Thursday, February 24th, 2022

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Posted by: | Posted on: February 24, 2022

जेलों में बंद कैदियों की पैरोल को आसान बनाने को लेकर डीजीपी जेल को दिया शांडिल्य ने ज्ञापन

शांडिल्य ने की हरियाणा में जेल अधीक्षकों को वर्दी व बैल्ट अलॉट करने की मांग,गर्मी व सर्दी में बंदियो व कैदियों को खतरनाक रेंगने वाले जानवरों से बचाने को लेकर उचित प्रबंध करने की मांग

डीजी जेल ने शांडिल्य को दिया ज्ञापन में उठाई मांगों को पूरा करने का आश्वासन

डीजीपी जेल अकिल मोहम्मद को ज्ञापन देकर कहा कि जेलों में बन्दियो व कैदियों को यूपी व उत्तराखंड की तरह मुलाकातियों को आमने सामने बैठाकर करवाने की मांग

फरीदाबाद(विनोद वैष्णव ) | एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने हरियाणा की जेलों में कैदियों को मिलने वाली पैरोल व फरलो की शर्तों को आसान बनाने को लेकर हरियाणा के डीजीपी जेल अकिल मोहम्मद को ज्ञापन सौंपा l वीरेश शांडिल्य ने कहा कैदियों को जो पैरोल व फरलो दी जाती है उसमे कैदियों के परिजनों को भारी परेशानियाँ व दिक्कते आती है l पैरोल के लिए पहले छुट्टी कमिश्नर के पास जाती है फिर डीसी के पास जाती है फिर एसपी के पास जाती है फिर इलाका एसएचओ के पास जाती है और इसी तरह पटवारी व तहसीलदार व एसडीएम के पास जाती है और कई सरकारी कार्यालयों में जाने के बाद डीसी के समक्ष एक जमानती जिसके पास प्रॉपर्टी हो या फिर अपनी बैंक एफडी हो तब जाकर पैरोल मंजूर होती है l जो कैदी के साथ अन्याय है l एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने हरियाणा जेल महानिदेशक अकिल मोहम्मद से मांग की है कि वह पैरोल व फरलो के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू करें और साधारण जमानती पेश करने की प्रपोजल तैयार करें क्योंकि जो व्यक्ति जेल में बंद है उसका व उसके परिजनों का सम्पर्क समाज से टूट जाता है l वहीँ शांडिल्य ने कहा कि जिस तरह पंजाब व चंडीगढ़ की जेलों में जेल अधीक्षक वर्दी डालते है लेकिन हरियाणा की जेलों में वार्डन से लेकर डिप्टी सुपरिडेंट ही वर्दी डालते है जबकि जेल अधीक्षकों को भी बेल्ट व वर्दी अलॉट होनी चाहिए ताकि जेल में आने वाले हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के जजों सहित सरकार के उच्च अधिकारी मानव अधिकार आयोग से जुड़े शिष्टमंडल जेल अधीक्षक की पहचान कर सकें l अभी हरियाणा की जेलों में जेल अधीक्षक सिविल कपड़ों में रहते है l

ज्ञापन में वीरेश शांडिल्य ने कहा कि जेलों में अगर अधीक्षकों को वर्दी अलॉट होगी ना केवल स्टाफ में अनुशासन रहेगा बल्कि खाकी वर्दी से जेल के बंदी व कैदियों में भी अनुशासन रहता है l जेल के अधीक्षकों को तत्काल प्रभाव से वर्दी अलॉट करने को लेकर डीजीपी जेल अकिल मोहम्मद से एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने मांग की है l एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया सुप्रीमो वीरेश शांडिल्य ने कहा कि जिस तरह उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में जेलों में बन्दियो व कैदियों के परिजनों को जेल के अंदर आमने-सामने बैठकर मिलवाया जता है ऐसा ही सिस्टम हरियाणा सरकार जेलों में करें और वहीँ उन्होंने कहा कि जेलों में साधारण बंदियो व कैदियों के ब्लाक अलग बनाये जाए क्योंकि अभी हार्डकोर अपराधी व आम आदमी एक ही जगह बंद है जो उचित नहीं है l इसपर भी सरकार गंभीरता से सोचे और ज्ञापन में शांडिल्य ने मांग की है कि जो कैदी व बंदी जेल में अच्छा व्यवहार रखते है अच्छा आचरण करते है अपराध छोड़ने की तरफ बढ़ते है उन्हें जेल अधीक्षक की रिपोर्ट के आधार पर जमानत का कानून बनाने की प्रपोजल तैयार करें l

एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया सुप्रीमो वीरेश शांडिल्य ने ज्ञापन में कैदियों व बंदियो के जीवन को बचाने को लेकर भी बड़ी मांग की और कहा कि सर्दी-गर्मी व बरसात से बचने के लिए सरकार नई जेलें बनाएं अभी पुरानी जेलों में सलाखों के माध्यम से रेंगने वाले खतरनाक जानवर जो जानलेवा है वह कैदियों का नुक्सान कर सकते है उसको लेकर भी सरकार आधुनिक जेल बनाकर कैदियों के जीवन बचाने का काम करें l शांडिल्य ने वहीँ जेलों में सीएसडी कैंटीन बनाने की मांग की और वहीँ जेलों में नाश्ते में परांठ-दही,दोपहर को हरी सब्जी,दाल सालाद देने की मांग की और उन्होंने कहा कि जेलों में इसलिए भेजा जाता है कि अपराध करने वाले को समाज से दूर किया जाए ना कि उन्हें जेलों में प्रताड़ित किया जाए ना कि जेलों में उनके संवैधानिक,कानूनी व मानवधिकारों का हनन हो l इस अवसर पर डीजीपी जेल अकिल मोहम्मद ने ज्ञापन में उठाई मांगो को अहम बताया और कहा कि मांगो को गंभीरता से लिया जाएगा और वहीं डीजी जेल अकिल मोहम्मद ने एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य से कहा कि हरियाणा में आधुनिक सुविधायों से लैस जेलें बननी शुरू हो चुकी है लेकिन इस ज्ञापन के बाद भी उठाई मांगों को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा और पैरोल को कैसे आसान बनाया जा सकें इस पर फैंसला लिया जाएगा l वहीँ डीजी जेल अकिल मोहम्मद ने शांडिल्य की आतंकवाद के खात्मे के खिलाफ मुहिम की सराहना की l

Posted by: | Posted on: February 24, 2022

इंदौर सिर्फ स्वछता में ही नहीं , मदद में भी नंबर 1 है यह साबित कर दिखाया है इंदौर की संस्था “दानपात्र” ने

गरीब एवं असहाय लोगों की मदद के लिए 2018 में शुरू हुआ “दानपात्र” ऐप , अब तक बना 12 लाख से ज्यादा जरूरतमंद परिवारों का सहारा

इंदौर के स्टार्टअप “दानपात्र” से टेक्नोलॉजी का हो रहा अनोखा प्रयोग ,घर के पुराने सामान को उपयोग लायक बना , युवाओं की ये टीम पहुंचा चुकी अब तक लाखों बेसहारा परिवारों तक मदद साथ ही “वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड” द्वारा संस्था “दानपात्र” को सामाजिक कार्यों के लिए सर्टिफिकेट ऑफ़ कमिटमेंट से सम्मानित किया गया है

“दानपात्र” क्या है कैसे हुई इसकी शुरुआत ?

“दानपात्र” एक ऑनलाइन निःशुल्क प्लेटफॉर्म है जिसकी मदद से घरों में उपयोग में न आ रहे सामान जैसे कपड़े ,खिलोने ,किताबें ,जूते ,बर्तन इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स , फर्नीचर एवं अन्य सामान को कलेक्ट कर उपयोग लायक बना जरूरतमंद परिवारों तक पहुँचाया जाता है इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत 10 मार्च 2018 में की गयी थी जिससे अब तक सेवा कार्य कर 12.5 लाख से ज्यादा जरूरतमंद परिवारों तक मदद पहुंचाई जा चुकी है एवं लगभग 1 लाख से ज्यादा इंदौरवासी इस प्लेटफॉर्म से जुड़ चुके है इस प्लेटफॉर्म से 7 हजार से ज्यादा वालंटियर्स जुड़े हुए है जो अपना समय देकर सहयोग करते है “दानपात्र” की पारदर्शिता से कार्य करने की वजह से इंदौर के साथ साथ विदेशों से भी लोग सामान डोनेट कर रहे है “दानपात्र” के माध्यम से कोई भी व्यक्ति घर बैठे सिर्फ एक फ़ोन कॉल पर या “दानपात्र” ऐप में रिक्वेस्ट डालने पर सामान डोनेट कर सकता है “दानपात्र” टीम के सदस्यों द्वारा रिक्वेस्ट मिलने पर घर जाकर वह सामान कलेक्ट किया जाता है और फिर उसे फ़िल्टर कर जरूरतमंद परिवारों तक पहुँचाया जाता है साथ ही उसका फोटो, वीडियो “दानपात्र” के सोशल मीडिया पेजेस पर जाकर अपलोड कर दिया जाता है जिससे जिसने भी सामान डोनेट किया है वह देख सकें की उसका दिया सामान किस जरूरतमंद परिवार तक पहुंचा है | “दानपात्र” देने वाले और लेने वालों के बिच सेतु बनकर दोनों की ही मदद कर रहा है इससे घरों में उपयोग में न आ रहे सामान को फेंकने से बचा कर जरूरतमंद परिवारो तक पहुँचाकर उनकी मदद की जा रही है जिससे समाज में कई सकारात्मक बदलाव आ रहे है। संस्था के सदस्यों द्वारा कोरोनाकाल में भी बिना रुके सतत कार्य कर लगभग 50 हजार से ज्यादा जरूरतमंद परिवारों तक राशन किट एवं अन्य जरुरत का सामान पहुंचाकर उनकी मदद की गयी | टीम से जुड़े वालंटियर्स का कहना है की हमारे लिए यह बहुत जरूरी है कि हम समाज से कुछ ले रहे हैं तो उसके बदले में उसे क्या लौटा रहे हैं। और इस तरह का प्लेटफॉर्म मिलने से सही व्यक्ति तक मदद पहुँचाना बहुत ही आसान हो गया है और इस तरह के इनिशिएटिव से हम सभी को जुड़कर मदद के लिए जरूर आगे आना चहिये , “दानपात्र” से लगातार अलग अलग प्रोफेशन से जुड़े लोग वालंटियर्स के रूप में जुड़ते जा रहे है इनमे कई तो उच्च पदों पर पदस्थ अधिकारी है |

बेकार कुछ नहीं है

बेकार कुछ नहीं है बस जरुरत है की हमें पता होना चहिये की बेकार सामान को किस तरह उपयोग में लाया जा सकता है जो लोग पुराने सामान को बेकार समझ कर फेंक दिया करते है उनके लिए “दानपात्र” प्रेरणा है की किस तरह टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके पुराने सामान को रीसायकल कर लाखों लोगो की मदद की जा सकती है उनकी जिंदगी को बेहतर बनाया जा सकता है

आप भी जुड़ सकते है “दानपात्र” से

आप भी अपने उपयोग में न आ रहे पुराने सामान को डोनेट करके या फिर वालंटियर बनकर “दानपात्र” से जुड़ सकते है इसके
लिए आप “दानपात्र” के हेल्पलाइन नंबर 6263362660 ,7828383066 पर संपर्क कर सकते है

“दानपात्र” टीम द्वारा हाल ही में दिवाली के उपलक्ष्य में मिशन 251k पूरा किया गया

दिवाली के उपलक्ष्य में एवं कोरोना महामारी से प्रभावित परिवारों तक मदद पहुँचाने के उद्देश्य से संस्था “दानपात्र” के 5 हजार से ज्यादा वालंटियर्स द्वारा हाल ही में दिवाली के उपलक्ष्य में 1 ही दिन में इंदौर एवम इंदौर के बाहर के अलग अलग क्षेत्रों में रहने वाले जरूरतमंद परिवारों तक कपड़े ,राशन ,खिलौने ,किताबें ,जूते एवं घर का अन्य सामान पहुंचाकर लगभग 2.5 लाख जरूरतमंद परिवारों की मदद की गयी जिसके लिए “दानपात्र” का नाम एक्सक्लूसिव वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है इससे पहले भी संस्था के हजारों वालंटियर्स द्वारा स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में 1 ही दिन में 1.5 लाख जरूरतमंद परिवारों तक मदद पहुंचाई गई थी । हाल ही में टीम द्वारा 16 जनवरी को ठंड से परेशान हो रहे लगभग 1 लाख जरूरतमंद परिवारों तक कपड़े , राशन एवम अन्य जरूरत का सामान पहुंचाकर मदद की गई

Posted by: | Posted on: February 24, 2022

लिंगयाज विद्यापीठ में चल रही है क्राइम पट्रोल की शूटिंग

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | फरीदाबाद शहर और उसके आसपास के कई क्षेत्र इन दिनों फिल्मी मेकर्स के पसंदीदा जगह बन चुके हैं। कई प्राकृतिक इलाकों के बाद अब फरीदाबाद की कई लोकेशन पर शूटिंग की जा रही है। एक समय डेली कॉलेज निर्माता-निर्देशकों की पहली पसंद हुआ करते थे, लेकिन अब फरीदाबाद के लिंगयाज विद्यापीठ (डीम्ड-टु-बी) यूनिवर्सिटी में भी शूटिंग की जा रही है। छात्र-छात्राओं की पढ़ाई में कोई रूकावट ना हो इसी कारण शूटिंग केवल शनिवार और रविवार में हो रही है, लेकिन (BJMC) बैचलर इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के छात्र-छात्राओं को उनकी प्रैक्टिकल नॉलेज के चलते शूटिंग को देखने व समझने का मौका संस्थान द्वारा दिया गया है। ताकि वे इन बारिखियों से अवगत हो सके।


लिंग्याज ग्रुप के चेयरमैन डा. पिचेश्वर गड्डे का कहना है कि शूटिंग के लिए हमारी तरफ से उन्हें पूरा सहयोग दिया जा रहा है। बच्चों की पढ़ाई में कोई परेशानी ना हो इसी कारण छुट्टी के दिनों में शूटिंग रखी गई है। शूटिंग के चलते बच्चें अपनी पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पाते है। इसी के चलते केवल हफ्ते के दो दिन ही शूटिंग रखी गई है।
डाइरेक्टर दर्शन की रोल.. कैमरा… एक्शन की आवाज पर ही कलाकार अपने किरदारों में जान डालने में लगे है। सीरियल की कहानी दिल्ली बेस्ड मर्डर स्टोरी पर आधारित है। जिसके तीन एपिसोड शूट लिंग्याज विद्यापीठ में होंगे। आपको बता दे कि पहले एपिसोड का नाम भसमासुर व दूसरे एपिसोड का नाम पागलपन रखा गया, लेकिन तीसरे एपिसोड का नाम अभी फाइनल नहीं हुआ है। कहानी इंजीनियर स्टूडेंट पर आधरित होने के कारण प्रोडक्शन को एक ऐसे कॉलेज की तलाश थी जिसमें उनकी कहानी से संबंधित सभी दृश्यों का एक ही स्थान पर शूटिंग की जा सके। इसके लिए उन्होंने लिंग्याज विद्यापीठ को चुना।

Posted by: | Posted on: February 24, 2022

Shivam Thermopack(P)LTD.

Shivam Thermopack(P)LTD

Posted by: | Posted on: February 24, 2022

‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पर कराए पंजीकरण, 28 फरवरी तक बढ़ाई गई है अंतिम तारीख: डीसी जितेंद्र यादव

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : जिला उपायुक्त जितेंद्र यादव ने बताया कि ‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल’ पर रबी फसलों के पंजीकरण की तिथि को 28 फरवरी तक बढ़ाया गया है। उन्होंने जिला के किसानों से आह्वान करते हुए कहा कि जो किसान किन्हीं कारणों से अभी तक अपनी फसल का पंजीकरण नही करा पाएं हैं। वे आगामी 28 फरवरी तक अपनी फसलों का पंजीकरण अवश्य करा लें।

उपायुक्त ने कहा कि किसान कल्याण हेतु चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसानों का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। श्री यादव ने कहा कि फसल बिक्री के समय सरकार द्वारा केवल पोर्टल पर पंजीकृत किसान से ही खरीद की जाएगी, ऐसे में किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने व फसलों को सरकार द्वारा निर्धारित दाम पर बेचने के लिए जरूरी है कि जिला के किसान पोर्टल पर अपनी बोई गई रबी फसल का ब्यौरा दर्ज करा उसका पंजीकरण अवश्य करवाएं। उन्होंने कहा कि किसान द्वारा पोर्टल पर दर्शाई गई फसल का भौतिक सत्यापन भी करवाया जा रहा है। उपायुक्त ने पंजीकरण के अन्य फायदों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार के पास सभी किसानों का ब्यौरा आ जाने के बाद उन्हें मंडी बुलाना आसान हो जाता है। किसानों के मोबाइल नंबर पर मैसेज भेजकर बता दिया जाता है कि उन्हें मंडी में किस दिन और किस वक्त आना है।

उन्होंने बताया कि फसलों का पंजीकरण करवाने के लिए संबंधित किसान के पास परिवार पहचान पत्र का होना अनिवार्य है। किसान कोई जानकारी प्राप्त करने के लिए टोल फ्री नंबर 1800-180-2117 पर संपर्क कर सकते हैं। फसलों का पंजीकरण https://fasal.haryana.gov.in पोर्टल पर किया जा सकता है। किसान अपनी फसल का पंजीकरण पोर्टल पर जाकर स्वयं या कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से करवा सकते हैं।