वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व पार्षद जगन डागर के निवास पर जलपान करते राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुडडा

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व पार्षद जगन डागर के निवास पर जलपान करते राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुडडा ने कहा है कि किसानों के लंबे संघर्ष, संयम, शांति और सत्याग्रह की जीत के चलते सरकार  ने तीन कृषि कानूनों पर फैसला लिया है। अगर कृषि कानून पहले ही वापिस ले लिया होता तो 712 किसानों को जान न गंवाई पड़ती। श्री हुडडा बीती रात एक समारोह में शिरकत करने के बाद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व पार्षद जगन डागर के निवास पर पहुंचे थे। जहां चाय के कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि विपक्ष होने के नाते हम शुरू से किसानों की मांगों का समर्थन कर रहे थे। क्योंकि तीन कृषि कानून किसानों के हक में नहीं थे। उनकी शुरू से मांग रही है कि सरकार स्वामीनाथन आयोग के सी2 फार्मूले के तहत किसानों को एमएसपी की गारंटी दे। एमएसपी से कम खरीद पर सजा के प्रावधान का कानून बनाया जाए। सरकार की तरफ से आंदोलनरत किसानों पर दर्ज किए गए सभी मुकदमे वापस लिए जाने चाहिए। साथ ही पंजाब सरकार की तरह हरियाणा सरकार भी आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवारों को आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी दे। किसानों की समस्याओं के बारे में बात करते हुए कहा कि आज ना उन्हें एमएसपी मिल रही और ना ही खाद। किसान की लागत लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन एमएसपी में नाममात्र बढ़ोतरी हो रही है। कांग्रेस कार्यकाल में ना बीज, ना खाद, ना कीटनाशक और ना ही खेती उपकरणों पर कोई टैक्स था। लेकिन इस सरकार ने खेती से जुड़ी हर चीज पर टैक्स लगाकर खेती को महंगा करने का काम किया।


उन्होंने कहा कि अगर सरकार किसानों का कुछ भला करना चाहती है तो उसे स्वामीनाथन रिपोर्ट के सी 2 फार्मूले के तहत किसानों को एमएसपी देनी चाहिए और कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाने के लिए योजनाओं पर काम करना चाहिए। यह सरकार किसानों को उचित रेट और रियायत देने के बजाय उनपर पाबंदियां और नए नए कानून थोप रही है। पराली को लेकर बेवजह अन्नदाता को परेशान किया जा रहा है जबकि प्रदूषण को बढ़ाने में अन्य फैक्टर ज्यादा जिम्मेदार है। कोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार किसानों को पराली का कोई निवारण देने में विफल रही है। इस अवसर पर विधायक नीरज शर्मा, पूर्व विधायक ललित नागर,रघूवीर तेवतिया, कांग्रेसी नेता विजय प्रताप  सिंह , योगेश गौड़, गुलशन बग्गा, नितिन सिंगला, अब्दुल गफ्फार कुरैशी, अनिल शर्मा, वेदपाल दायमा, राजेश आर्य, शिक्षाविद नारायण डागर सहित अनेक गणमांय लोग उपस्थित रहे।

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