Saturday, April 9th, 2022

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Posted by: | Posted on: April 9, 2022

चेतन शर्मा ने 15वें मानव रचना कॉरपोरेट क्रिकेट चैलेंज के ग्रैंड फिनाले में अपनी गरिमामयी उपस्थिति दी

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव): मानव रचना कॉरपोरेट क्रिकेट चैलेंज कप के 15वें संस्करण का भव्य समापन श्री चेतन शर्मा – पूर्व भारतीय क्रिकेटर और अध्यक्ष, वरिष्ठ चयन समिति, बीसीसीआई की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ। मारुति सुजुकी ने एडिडास के खिलाफ शानदार सिक्सर के साथ फाइनल मैच जीता। समापन के दौरान डॉ. प्रशांत भल्ला – अध्यक्ष, MREI; डॉ. संजय श्रीवास्तव – एमडी, MREI; सरकार तलवार – निदेशक,स्पोर्ट्स, MREI और मानव रचना के अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

डॉ. एम.एम. कथूरिया, ट्रस्टी MREI फाइनल मैच के उद्घाटन समारोह में विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने फ़िनलिस्ट्स को टूर्नामेंट के दौरान उनके शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी और उन्हें फाइनल के लिए शुभकामनाएं दीं।

एडिडास ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला किया। टीम ने 20 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 288 रन बनाए। मारुति सुजुकी की टीम ने 17.2 ओवर में 226 रन बनाकर मैच जीत लिया। मारुति सुजुकी टीम से गौरव सैनी को ‘मैन ऑफ द मैच’ घोषित किया गया, उन्हें टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ के रूप में भी  सम्मानित किया गया, टीम एचसीएल से हिमांशु वशिष्ठ सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ बने। टूर्नामेंट में एडिडास के योगेश राणा को टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया और जेसीबी क्रिकेट टीम ने ‘द फेयर प्ले’ ट्रॉफी जीती।

चैंपियंस ट्रॉफी को मारुति सुजुकी क्रिकेट टीम ने अपने नाम कर लिया

श्रोताओं को संबोधित करते हुए चेतन शर्मा ने डॉ ओ पी भल्ला के समय से मानव रचना के साथ अपने लंबे जुड़ाव को याद किया और साझा किया कि मानव रचना उनके लिए एक परिवार की तरह है। उन्होंने कहा, “क्रिकेट के मैदान पर वापस आना हमेशा खुशी की बात होती है और मैं मानव रचना के मैदान की प्रशंसा करता हूं क्योंकि यहां का क्रिकेट मैदान इस तरह के टूर्नामेंट के लिए अति उत्तम है।”

इस साल दिल्ली-एनसीआर के 28 प्रमुख कॉरपोरेट ने टूर्नामेंट में हिस्सा लिया जिनमें आज तक (दिल्ली) सहित हीरो मोटोकॉर्प (गुरुग्राम); मारुति सुजुकी (गुरुग्राम); जेसीबी इंडिया लिमिटेड (बल्लभगढ़); एस्कॉर्ट्स कंस्ट्रक्शन एंड इक्विपमेंट लिमिटेड (फरीदाबाद); एसीई (फरीदाबाद); होंडा कार (ग्रेटर नोएडा); सर्वोदय अस्पताल (फरीदाबाद); एनएचपीसी (फरीदाबाद); होंडा मोटरसाइकिल (गुरुग्राम); भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (दिल्ली); आईआईएफएल-वेल्थ (दिल्ली); एडिडास (गुरुग्राम); मेटाफैब (फरीदाबाद); टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़; मीडिया XI; वेव इंफ्राटेक; इंडियन ऑयल (आर एंड डी); नॉर-ब्रेमसे (पलवल); एक्सेंचर, केपीएमजी, डाबर इंडिया और मानव रचना एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस (फरीदाबाद); एचडीएफसी बैंक (दिल्ली), गेट्स इंडिया, एसईसी-आरजेएमटी इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड, एकॉर्ड अस्पताल और एचसीएल (नोएडा) शामिल थे।

मानव रचना के 15वें कॉरपोरेट क्रिकेट टूर्नामेंट में कुल 55 मैच खेले गए जिसमें 7 समूहों में टीमों को विभाजित किया गया तथा प्रत्येक समूह में 4-5 टीमें थी। पहले चरण में लीग मैच खेले गए जिसके बाद नॉकआउट मैच, क्वार्टर फाइनल, और सेमिफाइनल मैच हुए।

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चेतन शर्मा ने 15वें मानव रचना कॉरपोरेट क्रिकेट चैलेंज के ग्रैंड फिनाले में अपनी गरिमामयी उपस्थिति दी

फरीदाबाद(विनोद वैष्णव )| मानव रचना कॉरपोरेट क्रिकेट चैलेंज कप के 15वें संस्करण का भव्य समापन चेतन शर्मा – पूर्व भारतीय क्रिकेटर और अध्यक्ष, वरिष्ठ चयन समिति, बीसीसीआई की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ। मारुति सुजुकी ने एडिडास के खिलाफ शानदार सिक्सर के साथ फाइनल मैच जीता।

समापन के दौरान डॉ. प्रशांत भल्ला – अध्यक्ष, MREI; डॉ. संजय श्रीवास्तव – एमडी, MREI; सरकार तलवार – निदेशक,स्पोर्ट्स, MREI और मानव रचना के अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे

डॉ. एम.एम. कथूरिया, ट्रस्टी MREI आज फाइनल मैच के उद्घाटन समारोह में विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने फ़िनलिस्ट्स को टूर्नामेंट के दौरान उनके शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी और उन्हें फाइनल के लिए शुभकामनाएं दीं।

एडिडास ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला किया। टीम ने 20 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 288 रन बनाए। मारुति सुजुकी की टीम ने 17.2 ओवर में 226 रन बनाकर मैच जीत लिया। मारुति सुजुकी टीम से गौरव सैनी को ‘मैन ऑफ द मैच’ घोषित किया गया,उन्हें टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ के रूप में भी सम्मानित किया गया, टीम एचसीएल से हिमांशु वशिष्ठ सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ बने। टूर्नामेंट में एडिडास के योगेश राणा को टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया और जेसीबी क्रिकेट टीम ने ‘द फेयर प्ले’ ट्रॉफी जीती।

चैंपियंस ट्रॉफी को मारुति सुजुकी क्रिकेट टीम ने अपने नाम कर लिया।

श्रोताओं को संबोधित करते हुए चेतन शर्मा ने डॉ ओ पी भल्ला के समय से मानव रचना के साथ अपने लंबे जुड़ाव को याद किया और साझा किया कि मानव रचना उनके लिए एक परिवार की तरह है। उन्होंने कहा, “क्रिकेट के मैदान पर वापस आना हमेशा खुशी की बात होती है और मैं मानव रचना के मैदान की प्रशंसा करता हूं क्योंकि यहां का क्रिकेट मैदान इस तरह के टूर्नामेंट के लिए अति उत्तम है।”

इस साल दिल्ली-एनसीआर के 28 प्रमुख कॉरपोरेट ने टूर्नामेंट में हिस्सा लिया जिनमें आज तक (दिल्ली) सहित हीरो मोटोकॉर्प (गुरुग्राम); मारुति सुजुकी (गुरुग्राम); जेसीबी इंडिया लिमिटेड (बल्लभगढ़); एस्कॉर्ट्स कंस्ट्रक्शन एंड इक्विपमेंट लिमिटेड (फरीदाबाद); एसीई (फरीदाबाद); होंडा कार (ग्रेटर नोएडा); सर्वोदय अस्पताल (फरीदाबाद); एनएचपीसी (फरीदाबाद); होंडा मोटरसाइकिल (गुरुग्राम); भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (दिल्ली); आईआईएफएल-वेल्थ (दिल्ली); एडिडास (गुरुग्राम); मेटाफैब (फरीदाबाद); टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़; मीडिया XI; वेव इंफ्राटेक; इंडियन ऑयल (आर एंड डी); नॉर-ब्रेमसे (पलवल); एक्सेंचर, केपीएमजी, डाबर इंडिया और मानव रचना एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस (फरीदाबाद); एचडीएफसी बैंक (दिल्ली), गेट्स इंडिया, एसईसी-आरजेएमटी इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड, एकॉर्ड अस्पताल और एचसीएल (नोएडा) शामिल थे।

मानव रचना के 15वें कॉरपोरेट क्रिकेट टूर्नामेंट में कुल 55 मैच खेले गए जिसमें 7 समूहों में टीमों को विभाजित किया गया तथा प्रत्येक समूह में 4-5 टीमें थी। पहले चरण में लीग मैच खेले गए जिसके बाद नॉकआउट मैच, क्वार्टर फाइनल, और सेमिफाइनल मैच हुए।

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फरीदाबाद के मशहूर उद्योगपति और प्रमुख समाजसेवी अरुण बजाज को नव-उदय राजस्थान फाउंडेशन ने किया सम्मानित

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : फरीदाबाद के उद्योगपति और प्रमुख समाजसेवी अरुण बजाज को नव-उदय राजस्थान फाउंडेशन द्वारा समाज के लिए उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया है। कार्यक्रम का आयोजन हंसराज काॅलेज सभागार नई दिल्ली मे किया गया ।   राजस्थान फाउंडेशन द्वारा आयोजित 73वे राजस्थान दिवस के उपलक्ष्य मे प्रबुद्ध-वर्ग मिलन एवं सम्मान समारोह में मुख्यातिथि के रूप में राजस्थान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया मौजूद रहे। वही विशेष अतिथि ऐके भागी अध्यक्ष और क्षेत्रीय संगठन मंत्री एबीवीपी आनद श्रीवास्तव एवं हंसराज काॅलेज की प्राचार्य प्रो.रामा मौजूद रहे। इस मौके पर राजस्थान प्रदेश का  नाम रोशन कर अन्य प्रदेशों में निष्काम भाव से  लोगों की सेवा करने वाले प्रभुत्व लोगो को सम्मानित किया गया। जिसमें फरीदाबाद के उद्योगपति और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से जुड़े अरुण बजाज का भी नाम  प्रमुख रूप से शामिल रहा।

कार्यक्रम में राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा कि राजस्थान प्रदेश के लोग काफी संख्या में दिल्ली एनसीआर के अंदर रहते है। लग्न और कठिन परिश्रम द्वारा आज हर क्षेत्र में  आगे बढ़ते हुए प्रदेश का नाम रोशन कर रहे है। समाज के जरूरतमंद लोगों की सेवा करने के लिए हमेशा आगे आते रहे है। इसके लिए में आप सभी को बधाई देता हूं। इस मौके पर श्री अरुण बजाज जी ने कहा कि श्री पूनिया जी जैसे मृदुभाषी एवं बहुत ही सरल स्वभाव के उच्कोटी के विद्वान से मिलना और सम्मानित होना उनके लिए बड़े ही गर्व की बात है। यह सम्मान उनका  नही बल्कि पूरे फरीदाबादवासियों का है ।


श्री अरुण बजाज जी ने कहा कि समाज के अंतिम छोर तक सेवा के कार्य हो सकें यही उनकी इक्छा है। इस मौके पर राजस्थान एसोसिएशन के अध्यक्ष मधुसूदन लड्डा , भरत देवासी खटाना, DU के Asst.prof. राधेश्याम , CA विजय चौधरी , मधेन्द्र प्रताप सिंह, भवानी कुमावत, अभिषेक, बनवारी कस्बों, राहुल गुर्जर, सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। 

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रामनवमी यज्ञ महोत्सव प्रारंभ (प्रथम-दिवस) आत्मज्ञान प्राप्त कर आत्मोत्थान के मार्ग पर प्रशस्त हो जाओ और आत्मोद्धार कर लो

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : सतयुग दर्शन ट्रस्ट का वार्षिक रामनवमी यज्ञ महोत्सवभूपानी स्थित सतयुग दर्शन वसुंधरा पर प्रात: ८.०० बजे सतवस्तु के कुदरती ग्रन्थ व रामायण के अखंड पाठ के साथ आरंभ हुआ। आरम्भिक विधि के उपरांत सत्संग के दौरान ट्रस्ट के मार्गदर्शक श्री सजन जी ने बड़े ही उत्कृष्ट व सुन्दर ढंग सेउपस्थित सजनों को कहा कि मानव जीवन बड़ा अनमोल है। एक विशिष्ट उद्देश्य के निमित्त इस जीवन का धरती पर प्रार्दुभाव हुआ है। वह उद्देश्य है-समभाव-समदृष्टि की युक्ति अनुसार सर्वव्याप्त निज परमात्म स्वरूप की पहचान करउसी के निमित्त व उसी के हुक्मानुसार निष्काम व सजन भाव से इस चराचर जगत की सेवा करना व इस प्रकार अपने मन-वचन-कर्म द्वारा सत्य को धर्मसंगत प्रतिष्ठित करअन्यों को भी तद्‌नुरुप सदाचरण अपनाने के लिए प्रेरित करते हुए परोपकार कमाना। उन्होंने कहा कि यदि गहनता से देखा जाए तो इस उद्देश्य पूर्ति को जीवन की एकमात्र आवश्यकता बनाना और तद्‌नुरूप क्रियाशील होना हमारा सर्वप्रथम कर्त्तव्य है।

इस संदर्भ में जिस प्रकार लक्ष्यभेद के लिए तीर को सही दिशा में छोड़ना आवश्यक होता है उसी तरह जीवन प्रयोजन को केन्द्र बिन्दु मानकर इसकी प्राप्ति हेतु सफलता-विफलता के भाव से मुक्त होकरपूरी लगननिष्ठा व शक्ति से उत्साहपूर्वक यथासंभव निरंतर प्रयास करना यानि समय का सदुपयोग करते हुए दृढ़ता व कर्मठता से जुटना अनिवार्य होता है। यह अनिवार्यता हमसे कर्त्तापन के अभिमानसांसारिकतामोह-माया व आत्मसुखों के त्याग की अपेक्षा करती है ताकि हम मैं-मेरातथा मानसिक दासता यानि अपने मन तथा इन्द्रियों की परिवर्तनशीलक्षणभंगुरनाशवान लौकिक सत्ता से ऊपर उठकर अपनी पारलौकिक यानि चिरंतन शाश्वत सत्ताउसकी अगाध शक्तियों व दिव्य गुणों को पहचाने। इसके लिए हमें आत्मज्ञान प्राप्त कर आत्मोत्थान/आत्मोन्नति के मार्ग पर प्रशस्त हो आत्मोद्धार करना होगा। वस्तुत: यही हमारे जीवन का ध्येय भी है जिसकी पूर्ति के निमित्त  समस्त जप-तपपूजा-पाठभजन-बन्दगीसत्संग-संयमआराधना-उपासना व नीति-नियमों की पालना की जाती है और आत्मशोधन द्वाराअपने भीतर की गहराइयों में प्रविष्ट होकर परम शांति व आनन्द के स्थायीशाश्वतअमर और अनंत स्रोत के साथ एकाकार होने का प्रयास किया जाता है।

सजन ने आगे कहा कि नि:संदेह समभाव-समदृष्टि के स्कूल में कराई गई आत्मिक पढ़ाई द्वारा भी जीवन के इस प्रधान लक्ष्य को आत्मसात्‌ कर अपना जीवन सकार्थ करने के प्रति निरंतर प्रेरित किया जा रहा है परन्तु जैसा कि कहते हैं कि अंधकार में तीर छोड़ने पर लक्ष्यभेद करना संभव नहीं हो पाता उसी प्रकार पर्याप्त सूझबूझदृढ़ताएकाग्रचित्तता व मननकारी के अभाव में हम अज्ञानीआदत से मजबूर होकरद्वि-द्वेषआलस्यनिद्राकलहवाद-विवादवैभवऐश्वर्यमान-मर्यादाझूठी शान-ओ-शौकतप्रतिस्पर्धाआमोद-प्रमोद व अनेकानेक व्यसनों में समय बरबाद करने के कारण अपने लक्ष्य को नहीं भेद पाते और विघ्न उपस्थिति होते ही तुरंत विचलित हो जाते हैं। परिणामत: प्रयत्न को अधूरा छोड़ उद्देश्य पूर्ति से वंचित रह जाते हैं यानि दुर्लभ मानव जीवन पाकर भी असली मकसद को प्राप्त करने का अवसर खो बैठते हैं। यहाँ उन्होंने अपनी बात पर बल देते हुए उपस्थित सजनों को समझाया कि इस अनमोल मानव जीवन को प्राप्त कर उसे सँवारने का अवसर बार-बार हाथ नहीं आता और जो जन्म जन्मंतरों के पश्चात्‌ आए अवसर को असावधानी या अचेतनता के कारण गँवा बैठता है वह मूर्ख बाद में पछताता है।

सजन ने कहा कि आप उपस्थित सजनों में से किसी के साथ ऐसा न हो इस हेतु आवश्यक पुरुषार्थ दिखाकर समय रहते ही आत्मज्ञान प्राप्त करआत्मोद्धार करने की महत्ता को समझो और जानो कि प्रत्येक व्यक्ति अपना उद्धार स्वयं आप ही यानि अपने आत्मिक बल की सहायता से कर सकता है। कोई बाह्य साधन इसमें कारगर सिद्ध नहीं हो सकता। अत: आत्मोद्धार की प्रबल चाहनावैराग्यअनुशासन और सतत अभ्यास के बल पर यानि अपने सहायक स्वयं बनकरअपने आश्रय पर आपसमभाव-समदृष्टि की युक्ति प्रवान करआत्मविश्वास के साथ मैं-तूं के भाव से ऊपर उठ सजन भाव अपना लो और सम्पूर्ण मानव जाति को एकता के सूत्र में बाँध दो। इस प्रकार मोह-माया के बंधन तोड़ यानि अपने मन अपनी इन्द्रियोंअपनी इच्छाओं/कामनाओं पर नियन्त्रण स्थापित करजीवन के तमाम झमेलोंविपरीत परिस्थितियों व अंतर्निहित बुराईयों पर विजय पा मोक्ष प्राप्त कर लो।

सजन ने कहा कि मानो यही मुक्ति सर्वश्रेष्ठ है व परम संतोष व शांति की प्राप्ति का अमोघ साधन है। इसी की प्राप्ति होने पर जीवन सार्थक प्रतीत होता है। अतैव अपने आप पर विश्वास यानि परमात्मा में विश्वास को विजय प्राप्ति का सबसे बड़ा सम्बल मान हिम्मत से ऊपर उठो और अविलम्ब सद्‌ज्ञान प्राप्त करने का पुरुषार्थ दिखाओ। इस तरह अपने आपअपने अज्ञान का नाश कर अपनी वृत्तिस्मृतिबुद्धि व भावों के ताणे-बाणे को निर्मल बना जगत में विचार ईश्वर अपना आप के भाव से विचरते हुए इस परम लक्ष्य को पा अपना जीवन सफल बना लो।

संस्था की प्रबन्धक न्यासी रेशमा गांधी ने बताया कि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी रामनवमी महायज्ञ  में काफी संख्या में श्रद्धालु देश-विदेश से भाग लेंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शहर के प्रमुख रेलवे-स्टेशनों एवं बस-अड्‌डों से भक्तजनों के लिए हर आधे घंटे में स्पेशल बसों का भी इंतजाम किया गया है। श्रद्धालुओं के रहनेखाने-पीने व अन्य सुविधाओं के प्रबंधन हेतु २०० से भी अधिक स्वयं सेवक कार्यरत हैं।

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विशाल शोभायात्रा का आयोजन कर दिया गया आत्मज्ञान प्राप्त करने का आवाहन

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : रामनवमी-यज्ञ महोत्सव के शुभारंभ की पूर्व संध्या पर सतयुग दर्शन वसुन्धरागाँव भूपानीफरीदाबादमें दिनांक 06/04/2022 को भव्य शोभायात्रा निकाली गई। इस शोभायात्रा में श्रद्धालुओं ने हजारों की संख्या में सम्मिलित हो पूर्ण हर्षोल्लास के साथअद्‌भुत नजारे का आनंद उठाया। इस अवसर पर शोभा-यात्रा जब समभाव-समदृष्टि के स्कूल ‘ध्यान-कक्ष’’ में पहुँची तो वहाँ ट्रस्ट के मार्गदर्शक श्री सजन जी ने सर्वप्रथम सब को रामनवमी यज्ञ की मुबारकबाद देते हुएसमय अनुसार जीवन में आत्मज्ञान प्राप्त करतद्‌नुरूप अपने आचारविचार व व्यवहार को ढालने का महत्व स्पष्ट किया।

इस संदर्भ में उपस्थित सब सजनों को सम्बोधित करते हुए उन्होने कहा कि एक आत्मज्ञानी सबसे बुद्धिमान होता है और बुद्धि अनुसार ही इंसान की गति होती है। अत: बौद्धिक स्तर को यथार्थ ज्ञान से भरपूर करने हेतुहर मानव का फर्ज बनता है कि वह आत्मउद्धार हेतु आत्मिक ज्ञान प्राप्त अवश्य करे क्योंकि एक आत्मज्ञानी ही अपने आप को जगत में विचरते समय मुक्त समझता है। नतीजा उसे अंत में निश्चित रूप से मुक्ति प्राप्त होती है। इस प्रकार वह जीवन भर आत्मस्मृति में बने रहते हुए जो भी करता है वह परमेश्वर की शास्त्रविहित आज्ञाओं के अनुसार ही करता है। इसके विपरीत सांसारिक बुद्धि वाला इंसानबद्ध होता है यानि वह अपने आप को बंधनमान समझता है। आशय यह है कि वह पराधीन होता है इसलिए स्वतन्त्र रूप से वह अपने मनबुद्धि व कर्म द्वारा कुछ भी सार्थक नहीं कर पाता। नतीजा सब गड़बड़ हो जाता है क्योंकि वह जिस कारज हेतु उसे यह मानव जीवन मिला है उस कारज को जीवन काल में सिद्ध कर आत्मउद्धार नहीं कर पाता और जन्म मरण की त्रास भुगतता है। इस तरह वह जीवन हार जाता है। उन्होने आगे कहा कि मानव चोला पाने के उपरान्तहमें इस दुर्दशा को प्राप्त नहीं होना यानि हमें विजयी होना ही होना है जिसके लिए आवश्यकता है आत्मज्ञान प्राप्ति की।

आत्मिक ज्ञान इसलिए क्योंकि आत्मज्ञान ही इंसान को वास्तविकता पूर्ण जीवन जीने की कला सिखाता है जिसके परिणामस्वरूप इंसान जीवन में सुकर्म करता हुआहर पल निर्विकारी अवस्था में सधा रहता है। यहाँ सजनों ज्ञात हो कि जहाँ निर्विकारता है वहाँ आत्मा में जो परमात्मा शोभित है उसका नित्य साक्षात्‌ दर्शन होता है। ऐसा इंसान फिर सहज ही ‘ईश्वर है अपना आप‘ के विचार पर खड़ा हो जाता है और एक सतयुगी इंसान की तरह अपना जीवन कारज सिद्ध कर अपने सच्चे घर पहुँच विश्राम को पाता है। सो सजनों जिस कारज की सिद्धि हेतु आपको जन्म जन्मांतरों उपरान्त यह मानव चोला मिला हैआत्मज्ञान द्वारा उस कारज को सिद्ध करने का पुरुषार्थ दिखाअपने सच्चे घर की भाल करो। मतलब यह है कि संसार में मत उलझो अपितु परमार्थ के रास्ते पर आगे बढ़ते हुएआनन्द से जीवन बिताओ। यह है सजनों वास्तविकता पूर्ण जीवन जीना और जो करने आए हो उसे वास्तविकता पूर्ण सिद्ध करईश्वर के कर्त्तव्यपरायण सुपुत्र यानि श्रेष्ठ आत्मा कहलाना। ऐसी सुरत फिर ईश्वर को प्यारी होती है। जानो सजनों जहाँ ऐसा निष्काम प्यार होता है वहाँ दूरी नहीं होती वहाँ आत्मा-परमात्मा का संग सदा बना रहता है और इंसान उसी इलाही शान अनुसार इस जगत में प्रसन्नतापूर्वक विचरता है।

सो हमे वास्तविकता व काल्पनिक जगतइन दोनो का भेद समझना है। जानो जो काल्पनिक है वह असत्य है। इसके विपरीत वास्तविकता सत्य है। एक बुद्धिमान आत्मिक ज्ञानी ही भ्रमरहित होकर इस काल्पनिक जगत व वास्तविकता के भेद को समझ पाता है। अत: दृढ़ संकल्प होकर आत्मज्ञान प्राप्त करो और उसे विधिवत्‌ जीवन में कुदरती रीति-नीति से व्यावहारिक तौर पर लागू करसजनता के प्रतीक बन जाओ। जानो आत्मज्ञान ही जीवन का सत्य बोध कराने में सक्षम है। इसी के द्वारा सुमतिवान बनइस जगत में निर्लिप्तता से निर्दोष जीवन जीने के काबिल बन पाओगे और अंतर्मन व सम्पूर्ण जगत में छाया अंधकार मिटा प्रकाशमान हो पाओगे। इस प्रकार सब द्धि-द्वेष मिट जाएगा और मन शांतबुद्धि तीक्ष्ण व चित्त प्रसन्न हो उठेगा। ऐसा होने पर ख़्याल-ध्यान कही नहीं बिखरेगा अपितु वह एकाग्रता से परमात्मा के चरणों में स्थित रहेगा।

नतीजा ईश्वर ऐसे पराक्रमी भक्त को संसारी व परमार्थी दोनों राज्य दे देंगे। इस उपलब्धि के दृष्टिगत सजनों बौद्धिक विकास हेतु आप तो आत्मज्ञान प्राप्त करो ही साथ ही अपने परिवारजनों व संगी साथियों को भी इस अनुकूल व्यवहार में लाने के लिए प्रेरित करो ताकि उच्च बुद्धिउच्च ख़्याल व उच्च विचार हो एकमतता से जीवन जी सको और ए विध्‌ श्रेष्ठता के प्रतीक बन सको। जानो श्रेष्ठता का प्रतीक ही मानव रूप में ईश्वर की सर्वोत्कृष्ठ कृति होने की सत्यता को सिद्ध कर सकता है और ईश्वर को प्रसन्न कर चराचर जगत में एकरूपता का दर्शन कर दर्शन नाल दर्शन हो परमधाम का नजारा देख सकता है। अंत में उन्होंने सभी उपस्थित सजनों से करबद्ध प्रार्थना की गई कि आत्मिक ज्ञान प्राप्त कर सब ऐसे बनोहाँ ऐसे बनो और ऐसे बनकर आत्म उद्धार करो व अक्षय यश कीर्ति प्राप्त कर लो।