Monday, February 5th, 2018

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Posted by: | Posted on: February 5, 2018

निदेशालय खाद्य एवं पूर्ति हरियाणा चण्डीगढ़ के निर्देशानुसार जिला में नए राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू

फरीदाबाद, Vinod Vaishnav ।  उपायुक्त अतुल कुमार द्विवेदी ने बताया कि निदेशालय खाद्य एवं पूर्ति हरियाणा चण्डीगढ़ के निर्देशानुसार जिला में नए राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उन्होंने बताया कि इसके लिए आवेदनकर्ता राशनकार्ड प्रीपेरेशन सैन्टर, वैबसाइट या काॅमन सर्विस सैन्टर (सीएससी), ई-दिशा तथा अटल सेवा केन्द्र पर आॅनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उपायुक्त ने बताया कि जिला के लोग इस सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान के लिए सैक्टर-12 स्थित जिला खाद्य एवं पूर्ति नियन्त्रक कार्यालय, अपने नजदीकी सम्बन्धित सहायक खाद्य पूर्ति अधिकारी कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस में सम्पर्क कर सकते हैं।
Posted by: | Posted on: February 5, 2018

फ़िल्म भारत पर काम पूरे जोरो पर चल रहा है: अली अब्बास जफर

Vinod Vaishnav | सलमान खान और अली अब्बास जफर तीसरी बार एक साथ काम करने जा रहे हैं।सुल्तान और टाइगर जिंदा है जैसी सफल फिल्मों के साथ दर्शको का मनोरंजन करने के बाद, सलमान खान और फिल्म निर्माता अली अब्बास जफर तीसरी बार एकसाथ फ़िल्म करने के लिए तैयार हैं।यह फिल्म 2014 की दक्षिण कोरियाई फिल्म ‘ओड टू माय फादर’ का एक आधिकारिक रूपांतर है, जिसमे एक साधारण व्यक्ति के जीवन के माध्यम से 1950 से वर्तमान समय तक आधुनिक कोरियाई इतिहास को दर्शाया जाएगा।फिल्म निर्माता अतुल अग्निहोत्री और टी सीरीज़ फिल्म निर्माता के रूप  में एकसाथ समर्थन कर रहे है।अली अब्बास जफर द्वारा निर्देशित फिल्म “भारत” मे सलमान खान मुख्य भूमिका में नज़र आएंगे।निर्देशक अली अब्बास जफर ने हाल ही में अपने ट्वीट में खुलासा किया था कि भारत पर काम पूरे जोरों पर है और जल्द ही टीम स्थानों की रेकी का काम शुरू करेगी।अली ने अपने ट्विटर पर इस बात की पुष्टि करते हुए लिखा,”जी हाँ, भारत पर काम पूरे जोरों पर है, लेखन अपने अंतिम चरण पर है और जल्द ही शूटिंग के स्थानों की रेकी शुरू करेंगे। घबराहट और उत्साह का सफर एक बार फिर शुरू होता है 🙂 @VishalDadlani @ShekharRavjiani @Irshad_Kamil इस महीने से संगीत पर काम शुरू करेंगे 🙂 एक साथ हमारा यह तीसरा सहयोग है। “अली और सलमान की पिछली फिल्में सुल्तान और टाइगर जिंदा हैं ब्लॉकबस्टर हिट थी।2011 की ईद पर रिलीज हुई ब्लॉकबस्टर ‘बॉडीगार्ड’ के बाद एक बार फिर फिल्म निर्माता अतुल अग्निहोत्री भाईजान के साथ काम करने के लिए तैयार है और वही अली अब्बास जफर 2016 में ईद पर रिलीज हुई ‘सुल्तान’ के बाद सलमान खान के साथ फ़िल्म कर रहे है।ईद के मौके पर अपनी फिल्म रिलीज करने की परंपरा को जारी रखते हुए, बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान ने “भारत” के लिए 2019 की ईद अभी से अपने नाम कर ली है।अली अब्बास जफर द्वारा निर्देशित और अतुल अग्निहोत्री और टी सीरीज द्वारा निर्मित इस फ़िल्म की शूटिंग अप्रैल 2018 से शुरू होगी।

Posted by: | Posted on: February 5, 2018

सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में जेल प्रशासन के स्टॉल नंबर 820 में प्रदर्शित कैदियों द्वारा निर्मित ककई उपयोगी और घरेलू चीजें देखने पर मिलती है

vinod vaishnav |विभिन्न अपराधों में कारागार में बंद कैदियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से जेल प्रशासन उन्हें हुनरमंद भी बना रहा है। इसकी झलक सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में जेल प्रशासन के स्टॉल नंबर 820 में प्रदर्शित कैदियों द्वारा निर्मित ककई उपयोगी और घरेलू चीजें देखने पर मिलती है।इस स्टाल पर फरीदाबाद की जिला जेल नीमका के अलावा गुरुग्राम की जेल भोंडसी, अन्य जिलों कुरुक्षेत्र, रोहतक, अंबाला, सोनीपत, भिवानी, नारनौल, हिसार जेल के कैदियों द्वारा बनाई गई कलाकृतियां, पें¨टग्स, घरेलू व कार्यालय में जरूरत के सामान जैसी कई आइटम हैं।प्रदेश के नोडल अधिकारी व नीमका जिला जेल के अधीक्षक अनिल कुमार ने बताया कि जेल में चल रहे प्रशिक्षण केंद्र में महिला व पुरुष कैदी रोजाना 5 से 6 घंटे कुछ न कुछ सीखते हैं और उपयोगी चीजें बनाते हैं। ये कैदी यहां ज्वैलरी, झूमर, वुडन आइटम के अलावा कई सजावटी आइटम बनाते हैं। इस तरह समय के सदुपयोग से कैदियों में भविष्य में घर-परिवार व समाज के लिए बेहतर करने की सोच विकसित करना है। उनका मन न भटके और भविष्य में अपना कोई भी कारोबार शुरू कर सकें।अनिल कुमार कहते हैं कि अपराध मुक्त समाज के निर्माण के लिए बुराई को अच्छाई से ही जीता जा सकता है। तीन वर्षों से सूरजकुंड मेले में जेल का स्टाल लग रहा है। कैदियों में सकरात्मक सोच विकसित करने के प्रयास किए जाते हैं। उन्हें रोजगार के लिहाज से भी कई तरह से प्रशिक्षण दिया जाता है। करीब सात वर्ष पहले जेल की फैक्ट्री में ऐसी उपयोगी सामग्री बनाने की पहल की गई थी। इसका मकसद यह है कि सजा भुगतने के बाद जब व्यक्ति समाज में जाता है, तो उसे आमतौर पर नौकरी मिलने में दिक्कतें आती है। जेल में वुडन आइटम, ज्वैलरी, फ्लावर पॉट, बैग, बेल्ट तथा कुर्ती बनाना सिखाया जाता है। स्टॉल संचालक श्याम सुंदर बताते हैं कि उनके स्टॉल पर सभी चीजें फरीदाबाद जेल के कैदियों ने ही बनाई हैं। इन चीजों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ रहा है।