एमवीएन विश्वविद्यालय में गोलाया प्रोग्रेसिव पब्लिक स्कूल के छात्र- छात्राओं के लिए ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स – समय की आवश्यकता’ पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया

पलवल ( विनोद वैष्णव ) | एमवीएन विश्वविद्यालय में गोलाया प्रोग्रेसिव पब्लिक स्कूल, पलवल के अटल टिंकरिंग लैब की संयोजक अर्चना कुमारी व विनय पांडे की अध्यक्षता में गोलाया स्कूल के छात्र- छात्राओं के लिए ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स – समय की आवश्यकता’ पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो (डॉ) जे.वी देसाई ने बताया कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स एक ऐसा कांसेप्ट है जिसके तहत इंटरनेट से जुड़े खुद की सोच समझ रखने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, इंटरनेट के माध्यम से काम कर सकते हैं। इसे तकनीकी की दुनिया में नॉन स्क्रीन कंप्यूटिंग भी कहा जाता है, क्योंकि यह उपकरण, एक कंप्यूटर की तरह सोच तो सकते हैं लेकिन इनमें कंप्यूटर की तरह कोई स्क्रीन नहीं होती है। इस विचार का जन्म 1982 में कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी की एक लैब में हुआ था। वहां के शोधार्थियों ने एक कोक मशीन को इंटरनेट से जोड़कर, मशीन को अपने भीतर रखे गए पेय पदार्थों की बोतलों की संख्या का हिसाब रख सकने और उनके तापमान को नियंत्रित करने की शक्ति दी थी। अब हम ऐसे समय में खड़े हैं जहां इस प्रकार के उपकरणों की संख्या अरबों में हो चुकी है, जो अपना स्वयं संचालन करते हैं।विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ राजीव रतन ने छात्र-छात्राओं को माइक्रोकंट्रोलर और माइक्रो प्रोसेसर के उपयोग के बारे में बताया और बताया कि कैसे हम इंटरनेट ऑफ थिंग्स के द्वारा अपने जीवन में नवीनता ला सकते हैं उदाहरण के लिए यदि कोई फ्रीज अपने भीतर झांक कर स्वयं ही पता कर ले कि कौन सी वस्तु खत्म हो चुकी है और उसका वह आर्डर किसी स्टोर को दे दे या फिर आपकी गाड़ी को देख कर सिक्योरिटी कैमरा आपके मकान के सिक्योरिटी सिस्टम को गेराज का ताला खोल दे और घर की बत्तियों को ऑन ऑफ हो जाने का आदेश दे सकेगा और एक ऐसी कार जो आपको ऑफिस के दरवाजे पर उतार कर खुद ही पार्किंग में जाकर पार्क हो जाए और आपके द्वारा मोबाइल से संकेत किए जाने पर वहां आकर आपकी सेवा में हाजिर हो जाए। यही इंटरनेट ऑफ थिंग्स का वैश्विक महत्व है।इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग के विभागाध्यक्ष आलोक श्रीवास्तव ने इसके तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की और बताया कि कैसे इंटरनेट थिंग्स का उपयोग करके हम आज के समय में सुविधा और समय की बचत कर सकते हैं। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के डायरेक्टर ऐडमिशन प्रशांत कुमार ने सभी छात्र छात्राओं का और गोलाया प्रोग्रेसिव पब्लिक स्कूल प्रशासन का धन्यवाद प्रस्तुत किया। इस अवसर पर हरेंद्र सिंह, सुंदर, प्रकाश चंद, अभय श्रीवास्तव, छत्रपाल आदि सभी लोग उपस्थित थे

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