Saturday, August 18th, 2018

now browsing by day

 
Posted by: | Posted on: August 18, 2018

मिसेज इंडिया लेगेसी प्रतियोगिता में शादीशुदा महिलाओं ने दिखाया फैशन का जलवा

नई दिल्ली ( विनोद वैष्णव ): करोल बाग के वर्ल्ड वाइड इंस्टिट्यूट ऑफ ग्रूमिंग एंड पैजेन्ट्स में मिसेज इंडिया लेगेसी प्रतियोगिता के ऑडिशन का आयोजन किया गया जिसमें दिल्ली एनसीआर के कई शहरों की शादीशुदा महिलाओं ने शिरकत की। इस ऑडिशंस में दिल्ली फरीदाबाद, पलवल, गाजियाबाद, गुडगांव, नोएडा मेरठ और सोनीपत से प्रतिभागियों ने शिरकत की। सभी प्रतिभागियों ने रैंप वॉक राउंड पर्सनल इंट्रोडक्शन और टैलेंट राउंड में अपना जलवा दिखाया। मिसेज इंडिया लेगेसी प्रतियोगिता की फाउंडर और एम एस यूनाइटेड नेशंस 2017 की विजेता अमीषा चौधरी ने बताया कि इस प्रतियोगिता का ग्रैंड फिनाले अक्टूबर में गुड़गांव के किंगडम ऑफ ड्रीम्स में आयोजित किया जाएगा। इससे पहले मुंबई, नागपुर, पंजाब, गुडगांव और नॉर्थ ईस्ट में ऑडिशन किए जाएंगे। दिल्ली में हुए ऑडिशंस में फेमिना मिस इंडिया 2014 कोयल राणा जज रही। इस प्रतियोगिता में एथलीक राउंड में ऑफिशियल डिजाइनर नीतू राजपूत हैं जबकि ग्रूमिंग पार्टनर नीलेश्वरी बसाक, शो कोऑर्डिनेटर ईशा शर्मा और फोटोग्राफर की जिम्मेदारी अनीश खान निभा रहे हैं। अमीषा चौधरी ने बताया की मिसेज इंडिया लेगेसी प्रतियोगिता फैशन की दुनिया में अपना कैरियर बनाने वाली महिलाओं के लिए आगे बढ़ने की नई संभावनाएं लेकर आ रहा है। उन्होंने कहा कि महानगरों के साथ-साथ छोटे शहरों की प्रतिभाओं को भी इस प्रतियोगिता से जोड़ना उनका लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि नेशनल स्तर की इस प्रतियोगिता से अनेक प्रतिभाएं फैशन की दुनिया में अपना कैरियर बना सकती हैं।

Posted by: | Posted on: August 18, 2018

सावन के महीने में सोंधी- सोंधी महक (घेवर )की आ जाती है बाहर- सचिन गोयल

फरीदाबाद( विनोद वैष्णव ) :सावन के महीने में सावन की प्रसिद्ध मिठाई घेवर की सोंधी -सोंधी महक हलवाईयों की दुकानों की तरफ खींच ही ले जाती है। सावन का महीना आते ही बाजारों की रौनक बढ़ने लगी है। घेवर व अन्य पकवानों की दुकानें सज गई हैं। सावन का पर्व शुरू होते ही लोग भी घेवर व अन्य मिष्ठान खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके चलते ही लोग इस माह में ज्यादातर घेवर की मिठाईयों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं और इनका स्वाद चख कर आनंद लेने से पीछे नहीं हैं। सावन का महीना शुरू होते ही एक ओर जहां लोगों को गर्मी व लु से निजात मिलती है वहीं घेवर का भी स्वाद लेते हैं। तीज का पर्व होने के कारण यह महीना विशेष महत्व रखता है। तीज पर लोग अपने सगे संबधियों व् लडकियों को संधार में घेवर भेज कर उनकी खुशियों में शामिल होते हैं। वहीं बहने भी अपने भाईयों को तीज देने पर उनकी दीर्घायु की मंगलकामनाएं करते हैं। वहीं बाजारों में भी तीज की रौनक लौट आती है। बाजार फिरनी व घेवर की दुकानों से सज जाते हैं। लोग सहज ही इन दुकानो की तरफ आकर्षित हो जाते हैं।

ओल्ड मार्केट के भगवाना स्वीट्स हलवाई ने बताया कि क्यों सावन में घेवर बनता है

सावन का मौसम सबसे बरसाती का मौसम होता है जिसके कारण मौसम में नमी होती है इसलिए घेवर भी बहुत नमी वाला बनता है। बस सावन में ही घेवर बनता है अगर और मौसम में घेवर बनाया गया तो घेवर ज्यादा हार्ड बनेगा और वो खाया नहीं जाएगा टेस्ट भी नहीं आएगा ।

घेवर के प्रकार  
प्लेन घेवर ,दूध वाला घेवर ,खोया वाला घेवर ,मलाई रबड़ी वाला घेवर,केसर वाला घेवर।

घेवर की सावन में विक्री
5, 6 कॉन्टल की बिक्री।

घेवर में कोई मिलावट नहीं होती न ही कोई पहचान
भगवाना स्वीट्स के मालिक सचिन गोयल का कहना है कि घेवर में कोई मिलावटी नहीं होती है न ही कोई पहचान क्योकि घेवर अलग अलग तरह का होता है और उसमे मिलावटी की जरूरत नहीं होती और घेवर में दूध ,मेदा ,घी, चीनी ये इस्तेमाल की जाती है तो सभी के रेट एक जैसे होते है.

घेवर खराब होने का समय
हलवाई का कहना है कि खोया वाला घेवर 2 दिन बाद खराब हो जाता है वो खट्टा पड़ जाता है लेकिन प्लेन घेवर 7,8 दिन में खराब हो सकता है।

त्योहारों पर घेवर की डिमांड ज्यादा होने पर
सचिन गोयल का कहना है कि सभी हलवाई एक महीने पहले ही फीका घेवर बन बाना शुरू कर देते है ताकि डिमांड ज्यादा होने पर किसी तरह की परेशानी न आये। और जो छोटी-छोटी दुकाने है वो हम जैसे बड़ी दुकानों से खरीद लेते है।

घेवर का रेट
खोया घेवर – 250-350
प्लेन दूध – 200
प्लेन – 160
कैंसर – 400
मिलाई – 320
शुद्ध घी – 400-450

घेवर का नाम घेवर क्यों है

मुनि राज महाराज का कहना है कि पहले 3,4 दिन मेदा रखी होती थी। और उसमे पॉजिटिव वाले कीड़े पड़ जाते थे घर में कुछ मीठा न होने पर लोग उस मेदा और घी व् चासनी का घोल बनाते थे उस घोल का नाम खमीरा था तो लोगो ने घी और चासनी के बनने के बाद जो तैयार हुआ उसे घेवर का नाम दे दिया। और उसकी की बड़ी बड़ी गोल आकर में रोटियां बना कर सभी बहन अपने भाइयो के लिए वो ही लेकर जाती थी।

सफाई व शुद्धता हमारी प्राथमिकता में शामिल हैं, ग्राहक की संतुष्टि ही हमारा लक्ष्य है। सावन की मिठाई घेवर बरसात होने पर अधिक स्वादिष्ट लगता है व इसकी बिक्री में भी इजाफा हो जाता है। ज्यों-ज्यों तीज का त्यौहार निकट आता जाएगा, त्यों-त्यों घेवर की बिक्री बढती जाएगी। चूंकि फरीदाबाद शहर के आस-पास ग्रामीण एरिया है, ऐसे में तीज के अवसर पर घेवर की जमकर बिक्री होती है।
सचिन गोयल मालिक