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Posted by: | Posted on: July 7, 2020

बलजीत एवं आनंद कौशिक को बल्लबगढ़ में ही राजनीती करनी चाईए :- लखन सिंगला

फरीदाबाद(विनोद वैष्णव)।फरीदाबाद विस क्षेत्र को लेकर दो कांग्रेसी नेता इन दिनों आमने-सामने आ गए है। बलजीत कौशिक आज ओल्ड फरीदाबाद की महात्मा कालोनी में पानी की समस्या को लेकर लोगों से मिलने पहुंच गए, जबकि दो दिन पहले ही उन्होंने पेट्रोल-डीजल मूल्यावृद्धि को लेकर बल्लभगढ़ के एसडीएम को ज्ञापन सौंपा था। आज फरीदाबाद विधानसभा में पहुंचने पर फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र के पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी लखन सिंगला ने कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि कौशिक बंधुओं ने बल्लभगढ़ से विधानसभा चुनाव लड़ा था, जबकि वह फरीदाबाद से चुनाव लड़े थे, ऐसे में हर नेता को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में काम करना चाहिए, न कि एक दूसरे के विधानसभा क्षेत्र में दखलदांजी। उन्होंने कहा कि कौशिक द्वारा उनके क्षेत्र में समस्याएं सुनना पूरी तरह से आधारहीन है, वह बल्लभगढ़ भी घूमते है और फरीदाबाद भी क्या वह लोकसभा का चुनाव लडऩा चाहते है और क्या उन्हें ऊपर से कोई आदेश मिला है, वह स्पष्ट करें। लखन सिंगला ने कहा कि वह इस मुद्दे को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के समक्ष रखेंगे ताकि भविष्य में कोई भी नेता किसी दूसरे नेता की विधानसभा क्षेत्रों में जाकर दखलदांजी न करे।

Posted by: | Posted on: July 7, 2020

विधानसभा क्षेत्र होडल के विधायक जगदीश नायर ने रविवार को हसनपुर में लगभग 20 लाख रुपये की लागत से बाल्मीकि समाज को समर्पित सामुदायिक केंद्र व उसके प्रांगण में इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाने के कार्य का विधिवत शिलान्यास किया

होडल (विनोद वैष्णव)।विधानसभा क्षेत्र होडल के विधायक जगदीश नायर ने रविवार को हसनपुर में लगभग 20 लाख रुपये की लागत से बाल्मीकि समाज को समर्पित सामुदायिक केंद्र व उसके प्रांगण में इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाने के कार्य का विधिवत शिलान्यास किया। इस अवसर पर हसनपुर के पूर्व चेयरमैन मनोहर, मास्टर प्यारेलाल, लाल भरतलाल, सरपंच संदीप मंगला, दीपक मंगला, चीनू, राजू पीटीआई सहित बाल्मीकी समाज के अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।विधायक जगदीश नायर ने कहा कि इस सामुदायिक केंद्र के बनने से बाल्मीकि समाज के लोगों को निश्चित ही लाभ मिलेगा। वह इसमें अपने सांस्कृतिक व सामाजिक कार्यक्रम आसानी से कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हसनपुर में टूटी हुई नालियों की मरम्मत का कार्य भी जल्द शुरू किया जाएगा। विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में वर्तमान सरकार सबका साथ-सबका विकास की तर्ज पर प्रत्येग वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों को करवाने में धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। विधायक की अध्यक्षता में सोमवार को प्रात: 11 बजे हसनपुर स्थित लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में विकास कार्यों के संबंध में अधिकारियों की एक बैठक का आयोजन किया जाएगा।

Posted by: | Posted on: July 4, 2020

डॉ मिनाक्षी पांडेय की नजर से श्री वृन्दावन एक दिव्य दैविक धाम – पार्ट 2

वृन्दावन भगवान कृष्ण की लीला से जुडा हुआ है। यह स्थान श्री कृष्ण भगवान के बाललीलाओं का स्थान माना जाता है। यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में मथुरा से 12 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर-पश्चिम में यमुना तट पर स्थित है। हरिवंश पुराण, श्रीमद्भागवत, विष्णु पुराण आदि में वृन्दावन की महिमा का वर्णन किया गया है।वृन्दावन वह जगह है जहा श्री कृष्ण ने महारस किया था। यहाँ के कण कण में राधा कृष्ण के प्रेम की आध्यात्मिक धरा बहती है। वृन्दावन पावन स्थली का नामकरण ‘वृन्दावन’ कैसे हुआ इसके बारे में अनेक मत है। वुन्दा तुलसी को कहते है- पहले यह तुलसी का घना वन था इसलिए वृन्दावन कहा जाने लगा। वृन्दावन की अधिष्ठात्री देवी वृंदा अर्थात राधा है। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार श्री राधा रानी के सोलह नामो में से एक नाम वृंदा भी है। वृन्दावन को ब्रज का हृदय कहते है जहाँ श्री राधाकृष्ण ने अपनी दिव्य लीलाएँ की हैं। इस पावन भूमि को पृथ्वी का अति उत्तम तथा परम गुप्त भाग कहा गया है। पद्म पुराण में इसे भगवान का साक्षात शरीर, पूर्ण ब्रह्म से सम्पर्क का स्थान तथा सुख का आश्रय बताया गया है। इसी कारण से यह अनादि काल से भक्तों की श्रद्धा का केन्द्र बना हुआ है। चैतन्य महाप्रभु, स्वामी हरिदास, श्री हितहरिवंश, महाप्रभु वल्लभाचार्य आदि अनेक गोस्वामी भक्तों ने इसके वैभव को सजाने और संसार को अनश्वर सम्पति के रूप में प्रस्तुत करने में जीवन लगाया है।वृन्दावन की प्राकृतिक छटा देखने योग्य है। यमुना जी ने इसको तीन ओर से घेरे रखा है। यहाँ के सघन कुंजो में भाँति-भाँति के पुष्पों से शोभित लता तथा ऊँचे-ऊँचे घने वृक्ष मन में उल्लास भरते हैं। बसंत ॠतु के आगमन पर यहाँ की छटा और सावन-भादों की हरियाली आँखों को शीतलता प्रदान करती है, वह श्रीराधा-माधव के प्रतिबिम्बों के दर्शनों का ही प्रतिफल है। वृन्दावन का कण-कण रसमय है। यहाँ प्रेम-भक्ति का ही साम्राज्य है। वृन्दावन में श्रीयमुना के तट पर अनेक घाट हैं। वृन्दावन की गलिया बड़ी प्रसिद्ध है और इन गलियों को कुंज गलिया कहते है। हैं।

‘वृन्दा’ तुलसी को कहते हैं। यहाँ तुलसी के पौधे अधिक थे। इसलिए इसे वृन्दावन कहा गया।वृन्दावन की अधिष्ठात्री देवी ‘वृन्दा’ हैं। कहते हैं कि वृन्दा देवी का मन्दिर सेवाकुंज वाले स्थान पर था। यहाँ आज भी छोटे-छोटे सघन कुंज हैं। श्री वृन्दा देवी के द्वारा परिसेवित परम रमणीय विविध प्रकार के सेवाकुंजों और केलिकुंजों द्वारा परिव्याप्त इस रमणीय वन का नाम वृन्दावन है। यहाँ वृन्दा देवी का सदा-सर्वदा अधिष्ठान है। वृन्दा देवी श्रीवृन्दावन की रक्षयित्री, पालयित्री, वनदेवी हैं। वृन्दावन के वृक्ष, लता, पशु-पक्षी सभी इनके आदेशवर्ती और अधीन हैं। श्री वृन्दा देवी की अधीनता में अगणित गोपियाँ निरंतर कुंजसेवा में संलग्न रहती हैं। इसलिए ये ही कुंज सेवा की अधिष्ठात्री देवी हैं। पौर्णमासी योगमाया पराख्या महाशक्ति हैं। गोष्ठ और वन में लीला की सर्वांगिकता का सम्पादन करना योगमाया का कार्य है। योगमाया समाष्टिभूता स्वरूप शक्ति हैं।

इन्हीं योगमाया की लीलावतार हैं- भगवती पौर्णमासीजी। दूसरी ओर राधाकृष्ण के निकुंज-विलास और रास-विलास आदि का सम्पादन कराने वाली वृन्दा देवी हैं। वृन्दा देवी के पिता का नाम चन्द्रभानु, माता का नाम फुल्लरा गोपी तथा पति का नाम महीपाल है। ये सदैव वृन्दावन में निवास करती हैं। ये वृन्दा, वृन्दारिका, मैना, मुरली आदि दूती सखियों में सर्वप्रधान हैं। ये ही वृन्दावन की वनदेवी तथा श्रीकृष्ण की लीलाख्या महाशक्ति की विशेष मूर्तिस्वरूपा हैं। इन्हीं वृन्दा ने अपने परिपालित वृन्दावन के साम्राज्य को महाभाव स्वरूप राधारानी के चरण कमलों में समर्पण कर रखा है। इसीलिए राधिका जी ही वृन्दावनेश्वरी हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि श्रीमती रानी के सोलह नामों में से एक नाम वृन्दा भी है। वृन्दा अर्थात अपने प्रिय श्री कृष्ण से मिलने की आकांक्षा लिए इस वन में निवास करती हैं और इस स्थान के कण-कण को पावन तथा रसमय करती हैं। है। यहाँ पर उस परब्रह्म परमात्मा ने मानव रूप अवतार धारण कर अनेक प्रकार की लीलाएँ की। विशेषकर यह वृन्दावन भगवान् श्रीकृष्ण की लीला क्षेत्र है। किसी संत ने कहा है कि-

वृन्दावन सो वन नहीं, नन्दगांव सो गांव।
बंशीवट सो बट नहीं, कृष्ण नाम सो नाम।

अर्थात वृन्दावन के बराबर संसार में कोई पवित्र वन नहीं है और नंदगाव के बराबर कोई गांव नही , बंशीवट के बराबर कोई वट वृक्ष नहीं है, और श्री कृष्ण नाम के बराबर कोई दूसरा नाम श्रेष्ठ नहीं है। वृन्दावन में भगवान श्रीकृष्ण की चिन्मय रूप प्रेमरूपा राधा जी साक्षात विराजमान हैं। राधा साक्षत भक्ति रूपा हैं। इसलिए इस वृन्दावन में वास करने तथा भजन कीर्तन एवं दान इत्यादि करने से सौ गुना फल प्राप्त होता है। शिरोमणि श्रीमद्भागवत में यत्र-तत्र सर्वत्र ही श्रीवृन्दावन की प्रचुर महिमा का वर्णन प्राप्त होता है।चतुर्मुख श्री ब्रम्हा जी ने श्रीकृष्ण की अद्भुत लीला-माधुरी का दर्शन कर बड़े विस्मित हुए और हाथ जोड़कर प्रार्थना करने लगे। ब्रह्माजी कह रहे हैं- ‘अहो! आज तक भी श्रुतियाँ जिनके चरणकमलों की धूलि को अन्वेषण करके भी नहीं पा सकी हैं, वे भगवान मुकुन्द जिनके प्राण एवं जीवन सर्वस्व हैं, इस वृन्दावन में उन ब्रजवासियों में से किसी की चरणधूलि में अभिषिक्त होने योग्य तृण, गुल्म या किसी भी योनि में जन्म होना मेरे लिए महासौभाग्य की बात होगी।

यदि इस वृन्दावन में किसी योनि में जन्म लेने की सम्भावना न हो, तो ब्रजधाम में कही भी किसी प्रान्त में प्रान्त किसी शिला के रूप में जन्म ग्रहण करूँ, जिससे वहाँ की मैला साफ़ करने वाली जमादारनियाँ भी अपने पैरों को साफ़ करने के लिए उन पत्थरों पर पैर रगड़ें, जिससे उनकी चरणधूलि को स्पर्श करने का भी सौभाग्य प्राप्त हो। श्री उद्धव जी कहते हैं कि जिन्होंने दुस्त्यज्य पति-पुत्र आदि सगे-सम्बन्धियों, आर्यधर्म और लोकलज्जा आदि सब कुछ का परित्याग कर श्रुतियों के अन्वेषणीय स्वयं-भगवान ब्रजेन्द्रनन्दन श्री कृष्ण को भी अपने प्रेम से वशीभूत कर रखा है- मैं उन गोप-गोपियों की चरण-गोपियों की चरण-धूलि से अभिषिक्त होने के लिए इस वृन्दावन में गुल्म, लता आदि किसी भी रूप में जन्म प्राप्त करने पर अपना अहोभाग्य समझूँगा। रंगभूमि में उपस्थित माथुर रमणियाँ वृन्दावन की भूरि-भूरि प्रशंसा करती हुई कह रही हैं-अहा! इन तीनों लोकों में श्रीवृन्दावन और वृन्दावन में रहने वाली गोप-रमणियाँ ही धन्य हैं, जहाँ परम पुराण पुरुष श्रीकृष्ण योगमाया के द्वारा निगूढ़ रूप में मनुष्योचित लीलाएँ कर रहे हैं। कृष्ण प्रेम में उन्मत्त एक दूसरी गोपी को सम्बोधित करती हुई कह रही है- अरी सखि! यह वृन्दावन, वैकुण्ठ लोक से भी अधिक रूप में पृथ्वी की कीर्तिका विस्तार कर रहा है, क्योंकि श्री कृष्ण के चरणकमलों के चिह्नों को अपने अंक में धारण कर अत्यन्त सुशोभित हो रहा है।जब भी श्रीकृष्ण अपनी विश्व-मोहिनी मुरली की धुन छेड़ देते थे ,उस समय वंशीध्वनि को मेघा गर्जन समझकर मयूर अपने पंखों को फैलाकर उन्मत्त की भाँति नृत्य करने लगते हैं। इसे देखकर पर्वत के शिखरों पर विचरण करने वाले पशु-पक्षी सम्पूर्ण रूप से निस्तब्ध होकर अपने कानों से मुरली ध्वनि तथा नेत्रों से मयूरों के नृत्य का रसास्वादन करने लगते हैं।श्री शुकदेव जी परम पुलकित होकर वृन्दावन की पुन:पुन: प्रशंसा करते हैं- अपने सिर पर मयूर पिच्छ, कानों में पीले कनेर के सुगन्धित पुष्प, श्याम अंगों पर स्वर्णिम पीताम्बर, गले में पंचरंगी पुष्पों की चरणलम्बित वनमाला धारणकर अपनी अधर-सुधा के द्वारा वेणु को प्रपूरितकर उसके मधुर नाद से चर-अचर सबको मुग्ध कर रहे हैं तथा ग्वालबाल जिनकी कीर्ति का गान कर रहे हैं, ऐसे भुवनमोहन वेश धारणकर श्रीकृष्ण अपने श्रीचरण चिह्नों के द्वारा सुशोभित करते हुए परम रमणीय वृन्दावन में प्रवेश कर रहे हैं। इसलिए अखिल चिदानन्द रसों से आप्लावित मधुर वृन्दावन को छोड़कर श्रीकृष्ण कदापि अन्यत्र गमन नहीं करते हैं।एक रसिक और भक्त कवि ने वृन्दावन के सम्बन्ध में श्रुति पुराणों का सार गागर में सागर की भाँति संकलन कर ठीक ही कहा है. वृन्दावन की प्राकृतिक सौंदर्यता देखने योग्य है। यमुना ने इसको तीन ओर से घेरे रखा है।

आज भी श्री वृन्दावन के कण कण में श्री कृष्ण की मधुर ध्वनि सुनायी देती है और उस पवित्रता और अद्भुत दिव्यता का एहसास होता है और इसका अनुभव हम वहां की मिटटी पर जाकर महसूस कर सकते हैं यहाँ के सघन कुंजों में भाँति-भाँति के पुष्पों से शोभित लता तथा ऊँचे-ऊँचे घने वृक्ष मन में उल्लास भरते हैं। यहाँ की छटा और सावन-भादों की हरियाली आँखों को जो शीतलता प्रदान करती है उसका बयान शब्दों में नही किया जा सकता है वृन्दावन का कण-कण रसमय है। यहाँ प्रेम-भक्ति का ही साम्राज्य है। गर्ग संहिता में श्री वृन्दावन का महत्त्व गोलोकधाम से भी बढ़ कर मन गया है. कई विश्व प्रसिद्ध लोग अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण समय वृन्दावन में बिताते हैं और अपना जीवन आध्यात्म में समर्पित करते हैं जो शांति क्युकि यहाँ के वातावरण में है मेरा ये मानना है ऐसी परम शांति संपूर्ण विश्व में कहीं नही है अपने-अपने कामों से अवकाश प्राप्त कर अपने शेष जीवन को बिताने के लिए यहाँ अपने निवास स्थान बनाकर रहते हैं। वे प्रतिदिन साधु-संगतों, हरिनाम संकीर्तन, श्री मद्भागवत आदि ग्रन्थों के होने वाले पाठों में सम्मिलित होकर धर्म-लाभ प्राप्त करते हैं। ब्रज के केन्द्र में स्थित वृन्दावन में सैंकड़ों मन्दिर हैं। जिनमें से अनेक ऐतिहासिक धरोहर भी है। श्री सूरदास जी ,श्री चैतन्य महाप्रभू ,स्वामी हरिदास जी जैसे संतों का इस पवित्र स्थान से सम्बन्ध रहा है. ना जाने कितने विद्वानों ,ऋषि मुनियों ने अपना सब कुछ छोड़ कर श्री वृन्दावन में रहकर श्री कृष्ण साधना को अपने जीवन का परम उद्देश्य बना लिया

वृन्दावन में निधिवन

श्री वृन्दावन में स्थित निधिवन के बारे में कहा जाता है कि की यहाँ आज भी हर रात कृष्ण गोपियों संग रास रचाते है। यही कारण है कि निधिवन को संध्या आरती के पश्चात बंद कर दिया जाता है और उसके बाद वहां फिर किसी को अंदर प्रवेश करने की अनुमति नही है यहाँ तक कि वहां आने वाले वाले पशु-पक्षी भी संध्या होते ही निधि वन को छोड़कर चले जाते है।निधि वन के अंदर ही ‘रंग महल’ है . और जिसके बारे में ऐसा कहा जाता है कि वहां प्रतिदिन श्री कृष्ण और श्रीमति राधा रानी के लिए रखे गए चंदन की पलंग को शाम सात बजे के पहले सजा दिया जाता है। पलंग के बगल में श्रीमति राधा रानी और श्री कृष्ण के लिए एक जल से भरा पात्र श्रृंगार का सामान और दातुन संग पान रख दिया जाता है। सुबह पांच बजे जब ‘रंग महल’ का पट खुलता है तो पात्र का जल थोड़ा सा मिलता है ,दातुन कुची हुई और पान खाया हुआ मिलता है। रंगमहल में भक्त केवल श्रृंगार का सामान ही चढ़ाते है और प्रसाद स्वरुप उन्हें भी श्रृंगार का सामान मिलता है।निधि वन की एक अन्य खासियत यहाँ के तुलसी के पेड़ है। निधि वन में तुलसी का हर पेड़ जोड़े में है। इसके पीछे यह मान्यता है कि जब राधा संग कृष्ण वन में रास रचाते हैं तब यही जोड़ेदार पेड़ गोपियां बन जाती हैं। जैसे ही सुबह होती है तो सब फिर तुलसी के पेड़ में बदल जाती हैं। साथ ही एक अन्य मान्यता यह भी है की इस वन में लगे जोड़े की वन तुलसी की कोई भी एक डंडी नहीं ले जा सकता है। लोग बताते हैं कि‍ जो लोग भी ले गए वो किसी न किसी आपदा का शिकार हो गए इसलिए इन्हे कोई भी नही छूता , रंग महल में आज भी प्रसाद (माखन मिश्री) प्रतिदिन रखा जाता है।शयन के लिए पलंग लगाया जाता है। सुबह बिस्तरों के देखने से प्रतीत होता है कि यहां निश्चित ही कोई रात्रि विश्राम करने आया तथा प्रसाद भी ग्रहण किया है। लगभग दो ढ़ाई एकड़ क्षेत्रफल में फैले निधिवन के वृक्षों की खासियत यह है कि इनमें से किसी भी वृक्ष के तने सीधे नहीं मिलेंगे तथा इन वृक्षों की डालियां नीचे की ओर झुकी तथा आपस में गुंथी हुई प्रतीत हाते हैं।निधिवन परिसर में ही संगीत सम्राट एवं धुपद के जनक श्री स्वामी हरिदास जी की जीवित समाधि, रंग महल, बांके बिहारी जी का प्राकट्य स्थल, राधारानी बंशी चोर आदि दर्शनीय स्थान ऐसी भी मान्यता है निधिवन में प्रतिदिन रात्रि में होने वाली श्रीकृष्ण की रासलीला को देखने वाला अंधा, गूंगा, बहरा, पागल और उन्मादी हो जाता है ताकि वह इस रासलीला के किसी को बता ना सके।

इसी कारण रात्रि 8 बजे के बाद पशु-पक्षी, परिसर में दिनभर दिखाई देने वाले बन्दर, भक्त, पुजारी इत्यादि सभी यहां से चले जाते हैं। और परिसर के मुख्यद्वार पर ताला लगा दिया जाता है। उनके अनुसार यहां जो भी रात को रुक जाते है वह सांसारिक बन्धन से मुक्त हो जाते हैं और जो मुक्त हो गए हैं, उनकी समाधियां परिसर में ही बनी हुई है। निधिवन में जो 16000 आपस में गुंथे हुए वृक्ष आप देख रहे हैं, वही रात में श्रीकृष्ण की 16000 रानियां बनकर उनके साथ रास रचाती हैं। रास के बाद श्रीराधा और श्रीकृष्ण परिसर के ही रंग महल में विश्राम करते हैं। जबकि सच इस प्रकार है – अनियमित आकार के निधिवन के चारों तरफ पक्की चारदीवारी है। परिसर का मख्यद्वार पश्चिम दिशा में है।परिसर का नऋत्य कोण बढ़ा हुआ है और पूर्व दिशा तथा पूर्व ईशान कोण दबा हुआ है। गाइर्ड जो 16000 वृक्ष होने की बात करते हैं वह भी पूरी तरह झूठ है क्योंकि परिसर का आकार इतना छोटा है कि 1600 वृक्ष भी मुश्किल से होंगे और छतरी की तरह फैलाव लिए हुए कम ऊँचाई के वृक्षों की शाखाएं इतनी मोटी एवं एवं मजबूत भी नहीं है कि दिन में दिखाई देने वाले बंदर रात्रि में इन पर विश्राम कर सकें इसी कारण वह रात्रि को यहाँ से चले जाते हैं।इस परिसर की चारदीवारी लगभग 10 फीट ऊंची है और बाहर के चारों ओर रिहायशी इलाका है जहां चारों ओर दो-दो, तीन-तीन मंजिला ऊँचे मकान बने हुए है और इन घरों से निधिवन की चारदीवार के अन्दर के भाग को साफ-साफ देखा जा सकता है। वह स्थान जहाँ रात्रि के समय रासलीला होना बताया जाता है वह निधिवन के मध्य भाग से थोड़ा दक्षिण दिशा की ओर खुले में स्थित है।यदि सच में रासलीला देखने वाला अंधा, गूंगा, बहरा हो जाए या मर जाए तो ऐसी स्थिति में निश्चित ही आस-पास के रहने वाले यह इलाका छोड़कर चले गए हाते। निधिवन के अन्दर जो 15-20 समाधियां बनी हैं वह स्वामी हरिदास जी और अन्य आचार्यों की समाधियां हैं जिन पर उन आचार्यों के नाम और मृत्यु तिथि के शिलालेख लगे है

Posted by: | Posted on: June 27, 2020

युवा जिला प्रधान समेत कई युवा इनेलो छोड़कर जेजेपी में हुए शामिल

दिल्ली/चंडीगढ़(विनोद वैष्णव )। शनिवार को रोहतक में उस समय इनेलो को बड़ा झटका लगा जब इनेलो के युवा जिला अध्यक्ष जयप्रकाश भाली समेत इनेलो के अनेकों युवा साथियों ने जेजेपी में शामिल होने की घोषणा की। दिल्ली में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व वरिष्ठ जेजेपी नेता दिग्विजय सिंह चौटाला ने पार्टी में शामिल हुए सभी युवा साथियों का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि पार्टी में उन्हें पूरा मान-सम्मान मिलेगा। इनके अलावा जेजेपी में रोहतक के वार्ड नंबर 13 से जिला पार्षद धर्मबीर, वार्ड नंबर तीन से जिला पार्षद हरजीत, सुरेंद्र पटवारी बलम्बा आदि भी जेजेपी में शामिल हुए। इस अवसर पर पार्टी के युवा प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र सांगवान मौजूद रहे।जेजेपी में शामिल हुए युवाओं ने कहा कि वे प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की कार्यशैली व जननायक जनता पार्टी की नीतियों से प्रभावित होकर जेजेपी में शामिल हुए है। उन्होंने कहा कि दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला जैसी युवा शक्ति के साथ जुड़कर वे प्रदेश हित में कार्य करना चाहते है।इस अवसर पर जेजेपी युवा प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र सांगवान ने कहा कि इन सभी के शामिल होने से रोहतक जिले में पार्टी को और मजबूती मिली है। उन्होंने कहा कि आगे भी इसी तरह अच्छे, मेहनती साथियों को पार्टी से जोड़ने का काम किया जाएगा।

Posted by: | Posted on: June 27, 2020

शिक्षाविद डॉ सतीश फौगाट ने कोर्ट में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के खिलाफ याचिका दायर कर कहा, कोरोना संक्रमण काल में भी शिक्षा बोर्ड बच्चों के स्वास्थ्य को संकट में डालने की कर रहा कोशिश

फरीदाबाद(विनोद वैष्णव)।हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की हठधर्मिता के खिलाफ शिक्षाविद डॉ सतीश फौगाट झुकने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने बोर्ड द्वारा बार बार दसवीं परीक्षा परिणामों की तारीखों में बदलाव करने को अब चंडीगढ़ हाईकोई में चुनौती दे दी है। याचिकाकर्ता डॉ सतीश फौगाट के वकील सुनील कुमार नेहरा ने माननीय न्यायाधीश रामेंद्र जैन की अदालत में याचिका नंबर सीडब्ल्यूपी 8632/2020 पर अपना पक्ष रखा। जहां राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा, निदेशक माध्यमिक शिक्षा और हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड सचिव को पार्टी बनाया गया था। मामले की अगली सुनवाई 13 जुलाई तय की गई है।

याचिकाकर्ता डॉ सतीश फौगाट ने बताया कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड अपनी हठधर्मिता के कारण लाखों बच्चों का भविष्य और उनके स्वास्थ्य को दांव पर लगाने पर आतुर है। बोर्ड में लगता है कि खुले मन से फैसले लेने की पंरपरा समाप्त हो चुकी है। यही कारण है कि कोरोना काल में भी बच्चों से परीक्षा लेने की जिद की जा रही है।

अधिकांश प्रवासियों के बच्चे अपने गृहजिलों की ओर कर चुके हैं रुख

हमने माननीय अदालत को बताया है कि हमारे स्कूल में अधिकांश प्रवासी लोगों के बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। जो कोरोना संक्रमण काल में अधिकांश अपने अपने गृह प्रदेशों की ओर रुख कर गए हैं। जिस कारण वह किसी भी प्रकार की परीक्षा में फिलहाल शामिल नहीं हो सकेंगे। इसलिए परीक्षाओं को कोरोना महामारी के नियंत्रित होने तक रोका जाए अथवा बच्चों के अब तक लिए जा चुके चार विषयों के प्राप्त अंकों के आधार पर पांचवें विज्ञान विषय के अंक देकर परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया जाए।

तर्कसंगत मांग पर भी बोर्ड दिखा रहा हठधर्मिता

याचिकाकर्ता डॉ. सतीश कुमार फौगाट ने बताया कि हमने कोई अलग से मांग नहीं की बल्कि तर्कसंगत मांग की है। लेकिन भिवानी बोर्ड बार बार परीक्षा परिणाम घोषित करने की तारीखें बदलने, पैटर्न बदलने आदि में ही लगा है। जबकि इन्हीें परिस्थितियों में हरियाणा की विभिन्न युनिवर्सिटियों में बच्चों को प्रमोट किया जा चुका है। जबकि उन्हें डिग्री के आधार पर कल प्रोफेशनल लाइफ में शामिल होना है। जबकि दसवीं कक्षा का बच्चा इंजीनियर या डाक्टर नहीं बन रहा है, बावजूद इसके उन्हें परीक्षा के नाम पर परेशान करने की कोशिश की जा रही है। यह और कुछ नहीं बल्कि बोर्ड की हठधर्मिता है।

सीबीएसई की परीक्षाओं पर भी रोक लगा चुका है सुप्रीम कोर्ट
डॉ फौगाट ने बताया कि इसी आधार पर सुप्रीम कोर्ट सीबीएसई द्वारा परीक्षाएं घोषित करने की कोशिश पर रोक लगा चुका है। जिससे लाखों बच्चों को अब बिना परीक्षा दिए इंटर्नल एसेसमेंट के आधार पर अगली कक्षाओं में प्रमोट किया जा सकेगा। इससे पूर्व तेलंगाना शिक्षा विभाग करीब 5.50 लाख विद्यार्थियों का एसेसमेंट के आधार पर फाइनल परीक्षा परिणाम दे चुका है वहीं तमिलनाडू करीब नौ लाख परीक्षार्थियों का परिणाम देने की तैयारी कर रहा है। केवल हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने ही इसे साख का विषय बना रखा है।

Posted by: | Posted on: June 27, 2020

बाबा रामकेवल ने मुंडन कराकर बीजेपी को चेताया : सुमित गौड़

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव )|आरटीआई कार्यकर्ताओं, पत्रकारों एवं समाजसेवियों द्वारा लगातार दर्ज हो रहे उत्पीडऩ के मुकदमें व हमले के विरोध में पिछले 24 दिनों से सेक्टर-12 स्थित लघु सचिवालय के समक्ष आमरण अनशन पर बैठे बाबा रामकेवल को शुक्रवार को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं प्रदेश प्रवक्ता सुमित गौड़ ने अपना समर्थन देते हुए उनकी सभी मांगों को पूरी तरह से जायज करार दिया। सुमित गौड़ ने कहा कि भाजपा सरकार में अफसरशाही पूरी तरह से बेलगाम हो चुकी है, अधिकारी मनमानी करते है और बिना किसी तथ्यों व सच्चाई के लोगों में मुकदमें दर्ज कर दिए जाते है। उन्होंने यह भी कहा कि बाबा रामकेवल को धरने पर बैठे करीब 24 दिन हो चुके है परंतु किसी भी सत्तापक्ष के नेता एवं अधिकारी ने उनकी सुध नहीं ली है, ऐसे में इससे पता चला है कि भाजपा सरकार की नीति और नीयत दोनों ही खराब है। श्री गौड़ ने कहा कि बाबा रामकेवल आम जनता के हकों की लड़ाई लड़ रहे है और कांग्रेस पार्टी उनके इस संघर्ष में पूरी तरह से उनके साथ है और हर स्तर पर उनका सहयोग करेगी। वहीं बाबा रामकेवल ने आज धरनास्थल पर अपने बालों का मुंडन कराते हुए कहा कि उनके इस संघर्ष में आम जनता उन्हें पूरा सहयोग कर रही है, लेकिन प्रशासन ने पूरी तरह से चुप्पी साधी हुई है, लेकिन उसके बावजूद तब तक सरकार व प्रशासन की तानाशाही समाप्त नहीं हो जाती, उनका यह अहिंसात्मक प्रदर्शन जारी रहेगा, चाहे इसके लिए उन्हें अपने प्राणों की कुर्बानी ही क्यों न देनी पड़े। श्री गौड़ के अलावा बाबा रामकेवल को समर्थन देने के लिए कई समाजसेवी लोग भी धरनास्थल पर पहुंचे।

Posted by: | Posted on: June 27, 2020

डांस एकेडमी संचालको ने एकेडमी खोलने को लेकर जिला उपायुक्त के नाम सौपा ज्ञापन :-कसीना ऋषि

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव )| फरीदाबाद के डांस एकेडमी संचालको ने सेक्टर 12लघु सचिवालय पर लोक डाउन की वजह से बेरोजगार हुए कलाकार ने प्रदर्शन कर जिला उपायुक्त के नाम सिटी मजिस्टेट बलिना को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर अतुल त्यागी ने बताया की तीन महा से बंद पड़ी है जिसके कारण एकेडमी के संचालक बेरोजगार हो गए है। सभी एकेडमी किराए की जगह पर बनी हुई है। एकेडमी संचालक किराया देने में अक्षम है। उन्होंने कहाकि सरकार एकेडमी खोलने के गाइडलाइन जारी करें। जिससे एकेडमी संचालक एकेडमी चलाकर सक्षम बने। उन्होंने जिला उपायुक्त से गुहार लगाई है की जल्द ही सरकार उनके लिए निर्देश जारी नहीं करती तो दो,तीन महीने अगर अकैडमी नहीं खुलती है तो वह भी अपनी एकेडमी बंद कर देंगे और वह सड़क पर आ जाएंगे। उन्होंने कहाकि फरीदाबाद की काफी संख्या में म्यूजिक संस्थान हैं और बहुत सारे डांस एकेडमी हैं जो लॉक डॉन से बंद कर चुके हैं। क्योंकि वह किराया भरने में असमर्थ थे। सभी संचालको ने सिटी मजिस्ट्रेट को आश्वासन दिया है कि जब भी हमारी एकेडमी खोली जाएंगी और बच्चे आएंगे तो सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का हम पूरी तरह पालन करेंगे और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन करेंगे।इस मौके पर अंकुर त्यागी, अशोक, संजय, कसीना, सन्नी रावत, प्रिया दास, मानव, जयंत, अक्षय पांचाल, पंकज, राहुल, असलम, रोहित, ममता, प्रशांत, राजकुमार, राजेश आदि एकेडमी संचालक मौजूद थे।

Posted by: | Posted on: June 26, 2020

हरियाणा पत्रकार संघ का एक प्रतिनिधी मंडल राज्य के पत्रकारों की मांगों को लेकर आज करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिला

चंडीगढ़/करनाल (विनोद वैष्णव )।हरियाणा पत्रकार संघ का एक प्रतिनिधी मंडल राज्य के पत्रकारों की मांगों को लेकर आज करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिला । मांग पत्र में पत्रकारों को चिकित्सा बीमा देने, कोविड-19 में रहे बेरोजगार पत्रकारों को राहत पैकेज देने तथा लघु समाचार पत्रों को लाभकारी नई विज्ञापन नीति बनाने की एवं प्रेस मान्यता देने वाली कमेटी का गठन करने की माँग की गई की । इस बैठक में करनाल के सांसद संजय भाटिया भी उपस्थित थे ।

Posted by: | Posted on: June 26, 2020

प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी योजना प्रचार प्रसार की जिला अध्यक्ष चित्रा शर्मा ने आम जन को मास्क, सैनेटाईजर, इम्युनिटी पावर बढ़ाने की दवाई सराय भाजपा मंडल के कार्यकर्ताओं के सहयोग से वितरित की

फरीदाबाद(विनोद वैष्णव )। वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए भारतीय जनता पार्टी द्वारा फरीदाबाद वासियों के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत आज सैक्टर-28, 29, 20, 31, सराय ख्वाजा, अशोका एनक्लेव, धीरज नगर, सैक्टर-19 व ओल्ड फरीदाबाद में प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी योजना प्रचार प्रसार की जिला अध्यक्ष चित्रा शर्मा ने आम जन को मास्क, सैनेटाईजर, इम्युनिटी पावर बढ़ाने की दवाई सराय भाजपा मंडल के कार्यकर्ताओं के सहयोग से वितरित की।
जिलाध्यक्षा चित्रा शर्मा ने बताया कि इस महामारी से बचाव के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर व प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी योजना प्रचार प्रसार की प्रदेेशाध्यक्ष राजबाला नरवाल के निर्देशों पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा पूरे प्रदेश में जन जागरूकता अभियान चलाकर मास्क, सेनेटाईजर व दवाईयों का वितरिण किया जा रहा है। इस सामग्री को केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, नगर निगम के वरिष्ठ उप महापौर देवेंद्र चौधरी, भाजपा जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा द्वारा कार्यकर्ताओं को सौंपा गया। जिसके बाद इन्हें आम जन में वितरित किया गया। इस अवसर पर आम जन को कोरोना बीमारी से बचाव के लिए शारीरिक दूरी बनाने, भीड़भाड़ वाले स्थानों से दूर रहने, बैंकों, राशन डिपूओं पर व सवारियों से भरे आटो में जाने से बचने की अपील की।


मास्क एवं सैनेटाईजर वितरण के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता दिनेश राजपूत, बलराज गुप्ता, सीएम सोनी, बिंदु कॉल, शिवकुमार हल्दकर, आदित्य भसीन, स्नेह लता, कोमल पाराशर आदि कार्यकर्ता मौजूद थे।

Posted by: | Posted on: June 24, 2020

???? कर कर सर्वे मर गए ????

आपदा में कर्मचारी कर कर सर्वे मर गए
कुछ अधिकारी पीढ़ियों का इंतजाम कर गए।
राशन पानी आएगा कुछ बाबूजी ने बोला था
इंतजार में यूं जनता के पेट खुद ही भर गए।
करना धरना कुछ नहीं टी वी पर आते हैं रोज
चुन के मुखिया सूबों के छाती पे ऐसे धर गए।
कोरोना योद्धा बने और, ले लिए प्रमाणपत्र
अखबारों में छप छपाकर,वो तो अपने घर गए।
आधा मिलता मेहनताना, काम दुगना हो गया
खुश होकर कर रहे गुजारा ,बेकारी से डर गए।
कोई भी अपना नहीं है मजदूरों ने जाना जब
सैंकड़ों मिलों चले और लौट अपने दर गए।
रक्षक,शिक्षक और चिकित्सक डटे हैं मैदान में
स्वच्छता के और सिपाही मन मेरा भी हर गए।

देवेंद्र गौड़ (कवि)