Friday, July 29th, 2022

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Posted by: | Posted on: July 29, 2022

हरियाणा राज्य स्तरीय अंडर सेवंटीन टेनिस बॉल क्रिकेट टूर्नामेंट में सूरज स्कूल सेक्टर 56 गुरुग्राम ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया

फरीदाबाद (विनोद वैंष्णव) : गुरुग्राम पानीपत में आयोजित दसवें हरियाणा राज्य स्तरीय अंडर सेवंटीन टेनिस बॉल क्रिकेट टूर्नामेंट में सूरज स्कूल सेक्टर 56 गुरुग्राम ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। टीम के कप्तान वरीक देशवाल (12वीं कक्षा विज्ञान संकाय) और उपकप्तान संतोष कुमार (12वीं कक्षा विज्ञान संकाय) के नेतृत्व में टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता में धैर्य ने कुल 14 विकेट लेकर टीम की जीत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सूरज स्कूल सेक्टर 56 के निम्न खिलाड़ियों कप्तान, 1) वरिक देशवाल, 2) उपकप्तान संतोष कुमार, 3) धैर्य चौधरी, 4) प्रतीक, 5) दीपक, 6) समीर यादव, 7) ईश्वर कुमार राउत, 8) पीयूष, 9) आकाश सेन, 10) लव वर्मा, 11) लोकेंद्र, 12) मनीष भामला, 13) अंकित कुमार, 14) ध्रुव भाटला, 15) कुणाल चौहान में से 6 खिलाड़ी जूनियर नेशनल टेनिस बॉल क्रिकेट चैम्पियनशिप में चुन लिए गए हैं।

Posted by: | Posted on: July 29, 2022

पूल कम्पस में लिंग्याज विद्यापीठ के छात्र-छात्राओं को मिला 8 लाख तक का पैकेज

फरीदाबाद(विनोद वैष्णव )। नचौली गांव में स्थित लिंग्याज विद्यापीठ (डीम्ड-टु-बी यूनिवर्सिटी) में पूल कम्पस का आयोजन किया गया। संस्थान की ओर से आयोजित इस पूल कम्पस में 4 नामचीन कंपनियों ने अपनी भागीदारी दी। अलग-अलग कॉलोजों के 70 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। कंपनियों ने लिखित परीक्षा, साक्षात्कार व समूह चर्चा के बाद लिंग्याज के 20 छात्र-छात्राओं का चयन किया।
एडवांस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, रावल इंस्टीट्यूट, सतयुग दर्शन इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलॉजी व टेक्नीकल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज के कॉलेज इसमें शमिल हुए। ग्रेजुएशन, फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को इस ड्राइव में शामिल होने का मौका मिला।


प्लेसमेंट में 2.4 से 8 लाख तक का पैकेज छात्रों को दिया गया।
स्टर्निंग टुल्स में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के करण अदलक्खा और सुरज सिंह को 2.4 का पैकेज दिया गया। न्यूजैन सोफ्टवेयर टेक्नॉलॉजी लिमिटेड ने चयन किए गए छात्रों को 4.25 का पैकेज दिया। वही वेल्थ क्लीनिक प्राइवेट लिमिटेड ने 4 लाख का पैकेज दिया। जिसमें BMI के आयुष पांडे, BBA के भाविष कोंडल, D-Pharm के दिपेश गोला, BBA के सत्यम, B.Com से भुवनेश कुमार का चयन किया गया। सनस्टोन एडुवर्सिटी ने 8 लाख CTC पर कई योग्य छात्रों का चयन हुआ। CSE की विदिशा अत्री, ECE से गायत्री सुब्रमण्यम और बिरपाहुल सिंह, मैकेनिकल इंजीनियरिंग से प्रभाकर अग्रवाल के अलावा कई और अन्य छात्रों का चयन हुआ। वाइस चांसलर प्रो (डॉ). जी.जी. शास्त्री सभी चयनित छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहाकि पढ़ाई पूरी होते ही नौकरी के लिए चयन होना बड़ी उपलब्धि है। आशा है बच्चों की मेहनत रंग लाए और आने वाले समय में उनका और लिंग्याज का नाम बुलंदी छुए।

Posted by: | Posted on: July 29, 2022

हरियाली तीज एवं रक्षाबंधन पर घेवर का क्या महत्त्व है / जानिए क्यों है श्री बीकानेर मिष्ठान भंडार का घेवर अन्य घेवर से स्वादिष्ट

फरीदाबाद (पिंकी जोशी ): सावन के महीने में सावन की प्रसिद्ध मिठाई घेवर की सोंधी -सोंधी महक हलवाईयों की दुकानों की तरफ खींच ही ले जाती है। सावन का महीना आते ही बाजारों की रौनक बढ़ने लगी है। घेवर व अन्य पकवानों की दुकानें सज गई हैं। सावन का पर्व शुरू होते ही लोग भी घेवर व अन्य मिष्ठान खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके चलते ही लोग इस माह में ज्यादातर घेवर की मिठाईयों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं और इनका स्वाद चख कर आनंद लेने से पीछे नहीं हट रहे हैं। सावन का महीना शुरू होते ही एक ओर जहां लोगों को गर्मी व लु से निजात मिलती है वहीं घेवर का भी स्वाद लेते हैं। तीज का पर्व होने के कारण यह महीना विशेष महत्व रखता है। तीज पर लोग अपने सगे संबधियों व लडकियों को संधार में घेवर भेज कर उनकी खुशियों में शामिल होते हैं। वहीं बहने भी अपने भाईयों को तीज देने पर उनकी दीर्घायु की मंगलकामनाएं करते हैं। वहीं बाजारों में भी तीज की रौनक लौट आती है। बाजार फिरनी व घेवर की दुकानों से सज जाते हैं। लोग सहज ही इन दुकानो की तरफ आकर्षित हो जाते हैं।

सावन में घेवर क्यों बनता है ?

सावन का मौसम सबसे बरसाती का मौसम होता है जिसके कारण मौसम में नमी होती है इसलिए घेवर भी बहुत नमी वाला बनता है। बस सावन में ही घेवर बनता है अगर और मौसम में घेवर बनाया गया तो घेवर ज्यादा हार्ड बनेगा और वो खाया नहीं जाएगा टेस्ट भी नहीं आएगा ।

श्री बीकानेर मिष्ठान भंडार में तीन प्रकार के घेवर है :

  • प्लेन घेवर
  • केसर मलाई घेवर
  • मलाई घेवर

वही बात करे मलाई घेवर की तो 580 रुपए किलो है और केसर मलाई घेवर 600 रुपए किलो है

कैसे बनाया जाता है घेवर :

घेवर को शुद्ध देसी घी और मैदे में मिलाकर पकाया जाता है और इसे बनाने में अनोखी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। जब भी वह ठंडा हो जाता है तो उसे चासनी में डुबोया जाता है और फिर इसे इस पर कटे हुए मेवे और केसर से सजाया जाता है।

घेवर का नाम घेवर क्यों है ?

मुनि राज महाराज का कहना है कि पहले 3,4 दिन मेदा रखी होती थी। और उसमे पॉजिटिव वाले कीड़े पड़ जाते थे घर में कुछ मीठा न होने पर लोग उस मेदा और घी व चासनी का घोल बनाते थे उस घोल का नाम खमीरा था तो लोगो ने घी और चासनी के बनने के बाद जो तैयार हुआ उसे घेवर का नाम दे दिया। और उसकी की बड़ी बड़ी गोल आकर में रोटियां बना कर सभी बहन अपने भाइयो के लिए वो ही लेकर जाती थी।

घेवर को कभी फ्रीज में ना रखें :

आपको बता दें कि घेवर को कभी घर पर ले जाकर फ्रिज में नहीं रखना चाहिए क्योंकि उसमें नमी आने का डर रहता है। घेवर को आप लगभग 7 दिनों तक खा सकते हैं। अगर घेवर खाने पर आपको खट्टापन आता है तो आप समझ जाए कि घेवर खराब हो चुका है।

श्री बीकानेर मिष्ठान भंडार का घेवर अन्य घेवरो से क्यों स्वादिष्ट है :-

प्रेमसिंह का कहना है कि उनके वहा शुद्ध देसी घी मे बनाया जाता है ताकि उसके स्वाद में किसी प्रकार की कोई कमी न रहे तो इसलिए किसी प्रकार की कोई मिलावट नहीं की जाती है। कई बार जांच करने पर भी हमारा घेवर सही पाया गया है।

सफाई व शुद्धता श्री बीकानेर मिष्ठान भंडार की प्राथमिकता में शामिल हैं, ग्राहक की संतुष्टि ही हमारा लक्ष्य है। सावन की मिठाई घेवर बरसात होने पर अधिक स्वादिष्ट लगता है व इसकी बिक्री में भी इजाफा हो जाता है। ज्यों-ज्यों तीज का त्यौहार निकट आता जाएगा, त्यों-त्यों घेवर की बिक्री बढती जाएगी। क्योकि फरीदाबाद शहर के आस-पास ग्रामीण एरिया है, ऐसे में तीज के अवसर पर घेवर की जमकर बिक्री होती है।

प्रेमसिंह : श्री बीकानेर मिष्ठान भंडा ( C-22 नेहरू ग्राउंड , NIT फरीदाबाद )