Wednesday, January 24th, 2018

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Posted by: | Posted on: January 24, 2018

सूरज कुंड मेले के दौरान 0129 – 2988666 नम्बर हेल्पलाइन आमजन की सुविधा के लिए रखी गई

फरीदाबाद Vinod vaishnav  |आगामी 2 से 18 फरवरी 2018 तक सूरज कुंड पर्यटन स्थल मेला प्रांगण में आयोजित होने वाले अंतराष्ट्रीय सूरजकुंड क्राफ्ट मेले के संबंध में उपायुक्त अतुल कुमार द्विवेदी ने आज अपने कार्यालय के सभागार कक्ष में संबंधित विभागों के अधिकारियों की मेले के सम्बंध में समीक्षात्मक बैठक ली । बैठक को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि सूरजकुंड क्राफ्ट मेला एक अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मेला है और इस मेले में सम्बंधित विभाग अपने से जुड़े कार्यदियित्वो को पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से आपसी सामंजस्यता के साथ आपस में मिलकर पूरा करें ताकि इस संबंध में किसी को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े और मेले की गरिमा को सभी की सहभागिता से मिलकर बनाया जा सके । उन्होंने साफ- सफाई, सुरक्षा ,पेयजल- आपूर्ति, सीवरेज सिस्टम, बिजली व पार्किंग व्यवस्था सहित अन्य सभी जन सुविधाओं के बारे में एक विशेष कार्य योजना बनाकर कार्य करने बारे भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान 0129 – 2988666 नम्बर हेल्पलाइन आमजन की सुविधा के लिए रखी गई है जिस पर संपर्क कर संबंधित व्यक्ति मेले से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकेगा । उन्होंने अधिकारियों से मेले में आने वाले गणमान्य व्यक्तियो,अतिथिगणों, कलाकारों, प्रतिभागियों से संबंधित भी सभी आवश्यक तैयारियां करने बारे आवश्यक दिशा निर्देश दिए

Posted by: | Posted on: January 24, 2018

आम जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु धारा-144 के तहत यह पाबन्दी लगाना जरूरी है

फरीदाबाद, Vinod Vaishnav ।  जिलाधीश अतुल कुमार द्विवेदी ने जिले में आगामी 25 जनवरी को रिलीज होने वाली विवादित मूवी पदमावत की वजह से करणी सेना और राजपूत समाज संगठनों द्वारा किए जाने वाले सम्भावित उपद्रवों व सिनेमा हालो में तोड़फोड़ व आगजनी जैसी दुर्घटनाओं के चलते जिले में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को पूर्णतः सुदृढ़ व नियंत्रण में बनाए रखने और आम जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अनैतिक गतिविधियों पर पाबन्दी लगाने के आदेश जारी किए हैं। द्विवेदी द्वारा यह आदेश आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के तहत उन्हें प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं। आदेशों में कहा गया है कि पुलिस आयुक्त ने जिलाधीश के संज्ञान में दिया है कि उक्त फिल्म के शुरू होने पर सम्बन्धित राजपूत संगठनों द्वारा दंगा भड़काने जैसी सम्भावित हरकतों से जिले में आम जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु धारा-144 के तहत यह पाबन्दी लगाना जरूरी है।आदेशों के अनुसार जिले में प्रमुख सड़कों व आम रास्तों को जाम करने, सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने, अनावश्यक रूप से पांच या इससे अधिक संख्या में लोगों के एकत्रित होने तथा किसी भी व्यक्ति द्वारा अपने साथ अग्नेय शस्त्र, तलवार, लाठी, बरछा, कुल्हाड़ी, जेली, गंडासा, चाकू आदि घातक हथियार साथ लेकर चलने पर पाबन्दी रहेगी। पैट्रोल पम्प डीलरों द्वारा अपंजीकृत वाहनों तथा बोटल व कैन आदि कन्टेनर्स में खुले रूप में पैट्रोल व डीजल आदि ज्वलनशील पदार्थ देेने पर भी पाबन्दी रहेगी। आदेशों का उल्लंघन करने वाले दोषी व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा-188 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लाई जा सकेगी।
Posted by: | Posted on: January 24, 2018

उद्योग मंत्री विपुल गोयल की पहल, राष्ट्रीयता का देंगे संदेश अब धर्म पताकाओं के साथ फहरेगा तिरंगा

चंडीगढ़, Vinod Vaishnav । इस बार का गणतंत्र दिवस खास होने वाला है। राज्य में यह पहला मौका होगा जब गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रदेश के धाॢमक, साामजिक एवं शैक्षणिक संस्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज लहराता नज़र आएगा। राज्य के मंदिरों, मस्जिदों व गुरुद्वारों ही नहीं गिरजाघरों पर भी धर्मगुरुओं की मदद से तिरंगा फहराया जाएगा। इसकी शुरूआत कर रहे हैं राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री विपुल गोयल।वे खुद बेशक कैबिनेट मंत्री होने के नाते सिरसा में ध्वजारोहण करेंगे लेकिन उन्होंने फरीदाबाद व गुरुग्राम सहित कई जिलों में इस आयोजन की तैयारियों का खाका तैयार कर लिया है। फिल्म पद्मावत को लेकर चल रहे विरोध के बीच विपुल गोयल ने कहा, सम्प्रदाय के नाम पर किसी भी तरह का दंगा और तोडफ़ोड़ सही नहीं है। विरोध के शांतिपूर्वक कई तरीके हैं। सार्वजनिक व निजी संपत्ति का नुकसान राष्ट्रीय नुकसान है।फरीदाबाद के टाउन पार्क में देश का सबसे बड़ा तिरंगा लगा चुके गोयल ने कहा, आतंकवाद, भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार सहित समाज की तमाम बुराइयों को मिटाने के लिए आम लोगों के मन में राष्ट्रीयता का भाव होना जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यू इंडिया की मुहिम शुरू की है और इसके लिए सभी का राष्ट्रीय होना जरूरी है। गोयल ने कहा, कोई भी धर्म देश से बड़ा नहीं हो सकता। सबसे बड़ा राष्ट्रधर्म है।बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत में गोयल ने कहा, हरियाणा ही नहीं बल्कि देशभर में लोगों को पंद्रह अगस्त और 26 जनवरी अपने-अपने घरों पर भी तिरंगे लगाने चाहिए। एक सवाल के जवाब में कैबिनेट मंत्री ने कहा, यह उनका खुद का कार्यक्रम है। इससे किसी पार्टी, व्यक्ति विशेष या संघ का कोई लेना-देना नहीं है। एक अन्य सवाल पर गोयल ने कहा, फरीदाबाद में सभी मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों व गिरजाघरों के धर्मगुरु तिरंगा फहराने के लिए तैयार हैं।कार्यक्रम शुरू किए जाने के पीछे के मकसद से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, धर्म का प्रचार जहां से होता है अगर वहां तिरंगा लहराएगा तो लोगों में राष्ट्रीयता की भावना और भी बढ़ेगी। तिरंगा हमें देश के उन शहीदों और महान स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाता है, जिन्होंने अपनी जान की कुर्बानी लगाते हुए देश को गुलामी की बेडिय़ों से आजाद करवाया। इस मौके पर पृथला से बसपा विधायक टेकचंद शर्मा भी उनके साथ मौजूद रहे।
Posted by: | Posted on: January 24, 2018

बेटियों के लिए अच्छा काम कर रही भाजपा सरकारें: राजेश नागर

फरीदाबाद,Vinod Vaishnav । तिगांव के राजकीय कन्या विद्यालय की प्राइमरी विंग की छात्राओं को आज लायंस क्लब ऑफ फरीदाबाद और भारत विकास परिषद ने संयुक्त रूप से स्वेटर और जूते प्रदान किए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि वरिष्ठ भाजपा नेता राजेश नागर ने कहा कि बेटियों को बढ़ाए बिना समाज का विकास असंभव है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकारें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के मंत्र को पूरी तरह से मानती हैं और बेटियों के लिए अच्छा काम कर रही हैं।
तिगांव के राजकीय कन्या विद्यालय में बच्चियों को स्वेटर व जूते देने के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राजेश नागर ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाले हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इस दिशा में बड़े और सकारात्मक कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि परिवारों में बेटियों को सम्मान मिलेगा तो समाज भी सम्मान देगा। भाजपा नेता राजेश नागर ने बच्चियों और शिक्षकों से कहा कि वह अपने आस पास सफाई पर भी ध्यान दें और गंदगी को कहीं भी न फैलाएं। जब हम खुद पर नियंत्रण रखेंगे तो हम दूसरों को भी रोक सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमें जीवन में आगे बढऩे के लिए समय सारणी बनानी होगा। टाइम टेबल बनाकर जिंदगी में हर काम को करने की आदत डालनी होगी इससे जीत की ओर मजबूती से बढऩे में मदद मिलेगी।
इस मौके पर लायंस क्लब ऑफ फरीदाबाद सेंट्रल के प्रधान लायन सीएल जैन, सचिव सुधीर चौधरी, कोषाध्यक्ष विनोद गुप्ता, राकेश गुप्ता, भारत विकास परिषद की ओर से आशुतोष जैन, प्रिंसीपल उर्मिला साहू, निधि जैन, रवि वोहरा, एमके गुप्ता, राहुल सिंघल, गजराज नागर, दीनदयाल शर्मा, संजय कुमार, हरीचंद सरपंच, अमन नागर, राजेंद्र नागर, बलजीत नागर, नगेंद्र नागर, सुंदर नागर, आजाद नागर, सतप्रकाश सहित गांव के प्रमुख व्यक्ति मौजूद रहे।

Posted by: | Posted on: January 24, 2018

मानव रचना में जर्मन एंबेसी के सहयोग से “Deutschland’s Energiewende” एग्जीबीशन का आयोजन

Vinod vaishnav : देश भर में रिन्यूएबल एनर्जी रिसोर्सिज के कुशल उपयोग के रोडमैप को विकसित करने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज में इंडो जर्मन एनर्जी फोरम (IGEF) और जर्मन दूतावास के सहयोग से “Deutschland’s Energiewende” प्रदर्शनी लगाई गई है।इस प्रदर्शनी में दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों और कॉलेजों के 2500 से अधिक प्रतिभागियों, उद्यमियों और उद्योग प्रमुखों का प्रदर्शनी का दौरा करने की उम्मीद है। 22 जनवरी से शुरू हुई ये प्रदर्शनी 3 फरवरी को खत्म होगी। प्रदर्शनी में जर्मन उद्योग की ओर से अपनाई गई क्रांतिकारी तकनीक को साझा करने का वादा किया गया है।इस प्रदर्शनी का उद्घाटन आईजीईएफ के वरिष्ठ अधिकारियों और जर्मन दूतावास की उपस्थिति में किया गया। उद्घाटन समारोह में आईजीईएफ के निदेशक टोबीस विंटर, आईजीईएफ और जीआईजेड के सह-निदेशक अनिल कुमार बेल्लारी, और आईजीईएफ के प्रोजेक्ट एसोसिएट माइकल रेक शामिल रहे।एमआरआईआईआरएस के कुलपति डॉ एनसी वाधवा ने इस मौके पर सभी का स्वागत करते हुए कहा: “ये प्रदर्शनी ज्ञान प्रदर्शनी को बढ़ावा देने के लिए भारत में लगाई जाती है, इसके जरिए छात्रों और विशेषज्ञों को रिन्यूएबल एनर्जी रिसोर्सिज के बारे में बहुत कुछ जानने को मिलेगा। “उदाहरण देते हुए टोबीस विंटर ने बताया कि कैसे जर्मनी जलवायु संरक्षण में एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है। “यह प्रदर्शनी इसका उत्तर है कि कैसे देश ऊर्जा की आपूर्ति सुरक्षित, सस्ती और टिकाऊ बना सकते हैं”।प्रदर्शनी में रिन्यूएबल सोर्सिज के सफल उदाहरणों को प्रदर्शित किया गया है, जिनमें हीटिंग और नए ट्रांसपोर्ट कॉन्सेप्ट्स के साथ-साथ जलवायु संरक्षण शामिल हैं।अनिल कुमार बेल्लारी ने दोहराया कि रिन्यूएबल एनर्जी के कुशल उपयोग से  कुछ सालों बाद परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल कम कर सकेंगे।एमआरआईआईआरएस के एफईटी के ईडी डॉ. कृष्ण कांत ने कहा कि, मानव रचना शैक्षणिक संस्थानों नेहमेशा एक नवोन्मेष पर्यावरण-प्रणाली को बढ़ावा दिया है यह प्रदर्शनी छात्रों द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा पर पथ-बोध अनुसंधान के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी “।

Posted by: | Posted on: January 24, 2018

मानसिक रोग एक बीमारी, पर उपचार संभव: एसएचएफ

गुरुग्राम VinodVaishnav । बदलती दिनचर्या और रुढ़ीवादी परंपराओं को छोड़कर बढ़ रहे मानसिक रोगियों की संख्या पर नियंत्रण अब समय की जरुरत बनता जा रहा है। मानसिक रोग एक बीमारी है जिसे छुपाया ना जाए, इसका सही समय पर उपचार हो इसलिए जरूरी है कि लोग मानसिक रोगों के कारण और निवारण के बारे में जागरूक हों। यह निष्कर्ष बुधवार को संबंध हेल्थ फाउंडेशन( एसएचएफ) की एमपीएस स्पोंसरड विलेज प्रोजेक्ट की वार्षिक रिव्यू बैठक में निकलकर सामने आया।
संबंध हेल्थ फाउंडेशन( एसएचएफ) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.राजीव अग्रवाल ने कहा है कि वर्तमान में बदलती जीवनशैली से हमारे शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, जिस कारण डिप्रेशन सहित कई तरह की बीमारियेां से हम ग्रसित होते जा रहे है। इसमें खासतौर पर सिजोफे्रनियंा और बायपोलर प्रमुख है।
उन्होने बताया कि वर्तमान में डिप्रेशन के प्रभाव में 25 से 40 पार आयु वर्ग आ रहा है। खासतौर पर इनमें महिलाअेंा की अपेक्षा पुरुषों में मानसिक रोग की यह समस्या अधिक सामने आई है जो कि चिंता का विषय है। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वे 2015- 16 के एक अनुमान के मुताबिक गुरुग्राम में 50,000 लोग मानसिक रोग से पीड़ित हैं। इसी तरह एक दशक पुराने एक अध्ययन में पाया गया था कि भारत  में 10 करोड़ लोगों के व्यवस्थित देखभाल की जरूरत है।
उन्हेाने कहा कि मानसिक रोग और विसंगतियां किसी भी उम्र में हो सकती है और इसका असर अलग-अलग होता है। रोग लगने की बदनामी और समझदारी की कमी के कारण लोग स्वास्थ्य पेशेवरों की मदद नहीं ले पाते। इस तरह, रोग के उपचार के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण समय बर्बाद हो जाता है।
इस अवसर पर झारसा के पार्षद हेमंत कुमार सैनी ने कहा कि वर्तमान समय में हमारी भागदौड़ भरी जिदंगी में तनाव, स्ट्रेस भी कम नहीं है, और यही तनाव हावी होकर मानसिक रोगी बना देता देता है। ऐसे में सबसे पहले तनाव प्रबंधन, योग व व्यायाम के साथ अच्छा समय व्यतीत करने की कोशिश होनी चाहिए। समाज में कई घटनाएं ऐसी होती हैं जो मनोरोग का कारण बन जाती है। मसलन घरेलू हिसंा, दुव््र्यवहार, प्राकृतिक आपदा, आगजनी, सड़क हादसा आदि के पीड़ित भी मानसिक रोगी बन सकते हैं। ऐसे लोगों को तुरंत काउंसलिंग की जरूरत होती है।
सैनी ने कहा कि पिछले लंबे समय से गांव व आसपास के इलाकेां में काम रहे एसएचएफ का रिकवरी कार्यक्रम भी मानसिक रोगों में बेहद लाभदायक रहा है। रिकवरी कार्यक्रम से इस इलाके में कई लोगों को लाभ मिला है। इसमें ऐसे लोगों को सबसे पहले भावनात्मक सहारा, तनाव प्रबंधन के गुर, अवसादग्रस्त लोगों के साथ थोड़ी-थोड़ी देर में बातचीत इत्यादि तरीकोें को प्रयोग कर ऐसे लोगों को सामान्य जीवन में लाया जाता है। इसके साथ कोशिश यह हो कि ऐसे लोगों का किसी तरह से अपमान या दुर्व्यवहार न हो।
एस.एच.एफ. की ट्रस्टी रीता सेठ ने कहा कि मानसिक रोग एक जैसे नही होते, इसलिए इसमें चिकित्सकेंा के साथ साथ आम नागरिक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसके लिए जरुरी है कि ग्राम स्तर पर पंचायत के सदस्य, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी, धर्म गुरु इत्यादि इसमें मुख्य भूमिका निभा सकतें है। ये सभी लेाग ग्राम स्तर पर हमेशा लोगों के बीच रहतें है।
बैठक में ग्रामीणों ने मानसिक रोग पर रिकवरी कार्यक्रम की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की और ग्राम स्तर पर इस कार्यक्रम को और अधिक कैसे सुद्वढ़ किया जाए इस पर भी चर्चा की।
 खान पान बड़ी समस्या
वर्तमान में बदलती दिनचर्या का इसकी सबसे बड़ी कारण बनती जा रही है, आज स्वस्थ और पोष्टिक भोजन की जगह बर्गर, पिज्जा, चॉकलेट, ठंडा, नुडूल्स आ रहा है जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रहा है। इसके साथ ही हमारी जीवन शैली के कारण हम व्यायाम पर ध्यान नहीं देते जिससे शहरी आबादी का एक बड़ा हिस्सा कई तरह के मानसिक रोगों का शिकार हो रहा है। जोकि हम सभी के लिए चिंताजनक है।
खास कार्यक्रम से हो रहा बदलाव
हरियाणा सरकार ने जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम सिविल अस्पताल और एसएचएफ मिलकर समुदाय आधारित केंद्र चला रहे है। जिसमें विभिन्न तरह के मानसिक रोगो से स्वास्थ्य लाभ और जागरूकता के कार्यक्रम चलाए जा रहे है। जिसमें रिकवरी कार्यक्रम मुख्य है, इसमें योग, ध्यान इत्यादि से लेकर हमारी दिनचर्या के सारे काम शामिल है। जो एक सामान्य इंसान करता है।
इस रिकवरी कार्यक्रम से जरूरतमंद लोगों के जीवन में काफी परिवर्तन आया है। इस केन्द्र में रह रहे कई मानसिक रोगियों ने स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर  अपना आत्मविश्वास दुबारा से प्राप्त किया है।
 बैठक में मानसिक रोग से रिकवरी कार्यक्रम से ठीक हो चुकी गांधीनगर की कमला (काल्पनिक नाम) ने कहा कि बीमारी के दौरान परिवार व मौहल्ले के लोगों ने बहिष्कार कर दिया था। कोई बात भी नही करता था, यंहा तक कि हमारे बच्चों के साथ भी कोई बातचीत नही करता था। समय के साथ एसएचएफ रिकवरी कार्यक्रम से मानसिक रोग से मुक्ति मिली।
वहीं बसई गांव की सुमन (काल्पनिक नाम) ने परिवार की दुःख भरी दास्ता सुनाते हुए कहा कि रिकवरी कार्यक्रम में नियमित काउंसलिग, बैठक व आपसी व्यवहार व आत्मविश्वास से मेरे पति आज ठीक हो पाए है। आज परिवार की स्थिति भी ठीक हो गई है और आज मैं स्वंय यंहा चाय की दुकान चला रही हूं।
बैठक में नर्सिंग स्टाफ, धार्मिक संस्था और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियेां, एस.एच.एफ. की ट्रस्टी रीता सेठ, मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजीव अग्रवाल, कार्यक्रम अधिकारी स्मिति गहरोत्रा, वल्र्ड विजन इंडिया, रुसेट डायरेक्टर, प्रोग्राम आफिसर दिपशिखापाल, झारसा के पार्षद हेमंत, फैजल, इपस्तिा, ताबिश तथा गुरुग्राम गांव, बसई, शिवाजीनगर एंव झारसा गांव के दो दर्जन नागरिक उपस्थित रहे।