बच्चों वाले घर में जितने खिलौने लाए जाएं, उतने कम हैं। अगर आपके घर में भी बच्चा है, तो आपको पता होगा की ना बच्चों का बिना खिलौने काम चलता है और उनके आने के कुछ ही दिनों बाद अधिकतर खिलौने टूट भी जाते हैं। बच्चों के मनोरंजन के लिए खिलौने जितने जरूरी हैं, उतने ही जरूरी यह बच्चों को छोटी-छोटी चीजें सिखाने के लिए भी हैं खेल के साथ-साथ बच्चों का माइंड भी तेज होता है आपके घर में भी नन्हा सा मेहमान है, तो कर लें उसके लिए खिलौनों की शॉपिंग किस तरह कर सकते है जानिए हमारी रिपोर्टर सुनैना सिंह के साथ।
पहला वर्ष
पहले वर्ष में बच्चे के शारीरिक एवं बौद्धिक विकास की गति बहुत तेज होती है, इसलिए खेलखिलौनों की उस की जरूरत भी जल्दीजल्दी बदलती है. पहले वर्ष में वह विकास के कई पड़ावों से गुजरता है. हर पड़ाव पर उस के खिलौनों को बदलना जरूरी है :
0-3 मास : जन्म से 3 माह तक बच्चे की संवेदनाएं देखनेसुनने तक ही सीमित होती हैं. अधिकतर समय वह सोता है. आंखें खोलता है तो अपने आसपास के लोगों को देखता है, उस की आंखें दूर तक उन का पीछा करती हैं. ऐसे समय में उसे रंगबिरंगे, तरहतरह की आवाज करने वाले यानी ध्यान आकर्षित करने वाले खिलौने अच्छे लगते हैं. खिलौनों की आवाज सुन कर वह आंखें खोलता है, सिर उठाता है, सिर घुमा कर उस आवाज तक पहुंचने का प्रयास करता है, जिस से उस का शारीरिक अभ्यास होता है.
3-6 मास : इस उम्र में बच्चों के दांत निकलने आरंभ होते हैं, इसलिए उस के मसूढ़ों में बहुत बेचैनी होती है, वह हाथ में आई हर चीज को चबाना चाहता है. ऐसे में उसे रबड़ और प्लास्टिक के खिलौने, जिन्हें टीथर भी कहा जाता है, दें, जिन्हें वह जी भर कर चबा सके. लेकिन ये खिलौने वन पीस होने चाहिए. खिलौने का कोई छोटा हिस्सा या पुरजा अलग हो सकने वाला न हो ताकि बच्चा गलती से उसे मुंह में डाल कर निगल न ले या फिर वह उस के गले में फंस न जाए.
6-9 मास : इस उम्र में बच्चा बैठने लगता है और घुटनों के बल चलने का प्रयास करता है. उसे बेबी डौल, चलतेफिरते खिलौने, रंगबिरंगी गेंद, प्लास्टिक एवं लकड़ी के पहियों वाले व्हीकल्स दें, जो बच्चे को अपने पीछे आने के लिए आकर्षित करते हैं और खिलौने को पकड़ने के लिए वह घुटनों के बल चलने का प्रयास करता है.
9-12 मास : अब बच्चा घुटनों के बल इधरउधर भागता है और अपने आसपास की किसी भी चीज का सहारा ले कर खड़े होने का और उसे पकड़पकड़ कर चलने का प्रयास करता है. इस उम्र में उसे 4 या 6 पहियों वाले वाकर की जरूरत होती है. इस के अतिरिक्त इस समय उस का दिमाग पूरी तरह से चलने लगता है. इसलिए उसे विभिन्न रंगों व आकारों की पहचान कराने वाले खिलौने, बड़ी साइज के बिल्डिंग ब्लाक आदि भी दिए जा सकते हैं.