Saturday, September 8th, 2018

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Posted by: | Posted on: September 8, 2018

धूमधाम से मनाया गया सतयुग दर्शन ट्रस्ट के परिसर में विश्व समभाव-दिवस

फरीदाबाद ( विनोद वैष्णव ) | सब की जानकारी हेतु सतयुग दर्शन वसुंधरा के परिसर में बड़े ही धूमधाम से विश्व समभाव दिवस मनाया गया एवं इस शुभावसर पर चतुर्थ मानवता ई-आलमिपयाड का पुरस्कार वितरण भी किया गया। कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने हेतु दूर-दराज से विभिन्न स्कूलों के लगभग १०० से अधिक प्रधानाचार्य, फरीदाबाद के माने हुए उद्योगपति व हजार से अधिक विद्यार्थी अपने परिवार सहित पधारे हुए थे। इसके अतिरिक्त इस कार्यक्रम में गेस्ट ऑफ आनॅर के रूप में फरीदाबाद व सिरसा के जिला शिक्षा अधिकारी यानि डी. ई. ओ. डा1टर वर्मा व  सतीन्द्र कौर, एमस आई एस आफिसर एवं मोटिवेशनल स्पीकार  विवेक अत्रे, जाने माने उद्धोषक तथा दूरदर्शन के लोकप्रिय न्यूज रीडर शममी नारंग, सबसे तेज पियानो वादक अमन बाटला आदि भी पधारे हुए थे।

कार्यक्रम के आरमभ में ट्रस्ट के मार्गदर्शक  सजन जी ने सबका हार्दिक अभिनंदन किया और कहा कि हर मानव के लिए अपने यथार्थ स्वरूप में सदा एकरस बने रह, मानवता के सिद्धान्त पर सुदृढ़ बने रहने हेतु, समभाव-समदृष्टि का सबक़ पढऩा व उसका व्यवहारिक रूप गहनता से समझना आवश्यक है। अत: समभाव-समदृष्टि के सबक़ अनुसार, समभाव नजरों में कर, समदर्शिता अनुरूप परस्पर सजनता का यानि मैत्रीपूर्ण व्यवहार करो। इस हेतु अपना जीवन अपने आराध्य यानि इस जगत के पालनकत्र्ता के प्रति पूरी तरह अर्पित कर दो और निष्कामता से उनकी चरण-शरण में रह उनके गुण, ज्ञान व शक्ति को ग्रहण कर, इस जगत की पालना हेतु अपना वांछित सहयोग प्रदान करो।

उन्होने कहा कि याद रखो समभाव ही एकमात्र ऐसा सशक्त भाव है जो हर मानव के ह्मदय में मानव धर्म को उजागर करता है। यह ही अपने आप में मानवता के समस्त गुणों से समपूर्ण है तथा मानव के यथार्थ धर्म का परिचायक है। इस धर्म पर स्थिर बने रहने वाले समभावी के ह्मदय में ही सदा सत्य प्रकट रहता है और उसके अन्दर परिपूर्णता का एहसास रहता है व आत्मतुष्टि बनी रहती है। इस तथ्य के दृष्टिगत हमारे लिए बनता है कि हम एकता व सारे सुख का आधार धर्म को ही मानकर कभी भी किसी भी अवस्था व किसी भी परिस्थिति में धर्म मत हारे अपितु धर्म के ऊपर अपना तन मन धन सब वार दे। जानो ऐसा करने पर ही हम सबकी शान है।

इस संदर्भ में आगे उन्होने कहा कि समय के आवाहन को समझो। वह कह रहा है कि कलियुग जा रहा है और सतयुग आ रहा है। अत: अविलमब जाग्रति में आ व सब अन्य मनगढंत भाव-स्वभाव छोड़, समभाव अपना सत वादी बन जाओ। इस हेतु असत्य को छोड़ सत्य को धार लो यानि सच बोलचाल, खान-पीन व सच का ही सौदा करो यानि सच ज़बान, सच ह्मदय व दोनों नयनों से सच्चाई विशाल झलकें। तभी ह्मदय सचखंड हो पाएगा और आप एक निगाह एक दृष्टि हो, समभाव से सर्वव्याप्त भगवान का दर्शन कर समदृष्टि हो जाओगे और अपने जीवन को अखंड यश-कीर्ति की प्राप्ति का भागी बना पाओगे।

कार्यक्रम के अंत में सजन जी ने की हर माता-पिता व समाज के समस्त कर्णधारों से की अपील कि वे बाल्यावस्था से ही हर प्राणी को इंसानियत में ढ़ालने के प्रति अपने मु2य कत्र्तव्य को दृष्टिगत रखते हुए, लालन-पालन के दौरान उनकी अन्दरूनी व बैहरूनी वृत्तियों को सतोगुणी प्रधान बनाना सुनिश्चित करें ताकि उनका संकल्प सदा स्वच्छ अवस्था को प्राप्त रहे और वे सतवस्तु की आचार-संहिता के अनुकूल भाव-स्वभाव अपनाने हेतु समभाव-समदृष्टि के सबक़ को अमल में लाने में प्रवीन बन सकें और अपने वास्तविक धर्म पर स्थिर रह, सत्य को प्रतिष्ठित करते हुए, सतयुग में प्रवेश कर सकें।

अंत में चतुर्थ मानवता ई-आलमिपयाड के टॉप हजार विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए। यह पुरस्कार स्कूली बच्चों के स्तर पर, कॉलेज के बच्चों के स्तर पर, व्यक्तिगत स्तर पर व ओवरआल स्कूल ट्राफी के स्तर पर घोषित किए गए। इसके अतिरिक्त एक लक्की ड्रा भी निकाला गया। स्कूली स्तर पर सिरसा के जशन ग्रोवर ने व कालेज स्तर पर रिवाडी की रानी गुप्ता ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। व्यक्तिगत स्तर पर कुरुक्षेत्र के अविनाश ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। ओवर आल स्कूल ट्राफी फरीदाबाद का माडर्न बी0 पी0 प4िलक स्कूल ले कर गया। लक्की ड्रा के अंतर्गत हिसार की वंदनी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। विजेताओं को पुरस्कार के रूप में लैपटाप, टेबलेट, स्मार्टफोन, टी0वी0, ई-गेजेटस व अन्य आकर्षक इनाम इत्यादि दिए गए और सबको मानवता धर्म पर स्थिर रहने के प्रति आवाहन दिया गया।

अंतत: सजनों हम इस न्यूज को पढऩे वाले सभी सजनों से भी प्रार्थना करते हैं कि कलुकाल के भाव-स्वभाव छोड़ सतयुगी चलन अपनाओ और सच्चरित्र इंसान बन अपना जीवन सुखी बनाओ। सब ऐसे बनो हाँ ऐसे बनो और ऐसे बन कर ही सब सतयुग में प्रवेश करो।

Posted by: | Posted on: September 8, 2018

ऐ मित्र,तुझे मेरी मित्रता की कसम

ऐ मित्र,,तुझे मेरी मित्रता की कसम,,
ले चल मुझे तेरी अमरीली छांव में,,
फिर सुना एक सुरीली सी धुन,,
बसी है जो पनघट के दांव में।।
तू ही तो मेरी कविता है ,,
तू ही मेरी पायल की छूनछुन,
तेरी ही धुन में मैं
बरबस बावली सी नाचूँ,,
अब बस मेरी एक अरज ले सुन।।
किसी पे अब न भरोसा मेरा,,
किसी से नही सरोकार,,
तेरी मेरी दोस्ती बस निर्विकार,
करे हर पल ,हर सपने को साकार।।
तेरे अस्तित्व को न पहचान पाया कोई ,
पर तुझ तक पहुचे बिना भी न रह पाया कोई,
जीवन के इस परम् सत्य को समझ के भी
अपने दम्भ को अपने हित मे लुभाये कोई।।
अब बस भर ले तू मुझे अपने आगोश में,,
विहर लू तुझे अपने स्वप्निल नयनो से,,
है अंतिम निवेदन तुझसे मौत,,
हा मौत,,तुझे मेरी मित्रता की कसम
ले चल —-/////———
मुझे मेरे सबके अंतिम पड़ाव में।।।
मेरी बावली कलम से।।
लेखिका-प्रियंका शर्मा
Posted by: | Posted on: September 8, 2018

थ्रिलर फिल्म है ’दि प्रेडटर’ : बॉयड होलब्रुक

थ्रिलर फिल्म है ’दि प्रेडटर’ : बॉयड होलब्रुक

हॉलीवुड का बड़ा पर्दा हो या छोटा पर्दा, या फिर नाटक… बॉयड होलब्रुक एक चर्चित एक्टर का नाम है। ‘रन ऑल नाइट’, ‘मॉर्गन’, ‘आउट ऑफ द फर्नेस’ जैसी फिल्मों में अपना जलवा दिखा चुके बॉयड होलब्रुक की चर्चा फिलहाल निर्देशक शेन ब्लैक की फिल्म ’दि प्रेडटर’ में काम करने के कारण हो रहा है। ’दि प्रेडटर’ में वह एक परेशान सैन्य अफसर क्विन मैककेना का किरदार निभा रहे हैं, जो अपने परिवार को किसी अन्य खतरे से बचाने की तलाश में है। पेश है, उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश-

आप फिल्म में आपकी क्या भूमिका है?

-मैं ’दि प्रेडटर’ में क्विन मैककेना नाम का किरदार निभा रहा हूं, जो सेना के विशेष बल का सदस्य है। वह मूल रूप से अनुबंध पर काम कर रहा है। उसका स्वभाव कुछ ऐसा है कि वह अपने बेटे से बहुत अलग है। वह अपनी पत्नी से भी बहुत विचलित है। वह एक तरह का प्रेडटर है। अगर आपको दक्षिण अमेरिका में नौकरी मिल गई है और आपको किसी खास की जरूरत है, तो वह आपका लड़का है। लेकिन, हम उसे मेक्सिको में पाते हैं। भाड़े की गलत नौकरी में होने के कारण उसे प्रेडटर गियर, इन गौंटलेट और इन डी-क्लोकिंग जैसी चीजें मिल गई हैं। ऐसे में उसे घर वापस लाने की जरूरत है, क्योंकि कोई भी उस पर यकीन नहीं करेगा। ऐसे में वह अपने बेटे को भेजता है, लेकिन उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है और कुछ खास परीक्षण के लिए उसे एक सैन्य मनोदशा की स्थिति में भेजा जाता है। आंशिक रूप से चूंकि सरकार प्रेडटर को लपेटने की कोशिश कर रही है, क्योंकि उसे उनके बारे में पता है, लेकिन वह उनका एक कवर-अप भी है।

यह भूमिका आपके पास कैसे आई?

-दरअसल, मैं और शेन ब्लैक एक बार बैठे थे, तो वहीं शेन ब्लैक ने मेरे सामने स्क्रिप्ट रखी। मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी और मैंने उससे इसके बारे में थोड़ी बात की। उसके बाद भी हमने अपना वार्तालाप जारी रखा और इस पर बहस की कि यह मूल रूप से कैसे काम करता है। मुण्े स्क्रिप्ट पसंद आई तो मैंने इसमें काम करना स्वीकार कर लिया।

एक निर्देशक के रूप में शेन के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?

-वह बहुत शानदार निर्देशक है। उसके पास किसी भी दृश्य को बेहतरीन तरीके से परिभाषित करने का एक उम्दा तरीका होता है। विषय वस्तु चाहे जो भी हो, वह उसमें कॉमेडिक धड़कन ढूंढ ही लेता है।

क्या वह कलाकारों के साथ भी सहयोगी थे? क्या आपको विचारों को पिच करने के लिए मिला?

ओह, बिल्कुल… सेट पर पहले ही दिन हमने दोपहर के भोजन से पहले एक सीन का रिहर्सल किया। हर किसी के पास इस फिल्म को लेकर बेहतरीन विचार था, जो एक के बाद सामने आ रहा था। हम इसको लेकर इतने एक्साइटेड थे कि हमने दोपहर का भोजन भी छोड़ दिया और बाद में शेन ने हमें सभी कलाकारों के साथ बिठाया और उन विचारों को दो-पेज के सीन में बदल दिया।

फिल्म के सह-कलाकारों के साथ कैसी बॉण्डिंग थी?

-बहुत ही बेहतरीन। इस फिल्म के अमूमन सभी कलाकार बहुत सहयोगी हैं, इसलिए किसी भी तरह से कोई भी अनजाना नहीं था। इसमें ऑगस्टो अगुइलेरा ने नेटल्स के किरदार को शानदार तरीके से निभाया है। अल्फी (एलन) ने भी अपने चरित्र के साथ कुछ अच्छा काम किया है। किगन (माइकल की) ने स्केच कॉमेडी के साथ बेहतरीन काम किया है। और फिर फिल्म में थॉमस जेन भी हैं, जो इसमें अविश्वसनीय किरदार निभा रहा है।

क्या आपने मूल प्रेडटर देखा था?

-मुझे लगता है कि जब मैं छह वर्ष का था, तब इसकी पहली फिल्म आई थी, लेकिन मैंने इसे उस वक्त देखा, जब मेरी उम्र लगभग 10 या 12 वर्ष की रही होगी। यह बहुत डरावना था। मुझे लगता है कि यह उस समय की तमाम माचो फिल्मों जैसे ‘ब्लडस्पोर्ट’, ‘रैम्बो’ जैसी महान थ्रिलर फिल्मों में से एक था।