November, 2021

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Posted by: | Posted on: November 8, 2021

रतन कॉन्वेंट ने मुक्केबाजी में फिर मारी बाजी

फ़रीदाबाद(विनोद वैष्णव)| रतन कान्वेंट स्कूल में सुबह की प्रार्थना सभा में साहिल जो कि 12वीं कक्षा का छात्र है को अंतर राज्य स्तर पर गोहाना में हुए तीसरे युद्ध नॉर्थ टूर्नामेंट में हासिल की गई उपलब्धि के लिए विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री मनोज कुमार जी द्वारा खुशी जाहिर करते हुए पुरस्कृत किया गया जिसने
बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल व सर्टिफिकेट प्राप्त किया है उसकी इस मेहनत से प्राप्त की गई कामयाबी पर प्रशंसा करते हुए आशीर्वाद दिया तथा आने वाले समय में भी इसी प्रकार की अन्य गतिविधियों में भाग लेने व जीतने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हमने समाज को एक के बाद एक रतन देने का जो यह बीड़ा उठाया है उसमें हम हमेशा अग्रसर रहेंगे।

विद्यालय के चेयरमैन मिस्टर यशवीर सिंह डागर ने भी विद्यार्थी को उसकी इस जीत पर शुभकामनाएं देते हुए इसी तरह कामयाबी हासिल करते रहने के लिए आशीर्वाद दिया।

Posted by: | Posted on: November 8, 2021

नहाय खाय के साथ किया गया छठ व्रत का आरंभ कैसे हुई छठ पूजन की शुरुआत ?

फरीदाबाद ( पिंकी जोशी ) :- हिंदू पंचाग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को महाछठ का पर्व मनाया जाता है । इस दिन सूर्यदेव की बहन छट मैया और भगवान सूर्य की पूजा का विधान है । धार्मिक मान्यता के अनुसार छट का व्रत संतान की प्राप्ति कुशलता और उसकी दीर्घायु की कामना के लिए किया जाता है । चतुर्थी तिथि पर नहाय – खाय से इस पर्व की शुरुआत हो जाती है।

षष्ठी तिथि को छठ व्रत की पूजा व्रत और डूबते हुए सूरज को अर्घ्य के बाद अगले दिन सप्तमी को उगते सूर्य को जल देकर प्रणाम करने के बाद व्रत का समापन किया जाता है । इस बार 8 नवंबर को नहाय खाय से छठ व्रत का आरंभ होगा । अगले दिन 9 नवंबर को खरना किया जाएगा और 10 नवंबर षष्ठी तिथि को मुख्य छठ पूजन किया जाएगा और अगले दिन 11 नवंबर सप्तमी तिथि को छठ पर्व के व्रत का पारणा किया जाएगा।

ऐसे हुई छठ पूजन की शुरुआत :-

ब्रह्मवैवर्त पुराण की कथा के अनुसार जब प्रथम मनु के पुत्र राजा प्रियव्रत को कोई संतान नहीं हुई इस कारण वे बहुत दुखी रहने लगे थे । महर्षि कश्यप के कहने पर राजा प्रियव्रत ने एक महायज्ञ का अनुष्ठान संपन्न किया जिसके परिणाम स्वरुप उनकी पत्नी गर्भवती तो हुई लेकिन दुर्भाग्य से बच्चा गर्भ में ही मर गया। पूरी प्रजा में मातम का माहौल छा गया। उसी समय आसमान में एक चमकता हुआ पत्थर दिखाई दिया .. जिस पर षष्ठी माता विराजमान थीं । जब राजा ने उन्हें देखा तो उनसे , उनका परिचय पूछा।

माता षष्ठी ने कहा कि मैं ब्रह्मा की मानस पुत्री हूँ और मेरा नाम षष्ठी देवी है । मैं दुनिया के सभी बच्चों की रक्षक हूँ और सभी निःसंतान स्त्रियों को संतान सुख का आशीर्वाद देती हूं । इसके उपरांत राजा प्रियव्रत की प्रार्थना पर देवी षष्ठी ने उस मृत बच्चे को जीवित कर दिया और उसे दीर्घायु का वरदान दिया । देवी षष्ठी की ऐसी कृपा देखकर राजा प्रियव्रत बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने षष्ठी देवी की पूजा – आराधना की। मान्यता है कि राजा प्रियव्रत के द्वारा छठी माता की पूजा के बाद यह त्योहार मनाया जाने लगा।

नोट : सभी जानकारिया सोशल मीडिया द्वारा ली गयी है।

Posted by: | Posted on: November 5, 2021

श्री लक्ष्मीनारायण दिव्य धाम में सविधि मनाया गया गोवर्धन पर्व

फरीदाबाद
सूरजकुंड रोड सेक्टर 44 स्थित श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम (श्री सिद्धदाता आश्रम) मैं गोवर्धन का पर्व सविधि मनाया गया। इस अवसर पर गौ गव्य से बने गोवर्धन भगवान से लोक मंगल की कामना की गई।
इस अवसर पर दिव्यधाम के अधिपति अनंत श्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर श्रीमद जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने पूजन किया एवं भक्तों को प्रसाद एवं आशीर्वाद प्रदान किया।
स्वामी जी ने कहा कि हमेशा न्याय के साथ खड़े रहिए, हमेशा न्याय का साथ दीजिए, अन्याय अपने आप हार जाएगा। भगवान श्रीकृष्ण ने भी आम जनमानस पर अन्याय होते देख देवराज इंद्र का भी घमंड चूर चूर कर दिया। उन्होंने यह नहीं सोचा कि वह अपने ही बनाए देवताओं के राजा को दंड दे रहे हैं बल्कि उन्होंने आम जनमानस के साथ अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया। श्री गुरु महाराज ने कहा कि श्री गोवर्धन पूजन का यह भी महत्व है कि हम गौ माता को सम्मान दें, गौ गव्यों को विभिन्न विधियों में उपयोग करें और अपनी संस्कृति के साथ जुड़े रहें। उन्होंने कहा कि जो कौम अपने संस्कारों को भुला देती है, संसार उसको भुला देता है। उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति और संस्कारों को ना भूलें। इस काम में श्री लक्ष्मीनारायण दिव्य धाम गत 30 वर्षों से असंख्य लोगों को प्रेरणा दे रहा है। पूजन के उपरांत उन्होंने सभी भक्तों को प्रसाद एवं आशीर्वाद प्रदान किया।
बता दें कि श्री लक्ष्मी नारायण दिव्य धाम 1989 से ही यहां फरीदाबाद में स्थापित है और देश दुनिया से भक्तों को आकर्षित करता रहा है। यहां भगवान लक्ष्मी नारायण को इष्ट मान कर पूजा अर्चना की जाती है, हालांकि मंदिर परिसर में 11 मंडप में अन्य देव मूर्तियां भी विराजमान हैं। जिसकी स्थापना वैकुंठवासी स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज ने की थी। उनके बारे में कहा जाता है कि वह व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान तीनों बिना पूछे बता सकते थे। उनका यह वादा भी था कि दिव्य धाम आने वालों को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती रहेगी।

Posted by: | Posted on: November 3, 2021

सतयुग दर्शन वसुन्धरा पर निर्मित अद्वितीय ध्यान-कक्ष की भव्य शोभा

फऱीदाबाद(विनोद वैष्णव )| ग्राम भूपानी स्थित, एकता के प्रतीक, ध्यान-कक्ष यानि समभाव-समदृष्टि के स्कूल की भव्य शोभा देखने आज महावीर प4िलक हाई स्कूल के बच्चे सतयुग दर्शन वसुन्धरा परिसर में पहुँचे। कैमपस की अद्वितीय शोभा देखते ही बच्चों व साथ आए अध्यापकों की आँखे खुली की खुली रह गई। उनका कहना था कि फरीदाबाद क्षेत्र में इतना सुन्दर दर्शनीय स्थल भी है, जहाँ इंसानियत का पाठ पढ़ाया जाता है, इसका उन्हें पता ही नहीं था।

उपस्थित बच्चों व अध्यापकों को कैमपस के मु2य द्वार से लेकर ध्यान-कक्ष की शोभा व निर्मित बनावट की महत्त से परिचित कराते हुए बताया गया कि चाहे इस शरीर का कर्त्ता-हर्त्ता परमेश्वर है परन्तु फिर भी यह समझने की आवश्यकता है कि जीव और शरीर भिन्न हैं। जीव चेतन है और शरीर जड़। स्थूल शरीर के साथ जीव के संयोग और वियोग का नाम ही जन्म और मृत्यु है। इस प्रकार एक स्थूल शरीर से दूसरे स्थूल शरीर में गमनागमन जीव के अपने भाव-स्वभाव अनुरूप इन्द्रियों द्वारा किए कर्मो के फलस्वरूप अनंत कालों तक तब तक चलता रहता है जब तक उसे समयक‌ ज्ञान नहीं हो जाता। इसीलिए उन्होंने सबको अपनी प्रार4ध को सँवारने हेतु अपने जीवनकाल में भाव-स्वभाव के विशुद्धिकरण द्वारा शुभ कर्म करने का सुझाव दिया गया। इसी संदर्भ में जीव की अनश्वरता और जगत की नश्वरता का भान कराते हुए उन्हें प्राकृतिक दृश्यों के साथ 2याल को जोडऩे से भाव-स्वभाव पर पडऩे वाले नकारात्मक दुष्प्रभावों का परिचय देते हुए कहा कि इस ब्रह्मांड में जो भी हमें अच्छा या प्रिय लगता है उसके प्रति हमारे अन्दर राग व जो भी बुरा या अप्रिय लगता है उसके प्रति अन्दर द्वेष अर्थात्‌ द्वि-भाव पनपता है। इस प्रकार राग-द्वेष के कारण पनपे विषय-विकारों अर्थात्‌ काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार का घेरा जीव की बुद्धि हर, उसे अज्ञान रूपी अंधकार में बंधनमान बना देता है। फलत: अविवेक के कारण वह न ही अपना कार्य कुशलता से कर पाता है और न ही अपनी रक्षा कर पाता है। यहाँ तक कि इन्द्रियाँ भी उसके वश में नहीं रहती और वह कुकर्म-अधर्म में फँस अपनी हानि करने वाला बन अपने से भी प्रेम नहीं रख पाता।

उन्हें कहा गया कि मु2यता इसी कारण से आज का मानव आत्म यानि निज स्वरूप को भूलता जा रहा है तथा उसे आत्मा और परमात्मा के संबंध के यथार्थ ज्ञान की जानकारी नहीं हो पा रही। इसीलिए वह परमार्थ को भूल स्वार्थी हो गया है तथा संतोष, धैर्य उसकी पकड़ से छूट गए हैं और सच्चाई-धर्म के मार्ग पर चलना उसके लिए असंभव हो जाता है। यहाँ सबको सचेत करते हुए कहा गया कि आत्मविस्मरण हो जाने के कारण ही आत्मनियंत्रण छूटता है और व्यक्ति अपना सुधार नहीं कर पाता। इसीलिए चित्त वृत्तियाँ वश में नहीं रहती और आत्मगौरव नष्ट हो जाता है। परिणामस्वरूप आत्मभाव यानि मोक्ष प्राप्ति कठिन हो जाती है। अत: व्यक्तिगत स्तर पर व्यापक इस अचेतनता/जड़ता व इस कारण पनपी विकार-वृत्तियों के प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें कहा गया कि आज यह अनिवार्य हो गया है कि प्रत्येक मानव अपने अस्तित्व के मूलाधार को समझें और तद्‌नुसार अपने अन्दर मानव होने के भाव को विकसित करने का यत्न करें। इससे सजनता पनपेगी व हम सर्वव्यापक भगवान की यथार्थता को स्वीकार तदनुकूल आचार, विचार व व्यवहार दर्शा सत्यनिष्ठ और धर्मपरायण बन सकेंगे। उपस्थित बच्चों ने कहा कि वसुन्धरा कैमपस व निर्मित समभाव-समदृष्टि के स्कूल की भव्य शोभा वास्तव में कमाल है। एक बच्चे ने तो यहाँ तक कहा कि शायद हमारी किस्मत अच्छी थी जो हमें इस अनूठे स्कूल में आने का अवसर मिला। उपस्थित बच्चों ने अपने अभिभावको समेत पुन: यहाँ पधारने का वायदा किया। बच्चों के साथ उपस्थित अध्यापिका ने कहा कि आज शिक्षा में यदि कही कमी है तो वह है अध्यात्मिकता व नैतिकता की, मुझे यह देखकर अत्यंत प्रसन्नता हुई है कि सतयुग दर्शन वसुंधरा पर निर्मित इस समभाव-समदृष्टि के स्कूल से यह कार्य बखूबी निभाया जा रहा है।

Posted by: | Posted on: November 2, 2021

लिंग्याज में मनाया गया दीवाली महोत्सव

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव )| लिंग्याज विद्यापीठ (डीम्ड-टु-बी) यूनिवर्सिटीमें बड़े ही धूम-धाम के साथ स्पंदन- दिवाली का महोत्सव मनाया गया।स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज़ एंड सोशल साइंसिस डिपार्टमेंट द्वारा इस महोत्सव का आगाज किया गया।लिंग्याज ग्रुप के चेयरमैन डा. पिचेश्वर गड्डे, प्रो वाइस चांसलर प्रो. डॉ. जी.जी. शास्त्री, डाइरेक्टर अकादमिक प्रो. जसकिरण कौर, जॉइंट रजिस्ट्रार महेशला लनौटियाल एवं डीन आर.एन.डीडॉ.विश्वजीत जितुरी,द्वारा दीप प्रजवलन कार्यक्रम की शुरुआत की गई। जिसमें 200 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इस महोत्सव को इनडौर-आउटडौरदो भाग में बांटा गया। रंगोली, दीया मटकीडेकोरेशन, पोस्टर मेकिंग, फेस प्रिंटिंग, डांस, सिंगिंग, स्टैंडअप कॉमेडी, रैंप वॉक, पोयम/शायरी जैसी प्रतियोगिताएं रखी गई। जिसमें छात्र-छात्राओं ने बड़े ही उत्साह के साथ बड़-चढ़कर भाग लिया। मंच का कार्यभार अविनाश, हिमानी, देवाग्या ने बड़े ही बखुबी के साथ संभाला। स्पंदन में डोंगरी डांस, स्टार परफॉरमेंस व नुक्कड़ नाटक आकर्षण का केंद्र रहे। कोरोना काल के बाद इस पहले कार्यक्रम का सभी ने लुफ्त उठाया। सभागार में तालियों की गड़गड़ाहत से छात्र-छात्राओं का उत्साह देखने लायक था।सभी प्रतिभागियों को डीन अकेडमिक प्रो. डॉ. जसकिरन कौर द्वारा पुरस्कृत किया गया। रंगोली प्रतियोगिता में आरती, आस्था, प्रिया, हिमानी, शिवानी। वही दीया मटकीडेकोरेशन में नितिन मोर्या व बंदना। फेस प्रिंटिंग में रोहित, रोशन, तुशार एवंपोस्टर मेकिंग में शिवानी व एस-रोहित ने जीत हासिल की। डांस में नेहा राजपूत व संस्कृति ने प्रतियोगिता में जीत हासिल की एवं रैंप वॉक में निशांत व प्रिया यादव पहली जोड़ी बनी एवं दूसरी जोड़ी आदित्या व शिवानी की रही। वही सिंगिंग में शुभम व हरजीत चौधरी ने जीत हासिल की। स्टैंडअप कॉमेडी में गौरव तिवारी व हरशित शर्मा जीते। पोयम/शायरी में दिपांशु मित्तल, भारगवी मिश्रा ने जीत हासिल की।इतना ही नहीं फूड स्टाल भी लगाए गए।जिसका सभी ने आंनद लिया। इस अवसर पर स्कूल ऑफ इंग्लिश के एसोशियेट डीन प्रोफेसर आनंद पाठक ने कहां की हमारी पूरी टीम ने स्पंदन की तैयारियों में पूरी जी जान लगा दी। कार्यक्रम बेहद अच्छा रहा सभी की मेहनत रंग लाई। हम आगे भी इस तरह के कार्य्रम करते रहेंगे। ताकि बच्चों में उत्साह बना रहे।

Posted by: | Posted on: November 2, 2021

सतयुग दर्शन विद्यालय की तरफ से दिवाली की हार्दिक शुभकानाए

सतयुग दर्शन विद्यालय की तरफ से दिवाली की हार्दिक शुभकानाए

Posted by: | Posted on: November 1, 2021

आज ‘हरियाणा दिवस” के शुभ अवसर पर रतन कोन्वेंट ने मचाई धूम

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव )| 1 नवंबर ,2021 को हमारे विद्यालय रतन काॅन्वेंट स्कूल में विद्यालयी स्तर पर हरियाणा दिवस समारोह बड़े ही हर्षोल्लास और उत्साह पूर्वक मनाया गया जिसमें छठी से आठवीं तक की कक्षाओं के विद्यार्थियों मने बढ़ चढ़कर भाग लिया ।समारोह का शुभारंभ आठवीं कक्षा की अंजली, रिया फौगाट, ध्रुव व लक्ष्मी राजपूत द्वारा परंपरानुसार गणेश वंदना व प्रार्थना द्वारा किया गया ।इस अवसर पर भिन्न-भिन्न प्रकार के कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए सबसे पहले आठवीं कक्षा के समीर खान व लक्ष्मी राजपूत के द्वारा हरियाणवी भाषा मे की गई संवाद की प्रस्तुति बेहद मनमोहक रही इसके साथ-साथ आठवीं कक्षा की इरम ने इंग्लिश स्पीच व सातवीं कक्षा की लविष्का ने हिंदी भाषण देकर सभी को हरियाणा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जहां भारत तरक्की कर रहा है वहीं हरियाणा प्रदेश भी प्रगति की रफ्तार को पकड़े हुए हैं। तथा हरियाणा की स्थापना उसकी जनसंख्या उसका औद्योगिक महत्व वहां पर होने वाले कार्यक्रम उसका राजनैतिक विस्तार उसका भौगोलिक विस्तार तथा सामान्य जानकारी दी।।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों में आठवीं कक्षा की नेहा व ललित द्वारा हरियाणवी गीत विशेष आकर्षण का केंद्र रहा ।इसके साथ-साथ सातवीं कक्षा की जिया ने ‘एंडी म्हारा हरियाणा “सोलो नृत्य करके तथा छठी कक्षा की नीशि, सातवीं कक्षा की दीक्षा ,लविष्का और आठवीं कक्षा की रोहिणी व प्राची भारद्वाज ने’ देशां में देश भारत भारत में हरियाणा” तथा छठी कक्षा की अनीता ,अहद अली दीपक, तरुण व सातवीं कक्षा की शिवानी ने’ दुनिया से न्यारा हरियाणा हमारा, सांची कहा वां हमें प्राणों से भी प्यारा “नामक सामूहिक नृत्य करके सभी को उत्साह व उमंग से भर दिया व चारों तरफ तालियों की गड़गड़ाहट से सारा मैदान गूंज उठा ।सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद एक ज्ञानवर्धक सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता कराई गई प्रतियोगिता का सफल संचालन अंजलि चेची व अक्षय द्वारा किया गया और श्रीमती भारती जी ने जज की भूमिका निभाई इसमें चार टीमों ने भाग लिया जिसमें टीम – ए के विद्यार्थी छठी कक्षा की मयूरिका व दक्ष और सातवीं कक्षा के यशवीर व निशा ,तमन्ना रावत निशांत तथा टीम- बी में छठी कक्षा के मोहित व प्रतिज्ञा, सातवीं कक्षा के लविष्का व साधना तथा पारुल व जतिन आठवीं कक्षा के विद्यार्थी तथा टीम- सी में छठी कक्षा के हर्ष व वंशु सातवीं कक्षा के तृप्ति, आयुष तथा आठवीं कक्षा की साक्षी वशिष्ठ व प्राची तथा टीम – डी में छठी कक्षा का सिद्धांत व यश रावत, सातवीं कक्षा की खुशबू और आठवीं कक्षा के साक्षी रावत ,रोजी मलिक व काव्य तंवर ने भाग लिया चारों टीमों के बीच काफी द्वंद रहा ।शुरु – शुरु में तो टीम- ए ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन धीरे-धीरे समय बीतते सभी टीमो ने बाजी मारी और सभी टीम बराबर रही । इसके बाद
विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री मनोज कुमार जी ने सभी विद्यार्थियों के कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं करवाना अनिवार्य है ताकि विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा का भाव जाग सके हम ऐसे विद्यार्थी तैयार करें जिससे कि वे हमारे समाज को सही दिशा देते हुए देश की तरक्की व उन्नति में अपना योगदान दे सकें और
हरियाणा के बारे में कहा कि हमारा हरियाणा का खान-पान व संस्कृति पूरे विश्व में प्रसिद्ध है अतः हमें अपनी संस्कृति पर गर्व है हरियाणा का गठन होने के बाद प्रदेश के युवाओं ने विश्व पटल पर अपनी प्रतिभाओं से खेल शिक्षा उद्योग धंधे व सुरक्षा समेत तमाम क्षेत्रों में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं यदि अनुभवी लोगों का हरियाणा की उन्नति व विकास में इस्तेमाल हो तो प्रदेश की काया पलट होते समय नहीं लगेगा उन्होंने सभी से आह्वान किया कि हम सभी आपसी भाईचारे एवं सद्भाव के साथ एकजुट होकर प्रदेश की उन्नति में अपना योगदान दें को भीड़ के बावजूद अर्थव्यवस्था पटरी पर है विकास कार्यों की गति नहीं रुकी हरियाणा की अनेक योजनाएं पूरे देश के लिए रोल मॉडल बनी है तथा सभी को हरियाणा दिवस की बधाई देतेे हुए सभी विद्यार्थियों को संबोधित किया तथा विजेताओं को इनाम देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की
तत्पश्चात

विद्यालय के चेयरमैन श्रीमान यशवीर सिंह डागर जी जो कि एक सामाजिक पटल पर अपनी प्रतिभा व कीर्ति को बनाए हुए हैं उन्होंने सभी को हरियाणा दिवस के इस शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी तथा उन्होंने सभी विद्यार्थियों को उनके कार्यक्रम पर उन्हें प्रोत्साहित करते हुए उनका हौसला बढ़ाते हुए उनकी सराहना की तथा वहां पर मौजूद अन्य विद्यार्थियों को भी ज्यादा से ज्यादा इसी प्रकार के कार्यक्रमों में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित किया।