Saturday, August 7th, 2021

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Posted by: | Posted on: August 7, 2021

पुत्र के जन्मदिन पर पिता ने किया सांसे मुहिम द्वारा पौधारोपण

फरीदाबाद ( पिंकी जोशी ) :- बल्लभगढ़ के गांव हीरापुर में मास्टर विजय कौशिक ने अपने पुत्र निखिल कौशिक के जन्मदिन पर सांसे मुहिम के तहत पंचवटी लगा कर के पौधारोपण का कार्यक्रम किया मास्टर विजय कौशिक ने बताया कि प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। वह यह पौधे किसी खास दिन जैसे शादी की सालगिरह, जन्मदिन या कोई भी खुशी का मौका हो एक पौधा सभी को लगाना चाहिए और उसे बड़ा करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

इस दौरान युवा समाजसेवी दीपक आजाद ने कहा सांसे मुहिम के तहत अब तक हजारों पेड़ लोग अपने जीवन में लगा चुके हैं और उन्हें बड़ा करने की जिम्मेदारी भी उन्हीं लोगों ने ली है और प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में एक पेड़ लगाकर उसे बड़ा करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए क्योंकि जीवन में हम जितना पोलूशन इस प्रकृति को देते हैं। अगर हम पौधे नहीं लगाएंगे तो इस प्रकृति के कर्जदार रहेंगे, पौधे लगाकर उन्हें बड़ा करके ही हम प्रकृति का कर्ज उतार सकते हैंका इसलिए हर व्यक्ति को अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने चाहिए।

Posted by: | Posted on: August 7, 2021

मानव रचना में पांच दिवसीय एफडीपी का आयोजन

फरीदाबाद ( विनोद वैष्णव) : मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज के फैक्ल्टी ऑफ इंजीनियरिंग के सिविल डिपार्टमेंट की और से पांच दिवसीय एफडीपी का आयोजन किया गया। यह एफडीपी एआईसीटीई ट्रेनिंग एंड लर्निंग अकैडमी (ATAL) द्वारा स्पॉन्सर किया गया था। पांच दिवसीय एफडीपी में कंटेंपरेरी एडवांसिस इन सस्टेनेबल एंड इंटीग्रेटिड इन्फ्रास्ट्रक्चर पर हुई चर्चा की गई। इसका मुख्य उद्देश्य तकनीकी प्रगति से संबंधित संकाय के शिक्षण और अन्य कौशल में सुधार करना है। एफडीपी से न केवल तकनीकी शिक्षा से संबंधित व्यावसायिक प्रथाओं को बढ़ाने पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, बल्कि यह संकाय को उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है।

इन मुख्य बिंदुओं पर एफडीपी में चर्चा की गई

· बुनियादी ढांचे के विकास में सतत अभ्यास

· स्थिरता, ग्रीन बिल्डिंग

· सिविल इंजीनियरिंग में मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुप्रयोग

· भवन सूचना मॉडलिंग में प्रगति

· निर्माण सुरक्षा और गुणवत्ता प्रबंधन

· रिस्क अनैलेसिस

· परिवहन और भू-तकनीकी प्रणालियों का मॉडलिंग और अनुकरण

· सिविल इंजीनियरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में जीआईएस

· सस्टेनेबल कंस्ट्रक्शन मैटिरियल्स

इस कार्यक्रम में एमआरआईआईआरएस के वीसी डॉ. संजय श्रीवास्तव, डॉ. प्रदीप कुमार प्रो-वीसी और डीन एफईटी, एचओडी डॉ. सुनीता बंसल, डॉ. अंजली गुप्ता, यमन हूडा, TERI, भारत के श्री प्रकाश, GRIHA काउंसिल के सीईओ और सीनियर डायरेक्टर संजय सेठ कई गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया।

Posted by: | Posted on: August 7, 2021

विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल में पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन


फरीदाबाद : विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल, तिगांव में आज पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में स्टेट इनफॉरमेशन कमिश्नर हरियाणा श्री नरेंदर सिंह यादव ने बतौर मुख्यतिथि शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल के चेयरमैन धर्मपाल यादव ने की। पौधा रोपण कार्यक्रम में राकेश गर्ग, विजेंदर सेंगर, अतिथि के रूप में मौजूद रहे। पौधा रोपण करते हुए मुख्यतिथि ने कहा कि हमे प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करने के साथ-साथ पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए अपने जीवन में कम से कम एक पौधा जरूर लगाना चाहिए। उन्होंने स्कूल के द्वारा आयोजित पौधा रोपण कार्य की खुले दिल से प्रशंसा की। उन्होंनें कहा कि पौधे हमें शुद्ध वायु देते है। पौधें मनुष्यों के साथ -साथ सभी जीवों के जीने का सहारा है। उन्होंने कहा कि बिना पेड़ों के पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।


स्कूल के डायरेक्टर दीपक यादव अपने संबोधन में बढ़ते हुए प्रदूषण को कम करने के लिए अधिकाधिक पौधा रोपण की आवश्यकता पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति अपने जीवन में जितना प्रदूषण फैलाता है उसे शुद्व करने के लिए 300 पौधों की शक्ति लग जाती है। ऐसे में  हर व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम एक पौधा जरूर लगाना चाहिए और उसका रख-रखाव भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजकल प्रदूषण भी तेज गति से बढ़ता जा रहा है। इसे देखते हुए भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहेंगे. पौधा रोपण कार्यक्रम में स्कूल का पूरा स्टाफ मौजूद रहा।

Posted by: | Posted on: August 7, 2021

किशोरा विद्या मंदिर बामनीखेड़ा के प्रांगण में प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन हुआ

किशोरा विद्या मंदिर बामनीखेड़ा के प्रांगण में प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन हुआ जिसमे 12th क्लास TOP करने वाले 40 विद्यार्थियों जिनका परसेंटेज 93% से 99% तक मार्क आये हैं। जैसे Sci. Class Top Student -नेहा (99%), संजू (99%), हिमानी (97%) व आकांक्षा (97%), Comm. Class top student पूजा (97%), निशा 96.4, Art Class Top Student सपना (97.2), अनिता (95%), रेणु ( 94%)और अन्य विद्यार्थियों व अपने विषय में 100 मार्क देने वाले सभी अध्यापको जैसे मामराज शास्त्री, दिनेश जी, भगत सिंह रावत,गीतांजलि जी, ईश्वर मेम, हेमन्त जी, व जगवीर जी को APEEJAY STYA UNIVERSITY द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर UNIVERSITY से आए सभी प्रोफेसरो का Dr. Subhabrata Kar, Dr. Krishna Priyanka Ganti, Dr. Mahesh Pharma, Ashwani Garg जी का स्कूल प्रिंसिपल रवि कुमार जी व साथी अध्यापको ने फूल मालाओ से सम्मानित किया।

इस अवसर पर चैयरपर्सन श्रीमती राधा शर्मा ने बच्चों व अभिभावकों को बधाई दी। संस्थान के शिक्षा सलाहकार महेश कुमार शर्मा जी ने सभी अभिभावकों का धन्यवाद किया व बच्चों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। बामनीखेड़ा के समाजसेवी सतबीर उर्फ सोनू ने बताया कि आप इसी तरह से गाँव का नाम रोशन करते रहो हम आपके साथ हैं।

Posted by: | Posted on: August 7, 2021

अगर आप भी करना चाहते है माँ पार्वती को प्रसन्न , तो जरूर करे ये 5 उपाए

फरीदाबाद( पिंकी जोशी ) :- हरियाली तीज एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। कुछ स्थानों पर इसे मधुश्रवा तीज भी कहते हैं। इस पर्व को मां पार्वती और भगवान शिव के मिलन की याद में मनाया जाता है। इस बार हरियाली तीज का पर्व 11 अगस्त, बुधवार को है। इस दिन महिलाएं मां पार्वती की पूजा करती हैं। नवविवाहिताएं अपने पीहर आकर यह त्योहार मनाती हैं। इस दिन सभी महिलाए व्रत रखती है और विशेष शृंगार किया जाता है।

हरियाली तीज की पूजा में काले रंग की गीली मिट्टी, पीले रंग का कपड़ा, बेल पत्र , केले के पत्ते, धतूरा, आंकड़े के पत्ते, तुलसी, शमी के पत्ते, जनेऊ,धागा और नया कपड़ा रखें। यह सारी चीज़े पूजा की थाली में होनी बहुत जरुरी होते है। कहा जाता है कि बिना इन सामग्री के पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है तो ध्यान रखे इनमे से सभी सामग्री आपकी थाली में होनी चाहिए।

इसके अलावा श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, तेल और घी, कपूर, दही, चीनी, शहद ,दूध और पंचामृत आदि एक थाली में सजा लें। पूजा शुरू करने से पहले काली मिट्टी के प्रयोग से भगवान शिव और मां पार्वती तथा भगवान गणेश की मूर्ति बनाएं। फिर थाली में सुहाग की सामग्रियों को सजा कर माता पार्वती को अर्पित करें।

वहीं, माँ पार्वती के शृंगार के लिए चूडियां, महौर, खोल, सिंदूर, बिंदी, बिछुआ, मेहंदी, आल्ता, कुमकुम, कंघी, सुहागिन के श्रृंगार की चीजें होनी चाहिए। सोलह सिंगार चढ़ाने से माँ पार्वती अतिप्रस्न हो जाती है। साथ ही महिलाओ को इस दिन सुबह जल्दी उठ कर स्नान करना चाहिए उसके बाद माँ पार्वती की पूजा करनी चाहिए। पूजा करते समय ध्यान रखे की आप ज्योत देसी घी या फिर तिल के तेल का प्रयोग करे।

ध्यान रखे की हरियाली तीज पर हरे वस्त्र जरूर पहने। वैसे तो सावन में चारो तरफ हरयाली होती है लेकिन तीज के दिन एक अलग ही हरयाली नजर आती है। हिंदु मान्यताओ के हिसाब से हरा रंग खुशयाली से जुड़ा हुआ है। हरा रंग प्रकर्ति से जुड़ा हुआ है इसलिए इसका महत्व कुछ ज्यादा ही है। इसे जीवन और खुशयाली का रंग भी कहा जाता है। हरा रंग मन को शांति प्रदान करता है और जीवन में खुशयाली भी लाता है इसलिए इस दिन हरे रंग के वस्त्र जरूर पहने यह फलदायक माना जाता है।

तीज के दिन मेहंदी का ख़ास महत्व बताया गया है। इसलिए इस दिन महिलाओ को हाथो में मेहंदी जरूर रचानी चाहिए। कहा जाता है इस दिन माँ पार्वती ने भगवान शिव को मनाने के लिए अपने हाथों में मेंहदी रचाई थी। मां पार्वती की हाथो में लगी मेहंदी को देखकर भगवान शिव अति प्रसन्न हुए। इसलिए इस दिन महिलाएं व्रत करके मां पार्वती और भोलेनाथ से अटल सुहाग की कामना करती हैं और अपने हाथो में मेहंदी भी लगाती है।

नोट : यह सभी जानकारी सोशल मीडिया के द्वारा ली गयी है।

Posted by: | Posted on: August 7, 2021

जानिए क्यों मनाई जाती है हरियाली तीज और कौन सी 2 चीज़ो का है इस दिन अत्यधिक महत्व

फरीदाबाद( पिंकी जोशी ):-सावन का महीना महिलाओ के लिए बहुत ही खास और महत्वपूर्ण होता है। कहा जाता है की इस दिन सभी की मनोकामनाएं पूरी होती है अथार्त इसके साथं ही दूसरे तयोहार की शुरुवात भी हो जाती है। हरियाली तीज का पर्व हर साल श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इसे श्रावणी तीज भी कहा जाता है। ये व्रत अत्यंत पावन और लाभदायी व्रत माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों की माने तो सावन का महीना पूजा और अनुष्ठान करने के लिए सबसे सर्वोत्तम महीना माना जाता है।

ऐसा कहा जाता है कि सालभर पूजा ना करने वाले अगर इस महीने में भगवान शिव की पूजा सच्चे मन से करते हैं तो पूरे साल भर उनका जीवन खुशियों से भर जाता है। लोग इस दिन हरे कपडे पहनते है क्युकि यह हरियाली का प्रतीक माना जाता है और साथ ही सावन के महीने में पड़ने वाले व्रतों का महत्व भी कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे में हरियाली तीज का व्रत हंसरे जीवन में बहुत ही महत्व रखता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। इस बार हरियाली तीज का त्योहार 11 अगस्त दिन बुधवार को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं क्या है हरियाली तीज के व्रत का महत्व और पूजा करने की सही विधि :-

हरियाली तीज का महत्त्व :-

हरियाली तीज का पर्व हर साल श्रावण मास में तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इसे श्रावणी तीज भी कहते हैं। ये व्रत अत्यंत पावन और फलदायी होता है। ये व्रत अत्यंत पावन और फलदायी व्रत माना जाता है। क्योंकि मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का मिलन हुआ था। हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती है और अपने पति की लम्बी उम्र और सुख समृद्धि की प्राथना करती हैं।


सुहागिन महिलाओं के लिए हरियाली तीज का बहुत खास महत्व होता हैं। इस दिन महिलाएं पूरी श्रद्धा से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करती हैं। पूजा में सभी श्रृंगार की वस्तुएं जैसे की चुडिया , बिंदी, चुन्नी ,सिंदूर आदि चीज़े मां पार्वती को चढ़ाई जाती हैं। इसके बाद हरियाली तीज की कथा सुनकर जेठानी, सास या अपने से बड़ो का आशीर्वाद लेती है और उन्हें भेठ सवरूप सिंगार का सामान देती है।

जानिए क्या है इस पर्व की मान्यता :-

हरियाली तीज के संबंध में कहा जाता है कि इस दिन सैकड़ों वर्षो की तपस्या के बाद माता पार्वती भगवान शिव से मिल पाई थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती ने 107 बार जन्म लिया, फिर भी वह उन्हें पा नही सकी थी । उन्होंने 108वीं बार पर्वतराज हिमालय के घर जन्म लिया और शिव को पति रूप में पाने के लिए तप करना शुरू किया। इस बार श्रावण शुक्ल तृतीया के दिन उनके तप का फल मिला और उन्होंने शिवजी को पति के रूप में प्राप्त कर लिया । इस दिन जो महिलाएं सोलह श्रृंगार करके शिव-पार्वती की पूरे मन के साथ पूजा अर्चना करती है उन्हें लम्बी उम्र का वरदान मिलता है और उनकी जोड़ी हमेशा सलामत रहती है।

इन दो चीज़ो का होता है खास महत्त्व जानिए :-

तीज के दिन मेहंदी और झूले का ख़ास महत्व बताया गया है। कहा जाता है इस दिन माँ पार्वती ने भगवान शिव को मानाने के लिए अपने हाथों में मेंहदी रचाई थी। मां पार्वती की हाथो में लगी मेहंदी कोण देखकर भगवान शिव अति प्रसन्न हुए। इसलिए इस दिन महिलाएं व्रत करके मां पार्वती और भोलेनाथ से अटल सुहाग की कामना करती हैं और अपने हाथो में मेहंदी भी लगाती है।

इस दिन झूले झूलने की परंपरा भी होती है। लोग अपने घरो में झूला डलवाते है और उसे फूलो से सजाते है। सभी महिलाए आपस में बैठ कर पूजा पाठ करती है फिर झूला झूलती है । असा मन जाता है कि इस दिन झूला जरूर झूलना चाहिए। इससे सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन में खुशियों का प्रवेश होने लगता है।

नोट : यह सभी जानकारी सोशल मीडिया के द्वारा ली गयी है।