Monday, July 27th, 2020

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Posted by: | Posted on: July 27, 2020

श्री वृन्दावन धाम – “श्री गोपेश्वर महादेव” (Gopeshwar Temple )

श्री वृन्दावन धाम – “श्री गोपेश्वर महादेव

जैसा कि आज २७ जुलाई २०२० को श्रावण सोमवार है तो बस मेरे मन में इच्छा जाएगी की मैं वृन्दावन स्थित श्री गोपेश्वर महादेव ,जो श्री वृन्दावन धाम में स्थित हैं के बारे में कुछ विशेष जानकारी दूँ।

कहते हैं की सम्पूर्ण विश्व में सिर्फ यही एक ऐसा विश्व प्रसिद्ध मंदिर है जहाँ श्री शिव ने एक गोपी का रूप धारण करके श्री कृष्ण के महारास में प्रवेश किया था , क्युकि उस महारास में श्री कृष्ण के अलावा किसी और पुरुष का प्रवेश वर्जित था। शिव का यह दुर्लभ स्वरुप वृन्दावन के अलावा किसी और स्थान पर नहीं मिलेगा। वृन्दावन की दिव्य भूमि पर पहुँचते ही व्यक्ति जिस आनन्द ,प्रेम उन्माद और आध्यात्मिक गहराई में डूब जाता है शायद उसका वर्णन शब्दों में कर पाना संभव नही है।दिव्य श्री कृष्ण का स्वरूप वृन्दावन में पूर्णतम ,मथुरा में पूर्णतर और द्वारका में पूर्ण है और ब्रजधाम माधुर्य की पराकाष्ठा है। भगवान श्री कृष्ण का गोपियों के साथ महारास एक ऐसा महत्वपूर्ण अवसर है जिसकी चर्चा वेदों ,पुराणों और शास्त्रों में भी वर्णित है भगवान शिव को भी महारास के दर्शनों की इतनी गहरी लालसा थी की ब्रजधाम की शक्ति ,दिव्यता और श्री कृष्ण प्रेम उन्हें भी ब्रजधाम खींच लाया। भगवान श्री कृष्ण का गोपी रूप धारण किया हुआ दुर्लभ स्वरुप शायद ही वृन्दावन के अलावा ,विश्व में कहीं भी इसका उल्लेख मिलेगा। श्री मद्भागवत में इसका विस्तृत वर्णन किया गया है की जब रासलीला करने की अभिलाषा से श्री कृष्ण ने वेणुवादन आरम्भ किया तो भगवान शिव को भी इस अद्भुत दैवीय दृश्य को देखने की इच्छा और लालसा जागी और इस अभिलाषा से वो श्री वृन्दावन धाम को चले आये।

एक तरफ श्रीकृष्ण के महारास के दर्शनों की लालसा में उनका गोपीरूप धारण करना और दूसरी तरफ वृन्दावन के कोतवाल हैं। श्री मद्भागवत में उल्लेख है जब रास करने की अभिलाषा से श्रीकृष्ण ने वेणु-वादन आरम्भ किया तो उसके स्वर को सुनकर भोलेनाथ भी प्रभु के रास-दर्शन की अभिलाषा में वृन्दावन आ पहुंचे। सखियों ने उन्हें रोकते हुए कहा यहाँ पुरुषों का प्रवेश वर्जित है। रास में प्रवेश का अधिकार केवल गोपियों को हैं। यह सुनकर भोलेनाथ ने तत्काल गोपी वेश धारण किया और बन गए गोपेश्वर।

इसकी विस्तृत चर्चा आने वाले समय में मैं अपनी पुस्तक में करुँगी।

श्री हितवृंदावंने श्री गोपेश्वर महादेव को वृन्दावन धाम का रक्षक मन।

सम्वत १८१७ की रचना ” हरिकला बेलि ” में उन्होंने अब्दाली के द्वारा किये हुए हमले की चर्चा करते हुए श्री वृन्दावन धाम में गोपेश्वर महादेव, मथुरा के भूतेश्वर, और गोवर्धन के चकलेश्वर का भी वर्णन किया है। कहते हैं श्रीकृष्ण की इस पावन लीला के बाद उनके प्रपौत्र वज्रनाथ ने इन्हे खोजकर वंशीवट के समीप स्थापित किया। तभी से गोपेश्वर महादेव यहाँ भक्तों को दर्शन लाभ दे रहे हैं।यहाँ साधकों ने इन्हे इस पवित्र वन के कोतवाल की संज्ञा दी है जिनके दरबार में हाजिरी के बिना ब्रजयात्रा पूर्ण नहीं मणि जाती है- “नाम विदित गोपेश्वर जिनकौ, ते वृंदा कानन कुतवार। “

व्रज में वैष्णवों का शिव के साथ समन्वय अद्धभुत है। महाप्रभु चैतन्य की परम्परा के अंतर्गत रूप गोस्वामीजी ने आज से ४८५ साल पहले संवत १५८९ में अपनी संस्कृत रचना “विदग्ध माधव” नाटक रूप में गोपेश्वर महादेव के पौराणिक महत्व का उल्लेख किया। बल्ल्भ कुल के गोस्वामी विठ्ठलनाथ जी की वि. सं. १६०० की ब्रजयात्रा में वंशीवट के समीप गोपेश्वर का उल्लेख किया है। सुकवि जगतनंद संवत १६२४ में गुंसाईं जी की दूसरी वन यात्रा के दौरान जहाँ व्रज के आठ प्रसिद्ध महादेवों में गोपेश्वर का उल्लेख किया, वहीं उनकी ‘व्रज ग्राम वर्णन’ रचना में भी इसकी जानकारी मिलती है।

श्री वृन्दावन धाम – “श्री गोपेश्वर महादेव

राधा बल्ल्भ संप्रदाय के चाचा हित वृन्दावन ने वन का रक्षक गोपेश्वर को मन। संवत १८१७ की रचना ‘हरिकला बेली’ में उन्होंने अब्दाली के द्वारा किये गए हमले की दुहाई देते हुए वृन्दावन के रक्षक गोपेश्वर से प्रार्थना करने के साथ ही मथुरा के भूतेश्वर तथा गोवर्धन के चकलेश्वर का भी उल्लेख किया है- “वन रक्षगोपेसुर पुरी रक्ष भूतनाथ, गिरी की तरहटी चक्रेसुर रक्षा करौ। “ब्रिटिश जिलाधिकारी एफ. एस. ग्राउस ने भी गोपेश्वर के बारे में लिखा है।जैसा गोपेश्वर महादेव की लीला भी अजब है। एक तरफ श्रीकृष्ण के महारास के दर्शनों की लालसा में उनका गोपीरूप धारण करना और दूसरी तरफ वृन्दावन के सड़कों के लिए कोतवाल हैं। शिव का यह दुर्लभ स्वरुप वृन्दावन के अलावा किसी और स्थान पर नहीं मिलेगा। श्री मद्भागवत में उल्लेख है जब रास करने की अभिलाषा से श्रीकृष्ण ने वेणु-वादन आरम्भ किया तो उसके स्वर को सुनकर भोलेनाथ भी प्रभु के रास-दर्शन की अभिलाषा में वृन्दावन आ पहुंचे।

कहते हैं श्रीकृष्ण की इस पावन लीला के बाद उनके प्रपौत्र वज्रनाथ ने इन्हे खोजकर वंशीवट के समीप स्थापित किया। तभी से गोपेश्वर महादेव यहाँ भक्तों को दर्शन लाभ दे रहे हैं।यहाँ साधकों ने इन्हे इस पवित्र वन के कोतवाल की संज्ञा दी है जिनके दरबार में हाजिरी के बिना ब्रजयात्रा पूर्ण नहीं मणि जाती है- “नाम विदित गोपेश्वर जिनकौ, ते वृंदा कानन कुतवार। ” विं.सं. १८२२ में व्रजयात्रा को आये दतिया के महाराज पारीछित देव ने भी गोपेश्वर के दर्शन करके अपनी व्रजयात्रा को सार्थक किया। मेरा लगातार आध्यात्म से जुड़े हुए विषयों पर लिखने का उद्देश्य लोगों को कुछ आध्यात्मिक जगत से जुडी जानकारियाँ देते रहना और समाज के कल्याण का है, किसी की भावनाओं को आहत करना मेरा उद्देश्य नही। क्युकि मनुष्य का परम कर्त्तव्य वाह्य या आंतरिक रूप से जीवन में स्थिरता प्राप्त करना है और समाज में लोगों को निःस्वार्थ प्रेरित करने और उनके उन्नति का मार्ग प्रशस्त करना है।

Dr.Meenakshi Pandey
Professor

Posted by: | Posted on: July 27, 2020

उड़ान NGO के द्वारा ऑनलाइन तीज का तीन दिवसीय आयोजन किया गया :-सारिका

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | प्रति वर्ष उड़ान NGO फ़रीदाबाद शहर में बड़े स्तर पर तीज मेले का आयोजन करता था ।परन्तु इस बार कोरोना वैश्विक महामारी के कारण उड़ान संस्था के द्वारा ऑनलाइन तीज का तीन दिवसीय आयोजन किया गया।जिसमें विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं में सभी प्रतिभागियों ने बड़े ही उत्साह से भाग लिया।सर्व श्रेष्ठ गायन में नेहा सक्सेना ने बाज़ी मारी और सबसे उत्तम नृत्य प्रतिभा तिवारी का रहा। सबसे सुंदर मेहंदी वाले हाथ सरिता यादव और सबसे मनमोहक चूड़ी वाले हाथ मनीषा सिंगला के रहे।अनेक प्रतिभागियों में से तीज क्वीन क्वीन की हक़दार प्रथम स्थान पर एकता चौधरी,दूसरे स्थान पर हेमलता उप्पल और तृतीय स्थान पर बबीता सचदेवा रही।ऑनलाइन निर्णय देने की भूमिका उड़ान संस्था की कोर टीम राजेश बाला सरधाना,सारिका गुप्ता,अंजना रावत ,साधना जैन,मीनाक्षी गुप्ता और सीमा छाबड़ा ने निभाई।सभी प्रतिभागियों को गिफ़्ट हेम्पर और सर्टिफ़िकेट दिए गये।कोरोना काल की इस ऑनलाइन तीज उत्सव का सभी ने भरपूर आनंद लिया।

Posted by: | Posted on: July 27, 2020

कोविड-19 महामारी के कारण हरियाणा के कई प्राइवेट शिक्षण संस्थान की हालात काफी खराब एवं बंद होने की कगार पर खड़े है :- प्रधान रमेश डागर /प्रवक्ता दीपक यादव

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | कोविड-19 महामारी के कारण हरियाणा के कई प्राइवेट शिक्षण संस्थान की हालात काफी खराब है जिसको लेकर प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन ने प्राइवेट शैक्षिक संस्थानों को राहत पैकेज देने की मांग की है। प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सीएम हरियाणा मनोहर लाल और एचआरडी मिनिस्टर गवरमेंट ऑफ इंडिया को लेटर भेजकर प्राइवेट स्कूलों के लिए रिलीफ फंड जारी करने की मांग रखी है। ज्यादा जानकारी देते हुए प्राइवेट स्कूल्स के स्टेट प्रेसिडेंट रमेश डागर ने बताया कि हरियाणा के निजी स्कूलों ने बंद के चलते फीस जमा न होने पर सरकार से विशेष राहत पैकेज की मांगा की है कोरोना के चलते आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे निजी स्कूलों के लिए तुरंत राहत पैकेज की घोषणा की जाए। स्टेट प्रेसिडेंट रमेश डागर ने लेटर के माध्यम से कहा है कि 5 से 10 प्रतिशत अभिभावकों को छोड़कर किसी भी सक्षम अभिभावक ने भी फीस जमा नहीं करवाई है। शिक्षा विभाग के अलग-अलग लेटर जारी करने से अभिभावकों में भ्रांति पैदा हो गई है। इसलिए सक्षम अभिभावक को एक-एक महीने के हिसाब से ही फीस जमा कराने के स्पष्ट आदेश जारी किए जाएं।  फीस नही आने के कारण इस संकट मैं स्टाफ का वेतन, बिजली, पानी का बिल, बसों की किस्त, बीमा, परमिट, रोड टैक्स, रिन्यूअल व अन्य स्कूल खर्चों को पूरा करना आसान नहीं है। इन सब मांगों को लेकर हमने प्राइवेट स्कूलों की परेशानियों को सरकार के समक्ष रखा है। स्टेट जनरल सेक्रेटरी गौरव पराशर ने कहा है कि सरकार के आदेश मानते हुए हमने अभिभावकों से सिर्फ एक महीने के हिसाब से सिर्फ ट्यूशन फीस देने की मांग की । लेकिन कुछ ही प्रतिशत अभिभावकों ने फीस जमा की है। जिसके कारण बच्चों को ऑन लाइन पड़ा रही क्लास टीचर्स को सैलरी देना हमारे लिए एक चुनोती बन चुकी है। अब तक तो हम टीचर्स को सैलरी किसी न किसी रूप में देते रहे है लेकिन जब अभिभावक फीस नही देंगे तो हम टीचर्स को कैसे सैलरी देगे । इसके अलावा स्कूल संचालकों के सामने कई स्कूल के लोन है जो की सबसे बड़ी मुसीबत है। इस मुद्दे पर प्रदेश मीडिया प्रभारी दीपक यादव ने कहा कि प्रदेश में 80 प्रतिशत स्कूल तो पहले ही घाटे में चल रहे हैं। इनमें से भी बहुत से स्कूलों की तो पिछले सत्र की फीस भी नहीं आई है। सरकार विशेष राहत पैकेज जारी करे ताकि महामारी के दौर में स्टाफ की सैलरी व अन्य खर्चों को पूरा किया जा सके। कोविड-19 के कारण प्राइवेट शैक्षिक संस्थान कई माह से बंद है, प्रवक्ता दीपक यादव ने कहा कि सरकार तकरीबन सभी क्षेत्रों के लिए राहत पैकेज घोषित कर रही है, लेकिन प्राइवेट शैक्षिक संस्थानों के लिए अभी तक किसी प्रकार के राहत पैकेज की घोषणा नहीं की गई। इन सब बातों को अमल में लाने के लिए ही सरकार के सामने प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन ने लेटर लिखकर राहत पैकेज की मांग रखी है।