October, 2020
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जिला परिषद् पलवल वार्ड न 3 से भावी उम्मीदवार सुनील देवी उर्फ़ सुनील डागर जोकि वरिष्ठ समाजसेवी दीपक घर्रोट की धर्मपत्नी है उनसे पॉजिटिव न्यूज़ के संपादक विनोद वैष्णव की खास बातचीत
जीवन परिचय :- सुनील देवी उर्फ़ सुनील डागर पत्नी दीपक घर्रोट (हथीन विधानसभा क्षेत्र )की स्थायी निवासी हे | राजनीतिक विरासत कुछ नहीं है हमारे पास एवं योग्यता (M.A.,B.Ed) एवं के साधारण किसान परिवार की महिला है |इनके ससुर स्वर्गीय सोहनलाल मोरगेज बैंक के डायरेक्टर भी रह चुके है
पृश्न :-समाज सेवा एवं राजनीती में क्या अंतर् है |
उत्तर :-बड़े बूढ़ो और विद्वानों,धर्म का साथ देने वाले लोगो ने कहा है कि समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करना ही समाज सेवा कहलाता है | शांति प्राप्त करने का केवल एक ही मार्ग है निस्वार्थ ,निष्काम सेवा करना | राजनीति का अर्थ है (राज करने की नीति ) राज के द्वारा लोगो की सेवा करना |
पृश्न :-सुनील देवी आप पलवल जिला पार्षद पद वार्ड न 3 का चुनाव क्यों लड़ना चाहती है |
उत्तर :- मै यह निवेदन करना चाहती हूँ कि सेवा तो बिना चुनाव लड़े भी हो सकती है लेकिन मै यह बताना चाहती हूँ यदि अधिकार के साथ, जिम्मेवारी के साथ ,उत्तर दायीतत्व मिलता है तो सेवा करने का आनंद बढ़ जाता है | लेकिन कुछ कार्य ऐसे होते जो की किसी पद पर बैठ कर ही किये जा सकते है जैसे की विकास कार्यो के लिए सरकारी ग्रांट आदि |
पृश्न :-पलवल जिला परिषद् वार्ड न 3 में क्या प्रमुख समस्याओ को दूर करने का कार्य करेंगे |
उत्तर :- शिक्षा , चिकित्सा एवं कानून व्यवस्था , पानी निकासी , स्वच्छ पानी पीने की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में करना , स्वच्छता एवं युवाओ के लिए खेल
के लिए आधुनिक ओपन जिम आदि करवाना |
पृश्न :-अगर आपको जनता वोट देकर पार्षद बना देती है तो वार्ड न 3 सबसे पहले क्या कार्य करेंगे |
उत्तर :- सर्व प्रथम कार्य होगा सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण क्योंकि महिलाए ही इस सृष्टि ,परिवार , समाज , शिक्षा ,संस्कार की नीव होती है | यदि उनके बारे में हम राजनीतिक नीतिया बनाने के बारे में नहीं सोचेंगे तो कौन पहल करेगा | मै नहीं हम महिलाओ की सुरक्षा के लिहाज से वार्ड के सभी गावों के मुख्य चौक ,चौराहो पर कैमरे लगवाने का कार्य करेंगे ताकि हमारी बहन – बेटिया सुरक्षित रह सके |
पृश्न :- वार्ड न 3 वोटर्स ,महिलाओ , युवाओ आदि को कोई सन्देश या अपील करना चाहेंगे |
उत्तर :- वार्ड न 3 की जनता से अपील है घर में रहे सुरक्षित रहे क्योंकि यह कोरोना काल है | ऐसे व्यक्ति को चुने जो आपके साथ हमेशा सुख दुःख में रहता हो | वैसे तो यह महिला आरक्षित वार्ड है और हमें महिलाओ को भी बढ़ावा देना चाहिये | अगर आगे महिला वार्ड आरक्षित रहता है तो मेरी धर्मपत्नी संध्या शर्मा वार्ड से चुनाव लड़ेंगी एवं क्षेत्र की जनता के आशीर्वाद से विजयी होंगी, धन्यवाद
शिक्षा के स्तर को कैसे सुधारा जाये कोरोना काल में जानिए शिक्षाविद टीकाराम शर्मा एवं संध्या शर्मा से
पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकें
अभी वास्तव में यह ठीक प्रकार तय ही नहीं है कि किस आयु वर्ग के बच्चों को कितना सिखाया जा सकता है और सिखाने के लिए न्यूनतम कितने साधनों और सुविधाओं की आवश्यकता होगी। नई शिक्षा नीति 1986 लागू होने के बाद न्यूनतम अधिगम स्तरों को आधार मानकर पाठ्यपुस्तकें और पाठ्यक्रम तो लगातार बदले गए हैं, लेकिन उनके अनुरूप सुविधाओं और साधनों की पूर्ति ठीक से नहीं की गई है। यह सोच भी बेहद खतरनाक है कि पाठ्यपुस्तकों के जरिए हम भाषायी एवं गणितीय कौशलों और पर्यावरणीय ज्ञान को ठीक प्रकार विकसित कर सकते हैं। यथार्थ में पाठ्यपुस्तकें पढ़ाई का एक छोटा साधन मात्र होती हैं साध्य नहीं। कक्षाओं पर केन्द्रित पाठयपुस्तकों और पाठ्यक्रम को श्रेणीबध्द रूप में निर्धारित करना भी खतरनाक है। बच्चों की सीखने की क्षमता पर उनके पारिवारिक और सामाजिक वातावरण का भी विशेष प्रभाव पड़ता है, अत: सभी क्षेत्रों में एक समान पाठ्यक्रम और एक जैसी पाठ्यपुस्तकें लागू करना बच्चों के साथ नाइन्साफी है।
शैक्षिक उद्देश्य
स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए हमें वर्तमान शैक्षिक उद्देश्यों को भी पुनरीक्षित करना होगा। शिक्षा, महज परीक्षा पास करने या नौकरी/रोजगार पाने का साधन नहीं है। शिक्षा विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास, अन्तर्निहित क्षमताओं के विकास करने और स्वथ्य जीवन निर्माण के लिए भी जरूरी है। शिक्षा प्रत्येक बच्चे को श्रेष्ठ इंसान बनने की ओर प्रवृत्त करे, तभी वह सार्थक सिध्द हो सकती है। कहा भी गया है ”सा विद्या या विमुक्तये”। अभी पढ़े-लिखे और गैर पढ़े-लिखे व्यक्ति के आचरण और चरित्र में कोई खास अन्तर दिखाई नहीं देता। उल्टे पढ़-लिख लेने के बाद तो व्यक्ति श्रम से जी चुराने लगता है और अनेक प्रकार के दुराचरणों में लिप्त हो जाता है। यह स्थिति एक तरह से हमारी वर्तमान शैक्षिक पध्दति की असफलता सिध्द करती है। अतः यह जरूरी है कि शिक्षा के उद्देश्यों को सामयिक रूप से परिभाषित कर पुनरीक्षित किया जाए।
शिक्षकों को ”शिक्षक” के रूप में अवसर मिले
समान कार्य के लिए समान कार्य परिस्थितियाँ और समान वेतन की अनुशंसा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 में और मानव अधिकार घोषणा पत्र के अनुच्छेद 21, 22, और 23 में वर्णित होते हुए भी नाना नामधारी शिक्षक मौजूद हैं। एक ही विद्यालय में अनेक प्रकार के शिक्षकों के पदस्थ रहते सभी के मन में घोषित-अघोषित तनावों के कारण पढ़ाई में व्यवधान हो रहा है। इस परिस्थिति को गम्भीरता से समझे बगैर और परिस्थितियों में सुधार किए बगैर भला शिक्षण में सुधार कैसे होगा? शासन को सभी शिक्षण संस्थाओं में कार्यरत शिक्षकों के लिए एक समान कार्यनीति, समान पदनाम, समान वेतनमान देने की नीति तय कर एक निश्चित कार्यावधि के बाद पदोन्नति देने का भी ऐलान करना चाहिए।
श्रेष्ठतम शैक्षिक कार्यकर्ता
शैक्षिक परिवर्तन के लिए शिक्षकों का मनोबल बनाए रखने और उत्साहपूर्वक कार्य करने की इच्छाशक्ति पैदा करने के लिए संगठित प्रयास करने होंगे। अभी शिक्षा व्यवस्था में बालकों और पालकों की भागीदारी न्यूनतम है, इसलिए सभी शैक्षिक कार्यक्रम सफल नहीं हो पाते हैं। स्कूलों में भी जिस प्रकार समर्पित स्वयंसेवकों की आवश्यकता है, वे नहीं हैं। अत: यह आवश्यक है कि श्रेष्ठतम शैक्षिक कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जानी चाहिए।
शिक्षकों का मनोबल बढ़ाया जाए
समूची दुनिया के सभी विकसित और विकासशील देशों में प्राथमिक शालाओं के शिक्षकों को आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक और प्रशासनिक दृष्टि से श्रेष्ठ माना जाता है। साथ ही ऐसी शिक्षा नीति बनाई जाती है जिसमें उनका मनोबल सदैव ऊँचा बना रहे। जब तक अनुभव जन्य ज्ञान, और कौशलों को महत्व नहीं दिया जाएगा तब तक ”बालकेन्द्रित शिक्षण” की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती है। बाल केन्द्रित शिक्षण के लिए कार्यरत शिक्षकों की दक्षता और मनोबल बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।
यह आवश्यक है कि शिक्षकों को उनके व्यक्तित्व विकास की प्रक्रियाओं सहित ऐसे प्रशिक्षण संस्थानों में भेजा जाए जहाँ उन्हें अपने अन्दर झाँकने ,कुछ बेहतर कर गुजरने की प्रेरणा मिल सके। इस प्रशिक्षण उपरान्त उन्हें कार्यरत स्थलों पर ”ऑन द जॉब सपोर्ट” के रूप में ऐसे सहयोगी दिए जाएँ जो उनकी वास्तविक मदद करें। किसी ऐसी संस्था को इस दिशा में काम करने की जरूरत है जो सामाजिक बदलाव के लिए व्यापक दूरदृष्टि और दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ काम करने के लिए सहमत हो और उसके पास स्वयं के संसाधन भी उपलब्ध हों।
आज जरूरत इस बात की है कि किसी प्रकार पढ़ने-लिखने की प्रक्रिया में परिवर्तन लाने के लिए विद्यालय प्रशासन, शिक्षकों और शैक्षिक कार्यक्रमों में तालमेल बनाया जाए। समुदाय की शैक्षिक आवश्यकताओं को पहचान कर उनकी जरूरतों के अनुरूप निर्णय लेते हुए ऐसा वातावरण बनाने की आवश्यकता है जिसमें व्यवसायिक योग्यता में वृध्दि सुनिश्चित हो। शिक्षा के प्रशासन एवं प्रबन्धन में उत्तरदायी भूमिका निभाने वाले संस्था प्रधानों की नियुक्ति और प्रशिक्षण हेतु शिक्षा विभाग एवं शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे अन्य संगठनों को शीघ्र कारगर कदम उठाना चाहिए। संस्था प्रधानों की भूमिका को सशक्त बनाए बगैर शिक्षा में सुधार की सम्भावनाएँ अत्यन्त क्षीण रहेंगी। हिमाचल प्रदेश में अध्यापको को खास टूर से राजनितिक गलियारों में मास्टर शब्दों से संबोधन से अध्यापक को समाज हीन भावना से देखता है। इस प्रकार के प्रयोगों से राजनेताओं और अधिकारीयों को बचना होंगा।
कहते हे जिस राज्य में गुरु जनों का आदर नही होता वह राज्य कभी उन्नत नही होता।
यह सभी जानकारी सोशल मीडिया से जुटाई गयी है
नीति आयोग के एक सराहनीय उद्यम एटी एल का वार्षिक उत्सव रायन इंटरनेशनल स्कूल फरीदाबाद में 24-25 सितंबर को बर्नर स्फेस्ट के रूप में आयोजित किया गया
फरीदाबाद (विनोद वैष्णव )| नीति आयोग के एक सराहनीय उद्यम एटी एल का वार्षिक उत्सव रायन इंटरनेशनल स्कूल फरीदाबाद में 24-25 सितंबर को बर्नर स्फेस्ट के रूप में आयोजित किया गया।महामारी के कठिन समय में छात्रों ने अपने अनुभव से क्या-क्या सीखा– यही इस फेस्ट का मुख्य उद्देश्य था।जब बच्चे घरों में बंद हो गए तब स्क्रीन ही उनका स्कूल बन गई।ऐसे समय में आभासीय शिक्षा ने छात्रों के लिए कई नए आयाम खोल दिए। इस उत्सव में दिल्ली एनसीआर के 18 विद्यालयों के कक्षा आठवीं से बारहवीं तक के छात्रों ने हिस्सा लिया।छात्रों ने कोविड-19 के समय में सोशल डिस्टेंसिंग तथा सेहत बनाए रखने के लिए विभिन्न उपकरणों का निर्माण किया।
6 अक्टूबर 2020 को इस बर्नर स्फेस्ट का समापन समारोह मनाया गया जिसमें राष्ट्रीय विज्ञान तथा प्रौद्योगि कीसंचार परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग,भारत सरकार के सलाहकार तथा प्रमुख डॉ मनोज कुमार पटैरिया मुख्य अतिथि के रूप में पधारे।
कार्यक्रम का प्रारंभ बाइबल पाठ तथा प्रार्थना से किया गया।मुख्य अतिथि का स्वागत पांच विभिन्न भाषाओं में छात्रों के द्वारा सम्मान पूर्वक किया गया।प्रतिभागी छात्रों ने अपने अनुभव वहां उपस्थित लोगों के साथ साझा किए।छात्रों ने मुख्य अतिथि से प्रश्न पूछकर विज्ञान तथा तकनीक के विषय में अपनी जिज्ञासा शांत की।मुख्यअतिथि ने भी छात्रों के प्रश्नों के उत्तर खूब खुलकर दिए।उन्हों ने छात्रों के प्रयासों को सराहा तथा विजेता छात्रों को पुरस्कार भी वितरित किए।अपने संदेश में उन्होंने छात्रों को विज्ञान तथा तकनीक के माध्यम से देश की उन्नति तथा तरक्की में अपनी भागीदारी देने के लिए प्रेरित किया।
प्रधानाचार्या निशा शर्मा ने डॉमनोज पटैरिया काअपना अमूल्य समय छात्रों के साथ बिताने के लिए तथा उनका मार्गदर्शन करने के लिए धन्यवाद दिया।उन्होंने आशा प्रकट की कि भविष्य में भी उनका अमूल्य अनुभव छात्रों का मार्ग दर्शन करता रहेगा जिससे वह भविष्य में सफलता की ऊंचाइयाँ छू सकेत था अपने देश को उन्नति के मार्ग की ओर अग्रसर कर सकें।
सरपंच पुत्र सोनू रावत ने जारी बयान में बताया की गांव सोतई में हरियाणा सरकार के लाल डोरा मुक्त अभियान के तहत चल रही रजिस्ट्री के क्रम को आगे बढ़ाते हुए गांव की भगतिया चौपाल पर रजिस्ट्रीया कराई गई।इस मौके पर खंड बल्लबगढ़ के पटवारी राजेश भारद्वाज व ग्रामसचिव व पंचायत के पंच मौजूद रहे।
सरपंच पुत्र सोनू रावत ने जारी बयान में बताया की गांव सोतई में हरियाणा सरकार के लाल डोरा मुक्त अभियान के तहत चल रही रजिस्ट्री के क्रम को आगे बढ़ाते हुए गांव की भगतिया चौपाल पर रजिस्ट्रीया कराई गई।इस मौके पर खंड बल्लबगढ़ के पटवारी राजेश भारद्वाज व ग्रामसचिव व पंचायत के पंच मौजूद रहे।
विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल में जेजेपी दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष ने किया पौधारोपण
फरीदाबाद(एसपी सिंह/बृजेश भदौरिया)|विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल, तिगांव में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्कूल के चेयरमैन एवं जजपा के प्रदेश महासचिव धर्मपाल यादव के साथ स्कूल के डॉयरेक्टर दीपक यादव, जजपा के दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश सहरावत व उपाध्यक्ष बलजीत जाखड़ भी उपस्थित रहे। सहरावत ने इस अवसर पर विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल के द्वारा शिक्षा के प्रसार के लिए किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्कूल जिस प्रकार से लड़कियों की मुफ्त एडमीशन एव मेधावी छात्रों के लिए स्कॉलरशिप उपलब्ध करा रहा है उससे इस क्षेत्र की प्रतिभाओं को काफी प्रोत्साहन मिला है। उन्हें इस बात की खुशी है कि स्कूल के उद्घाटन केे अवसर पर लड़कियों की मुफ्त एडमीशन का जो कमिटमेंट किया गया था वह आज भी लागू है और इसमें स्कॉलरशिप, मेधावी छात्राओं को स्कूटी, लैपटॉप आदि देकर प्रोत्साहित करने जैसे बड़े प्रयास भी जुड़ गए हैं। स्कूल के इन प्रयासों की उन्होंने उन्मुक्त रूप से सराहना की। इस अवसर पर जजपा प्रदेश महासचिव धर्मपाल यादव ने हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने कहा कि वे सभी दुष्यंत चौटाला के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं ताकि वे फिर से पूरी मेहनत और लगन के साथ अपने दफ्तर से प्रदेश और जनकल्याण के कार्यों को गति दे सकें। गौरतलब है कि चौटाला बीते 6 अक्टूबर को कोरोना पॉजिटिव हुए थे जिसकी जानकारी उन्होंने अपने टवीटर हैंडल से दी थी। श्री यादव ने गत दिनों लागू किए गए किसान बिलों पर बातचीत करते हुए कहा कि जजपा किसानों की पार्टी है और हमेशा से ही किसानों के हित के लिए कार्य किया है। कुछ लोग किसानों को बरगला कर निराधार विरोध पैदा कर रहे हैं। उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला किसानों के साथ कोई भी अन्याय नहीं होने देंगे, इसलिए ही उन्होंने पूरा आश्वासन दिया है कि एमएसपी को खत्म नहीं किया जाएगा और किसानों के हितों का पूरा संरक्षण किया जाएगा। वे जल्द ही स्वस्थ होकर अपना कार्य संभालेंगे और किसानों के हितों को मजबूत करेंगे। इस अवसर पर ठाकुर राजाराम, बेेघराज नागर, अशोक कुमार, संजय त्यागी व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आवाहन पर भाजपा नेता एवं पूर्व पार्षद ओमप्रकाश रैक्सवाल ने चलाया स्वच्छता अभियान
फरीदाबाद(दीपक शर्मा/बृजेश भदौरिया) | राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151 वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आवाहन पर स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत और समर्थ भारत मिशन के तहत भाजपा नेता ओमप्रकश रैक्सवाल ने शुक्रवार को सेक्टर 91 स्थित सूर्या नगर फेज़-2 में सफाई अभियान चलाया। जिसमें आरडब्लूए, भाजपा कार्यकर्ताओं एवं नगर निगम के सफाई कर्मचारियों के सहयोग से कूड़ा-कचरा उठा कर पूरे सेक्टर को साफ किया गया। साथ ही आम लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित किया गया। ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत और समर्थ भारत का सपना साकार हो सके।इस अवसर पर लोकसभा निगरानी कमेटी के चैयरमेन एवं पूर्व पार्षद ओमप्रकाश रैक्सवाल ने कहा कि समाज ने गंदगी और उससे होने वाली बीमारियों का अभिशाप झेला है। लेकिन जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता अभियान छेड़ा है तब से बदलाव दिख रहा है। स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता आई है। गांवों से लेकर शहर तक सफाई की जरूरत को लोगों ने स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में महात्मा गांधी के 151 वें जन्म दिवस को स्वच्छता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता केवल एक व्यक्ति की ज़िम्मेदारी नहीं है बल्कि यह हम सब का कर्तव्य है। इस लिए आरडब्ल्यूए, भाजपा कार्यकर्ताओं एवं सफाई कर्मचारियों ने मिल-जुल कर स्वच्छता अभियान में अपना पूरा सहयोग दिया और अन्य लोगों को भी सफाई के प्रति प्रेरित किया।रैक्सवाल ने आरडब्लूए, भाजपा कार्यकर्ताओं एवं सफाई कर्मचारियो को सफाई अभियान में अपना सहयोग देने पर उनका तहे दिल से धन्यवाद किया और कहा कि 2 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक नहरपार के इलाके में इसी तरह सफाई अभियान चलेगा। जिसमें सफाई तो होगी ही साथ ही पखवाड़े के बाद भी सफाई बनी रहे इसके लिए लोगों को जागरूक भी किया जाएगा। ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल का स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत और समर्थ भारत का सपना साकार हो सके।
कृषि विधेयकों से किसानों को नहीं बल्कि पूंजीपतियों को होगा लाभ : सत्यवीर डागर
फरीदाबाद(विनोद वैष्णव ) | सरकार द्वारा लागू किए गए किसान संबंधी तीन नए कानूनों के खिलाफ बुधवार को प्रगतिशील किसान मंच के तत्वाधान में बल्लभगढ़ में जिले भर के किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया तथा बल्लभगढ़ की एसडीएम अपराजिता को महामहिम राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा। इस प्रदर्शन का नेतृत्व मंच के प्रधान सत्यवीर डागर द्वारा किया गया। किसान नेता सत्यवीर डागर के आह्वान पर आज इन तीन नए कानूनों के खिलाफ जिले भर के किसान बल्लभगढ़ की अनाज मंडी में एकत्रित होकर जैसे ही राष्ट्रीय राजमार्ग की ओर बढ़े, उसी दौरान भारी पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर उनको रोक दिया, जिस पर किसानों व पुलिस के बीच काफी गर्मागर्मी हुई, लेकिन आखिरी में किसान दूसरे रास्ते से विरोध प्रदर्शन करते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंचे। इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए इन कृषि विधेयकों को किसानों पर तानाशाही रूप में थोपना बताया। इस मौके पर उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेता सत्यवीर डागर ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा पारित किए गए तीन कृषि विधेयक पूरी तरह से किसान, मजदूर और आढ़ती विरोधी हैं। इन विधेयकों के जरिए सरकार के कुछ पसंदीदा पूंजीपतियों को लूट की खुली छूट होगी और किसान अपनी फसल बेचने के लिए इन पूंजीपतियों पर निर्भर होंगे और उन्हें उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पाएगा। श्री डागर ने कहा कि तीन विधेयकों के चलते किसान खेतीबाड़ी के लिए पूंजीपतियों से बंध जाएगा, जिससे किसानों का वजूद लगभग समाप्त हो जाएगा। वहीं यह विधेयक हमारे आढ़ती भाइयों के लिए भी साजिश भरे हैं। सरकार द्वारा बड़े पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए मंडी व्यवस्था को खत्म किया जा रहा है, जो कि पूरी तरह से गलत है। सत्यवीर डागर ने कहा कि इन कृषि विधेयकों को लेकर किसानों के मन में एक आशंका है कि कहीं पर भी इस विधेयक में न्यूनतम समर्थन मूल्य, जो अब तक चलता आ रहा है, वह आगे जारी रहेगा या नहीं। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि किसान अपने हितों की लड़ाई लडऩा जानता है और यदि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य के प्रति गंभीर है तो सरकार को चाहिए कि वह एक नया कानून बनाए जिसमें यह गारंटी दी जाए कि किसानों को हर हाल में न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा और न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों द्वारा खेती पर खर्च किए गए मूल्य से अधिक होगा। सत्यवीर डागर व जिले के सभी किसानों ने ज्ञापन के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति से भी अपील की कि हम किसान सरकार से यह चाहते है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य हर कीमत पर जारी रहना चाहिए, जो कि पहले से चला आ रहा है, वो प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए और जो सरकार सुनिश्चित करे कि व्यापारी एनएसपी से कम कीमत पर किसानों की किसी भी फसल को उससे कम दाम पर न खरीदे और अगर खरीदता है तो उसमें सजा या दंड का प्रावधान होना चाहिए, जिससे कि किसानों का शोषण होने से रोका जा सके। इस मौके पर ऋषिराज त्यागी, बाबू बौहरे जी, लच्छूराम, बलवंत सिंह, मकरंद शर्मा, लुकमान खंदावली, कृष्णपाल आजाद, प्रहलाद तेवतिया, देवीराम डागर, गोपीराम, प्रदीप डागर, मोहम्मद बिलाल उटावड़, राजन ओझा, सुमित गौड़, रामनिवास नागर, सतपाल नरवत, धर्मबीर धनखड़, कुलदीप यादव, मास्टर रामपाल हुड्डा, हेतलाल, तेजसिंह सिरौही, अशोक रावल, संजय सोलंकी, हरिराम पीटीआई सहित जिले के अनेकों किसान नेता मौजूद थे।
मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि विधेयक पूरी तरह से किसान विरोधी:-लखन सिंगला
फरीदाबाद(देवेंदर/अनिल कुमार) |केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लाए गए 3 कृषि विधेयकों के विरोध में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दिशा-निर्देश पर आज देशभर में कांग्रेस कार्यक्र्ताओं ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री की जयंती को ‘किसान-मजदूर बचाओ दिवस’ के रूप में मनाया गया। इसी कड़ी में फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी लखन कुमार सिंगला के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने सेक्टर-17 स्थित लेबर चौक पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लखन कुमार सिंगला ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अहिंसा के पुजारी थे और उन्होंने सदैव देश व समाज को अहिंसा का संदेश देते हुए एकता के सूत्र में पिराने का काम किया। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने भी अपने कार्यकाल के दौरान जनहित में ऐसे कई कार्य किए, जिनके लिए वह सदैव याद रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि आज इन दोनों महापुरूषों की जयंती पर हमें उनके बताए आदर्शाे पर चलने का संकल्प लेना चाहिए, यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। श्रद्धांजलि सभा के उपरांत कांग्रेसजनों ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए 3 कृषि विधेयकों के खिलाफ ट्रैक्टरों पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जब-जब योगी डरता है, पुलिस को आगे करता है, मोदी तेरी तानाशाही नहीं चलेगी, किसानों के खिलाफ तीनों अध्यादेश वापिस लो, वापिस लो, मजदूर को उसकी मजदूरी उसका हक दिलवाओ, मोदी-योगी मनीषा बहन को न्याय दिलाओ, जैसे गगनचुंबी नारे लगाकर अपना विरोध दर्ज करवाया। लखन कुमार सिंगला ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए यह तीनों कृषि विधेयक पूरी तरह से किसान विरोधी है, इससे किसान, मजदूर व आढ़ती पूरी तरह से तबाह हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन कृषि विधेयकों का विरोध करती है और किसानों की लड़ाई में पूरी तरह से उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी। वहीं श्री सिंगला ने हाथरस की बेटी मनीषा के साथ हुए गैंगरेप की घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि उत्तरप्रदेश की योगी सरकार लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम साबित हुई है क्योंकि जब मृतका केपरिवार को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी व प्रियंका गांधी सांत्वना देने उनके गांव जा रहे थे तो उन्हें रोकने के लिए जिस प्रकार से यूपी पुलिस द्वारा उनके धक्का-मुक्की व अभद्र व्यवहार किया गया, वह यूपी सरकार की औछी मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि क्या किसी पीडि़त परिवार को सांत्वना देने जाना गुनाह है? आखिर उत्तरप्रदेश सरकार इस पूरे प्रकरण में क्या छुपाने का प्रयास कर रही है। श्री सिंगला ने कहा कि यह पूरा मामला उत्तरप्रदेश पुलिस का फेलियर है और अब वह विपक्षी नेताओं को पीडि़ता के परिजनों से मिलने से इसलिए रोक रही है, कहीं योगी सरकार की पोल न खुल जाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करती है और पीडिता को न्याय दिलाने के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी। इस अवसर पर कुंवर बालू सिंह एडवोकेट, पूर्व पार्षद अनिल शर्मा, योगेश ढींगड़ा, सत्यवीर डागर ललित भड़ाना, एस.एल. शर्मा, गोविंद कौशिक, रेनू चौहान, प्रियंका भारद्वाज, खुशबू खान, राजेश खटाना, नितिन सिंगला, नीरज गुप्ता, बिजेंद्र मावी, संजय सोलंकी, योगेश तंवर, राजेश आर्य, किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष अमर सिंह मलिक, हरिसैनी, बाबू सिंह सैनी, उसमान ठेकेदार, प्रधान हरिलाल गुप्ता, तुलसी प्रधान, विशाल ठाकुर, नरेंद्र ठाकुर, राजेश ठाकुर, चंद्रपाल सिंह, रामजीलाल, कर्मवीर खटाना, नवीन रावत, चौ. भोपाल सिंह, जनैल हुसैन, राकेश भाटी, कपिल जैन सहित अनेकों कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे।
हरियाणा भंडारण निगम के चेयरमैन नयनपाल रावत ने पलवल की अनाज मंडी का किया दौरा
पलवल(योगेश शर्मा /बबलू ) |हरियाणा भंडारण निगम के चेयरमैन एवं पृथला से विधायक नयनपाल रावत ने मंगलवार को पलवल की अनाजमंडी का दौरा कर किसानों से उनका हालचाल जाना और जो भी समस्याएं किसानों ने बताई उसका मौके पर ही समाधान किया। पलवल अनाज मंडी के प्रधान ने चेयरमैन नयनपाल रावत के समक्ष बिजली की समस्या को रखा, जिस पर उन्होंने तुरंत संज्ञान लेते हुए बिजली अधिकारियों को फोन पर ही दिशा-निर्देश दिए और सख्त हिदायत दी कि किसानों को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने किसानों की फसल की ढेरी पर जाकर मापक यंत्रों का भी जायजा लिया। इस मौके पर पलवल के एसडीएम कंवर सिंह, मार्किट कमेटी पलवल के सचिव नरवीर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
हरियाणा भंडारण निगम के चेयरमैन एवं पृथला से विधायक नयनपाल रावत ने अनाज मंडी पलवल में अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने मंडी का निरीक्षण भी किया ताकि किसी किसान को किसी भी तरह की कोई समस्या ना आए। अपनी फसल को बेचने के लिए मंडियों में पहुंच रहे किसानों से विधायक नयनपाल रावत ने उनका हालचाल जाना और उनकी परेशानियां भी पूछी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल लगातार प्रयास कर रहे हैं कि किसानों को किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो और उनकी फसल का अच्छा दाम भी मिले ताकि किसान समृद्ध बने।
मानव रचना इंटरनेशनल स्कूलों में प्ले बेस्ड एजुकेशन शामिल- संयोगिता शर्मा
चंडीगढ़(बिजेन्दर सिंह /बृजेश भदौरिया ) |मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल की ओर से अभिभावकों के लिए एक खास ऑनलाइन सेशन का आयोजन किया गया। इस सेशन में अभिभवाकों को नई शिक्षा नीति 2020 के ढांचे से अवगत करवाया गया। इस दौरान अभिभावकों को बताया गया कि किसी भी बच्चे के लिए शुरुआती पाँच साल बेहद जरूरी होते हैं, वह फाउंडेशन स्टेज कहलाई जाती हैं। एनईपी के मुताबिक स्कूलों में प्ले बेस्ड लर्निंग पर जोर देने के लिए कहा गया है, जो कि मानव रचना के सभी स्कूलों में पहले से ही शामिल है।मानव रचना इंटरेनशनल स्कूल की निदेशक संयोगिता शर्मा ने अभिभावकों के साथ स्कूल के टीचिंग पैटर्न के बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया कि, एनईपी के पाठ्यक्रम सिद्धांत, यानी समग्र विकास, पाठ्यक्रम में तालमेल, सीखने के सात क्षेत्र, और अन्य एमआरआईएस के मौजूदा पाठ्यक्रम में शामिल हैं। उन्होंने अभिभावकों को बेहतर समझाने के लिए एनईपी पाठ्यक्रम सिद्धांतों को साझा किया और एमआरआईएस में उसे कैसे विकसित किया जाएगा उसके बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, आने वाले सत्र में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, डिजाइन थिंकिंग, ऑर्गैनिक लिविंग, पर्यावरण शिक्षा, UNSDG के माध्यम से वैश्विक नागरिकता शिक्षा और अन्य जैसे समकालीन विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।ईसीसीई और फाउंडेशनल स्टेज के संबंध में, उन्होंने साझा किया कि एमआरआईएस में एक्सपीरिएंशियल और एक्टिविटी बेस्ड सब्जेक्ट टीचिंग पर जोर दिया जाता है, जिनमें शिक्षण साक्षरता, व्यक्तिगत, सामाजिक और भावनात्मक विकास सहित अत्यधिक अनुभवात्मक और गतिविधि आधारित विषय शिक्षण; संचार और भाषा; अभिव्यंजक कला एवं डिजाइन; और गणित शामिल हैं। मातृभाषा को ग्रेड V तक शिक्षा का माध्यम बनाने का प्रस्ताव है और बच्चों को दो से अधिक भाषाओं से अवगत कराया जाएगा जो बहुभाषावाद को बढ़ाएंगे।कार्यक्रम में एमआरआईएस सेक्टर-14 की डायरेक्टर प्रिंसिपल ममता वाधवा, सेक्टर-21 स्थित एमआरआईएस की प्रिंसिपल सीमा अनीस, चार्मवुड स्थित एमआरआईएस की प्रिंसिपल डॉ. सुचित्रा भट्टाचार्या, गुरुग्राम सेक्टर-46 स्थित एमआरआईएस डायरेक्टर प्रिंसिपल डॉ. धृति मल्होत्रा, सेक्टर-51 गुरुग्राम स्थित एमआरआईएस की प्रिंसिपल अल्पना बवेजा, लुधियाना स्थित एमआरआईएस की प्रिंसिपल अंजु धवन और मोहाली स्थित एमआरआईएस की प्रिंसिपल तरुणा वशिष्ठ समेत सभी अभिभावक मौजूद रहे।