Friday, February 28th, 2020

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Posted by: | Posted on: February 28, 2020

कॉलेज हो , ऑफिस हो ,या फिर हो कोई फंक्शन कहीं भी पहन सकते हैं ये 6 तरह के कुर्ते।

गर्मी में हम ऐसे कपड़े ढूंढ़ते जिसमें कम्फर्टेबल फील करें चाहे फिर वो जीन्स टी-शर्ट हो या कुर्ता। इस मौसम में जीन्स टी-शर्ट से हटके अपने वॉर्डरोब में कुर्तों का कलेक्शन बढ़ाएं। फैशन इंडस्ट्री में रोज ट्रेंड्स बदल रहे हैं। रोज कुछ नया आ रहा है और पुराना बदलता जा रहा है। कुछ ऐसा ही कुर्तों के साथ भी हो रहा है। आज की यंग जेनरेशन को नयापन चाहिए, इसलिए कुर्तों के ट्रेड्स में भी हमेशा कुछ ना कुछ नया आ रहा है। आइए जानते हैं कि मार्केट में इन दिनों किस तरह के कुर्ते ट्रेंड सेट कर रहे हैं, पूजा सोलंकी की इस कास रिपोर्ट में ….

1 .ए लाइन कुरता = फैशन के बदलते दौर में नए पुराने सभी स्टाइल का मिक्स एंड मैच काफी ट्रेडिंग है और उन्हीं स्टाइल में से एक है यह ए लाइन कुर्ता।
लाइन कुर्ते को आप न केवल पजामा या फिर सलवार बल्कि कई और तरह से भी कैरी कर सकती हैं। यहां तक कि बॉलीवुड हसीनाओं ने भी इस लुक को रील के साथ-साथ रियल लुक में भी कई बार कैरी किया।

Posted by: | Posted on: February 28, 2020

बच्चो के शारीरिक एवं मानसिक विकास में सहायक खिलौने।

बच्चों वाले घर में जितने खिलौने लाए जाएं, उतने कम हैं। अगर आपके घर में भी बच्चा है, तो आपको पता होगा की ना बच्चों का बिना खिलौने काम चलता है और उनके आने के कुछ ही दिनों बाद अधिकतर खिलौने टूट भी जाते हैं। बच्चों के मनोरंजन के लिए खिलौने जितने जरूरी हैं, उतने ही जरूरी यह बच्चों को छोटी-छोटी चीजें सिखाने के लिए भी हैं खेल के साथ-साथ बच्चों का माइंड भी तेज होता है आपके घर में भी नन्हा सा मेहमान है, तो कर लें उसके लिए खिलौनों की शॉपिंग किस तरह कर सकते है जानिए हमारी रिपोर्टर सुनैना सिंह के साथ।

पहला वर्ष

पहले वर्ष में बच्चे के शारीरिक एवं बौद्धिक विकास की गति बहुत तेज होती है, इसलिए खेलखिलौनों की उस की जरूरत भी जल्दीजल्दी बदलती है. पहले वर्ष में वह विकास के कई पड़ावों से गुजरता है. हर पड़ाव पर उस के खिलौनों को बदलना जरूरी है :

0-3 मास : जन्म से 3 माह तक बच्चे की संवेदनाएं देखनेसुनने तक ही सीमित होती हैं. अधिकतर समय वह सोता है. आंखें खोलता है तो अपने आसपास के लोगों को देखता है, उस की आंखें दूर तक उन का पीछा करती हैं. ऐसे समय में उसे रंगबिरंगे, तरहतरह की आवाज करने वाले यानी ध्यान आकर्षित करने वाले खिलौने अच्छे लगते हैं. खिलौनों की आवाज सुन कर वह आंखें खोलता है, सिर उठाता है, सिर घुमा कर उस आवाज तक पहुंचने का प्रयास करता है, जिस से उस का शारीरिक अभ्यास होता है.

3-6 मास : इस उम्र में बच्चों के दांत निकलने आरंभ होते हैं, इसलिए उस के मसूढ़ों में बहुत बेचैनी होती है, वह हाथ में आई हर चीज को चबाना चाहता है. ऐसे में उसे रबड़ और प्लास्टिक के खिलौने, जिन्हें टीथर भी कहा जाता है, दें, जिन्हें वह जी भर कर चबा सके. लेकिन ये खिलौने वन पीस होने चाहिए. खिलौने का कोई छोटा हिस्सा या पुरजा अलग हो सकने वाला न हो ताकि बच्चा गलती से उसे मुंह में डाल कर निगल न ले या फिर वह उस के गले में फंस न जाए.

6-9 मास : इस उम्र में बच्चा बैठने लगता है और घुटनों के बल चलने का प्रयास करता है. उसे बेबी डौल, चलतेफिरते खिलौने, रंगबिरंगी गेंद, प्लास्टिक एवं लकड़ी के पहियों वाले व्हीकल्स दें, जो बच्चे को अपने पीछे आने के लिए आकर्षित करते हैं और खिलौने को पकड़ने के लिए वह घुटनों के बल चलने का प्रयास करता है.

9-12 मास : अब बच्चा घुटनों के बल इधरउधर भागता है और अपने आसपास की किसी भी चीज का सहारा ले कर खड़े होने का और उसे पकड़पकड़ कर चलने का प्रयास करता है. इस उम्र में उसे 4 या 6 पहियों वाले वाकर की जरूरत होती है. इस के अतिरिक्त इस समय उस का दिमाग पूरी तरह से चलने लगता है. इसलिए उसे विभिन्न रंगों व आकारों की पहचान कराने वाले खिलौने, बड़ी साइज के बिल्डिंग ब्लाक आदि भी दिए जा सकते हैं.

Posted by: | Posted on: February 28, 2020

स्कूल छात्रों के अभिभावकों के लिए वृंदा इंटरनेशनल स्कूल की डायरेक्टर विजय लक्ष्मी का खास सन्देश

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव )| छात्रों के सर्वागीण विकास के महत्वपूर्ण पॉइंट्स

  1. शाम 8:00 बजे तक टीवी बंद कर दें। टीवी पर आठ बजे के बाद आपके बच्चे से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं होता है।
  2. अपने बच्चे की स्कूल डायरी देखने के लिए 30-45 मिनट निकालिए। उसके गृहकार्य पूरे करवाएं।
  3. रोज सभी विषयों में उनका प्रदर्शन देखिए। उन विषयों का खास ध्यान रखिए जिसमें वह अच्छा नहीं कर रहा है।
  4. बच्चों की बुनियादी शिक्षा भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
  5. उन्हें रात को 10:00 बजे तक सोने और सुबह 6:00 बजे उठने की आदत डालिए।
  6. अगर आप किसी पार्टी/सामाजिक आयोजन में जाते हैं और बच्चों के साथ देर रात तक लौटते हैं तो अगले दिन बच्चे को आराम करने दीजिए (स्कूल मत भेजिए) अगर आप चाहते हैं कि बच्चा अगले दिन स्कूल जाए तो रात 10:00 बजे तक घर लौट आइए।
  7. अपने बच्चे में पौधे लगाने और उनका ख्याल रखने की आदत का विकास कीजिए।
  8. सोने के समय अपने बच्चों को वीर शिवाजी, डॉ बी आर अम्बेडकर, सावित्री बाई फुले ज्योतिबा फुले की जीवन गाथा और संघर्ष की कहानियां जरूर सुनाए।
  9. हर साल गर्मी की छुट्टी में (अपने बजट के अनुसार ) कहीं घूमने जाइए। इससे वे अलग-अलग लोगों के साथ और अलग जगहों पर रहना सीखते हैं।
  10. अपने बच्चे की प्रतिभा का पता लगाइए और उसे इसको निखारने में सहायता कीजिए । (वह किसी विषय, संगीत, खेल, अभिनय, चित्रांकन, नृत्य आदि में दिलचस्पी रख सकता है) इससे उसका जीवन आनंददायक हो जाएगा।
  11. बच्चों को सिखाइए कि प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए (कम से कम गर्म चीजें प्लास्टिक में उपयोग न करें )।
  12. हर रविवार कोशिश कीजिए कि खाने की कोई ऐसी चीज बनाएं जो आपके बच्चों को बेहद पसंद है। उन्हें इसमें अपनी मदद करने के लिए कहिए (उन्हें अच्छा लगेगा)।
  13. प्रत्येक बच्चा जन्म से वैज्ञानिक होता है उसके पास ढेरों सवाल होते हैं मुमकिन है हम जवाब न दे पाएं पर जानकारी न होने के कारण हमें सवाल पर गुस्सा नहीं दिखाना चाहिए (उत्तर पता करने की कोशिश कीजिए और उन्हें बताइए)।
  14. उन्हें अनुशासन और जीने के बेहतर तरीकों के बारे में बताइए। ( बच्चों को सही और गलत का अंतर समझाइए )
  15. उनमें खुद पढ़ने और सीखने की आदत डालिए।
  16. उन्हें मोबाइल फोन का उपयोग न करने दिया जाए, आवश्यक होने पर अपनी देख-रेख में ही मोबाइल का उपयोग करने दिया जाए।
  17. बच्चे को अपने काम में सहायता करने के लिए कहिए। (इसमें खाना बनाना, सफाई,चीजों को व्यवस्थित करना शामिल है।)
  18. सबसे महत्त्वपूर्ण कि हमें अपने बच्चों को शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार भी दें ताकि वो अपने जीवन में सफल और सही इंसान बन सके।

हमें अपने अनुभव के आधार पर अपने बच्चों का जीवन सुंदर और स्वस्थ बनाने में उनकी सहायता करनी चाहिए। यदि यह पोस्ट सार्थक लगे तो शेयर करें।

Posted by: | Posted on: February 28, 2020

भारत सरकार के मंत्री द्वारा परफेक्ट ब्रेड ग्रुप के चेयरमैन एच.के.बतरा को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया पुरस्कार

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दिल्ली/फरीदाबाद (विनोद वैष्णव )| परफेक्ट ब्रेड ग्रुप के चेयरमैन एच.के. बतरा को कंफक्शनरी के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए भारत सरकार द्वारा National MSME Award से सम्मानित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया तथा O Effect O Deffect के लक्ष्यों को पूरा करने पर भारत सरकार के सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम इंडस्ट्री (MSME) मंत्रालय द्वारा बुधवार को यह पुरस्कार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित एक समारोह में कंपनी के चेयरमैन एच.के.बतरा को केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के हाथों से प्राप्त हुआ। इस अवसर पर श्री बतरा के साथ उनके बेटे एवं कंपनी के एमडी ध्रुव बतरा भी साथ थे। आपको बता दे की कंपनी के चेयरमैन एचके बतरा फरीदाबाद चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रधान है तथा शहर में एक प्रमुख समाजसेवी के रूप में अपनी एक अलग ही पहचान रखते हैं।

इससे पहले भी केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा परफेक्ट ग्रुप को कई बार अलग-अलग अवार्ड देकर सम्मानित किया जा चुका है।परफेक्ट कंपनी चेयरमैन एच.के.बतरा तथा डॉयरेक्टर ध्रुव बतरा ने उक्त पुरस्कार मिलने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी कंपनी का ध्येय कंफेक्शनरी के अच्छे से अच्छे से उत्पादों को लोगों को उपलब्ध कराना है जिसके लिए उनकी परफेक्ट कंपनी कभी गुणवता के मामले में कोई भी समझौता नहीं करती है। यही कारण है कि उनकी कंपनी की परफेक्ट ब्रेड और अन्य उत्पादों को लोग बेहद पसंद करते हैं। ध्यान रहे कि परफेक्ट ब्रेड व कंफक्शनरी आईटम बनाने के क्षेत्र में जानी-मानी परफेक्ट ग्रुप ऑफ कंपनी को सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम इंडस्ट्री (MSME) मंत्रालय ने कंफक्शनरी के क्षेत्र में आऊटस्टेंडिंग परर्फोमेंस यानि उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए नेशनल MSME अवार्ड देने के लिए दिसम्बर महीने में चुना गया था। MSME मंत्रालय ने उम्मीद जाहिर की है कि कंपनी की विद्वता अन्य MSME के अधीन कंपनियों को भी प्रेरित करेगी। कंपनी का यह प्रयास और उपलब्धि मंत्रालय को प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया तथा जीरो इफेक्ट जीरो डिफेक्ट के प्रशंसनीय लक्ष्यों को महसूस करने में भी मदद करेगी।