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Posted by: | Posted on: September 21, 2022

बुजुर्गों के साथ युवाओं को भी चपेट में रहा अल्जाइमर रोग: डॉ रोहित गुप्ता


फरीदाबाद, 20 सितंबर। कभी-कभार किसी बात को भूल जाना या किसी चीज को कहीं रखकर भूल जाना आम बात है और इसमें परेशान होने की जरूरत नहीं। लेकिन जीवनशैली में बदलाव के साथ भूलने की यह बीमारी बढ़ती जाती है। कुछ साल पहले बुजुर्गों को अपने चपेट में लेने वाली यह बीमारी आज युवाओं को तेजी से अपनी चपेट में ले रही है। विश्व अल्जाइमर डे पर ग्रेटर फरीदाबाद स्थित एकॉर्ड अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग चैयरमैन डॉ. रोहित गुप्ता ने कहा कि इस बीमारी को अल्जाइमर कहते है। यह एक मानसिक बीमारी है जिससे न सिर्फ मरीज की याददाश्त कमजोर हो जाती है बल्कि उसके दिमाग पर भी इसका असर पड़ता है और रोजमर्रा के कार्यों को करने में भी परेशानी महसूस होती है। डॉ. रोहित ने बताया कि हर साल विश्वभर में 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर डे मनाया जाता है। इस दिन को लोगों को जागरूक करने के उद्धेश्य से मनाया जाता है। दरअसल, अल्जाइमर एक ऐसी दिमागी बीमारी है, जिसमें धीरे-धीरे व्यक्ति की याद्दाश्त और सोचने की शक्ति कम होती रहती है। अल्जाइमर रोग का सबसे समान्य रूप डिमेंशिया है। अल्जाइमर को लेकर पहले लोगों के बीच यह धारणा थी कि यह बीमारी बुजुर्गों को होती है लेकिन अब इसकी चपेट में युवा भी आ रहे हैं। लोग इसे भूलने की आम बीमारी समझकर नजरअंदाज करने की गलती न करें।
क्यों होती अल्जाइमर की बीमारी
अल्जाइमर का खतरा मस्तिष्क में प्रोटीन की संरचना में गड़बड़ी होने के कारण बढ़ता है। ये एक मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति धीरे-धीरे अपनी याददाश्त खोने लगता है।
पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को खतरा
न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. रोहित गुप्ता ने कहा की तुलना में महिलाओं को अल्जाइमर बीमारी का खतरा अधिक रहता है। डॉक्टरों के पास अल्जाइमर के इलाज के लिए आने वाले हर 10 मरीज में से 6 महिलाएं होती हैं। भारत अल्जाइमर रोग के मामले में दुनियाभर में तीसरे नंबर पर है। अल्जाइमर के मरीजों को दवाई के साथ-साथ थेरपी भी दी जाती है लेकिन उनकी देखभाल बेहद जरूरी होती है।
बीमारी के लक्षण

  • नींद न आना
  • चिंता, परेशानी
  • सवालों का बार-बार दोहराना
  • रोजमर्रा के कामों को करने में दिक्कत महसूस होना
  • किसी काम में मन न लगना, फोकस करने में दिक्कत होना
  • अपने परिवारवालों को न पहचाना
    बचने के उपाय
    अभी तक इस बीमारी का कोई सटीक इलाज डॉक्टरों को नहीं मिल पाया है, लेकिन अपनी जीवनशैली में बदलाव करके इस रोग से काफी हद तक बचा जा सकता है।
    -नियमित रूप से व्यायाम करें।
    -पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लें।
    -लोगों से मिलना जुलना चाहिए, जिससे डिप्रेशन न हो।
    -पर्याप्त नींद लें।
    -सकारात्मक सोच बनाए रखें।
    -नशे से दूर रहें।
    -ब्लड प्रेशर व शुगर नियंत्रित रखें।
    -शुगर की मात्रा कम रखनी चाहिए।
Posted by: | Posted on: September 21, 2022

‘समाधान’ के सहयोग से स्कूल ऑफ लॉ, मानव रचना विश्वविद्यालय ने 45 घंटे की मध्यस्थता प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : सेंटर फॉर अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रेसोल्यूशन (सीएडीआर), स्कूल ऑफ लॉ, मानव रचना यूनिवर्सिटी (एमआरयू) ने समाधान (दिल्ली उच्च न्यायालय मध्यस्थता और सुलह केंद्र) के सहयोग से 45 घंटे की मध्यस्थता प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यक्रम छह दिनों तक चला, जिसमें समाधान की पांच प्रसिद्ध कानूनी हस्तियों ने छात्रों को मध्यस्थता के मूल मूल्यों से अवगत कराया |

कार्यशाला के दौरान प्रो. (डॉ.) डी एस सेंगर – प्रो-वाइस चांसलर, एमआरयू और स्कूल ऑफ लॉ के संकाय सदस्य उपस्थित थे। जे.पी. सेनघ, वरिष्ठ अधिवक्ता, एक प्रसिद्ध नागरिक और वाणिज्यिक मध्यस्थता वकील, और ‘समाधान’ के आयोजन सचिव के संस्थापक ने छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने साझा किया, “मध्यस्थता में पक्षों को आखिरी चरण में भी विवाद निपटाने की अनुमति मिलती है।” वीना रल्ली, वरिष्ठ अधिवक्ता, दिल्ली उच्च न्यायालय में अधिवक्ता, और समाधान की आयोजन सचिव, ने विवाद के बारे में छात्रों को समझाया। स्वाति सेतिया, अधिवक्ता और प्रशिक्षित मध्यस्थ ने मध्यस्थता के चरणों को समझने में छात्रों की सहायता की। सुमित चंदर, दिल्ली उच्च न्यायालय में एक अभ्यास वकील और एक प्रशिक्षित मध्यस्थ ने छात्रों को व्यावहारिक अभ्यासों के माध्यम से मध्यस्थता अवधारणाओं को पहचानने में मदद की।

दिल्ली उच्च न्यायालय में अधिवक्ता मिताली गुप्ता ने कहा, “मध्यस्थता विधेयक भारत के मध्यस्थता परिदृश्य को बदलने जा रहा है। यह देश के पूरे मध्यस्थता पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगा और कई नए अवसर पैदा करेगा।” कार्यशाला ने निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्रदान की: मध्यस्थता की अवधारणाओं को समझना, न्यायिक प्रक्रिया और एडीआर के बीच अंतर, नागरिक प्रक्रिया संहिता की धारा 89 की प्रासंगिकता, बातचीत की अवधारणा, संचार के प्रकार (मौखिक और गैर-मौखिक) और बॉडी लैंग्वेज का महत्व, BATNA, WATNA, और वास्तविकता परीक्षण की अवधारणाओं और मध्यस्थ, पार्टियों, तीसरे पक्ष और वकीलों की भूमिका पर भी चर्चा की गई।

भारत में मध्यस्थता परिदृश्य पर ऐतिहासिक दृष्टिकोण और विधायी और न्यायिक दृष्टिकोण के माध्यम से चर्चा की गई थी। छात्रों ने मध्यस्थता के संदर्भ में कारणों और कनफ्लिक्ट के स्रोतों को समझा। उन्हें शास्त्रीय मध्यस्थता प्रक्रिया, यानी परिचय और जानकारी एकत्र करने, स्पष्टीकरण, निर्माण और संकल्प को समझने का अवसर भी मिला। इसके बाद मध्यस्थता प्रक्रिया के छह चरणों और इसके चार आवश्यक अवयवों पर चर्चा हुई।

कार्यशाला ने प्रतिभागियों को मध्यस्थता अवधारणाओं की व्यापक समझ हासिल करने में सक्षम बनाया, जिनका सीपीसी की धारा 89 की आवश्यकताओं और विवाद समाधान के लिए एक प्रभावी उपकरण के रूप में मध्यस्थता की आवश्यकता वाले अन्य वैधानिक अधिनियमों को ध्यान में रखते हुए, उपयोग करने की आवश्यकता है। प्रशिक्षकों ने छात्रों को विभिन्न मध्यस्थता तकनीकों के साथ शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया, जिससे उन्हें परस्पर विरोधी पक्षों से निपटने के दौरान जटिल मुद्दों से निपटने में लाभ होगा। कार्यक्रम ने प्रतिभागियों को मध्यस्थता करने के लिए सभी आवश्यक कौशल और तकनीक प्रदान की।

Posted by: | Posted on: September 21, 2022

गुरुग्राम में “Raah Takda ” सांग का ग्रैंड लांच “the Cabanas gif course “ कैफ़े में बहुत ही शानदार तरीके से हुआ

गुरुग्राम में “Raah Takda ” सांग का ग्रैंड लांच “the Cabanas gif course “ कैफ़े में बहुत ही शानदार तरीके से हुआ | या गाना विश्वस्तरीय म्यूजिक कम्पनी T-Series के लेबल पर हुआ | करन कौशिक सिंगर मुख्य भूमिका में रहे साथ ही एक्टर के साथ को-एक्टर भूमिका निभा रहे शिवम् गुम्बर जोकि नामचीन अभिनेत्री सीमा गुंबर के बेटे है जिन्हे आपने Zeetv के Dillidarlings में बॉस लेडी के र्रोप में बखूबी देखा है

को-एक्टर का रॉल शिवम गुम्बर ने बखूबी निभाया

को-एक्टर शिवम गुम्बर की माँ सीमा गुम्बर ने कहा जल्द ही बड़ी स्टार कास्ट के साथ नजर आयंगे उनके बेटे

गुरुग्राम(विनोद वैष्णव ) | ” Raah Takda ” सांग अल्बम का गुरुग्राम में स्टार कास्ट द्वारा हुआ लांच , आपको बताते चले की इस सांग को T-Series के ऑफिसल You -tube पेज पर 17 सितम्बर को अपलोड किया गया है , कुछ ही दिनों में इस सांग को लाखो की संख्या में दर्शको ने देखा है , सांग की स्टार कास्ट से जब प्रेस वार्ता में पूछा गया की गाने में कुछ सन्देश मिलता है तो उन्होंने बताया की सांग के माध्यम से पता चलता है की जिन युवको का ब्रेकअप हो जाता है उन्हें रुकना नहीं चाहिए और अपने भविष्य में आगे बढ़ते रहना चाहिए एवं विश्वास बनाये रखना चाहिए।

स्कूल रोमांस की कहानियां इन दिनों के म्यूजिक वीडियोज की जान हैं। ऐसे में पुराने स्कूल रोमांस को दिखाने वाला ” Raah Takda ” गाना रिलीज होने के साथ ही लोगों का दिल जीत रहा है। इस सांग ” Raah Takda ” में करण कौशिक और ईशा यादव की रोमांटिक जोड़ी नजर आ रही है। वहीं गाने को आवाज भी करण कौशिक ने दी है। म्यूजिक वीडियो में नजर आने वाली लव स्टोरी इतनी प्यारी है कि इस वीडियो को अब तक 1,113,048 से भी ज्यादा बार देखा जा चुका है। आप म्यूजिक वीडियो को यूट्यूब के ऑफिशल पेज पर एक सकते है या लिंक की द्वारा भी देख https://youtu.be/ACZNruHqbBM सकते है।

आपको बता दे सांग में लीड एक्टर की भूमिका करण कौशिक द्वारा निभाया गया है, वही सांग भी करण कौशिक द्वारा ही गाया गया है। एक्ट्रेस की भूमिका ईशा यादव की तरफ से निभाया गया ,को-एक्टर का रॉल शिवम गुम्बर , जूनियर किड्स एक्टर रोनित तनेजा एवं शिविका गोस्वामी द्वारा निभाया गया।

” Raah Takda ” के सिंगर करण कौशिक ने बताया की करीब एक साल से वह ये सांग बना रहे थे और वह चाहते थे कि सांग को बिग बैनर पर रिलीज़ करे और उन्होने कहा कि मै बहुत ही खुश हूँ कि T-Series के बैनर के साथ सांग रिलीज़ हुआ है। उन्होने बताया की T-Series से उनकी बात लगभग 3 महीने पहले हुई थी और उन्होंने काफी सारी चीज़े हमे सिखायी कि किस तरीके से हम सांग को और बेहतरीन बना सकते है वही उन्होंने कहा की T-Series के साथ काम करके उन्हें काफी कुछ सीखने को भी मिला।

सांग की शुरुवात में रोनित तनेजा एवं शिविका गोस्वामी द्वारा की गयी जिसमे वह बचपन का किरदार निभाते हुए नजर आए। सांग की शुरुआत स्कूल का सीन दिखाया गया जहा दोनों जूनियर किड्स को स्कूल में साथ पड़ते हुए और साथ में पार्क में खेलते हुए दिखाया गया है। एक्ट्रेस ईशा यादव ने कहा की मैं काफी खुश हूँ कि मुझे इस म्यूजिक वीडियो मे काम करने का मौका मिला। उन्होंने बताया की जब वह सेट पर जाती थी तो सब कुछ बहुत अच्छा लगता था। पूरे सेट पर ख़ुशी का माहौल रहता था। उन्होंने कहा मुझे कभी भी काम करते हुए किसी भी प्रकार का कोई प्रेशर फील नहीं हुआ और यही एक प्लस पॉइंट रहा कि बिना किसी हिचकिचाहट के में काम कर पाई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमने सांग मे इस तरिके से एक्टिंग की है कि वो रियल लगे ताकि लोग उसको फील कर सके। इस मोके पवार मुख्यरूप से अभिनेता शिवम् गुम्बर ,उषा यादव , करन कौशिक ,रोहित तनेजा HOD T-Series,सीमा गुंबर,डीजे सुमित सेठी एवं केक काटकर सुभकामनाये दी