Wednesday, August 11th, 2021
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हरियाली तीज पर जूनियर रेडक्रॉस और आर डब्लू ए का हरित अभियान
हरियाली तीज के अवसर पर राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद की जूनियर रेड क्रॉस, आर डब्ल्यू ए, सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड एवं सैक्टर 29 फरीदाबाद के निवासियों ने हरियाली तीज के अवसर पर सैक्टर 29 के पार्कों और सामुदायिक केन्द्र में पौधारोपण किया। जूनियर रेडक्रॉस और ब्रिगेड अधिकारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि आज नीम, फाइकस, अशोक, चांदनी और रात की रानी इत्यादि के पौधे लगाए गए। इस मुहिम में आर डब्ल्यू ए के महासचिव सुबोध नागपाल, सुनील अग्रवाल, एस सी गोयल, नारायण सिंह, पी डी गर्ग, एस एस बागला, दीपक यादव, एस के सिंगला, शंभू, संजय जैन, धर्मवीर, आदि ने सराहनीय योगदान दिया। ये सभी पौधे जे ई बागवानी नरेंद्र और सुनील अग्रवाल एम डी, पीयूष इंजीनियर्स ने उपलब्ध करवाए। रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि हरियाली तीज पर पौधे लगाने का विशेष महत्व होता है हरियाली तीज सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस तीज को श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता है सावन महीने में होने वाली बारिश के कारण इस तीज के समय पूरी पृथ्वी हरी भरी हो जाती है इसलिए इस तीज को हरियाली तीज के नाम से जाना जाता है। रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि इस बार हरियाली तीज पर एक विशेष संयोग भी बन रहा है जिसके कारण इसका महत्व और बढ़ गया है। आज हरियाली तीज के दिन बुधवार है, जिसका संबंध हरे रंग से है हरियाली तीज के दिन हरे रंग के कपड़े पहनने का भी प्रचलन है। श्रावण मास में प्रकृति भी हरे रंग का आवरण ओढ़े हुए है। आज सेक्टर 29 में रेडक्रॉस सदस्यों और रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों ने पौधे लगाने और पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करते हुए सभी से निवेदन किया कि जैसी हरियाली हमें श्रावण मास में मिल रही है हम सभी को ऐसी हरियाली वर्ष पर्यन्त मिलनी चाहिए जिस के लिए हमें पौधे लगा कर इन की देखभाल संतान की तरह करनी होगी। रविंद्र कुमार मनचन्दा और महासचिव सुबोध नागपाल ने सभी सदस्यों का हरियाली तीज पर पर्यावरण संरक्षण में मिलजुल कर सहयोग करने के लिए धन्यवाद अर्पित किया।
लिंग्याज जश्ने.ए.आजादी महोत्सव का करने जा रहा है आयोजन
फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | लिंग्याज विद्यापीठ;डीम्ड-टु-बी यूनिवर्सिटी 75 वां स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 14 अगस्त को जश्ने.ए.आजादी का महोत्सव आयोजीत करने जा रहा है। जिसमें दिल्ली.एनसीआर से 10 साल से लेकर स्नातक ;यूजी स्तर के बच्चें भाग ले सकेंगे।https://forms.gle/KZtDVXuDZEADSow29 लिंक पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण कर इस महोत्सव में भाग लिया जा सकेंगा। पंजीकरण 13 अगस्त तक किया जायेगा। जिसे पुरी तराह से निशुल्क रखा गया है।
आयोजन 10रू30 से 12रू30 तक होगा। जिसमेंबच्चों को तिरंगे के रंग में टी.शर्ट पेंट करना होगा। सबसे सुंदर पेंटिंग करने वाले बच्चें को नकद पुरस्कार दिया जायेंगा। जिसमें पहले विजेता को 1500 रूण्ए दूसरे विजेता को 1000रूण् व तीसरे विजेता को 700रूण् दिए जायेंगे। इसके अलावा तीनों विजेताओं को ई.सर्टिफ़िकेट् भी दिया जाएगा।
स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज़एंड सोशल साइंसिस डिपार्टमेंट ऑफ इंग्लिश के एसोशियेट डीनप्रोफेसर आनंद पाठक का कहना है कि इस महामारी ने छात्रों को उनके घरों तक सीमित कर दिया हैएलेकिन उनकी देशभक्ति की भावना और राष्ट्र के प्रति गौरव को कम नहीं कर सकते। इसी को ध्यान में रखते हुए हमारे डिपार्टमेंट ने आजादी के इस अमृत महोत्सव को और अधिक खास बनाने का सोचा। स्वतंत्रता दिवस ये ऐसा अवसर है जिसे सबके साथ मिलकर मनाया जाएं तो ये और भी खास हो जाता है। इसी कारण हमदिल्ली.एनसीआर के सभी बच्चों को खुले दिल से आमंत्रित करते है कि आए और हमारे साथ मिलकर इस स्वतंत्रता दिवस को मनायें।
जानिए कब है रक्षाबंधन और कौन से दो भगवानो की इस दिन पूजा करनी चाहिए व थाली सजाने का तरीका
फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : रक्षाबंधन का पर्व आस्था और विश्वास का पर्व माना जाता है। इस दिन बहनें भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी आयु की प्राथर्ना करती हैं। रक्षा बंधन का पर्व सावन मास का महत्वपूर्ण पर्व होती है। रक्षा बंधन भाई बहन का त्योहार होता है। यह सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
इस दिन बहने अपने भाईओ की कलाई पर राखी बाध कर उनकी लम्बी उम्र की दुआ करती है और भाई भी उनकी रक्षा का वचन देते है। रक्षा बंधन का अर्थ है रक्षा का बंधन। राखी सुत के धागे से लेकर सोने जैसे महंगी धातु की भी बनी हो सकती है। रक्षाबंधन के पर्व को लेकर तैयारियां शुरू होने लग गई हैं। इस बार रक्षाबंधन का पर्व 22 अगस्त 2021 रविवार को पढ़ रहा है।
रक्षाबंधन का पर्व बहुत ही शुभ और महत्वपूर्ण पर्व है। इस पर्व में शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता जाता है। रक्षाबंधन में शुभ मुहर्त पैर ही भाइयो की कलाई पर राखी बढ़ानी चाहिए। भद्राकल और राहुकाल पर राखी नहीं बाधनी चाहिए यह बहुत ही अशुभ माना जाता है। इसलिए दोनों कालो का विचार करना बहुत ही जरूरी माना गया है। तो ध्यान रखे इन दो कामो में राखी न बाधे।
रक्षा बंधन पर थाली सजाने का सही तरीका :-
राखी की थाली में सबसे पहले लाल रंग का कपडा बिछा ले फिर उसमे कुमकुम, हल्दी, चावल, राखी और कुछ पैसे रख लीजिये। इसके साथ ही कलश में पानी भर ले और आरती के लिए ज्योत भी रख लीजिए।
इसके साथ ही मुँह मीठा करने के लिए भाई की पसंदीदा मिठाई भी रखी जाती है। उसके बाद राखी बाधते समय सर पर कपडा जरूर रखे फिर भाई की आरती उतारे और टिका लगाकर कलाई पर राखी बाधे। राखी बांधने के बाद भाइयो को अपने बहनो के पैर छूना बिलकुल नहीं भूलना चाहिए।
कौन से दो भगवानो की करे पूजा :
रक्षा बंधन का पर्व पूर्णिमा में मनाया जाता है और पूर्णिमा के देवता चन्द्रमा होते है। इसलिए कहा जाता है कि इस दिन हमे शिवजी के साथ साथ चन्द्रमा की भी पूजा अर्चना अवश्य करनी चाहिए।
ऐसा करने से मनुष्य को खूब मान सम्मान मिलता है और उसका जीवन खुशिओ से भर जाता है। साथ ही दोनों की पूजा एक साथ करने से घर म सुख समृद्धि बनी रहती है और दुखो का निवारण होने लगता है।
नोट : ये सभी जानकारिया सोशल मीडिया द्वारा ली गयी है।
जानिए क्या है कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय ( चिड़ियाघर ) का इतिहास और जानिए इंदौर चिड़ियाघर में कौनसे तीन रंगो के जानवर देखने को मिलेंगे
फरीदाबाद ( पिंकी जोशी ) :- कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय, इंदौर में स्थित एक प्राणी उद्यान है और यह पूरी तरह से इंदौर नगर पालिका निगम के स्वामित्व वाली है। यह मध्यप्रदेश राज का सबसे बड़ा प्राणी उद्यान मन गया है और साथ ही एक सबसे पुराना प्राणी उद्यानों में भी है। इंदौर चिड़ियाघर नवलखा 4000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
यह इंदौर का सबसे बड़ा व सबसे पुराना चिड़ियाघर है। कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय 1974 में शुरू हुआ था। यह संग्रहालय पहले 17 एकड़ में फैला था, लेकिन 1999 में सभी इधर उधर के कैदी बाग की 34 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया। जिसके बाद इसका क्षेत्रफल बढ़कर 51 एकड़ हो गया है।
यह देश के 192 मान्यता प्राप्त चिड़िय़ाघरों में शामिल है। चिड़ियाघर मे दुनिया के विभिन्न भागों से विभिन्न प्रकार के जानवरों और पक्षियों को लाया गया है। चिड़ियाघर के प्रयास करने के लिए नस्ल सफेद बाघ, रॉयल बंगाल टाइगर, हिमालयन भालू और सफेद मोर सफल किया गया है। इंदौर चिड़ियाघर प्रजनन, संरक्षण और प्रदर्शनी के जानवरों, पौधों और उनके निवास के लिये एक केन्द्र भी है।
सेंट्रल जू अथॉरिटी के नियमों के हिसाब से जू की चार कैटेगरी मिनी, स्मॉल, मीडियम और लार्ज होती हैं। इंदौर का कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय स्मॉल कैटेगरी में आता है। इस कैटेगरी के 34 चिड़िय़ाघरों की शीर्ष दस की सूची में इंदौर दसवें नंबर पर है। इस संग्रहालय में व्हाइट टाइगर, रॉयल बंगाल टाइगर, हिमालयन भालू और सफेद मोर सहित दुनिया में सभी भागों में पाए जाने वाले 60 प्रजातियों के 600 जानवर और पक्षी हैं। यहां सेंट्रल जू अथॉरिटी के पहले चरण के मास्टर प्लान के हिसाब से व्हाइट टाइगर, लॉयन, हाथी आदि के पिंजरे बने हुए हैं।
इंदौर जू में तीन रंगो के टाइगर देखने को मिलेंगे जिसमे यलो, व्हाइट और ब्लैक रंग के टाइगर शामिल है। एनीमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत ओडिशा के नंदन कानन वन से व्हाइट औऱ ब्लैक टाइगर इंदौर लाए गए हैं। इसमें से व्हाइट टाइग्रैस को खुले बाड़े में छोड़ दिया गया है। यलो टाइगर पहले से ही चिड़ियाघर में मौजूद है। अभी कुछ दिनों के बाद ब्लैक टाइगर को भी खुले बाड़े में छोड़ दिया जाएगा। इसी के साथ यह प्रदेश का पहला ऐसा जू बन चूका है। जिसमें ब्लैक, व्हाइट और यलो तीनों रंगो के टाइगर मौजूद हैं।
52 एकड़ के क्षेत्र में फैले इंदौर जू में 72 प्रजातियों के 635 जानवर हैं। लॉक डाउन से पहले यहा पर्यटको की काफी भीड़ देखी जाती थी। हालाकि वैसे आम दिनों में यहां की औसतन चार हजार पर्यटक प्रतिदिन होते थे। लेकिन कोरोना के चलते अभी पर्यटकों की संख्या में कमी देखी जा रही है लेकिन जैसे जैसे कोरोना का खतरा टलता जाएगा,पर्यटकों की संख्या भी बढ़ने लग जाएगी।
नोट : सभी जानकारिया सोशल मीडिया द्वारा ली गयी है।