Saturday, February 9th, 2019

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Posted by: | Posted on: February 9, 2019

सरस्वती शिशु सदन सीनियर सैकेंडरी स्कूल में बसंत पंचमी का पर्व बडी ही धूमधाम के साथ मनाया गया

तिगांव (विनोद वैष्णव )| तिगांव स्थित सरस्वती शिशु सदन सीनियर सैकेंडरी स्कूल व सरस्वती ग्लोबल स्कूल में बसंत पंचमी का पर्व बडी ही धूमधाम के साथ मनाया गया। विद्यालय की सभी महिला अध्यापक पीले वस्त्र पहनकर विद्यालय पहुंची। इस मौके पर छात्रों ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यकर्मों की प्रस्तुति दी। विद्यालय चेयरमैंन वाई.के.माहेश्वरी मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरूआत की। इस मौके पर माहेश्वरी ने अपने संबोधन में कहा कि पूरे भारतवर्ष में बसंत पंचवी पर्व कर विशेष महत्व है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। हमारे देश में पूरे साल को छः ऋतुओं में बांटा गया है। लेकिन बसंत ऋतु लोगों को सबसे अधिक अच्छी लगती है। बसंत ऋतु में चारों तरफ फूलों की बहार आ जाती है। सरसों के खिले पीले फूलों से प्रतीत होता है कि जैसे चारों ओर सोना चमक रहा हो। चारों तरफ मनोरम दृश्य का नजारा होता है। अंत में माहेश्वरी ने छात्रों,अध्यापकों व अभिभावकों को बसंत पंचमी पर्व की शुभकामनाएं दी।

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सूरजकुंड मेले में मंत्री विपुल गोयल ने हुक्के का आनंद लिया

सूरजकुंड (विनोद वैष्णव )। 33वे अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुण्ड क्राफ्ट मेले में हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री विपुल गोयल ने शुक्रवार को शिरकत करके मेले में लगी स्टॉलों का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ दूधौला में स्थापित श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू, उद्योगपति नवदीप चावला, राजकुमार, बी.आर. भाटिया, शम्मी कपूर, अमित भल्ला, प्रशांत भल्ला सहित कई गणमान्य व्यक्ति अपने परिजनों सहित मौजूद रहे। मेला प्राधिकरण के नोडल अधिकारी राजेश जून ने उद्योग मंत्री विपुल गोयल को गुलदस्ता भेट कर सूरजकुंड मेले में पहुचने पर उनका स्वागत किया।
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री विपुल गोयल ने बड़ी चौपाल में आयोजित सांस्कृतिक समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुण्ड हस्तशिल्प मेले की 1987 में छोटी सी शुरूआत की थी। 33वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुण्ड हस्तशिल्प मेले में अबकी बार विश्व के 31 देशों तथा भारतवर्ष के सभी प्रांतों के हस्तशिल्प से जुडे लोगों ने अपनी-अपनी स्टॉलें लगा रखी हैं। प्रतिदिन यहां पर हजारों की संख्या में दर्शक मेले में पहुंचकर हस्तशिल्प वस्तुओं की खरीददारी कर रहे हैं तथा स्टॉल संचालकों से हस्तशिल्प संबंधी जानकारियां ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह विश्व का सबसे बडा हस्तशिल्प वस्तुओं का मेला है। इस मेले में एक देश की दूसरे देश के साथ हस्तशिल्प वस्तुओं का व्यापार तो होता ही है साथ में विभिन्न देशों की आपसी संस्कृति और संगीत का भी आदान-प्रदान देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने जिला पलवल के गांव दूधौला में स्थापित श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय भी विश्व में ऐसी पहली यूनिवर्सिटी है, जोकि इस अंतर्राष्टï्रीय सूरजकुंड क्राफ्ट मेले के अनुरूप ही विद्यार्थियों के विभिन्न कोर्सिज करवा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 19 नवंबर 2018 को इस विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी थी। इस विश्वविद्यालय में हरियाणा सरकार द्वारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में लगभग 950 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च करके विद्यार्थियों के कौशल विकास से संबंधित विभिन्न कोर्सिज करवाए जाएंगे। विश्वविद्यालय में लगभग एक हजार विद्यार्थी कौशल विकास से संबंधित कोर्सिज कर रहे हैं। श्री विश्वकर्मा कौशल विकास यूनिवर्सिटी भारत की ऐसी पहली यूनिवर्सिटी है जिसमें शत प्रतिशत विद्यार्थियों को प्लेसमेंट मिलती है। 33वें अंतर्राष्टï्रीय सूरजकुंड मेले में भी विश्वकर्मा कौशल विकास विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा बंचारी सांस्कृतिक कार्यक्रम का बेहतर प्रदर्शन किया जा रहा है। बंचारी के लोगों द्वारा बनाए गए विभिन्न वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन भी मेले में देखने को मिल रहा है। इसके अलावा विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किए गए हरियाणवी खाद्य पदार्थ बाजरे की रोटी व बाजरे की खिचडी और विभिन्न 25 प्रकार की चटनियां तथा तंदूरी चाय जोकि विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा तैयार की जा रही है का विश्व के कई देशों के लोग आनंद ले रहे हैं। विश्वविद्यालय का मुख्य थीम सीखो कमाओ, अपनी पहचान बनाओ है।
उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के अलावा बडखल झील के स्टॉल होटल मैनेजमेंट तथा स्टॉल नंबर 907 जोकि उदित नारायण द्वारा वायर हार्ट पैंटिंग का भी निरीक्षण किया।