Friday, January 28th, 2022
now browsing by day
यूनिवर्सल अस्पताल ने फेफड़ा प्रत्यारोपण के मरीज की बचाई जान
फरीदाबाद, 28 जनवरी। यूनिवर्सल अस्पताल ने एक मरीज जिसके दोनों फेफड़े पूरी तरह से खराब हो चुके थे, उसकी जान बचाई है। मरीज ज्ञानचंद जिसकी उम्र 55 साल है, जो काफी समय से फेफड़े की तकलीफ से पीड़ित था और उसे 8 से 12 लीटर ऑक्सीजन लगातार दी जा रही थी, जिसके चलते जिसकी जीने की सारी उम्मीद खत्म हो रही थीं। हिन्दुस्तान के काफी अस्पतालों में घूमने के दौरान मरीज को फेफड़ों के ट्रांसप्लांट की सलाह दी गई। फेफड़ों का ट्रांसप्लांट व प्रत्यारोपण एक ऐसा ऑपरेशन होता है जिसमें जो मरीज ब्रेन डेड हो चुका होता है या कोमा में जा चुका होता है, उसका फेफड़ा निकालकर इस मरीज को लगाया जाता है। इसी को फेफड़ों का ट्रांसप्लांट बोलते हैं।
इस कड़ी में उक्त मरीज यूनिवर्सल अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. शैलेष जैन से मिला। डा. शैलेष जैन ने अपनी टीम जिसमें हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रहमान, फेफड़ा रोग विशेषज्ञ फिजिशियन डॉ. संजीव, फिजियोथेरेपिस्ट, गायडियिशन व अन्य विशेषज्ञों ने पाया कि मरीज का हृदय सामान्य रूप से कार्य कर रहा है। अगर उसका फेफड़ा प्रत्यारोपण हो जाए तो मरीज की जान बच सकती है और उसकी ऑक्सीजन के ऊपर जो निर्भरता है वह भी खत्म हो सकती है। लेकिन अभी यूनिवर्सल अस्पताल में फेफड़ा प्रत्यारोपण की अनुमति नहीं है इसलिए यह आपरेशन यूनिवर्सल अस्पताल ने दिल्ली के एक अस्पताल में गत 22 जनवरी को करवाया, जिसके बाद मरीज को पुन: यूनिवर्सल अस्पताल में लाया गया। पिछले एक माह से ज्यादा समय से अस्पताल में उपचाराधीन मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है और मरीज बिना ऑक्सीजन के सांस ले पा रहा है।
डॉ. शैलेष जैन ने बताया कि अच्छी बात यह है कि मरीज तेजी से रिकवरी कर रहा है जिसके चलते उसे शीघ्र ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। उन्होंने कहा कि फेफड़ा प्रत्यारोपण एक जटिल सर्जरी है, जिसमें फेफड़े उस व्यक्ति का लिया जाता है जो ब्रेन डेड या प्राय: कोमा में होता है। इस मरीज के दोनों फेफड़ों का प्रत्यारोपण हुआ। प्रत्यारोपण के लिए फेफड़ा गुजरात के अहमदाबाद से आए। डा. शैलेष जैन ने बताया कि एक ब्रेन डेड मरीज की अपनी आंख, दिल, फेफड़ा, किडनी, लीवर काफी मरीजों की जान बचा सकते हैं। सभी को अंगदान के लिए आगे बढ़कर सहयोग करना चाहिए।
डा. शैलेष जैन ने बताया कि लंग ट्रांसप्लांट होने के बाद मरीज की पूर्ण रिकवरी में तीन से छह महीने लगते हैं, जिसमें हम पहले छह हफ्ते चाहते हैं कि मरीज कोई भी भारी काम या कोई भारी वजन उठाना या स्कूटर-मोटरसाइकिल चलाना ऐसे कार्य न करे। इसके अंदर खास बात यह रहती है कि किसी दूसरे का लंग आपके फेफड़े में लगाया जाता है तो उसे आपकी बॉडी रिजेक्ट करने की कोशिश करती है, जिसे रिडेक्शन कहा जाता है। उसके लिए एम्युनिशन थेरेपी दी जाती है, इसमें मरीज को इंफेक्शन व फंगस आदि की शिकायत हो सकती है, जिससे बचने के लिए सावधानी व साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।
वहीं अस्पताल की एमडी डॉ. रीति अग्रवाल ने इस ऐतिहासिक सफलता के लिए अस्पताल की पूरी टीम को बधाई दी। यूनिवर्सल अस्पताल एक ऐसा जहां एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी व सर्जरी की आधुनिक व नई सुविधाएं उपलब्ध हैं।
भगवान हनुमान की नहीं लगानी चाहिए ऐसी तस्वीरें , नकारात्मक ऊर्जा को देते है ये बढ़ावा
फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : हिंदू धर्म में भगवान हनुमान को उन देवाताओं में माना जाता है तो भक्तों की प्रार्थना पर तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं। भक्त को वे हर संकट से छुटकारा दिलाते हैं। इतना ही नहीं, ऐसी मान्यता भी है कि भगवान हनुमान की आराधना से भक्तों पर सभी देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है। हनुमान जी की उपासना से मन में शांति मिलती है। इसके साथ ही, आर्थिक और शारीरिक परेशानियां भी खत्म हो जाती हैं। मंगलवार का दिन भगवान हनुमान को समर्पित है। भक्त सिर्फ मंदिर में ही नहीं बल्कि घर में भी हनुमान जी की उपासना करते हैं. इसके लिए वे घर के मंदिर में भी बजरंग बली की मूर्ति या तस्वीर लगाते हैं। लेकिन वास्तु के अनुसार घर में हनुमान जी की तस्वीर लगाते समय कुछ बातों को खास ख्याल रखने की आवश्यकता है।
वास्तु के इन नियमों पर ध्यान दिया जाए, तो घर में नकारात्मक माहौल बना रहता है। इस वजह से घर में आर्थिक और शारीरिक समस्या सामने आ सकती हैं। आइए जानते हैं भगवान हनुमान की तस्वीर घर में लगाते समय किन बात का ध्यान रखना चाहिए।
नहीं लगानी चाहिए हनुमान जी की ऐसी तस्वीर :
- वास्तु के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी की छाती चीरने वाली तस्वीर घर में नहीं लगानी चाहिए।
- शास्त्रों के अनुसार घर में भगवान हनुमान की ऐसी तस्वीर लगाएं, जिसमें वे स्थिर अवस्था में हैं।
- मान्यता है कि पवनपुत्र हनुमान की हवा में उड़ती हुई या पर्वत को उठाने वाली तस्वीर घर में लगाने से बचना चाहिए।
- ऐसा कहा जाता हे कि भगवान श्रीराम और लक्ष्मण को कंधे पर बैठाने वाली तस्वीर को भी घर में लगाने से परहेज करना चाहिए।
- लंका दहन से जुड़ी भगवान हनुमान की तस्वीर घर में लगाना शुभ नहीं माना जाता है. इससे सुख-समृद्धि पर खराब असर पड़ता है।
घर में लगाएं ऐसी तस्वीरें :
वास्तु के अनुसार घर में भगवान हनुमान की पीले वस्त्र धारण की हुई तस्वीर लगा सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि पीला सिंदूर हनुमान जी को बहुत प्रिय होता है और इससे सकारात्मक माहौल बनता है। बैठी हुई मुद्रा में भगवान हनुमान की तस्वीर लगाना शुभ माना जाता है।
नोट : सभी जानकारिया सोशल मीडिया और अन्य जगह से एकत्रित करके आपको बताई गयी है।
पंडित जगदीश प्रभाकर प्रधान एवं श्रीराम शर्मा महासचिव नियुक्त
बल्लभगढ़, फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) :- मैथिल ब्राह्मण सेवा समिति फरीदाबाद का पंचवार्षिक चुनाव 26 जनवरी 2022 दिन बुधवार को सुभाष कालोनी बल्लभगढ़ स्थित मैथिल ब्राह्मण धर्मशाला में निर्वाचन समिति की देखरेख में संपन्न हुआ। सर्वप्रथम गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजरोहण प्रदेश अध्यक्ष पंडित छत्रपाल मिश्र एवं समाज के गणमान्य नागरिको द्वारा किया गया। उसके पश्चात विधि विधान से वैदिक मंत्रों द्वारा हवन यज्ञ कर सुख शांति की कामना की गई। विगत कार्यकारणी द्वारा विगत 5 वर्षो में किए गए कार्यों का लेखा जोखा सुनाया गया।
समाज द्वारा नियुक्त चुनाव अधिकारी पं चंद्रपाल भारद्वाज, प्रदेश अध्यक्ष छत्रपाल मिश्र, भरतपुर सेवा समिति अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा , बिजेंद्र प्रधान पलवल द्वारा आगामी कार्यों के लिए मैथिल ब्राह्मण सेवा समिति के अध्यक्ष पद पर पंडित जगदीश प्रभाकर को एवं महासचिव पद पर पंडित श्रीराम शर्मा को सर्वसम्मति से चुना गया। इसी क्रम से वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओमप्रकाश भारद्वाज, कोषाध्यक्ष दलवीर भारद्वाज, एवम सचिव जसराम शर्मा नियुक्त हुए। चुनाव अधिकारी समिति द्वारा नव निर्वाचित पदाधिकारियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। प्रदेश अध्यक्ष छत्रपाल मिश्र ने बताया की मैथिल ब्राह्मण सेवा समिति समाजहित में सन 2002 से सामूहिक विवाह सम्मेलन, प्रतिभा सम्मान समारोह, रक्तदान शिविर, होली मिलन, प्राथमिक स्वास्थ्य शिविर एवं विभिन्न सामाजिक कार्य कर रही है। मैथिल ब्राह्मण सेवा समिति का यह चुनाव 5 वर्षो के लिए मान्य रहेगा। इस अवसर पर दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष रामगोपाल शर्मा, चंद्रपाल भारद्वाज, राकेश शर्मा, हरपाल वशिष्ठ, पुरुषोत्तम शर्मा, ओमप्रकाश शर्मा, श्यामलाल ठेकेदार, मलूक चंद भारद्वाज, हरकिशन बाबूजी, श्रीचंद शर्मा आदि उपस्थित रहे।