार पर पांचवें सब्जेक्ट में नंबर देकर फाइनल रिजल्ट घोषित करे जिससे बच्चा अपने भविष्य के कोर्स में प्रवेश ले सके।

देश दुनिया में फरीदाबाद और हरियाणा का नाम रोशन करने वाले शिक्षाविद सतीश कुमार फौगाट ने बताया कि दिनांक पांच अप्रैल को सीएम मनोहर लाल खट्टर और छह अप्रैल को हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी के चेयरमैन डा जगबीर सिंह के कक्षा दसवीं के रिजल्ट बारे में दिए बयान से वह चिंतित हैं। श्री फौगाट ने बताया कि माननीय सीएम और बोर्ड चेयरमैन ने अपने बयानों में बताया कि वह दसवीं कक्षा के छात्रों को अगली कक्षाओं में पदोन्नत कर रहे हैं, लेकिन उनके बाकी बचे विज्ञान विषय की परीक्षा बाद में ली जाएगी।

सतीश कुमार फौगाट ने बताया कि बच्चे को अगली कक्षा में पदोन्नत करने के बाद इस परीक्षा का कोई औचित्य ही नहीं बनता है। दूसरा, ऐसे बच्चे दसवीं के आधार पर विभिन्न डिप्लोमा व टे्रड कोर्सेस में भी प्रवेश नहीं ले सकेंगे। यदि किसी निर्देश पर उन्हें प्रवेश मिल भी गया तो वह विज्ञान विषय की परीक्षा परिणाम को लेकर अधर में ही लटके रहेंगे।

इस समस्या से बचने के लिए फौगाट ने सीएम, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव और बोर्ड चेयरमैन को ईमेल द्वारा एक सुझाव दिया है। इस सुझाव के अनुसार स्टूडेंट से लिए गए चार विषयों के प्राप्तांक के आधार पर पांचवें विज्ञान विषय के नंबर देकर फाइनल मार्कशीट बना ली जाए। उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि किसी बच्चे के चार विषयों में यदि 320 नंबर में से यदि 160 नंबर (50 प्रतिशत) आते हैं तो उसे विज्ञान विषय में 50 प्रतिशत अंक यानि 30 नंबर दे दिए जाएं।

उल्लेखनीय है कि सामाजिक ज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी और गणित के 80-80 नंबर की परीक्षाएं होती हैं और 20-20 नंबर के सीसीई स्कूल द्वारा बोर्ड में जमा करवाए जाते हैं। इसी प्रकार विज्ञान विषय की 60 नंबर की परीक्षा होती है और 40 नंबर का प्रेक्टिकल स्कूल द्वारा बोर्ड को भेजे जाते हैं। यह सीसीई और प्रेक्टिकल के नंबर स्कूलों द्वारा पहले ही बोर्ड को भेजे जा चुके हैं।

शिक्षाविद सतीश कुमार फौगाट ने कहा कि इस प्रकार बोर्ड एक फाइनल मार्कशीट तैयार कर स्टूडेंट को दे सकता है। जिसके आधार पर बच्चों का रिजल्ट पास, फेल या कंपार्टमेंट घोषित किया जा सकता है। उत्तीर्ण बच्चे 11वीं के अलावा अन्य टे्रड में जाकर निश्चिंत होकर अपना भविष्य चुन सकते हैं। श्री फौगाट ने उम्मीद जताई है कि स्टूडेंट के भविष्य को देखते हुए सरकार और बोर्ड उनके सुझाव पर ध्यान अवश्य देगा।