Friday, August 13th, 2021

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Posted by: | Posted on: August 13, 2021

मानव रचना शैक्षणिक संस्थान ने अपने 25वें साल में प्रवेश कर लिया है। रजत जयंती महोत्सव के खास मौके पर एजुकेशन लीडर्स समिट-2 का आयोजन किया गया। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर हिस्सा लिया

मानव रचना शैक्षणिक संस्थान में रजत जयंती महोत्सव

– स्मृति ईरानी ने बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर हिस्सा लिया

– बटरफ्लाई गार्डन का उद्घाटन और रजत जयंती लोगो का अनावरण

– एजुकेशन लीडर्स समिट-2 में कहा- स्किलिंग अंतिम लक्ष्य है

फरीदाबाद, 13 अगस्त। मानव रचना शैक्षणिक संस्थान ने अपने 25वें साल में प्रवेश कर लिया है। रजत जयंती महोत्सव के खास मौके पर एजुकेशन लीडर्स समिट-2 का आयोजन किया गया। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कैंपस में बटरफ्लाई गार्डन का उद्घाटन और 25 साल के लोगो का अनावरण भी किया। मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल के छात्रों ने मानव रचना रजत जयंती एंथम गाकर इस मौके को और खास बना दिया।

कार्यक्रम में एनएसडीसी के एक्स एमडी एंड सीईओ मनीष कुमार, मानव रचना शैक्षणिक संस्थान की संरक्षक सत्या भल्ला, अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला, उपाध्यक्ष डॉ. अमित भल्ला समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

इस दौरान स्मृति ईरानी ने एजुकेशन लीडर्स समिट के चैप्टर टू में छात्रों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा, जीवन आगे देखने के बारे में है; चुनौतियां आएंगी और परेशानी के अंत में एक सुंदर कल होगा। एक संतुलन खोजें, और आप पाएंगे कि आप क्या चाहते हैं। उन्होंने कहा, शिक्षा को लोकतांत्रिक बनाने के लिए, आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि यह हर बोली जाने वाली और ज्ञात भाषा में उपलब्ध हो। विकलांग बच्चों को दया की आवश्यकता नहीं है लेकिन एक ‘सबके लिए समान अवसर’  शिक्षा का आधार है जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। स्किलिंग अंतिम लक्ष्य है लेकिन शिक्षकों को शिक्षित करने की एक पूरी प्रक्रिया है।

दो दिवसीय एजुकेशन लीडर्स समिट चैप्टर टू शनिवार को ऑनलाइन आयोजित किया जाएगा, जिसमें बीस से ज्यादा ग्लोबल एजुकेशन लीडर्स शामिल होंगे।

Posted by: | Posted on: August 13, 2021

अगर आपने रखी है घर पर ये 3 चीज़े तो इनको तुरंत हटा दे , लाती है घर में नकारात्मक ऊर्जा

फरीदाबाद ( पिंकी जोशी ) : जैसे की आप सभी को पता ही है की हमारे जीवन में वास्तु का खास संबंध है। वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा कहा जाता है की अगर घर को सही तरीके से बनवाये और घर में शुभ चीजों को रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। घर में सभी लडाईओ और कलेश समाप्त हो जाते है। परिवार के लोगो के बीच आपसी तालमेल काफी अच्छा रहने लगता है। घर में एकजुटता का माहौल बनने लगता है। वहीं अगर वास्तु के अनुसार घर का निवारण नहीं किया गया है तो व्यक्ति को जीवन में कई मुस्किलो और कठिनाईओ का सामना करना पड़ता है।

वास्तु शास्त्र की माने तो कई ऐसी चीजें हैं, जिनको घर में कभी भी नहीं रखना शुभ नहीं माना जाता और अगर अपने ऐसी चीज़े को अपने घर पर रखा हुआ है तो यह आपके जीवन में कही परेशानियों को लेकर आती हैं। इनके घर में होने से परिवार के लोगो के बिच आपसी मेलमिलाप ख़राब होने लगता है और लड़ाई बढ़ने लगी है । घर का वातावरण ख़राब होने लगता है। व्यक्ति के बने बनाये कामो में रुकावट आने लगतीत हैं।

आइए जानते हैं वह कौन-कौन सी चीजें हैं जिन्हें घर में गलती से भी नहीं रखना चाहिए :-

  • ख़राब और जंग लगा हुआ ताला

अगर आपके भी नापने घरो में पुराने जंग लगे हुए ताले रखे हैं, तो उसे तुरंत घर से हटा दीजिए। वास्तु शास्त्र की माने तो घर के अंदर कभी भी जंग लगे हुए तालों को नहीं रखना चाहिए। इस तरीके के ताले को शुभ नहीं माना जाते है।

वही दूसरे तरफकहा जाता है कि नया ताला अच्छी किस्मत का प्रतीक होता है। वहीं पुराना खराब हो चुका ताला बुरी किस्मत का बैरा माना जाता है। तो ध्यान रखे कभी भी ऐसे चीज़े जिसमे जंग लग गयी हो ,उन्हें प्रयोग में न लाये और साथ ही ऐसी चीज़ो को घर पर न रखे। ऐसी चीज़े घर पर नहीं होगी तो आपके कामो में रुकावट नहीं आएगी और बिना किसी परेशानियों के आपको सभी कार्यो में सफलताएं भी मिलने लगेगी।

  • टूटी या बंद घडी

घर के अंदर बंद घड़ी और टूटी हुई घडी को नहीं रखना चाहिए। असा कहा जाता है कि बंद घडी रखना शुभ नहीं माना जाता है। और साथ ही यह हमारी तैरकी को भी रोक देता है। बंद घड़ी बदकिस्मती का प्रतीक होती है।

इससे व्यक्ति के जीवन में रुकावट आने लगती है। उसके बने हुए काम बिगड़ने लगते हैं। वास्तु में कहा गया है कि घर में बंद घड़ियों को रखने से व्यक्ति की किस्मत भी बंद हो जाती है और सभी कार्यो में रुकावट आने लगती है।

  • पुरानी रद्दी का ढेर

वास्तु शास्त्र के हिसाब से घर के भीतर कभी भी पुराने अखबार या रद्दी चीज़ो को नहीं रखना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि घर में पड़ा रद्दी का ढेर सदा नकारात्मक ऊर्जा का घर में प्रवेश करवाता है।

इससे परिवार के सदस्यों की तरक्की रुक जाती है और वह अपने जीवन में आगे बढ़ नहीं पाते , कई प्रयासों के बाद भी कार्य सफल नहीं हो पता। घर के लोगों को आर्थिक हानि उठानी पड़ती है। ऐसे में घर के भीतर कभी भी पुराने अखबारों के ढेर को नहीं रखना चाहिए।

नोट : सभी जानकारिया सॉइल मीडिया द्वारा ली गयी है।

Posted by: | Posted on: August 13, 2021

जानिए क्या है कलावा बांधने का सही तरीका और कलावा बांधते समय जरूर करे इस मंत्र का जाप

कलावा बांधना हिन्दू धर्म का एक अहम हिस्सा है। इसे कलाई में बांधा जाता हैं। किसी भी शुभ कार्य या पूजा की शुरुआत में कलावा बांधा जाता है। शास्त्रों के अनुसार माना गया है कि कलावा बांधने से देवताओं की कृपा आप पर बनी रहती है और उनकी आशिर्वाद मिलता हैं। कलावा किसी भी देवी देवता के नाम का बांधा जा सकता है। यह हमेशा संकट के समय रक्षा कवच का काम करता है। वहीं कलावा मंगलवार और शनिवार के दिन बदल जरूर देना चाहिए।

कलावे को बांधने का सही तरीका :-

कहा जाता है कि कलावे को कलाई पर 3 बार ही लपेटना चाहिए। 3 से ज्यादा बार लपेटने से इसका शुभ लाभ नही मिलता है। लड़को को और कन्याओं को हमेशा उल्टे हाथ में कलावा बांधना चाहिए। इसके साथ ही शादीशुदा स्त्रियों को सीधे हाथ में बांधना चाहिए। वहीं ध्यान रखना चाहिए कि कलावा बांधते समय हाथ की मुट्ठी बंधी होनी चाहिए , दूसरा हाथ सिर पर होना चाहिए और सिर पर चुन्नी या रुमाल होना चाहिए।

  • कलावा दो प्रकार का होता है। कलावा तीन धागों वाला और पाँच धागों वाला भी होता है। तीन धागों वाला कलावा लाल , पीला और हरे रंग का होता है। इसे त्रिदेव का कलावा भी कहा जाता हैं। वहीं पाँच धागों वाले कलावे में लाल , पीला हरा , नीला और सफेद रंग का धागा होता है। जिसे पंचदेव कलावा कहा जाता हैं।
  • कलावे को हाथ की कलाई पर बढ़ने से सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती हैं। कलावा बांधने से व्यक्ति को शक्तिशाली होने का अहसास होता है। उसे अपने अंदर से सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं उसका मन शांत रहता है और इधर उधर भटकता नहीं है। जिससे वह एक सही राह में चलता रहता है।

यह मंत्र का जाप जरूर करे :-

कलावा किसी बड़े या पंडित से बांधवाना शुभ होता है क्योंकि मंत्रों को पढ़ कर बांधे जाने से यह ज्यादा असर करता है। वैसे तो आजकल ऐसे कुछ लोग हैं जो अपने हाथ से ही कलावा बांध लेते हैं। लेकिन ऐसे में उन्हें कलावा बांधते समय यह मंत्र को जरूर पढ़ना चाहिए।
‘ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल :। तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल ।। ‘

नोट : ये सभी जानकारिया सोशल मीडिया द्वारा ली गयी है।