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क्राइम

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Posted by: | Posted on: July 22, 2020

हरियाणा के फरीदाबाद जेल में बंद सभी कैदियों का कोविड-19 टैस्ट कराया गया

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव )| जिला जेल फरीदाबाद पर एक नई पहलः हरियाणा राज्य की पहली जेल जिसमें जेल में बंद सभी बन्दियों व जेल स्टाफ के सभी अधिकारियों/कर्मचारियों का जिला प्रषासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा करवाया गया सामान्य शारीरिक जाँच व कोविड-19 टैस्ट। जिला जेल फरीदाबाद स्थित नीमका में कोविड-19 वैष्विक महामारी के मध्येनजर माननीय उपायुक्त यषपाल यादव तथा सिविल सर्जन रणदीप सिंह पूनियां जिला जेल फरीदाबाद में कोविड-19 टैस्ट के लिये मैगा मेडिकल कैम्प का उद्घाटन किया गया। जेल अधीक्षक जयकिषन छिल्लर ने बुके देकर माननीय यषपाल यादव आई.ए.एस जिला उपायुक्त फरीदाबाद व रणदीप सिंह पूनियां सिविल सर्जन फरीदाबाद का स्वागत किया। सा0 हस्पताल फरीदाबाद से स्वास्थ्य विभाग के 15 डाक्टरों की टीम व 20 अन्य स्टाफ द्वारा जिला जेल फरीदाबाद में बंद सभी 2033 बन्दियों व तमाम जेल स्टाफ के कर्मचारियों/अधिकारियों का कोविड-19 का टैस्ट करवाया गया। जिसमें सभी कैदी बन्दियों को कोविड-19(कोरोना) से बचाव के बारे में जागरूक किया गया, Social Distancing व स्वच्छता का पालन करने के लिये कहा गया ताकि इस बीमारी से बचा जा सके। जयकिषन छिल्लर जेल अधीक्षक ने बताया कि जिला जेल फरीदाबाद हरियाणा की ऐसी पहली जेल है जिसमे जेल में बंद सभी बन्दियों व जेल के सभी कर्मचारियों/अधिकारियों का एक साथ कोविड-19 का टैस्ट करवाया गया है।जयकिषन छिल्लर जेल अधीक्षक द्वारा जिला जेल फरीदाबाद पर कोविड-19 के टैस्ट के लिये मैगा कैम्प के आयोजन हेतु स्वास्थ्य विभाग के सभी चिकित्सकों व अन्य स्टाफ को उपलब्ध करवाने पर यषपाल यादव आई.ए.एस उपायुक्त फरीदाबाद तथा रणदीप सिंह पूनियां सिविल सर्जन फरीदाबाद का आभार व्यक्त किया गया। माननीय यषपाल यादव उपायुक्त फरीदाबाद ने जेल की सफाई व्यवस्था, स्वच्छता, बन्दियों की पढ़ाई लिखाई व जेल में कैदी बन्दियों के लिये हो रहे सुधारात्मक कार्यो की सराहना की गई। इस अवसर पर जेल उप-अधीक्षक रमेष कुमार, संदीप कुमार सचिन कुमार, रोहण हुडडा, जेल डा0 टी.सी गिड़वाल, डा0 मयंक पाराषर, डा0 विजय कोहली तथा अन्य जेल कर्मचारी/अधिकारी तथा इस दौरान सा0 हस्पताल फरीदाबाद से उप-सिविल सर्जन डा0 संजीव भाग, एस.एम.ओ. हरिष आर्य, डा0 परीक्षित, डा0 अजय गोयल भी मौके पर मौजूद रहे।

Posted by: | Posted on: July 21, 2020

बाबा बन्दा वीर बैरागी के 350वें जन्मदिन पर सेमिनार आयोजित हुआ

बाबा बन्दा वीर बैरागी के 350वें जन्मदिन पर सेमिनार आयोजित हुआ

जीन्द(विनोद वैष्णव)| बाबा बन्दा वीर बैरागी के 350वें जन्मदिन पर जीन्द के बुलबुल काम्पलैक्स में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में पंजाब औद्योगिक विकास निगम के चैयरमैन कृष्ण कुमार बाबा ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा ने की। इसके अलावा सेमिनार में पूर्व मंत्री रामकिशन बैरागी, अखिल भारतीय अग्रवाल समाज के अध्यक्ष एवं प्रमुख समाज सेवी राजकुमार गोयल, वैष्णव बैरागी परिषद हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष राजकुमार भोला, वैष्णव बैरागी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र स्वामी, बी आर अंबेडकर ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूट पूंडरी के चेयरमैन यशपाल वालिया विनायक ग्रुप ऑफ कम्पनीज यूगांडा के मुख्य प्रबन्ध निदेशक यमुना प्रसाद पेशवा, अखिल भारतीय वैष्णव बैरागी सेवा संघ के युवा प्रदेश अध्यक्ष मनोज, भारतीय जनता पार्टी जल प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक मुकेश कुमार शर्मा, बैरागी शिक्षण संस्थान के प्रधान सतेंद्र सिंह, रियल बॉयोग्रीन एग्रो के एमडी जगमहेन्द्र, सुरेश चैहान तलोड़ा, कृष्ण फौजी अहिरका, सज्जन सैनी, स्वर्णकार संघ जींद के अध्यक्ष संजय वर्मा, अंकुर शर्मा, सावर गर्ग, पवन बंसल, रामधन जैन, मुकेश राठौड़, सुरेश लाठर, सौरभ, गौरव वालिया, पवन मान सरपंच, रमेश रजाना, सरदार उमराव सिंह इत्यादि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। इस सेमिनार का मंच संचालन डा. नरेश कालीरमण ने किया। इस सेमिनार में हरियाणा के अलावा दूसरे राज्यों से भी प्रतिनिधियों ने शिरकत की।इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजक राजकुमार भोला द्वारा एक मांग पत्र पेश किया गया। जिसमें केन्द्र सरकार, प्रदेश सरकार और जीन्द प्रशासन से मांग की गई। केन्द्र सरकार से मांग की गई की कि बाबा बन्दा वीर बैरागी के जन्मदिन को पूरे देश मे राष्ट्रीय पर्व के रूप में घोषित किया जाए। प्रदेश सरकार से मांग की गई कि प्रदेश किसी बड़े संस्थान, यूनिवर्सिटी और सड़क मार्ग का नाम बाबा बन्दा वीर बैरागी के नाम पर रखा जाए। जीन्द प्रशासन से मांग की गई कि ऐसे महापुरूष की याद में किसी बड़े चैंक का नाम बाबा बन्दा वीर बैरागी के नाम पर रखा जाए। ये सभी मांगे मुख्य अतिथियों के समक्ष रखी गई और उनसे इन मांगो को पूरा करवाने की मांग की गई। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि कृष्ण कुमार बाबा ने कहा कि महापुरूष किसी भी जाति विशेष के नहीं होते। महापुरूष पूरे समाज के लिए आदर्श होते है। इसी तरह बाबा बन्दा वीर बैरागी भी पूरे समाज के लिए थे। उन्हें 9 जून 1716 को दिल्ली में कुतुबमीनार के पास अमानवीय यात्राएं देकर शहीद कर दिया गया और इसी के साथ देश को मुगल शासन ने आजाद कराने की इस महायोद्धा की चुनौती समाप्त हो गई। उस समय जालिम मुगलों ने उनके 4 वर्ष के बेटे अजय सिंह और उनकी पत्नी के साथ 740 साथियों को भी शहीद कर दिया गया था। विधायक कृष्ण मिढा ने कहा कि ऐसे महापुरूषों की जयन्तियों पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम समाज को जोड़ने का काम करेंगे।

Posted by: | Posted on: July 16, 2020

मिनी स्वीट्स कॉर्नर सेक्टर 23 का मामला -सरेआम गोली चलाकर फिरौती मांगने वाला बंटी सरदार पुलिस की गिरफ्त में

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | 19 जून को सेक्टर 23 में मिनी स्वीट्स कॉर्नर पर गोली चला कर 50 लाख की फिरौती मांगने वाले गिरोह के सरगना बंटी सरदार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गौरतलब है कि मोटर साइकिल सवार दो युवकों ने सरेआम फायरिंग करके धमकी भरा पत्र देकर 50-लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। पत्र में फिरौती मांगने वाले का नाम बंटी सरदार लिखा गया था। उसके बाद बार बार जगह बदलकर मिनी स्वीट्स कॉर्नर के मालिक के फोन पर व्हाट्सएप्प कॉल करके बार बार जान से मारने की धमकी देकर फिरौती मांगी गई। बंटी सरदार ने फ़िल्मी अंदाज में धमकाते हुए कहा था की आज शाम 6 बजे मेरे बन्दे आएंगे और कहेंगे कि डिब्बा तैयार है क्या, तो उनको रुपयों से भरा थैला दे देना और अगर पुलिस को कुछ बताया या मेरे बंदों को कुछ हुया तो, तेरा कुछ रहना नही ओर हमारा कुछ जाना नही। पुलिस आयुक्त ओ पी सिंह आईपीएस ने चार्ज संभालते ही इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने के निर्देश दिए थे। पुलिस ने लगातार अपराधियों की तलाश शुरू कर दी थी लेकिन गिरफ्तारी से बचने के लिए हर 15-20 दिन बाद बंटी सरदार अपना ठिकाना बदल लेता था। साथ ही अपनी लोकेशन को इतना गुप्त रखता था कि उसके रिश्तेदार व दोस्तों को भी इसकी जानकारी नहीं थी। 7 जुलाई को बंटी के दो साथियों कुलदीप और अमन को गिरफ्तार कर लिया गया था। डीसीपी क्राइम मकसूद अहमद आईपीएस और एसीपी क्राइम अनिल कुमार यादव बंटी की गिरफ्तारी के लिए लगातार काम कर रहे थे। इसके लिए कई पुलिस टीमों का गठन किया था साथ ही अपने मुखबिरों को सक्रिय किया था। मुखबिर की सूचना पर क्राइम ब्रांच सेक्टर 48 के प्रभारी सब इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने हार्डवेयर चौक फरीदाबाद से बंटी सरदार को उसके एक साथी प्रिंसपाल के साथ 12 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया था।

नशे और नाम के लिए अपराधों को अंजाम देता है बंटी सरदार
अदालत से पुलिस रिमांड पर लेकर जब बंटी सरदार से पूछताछ की तो पता चला कि उपरोक्त आरोपी गुरमीत सिंह@बंटी सरदार नशे का आदि है और अपनी लत व अन्य शौक पूरे करने के लिए और खुद को सुर्ख़ियों में रखने के लिए तथा लोगों में अपने नाम की दहशत बैठाने के लिए वारदात को अंजाम देता है। बंटी एक शातिर व आदतन अपराधी है, जो की इससे पहले अपरहण, मारपीट, तथा अवैध हथियार रखने जैसे संगीन मामलों में जेल जा चुका है तथा नवम्बर-2019 में थाना सारन फरीदाबाद के एक सिपाही को चाकू मारकर जख्मी करने के आरोप में फरार चल रहा था ।
बंटी पर मुजेसर थाने में दो मुकदमे अवैध हथियार के व दो केस दंगा फसाद और मारपीट के सारन थाने में दर्ज हैं।
बंटी के पास से एक कट्टा देसी , एक जिन्दा कारतूस, एक मोबाइल सैमसंग ग्रान्ड, एक मोबाइल लिनोवा, एक मोबाइल सिम, दो मोटर साइकिल स्पलेंडर बरामद किए गए हैं।

Posted by: | Posted on: July 16, 2020

आल एस्कार्टस इम्पलाइज यूनियन के प्रधान त्रिलोक सिंह ने अपनी कार्यकारणी गठित की

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | फरीदाबाद के सबसे बडी एस्कार्टस ग्रुप कंपनी तथा फोर्टिस एस्कार्टस हास्पीटल के मजदूरों की एक मात्र मान्यता प्राप्त आल एस्कार्टस इम्पलाइज यूनियन का चुनाव गुप्त मतदान के द्वारा मुख्य चुनाव अधिकारी उमेष गुप्ता तथा चुनाव अधिकारी ललित गोस्वामी की देख-रेख में दिनाॅक 4.7.2020 को शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ। जिसमें प्रधान पद के लिए त्रिलोक सिंह को चुना गया। तथा एस्कार्टस प्लांट-1 से तीन प्रतिनिधी रमेष तिवारी, राजेष कुमार, कुषल दत्त निर्वाचित हुए। एस्कार्टस प्लांट -2 फार्मटेªक से 6 प्रतिनिधी राजेन्द्र प्रसाद, सुन्दर पाल, हरजीत सिंह, सदाराम, राममेहर, राजेन्द्र शर्मा निर्वाचित हुए। एस्कार्टस प्लांट-3 से तीन यूनियन प्रतिनिधी होषियार सिंह, संजय कपूर, राजेष्वर त्यागी निर्वाचित हुए। एस्कार्टस आर0 ई0 डी0 से कुलदीप सिंह, एस्कार्टस ई0सी0ई0 से सचिन शर्मा, एस्कार्टस के0एम0सी0 से विपिन गौतम, तथा एस्कार्टस फोर्टिस हास्पीटल से बलवन्त सिंह निर्वाचित हुए।

Posted by: | Posted on: July 13, 2020

यंग फॉर इंडिया के स्वच्छ जल हमारी मांग अभियान की शुरुआत :-एडवोकेट राजेश खटाना

फरीदाबाद(विनोद वैष्णव )।समाजसेवी एडवोकेट राजेश खटाना ने यंग फॉर इंडिया के बैनर तले आज स्वच्छ जल हमारी मांग अभियान की शुरुआत कर दी। इसके तहत फरीदाबाद के आमजन के लिए स्वच्छ जल की शासन प्रशासन से मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज सात आठ हजार रुपये महीना कमाने वाला व्यक्ति भी पीने के पानी पर एक से दो हजार रुपये खर्च करने के लिए मजबूर है। यह बहुत निराशाजनक स्थिति है। इस अवसर पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एडवोकेट राजेश खटाना ने बताया कि फरीदाबाद में स्वच्छ जल एक बड़ी और पुरानी समस्या है, लेकिन इस कोरोना काल में यह और बढ़ गई है। गर्मी और कोरोना दोनों ने पानी के रेट और उसकी उपलब्धता पर भी प्रभाव डाला है। आज एक आम आदमी के लिए पीने का स्वच्छ जल सपना ही है। कॉलोनियों और स्लम क्षेत्रों में पानी उपलब्ध ही नहीं है। उन्होंने बताया कि यंग फॉर इंडिया के माध्यम से चलाए जाने वाला यह अभियान पूरी तरह से गैर राजनैतिक होगा।अभियान के तहत सोमवार को नगर निगम के तीनों जोनों के जांइट कमिश्नर को एक मांग पत्र सौंपा जाएगा, जिसमें पानी की सही व्यवस्था होने तक कॉलोनियों और स्लम क्षेत्रों में वाटर एटीएम की व्यवस्था करने की मांग की जाएगी। इसके बाद नगर निगम के सभी 40 पार्षदों और पांचों विधायकों सहित केंद्रीय राज्यमंत्री को भी ज्ञापन सौंपा जाएगा।एडवोकेट राजेश खटाना ने बताया कि हम सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों एवं मीडिया के जरिए भी लोगों के साथ पानी की समस्या को लेकर संवाद करेंगे और स्वच्छ जल हमारी मांग को हर उस स्तर तक ले जाएंगे, जहां से हमें इसका हल मिल सकता है। खटाना ने बताया कि संपन्न व्यक्ति फिर भी पानी का इंतजाम कर लेता है लेकिन गरीब आदमी के लिए पानी स्टेटस सिंबल न बन जाए, इसके लिए हम संघर्ष के लिए उतर रहे हैं। जिसको किसी भी प्रकार से राजनीति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।इस अवसर पर यंग फॉर इंडिया के स्वच्छ जल हमारी मांग अभियान के समर्थन में नंदकिशोर ठाकुर, गुलशन कुमार, अरविंद कौशिक, चरण सिंह आदि भी प्रमुखता से मौजूद रहे।

Posted by: | Posted on: July 13, 2020

एमवीएन विश्वविद्यालय में ई लर्निंग इग्नाइटिंग माइंड्स कारपोरेट सीरीज को क्रम में आगे बढ़ाते हुए एम्स दिल्ली के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ हरप्रीत सिंह द्वारा भारत एवं विदेशों में फिजियो थेरेपी के स्कोप एवं ग्रोथ के बारे में आभासी सत्र का आयोजन किया गया

पलवल (विनोद वैष्णव )।एमवीएन विश्वविद्यालय में ई लर्निंग इग्नाइटिंग माइंड्स कारपोरेट सीरीज को क्रम में आगे बढ़ाते हुए एम्स दिल्ली के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ हरप्रीत सिंह द्वारा भारत एवं विदेशों में फिजियो थेरेपी के स्कोप एवं ग्रोथ के बारे में आभासी सत्र का आयोजन किया गया जिसका श्रेय सीआरसी विभाग के महाप्रबंधक गौरव सैनी को जाता हैI डॉ हरप्रीत सिंह ने बताया कि फिजियो थेरेपी विज्ञान की एक शाखा है जो शारीरिक रूप से लोगों को सही करने के साथ-साथ मानसिक तौर पर भी रोगों से लड़ने के लिए सशक्त बनाती है I उन्होंने बताया कि फिटनेस के प्रति लोगों की बढ़ती जागरूकता ने इस चिकित्सा विज्ञान की मांग बढ़ा दी है और इस चिकित्सा विज्ञान को अब काफी लाइलाज बीमारियों के लिए कारगर इलाज के रूप में भी देखा जा रहा हैI उन्होंने बताया कि अब फिजियोथैरेपिस्ट केवल अस्पतालों तक ही सीमित नहीं है बल्कि आर्मी एवं खेल जगत जैसे क्षेत्र में भी फिजियोथैरेपिस्ट बेहद जरूरी हैI विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ जे वी देसाई ने इस सत्र की सराहना की और कहा कि फिजियोथैरेपी का कोई साइड इफेक्ट नहीं है इसलिए इसकी मांग लगातार बढ़ रही है और इसे आने वाले समय में अच्छी संभावना के रूप में देखा जा सकता हैI विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ राजीव रतन एवं अकादमिक समन्वयक देवेश भटनागर ने कहा कि इस प्रकार के सत्र हर कोर्स के लिए हम कराते रहेंगे जो विद्यार्थियों के लिए बहुत ज्ञानवर्धक एवं लाभप्रद होते हैंI फार्मेसी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ तरुण विरमानी ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई एवं विद्यार्थियों की रुचि के काफी प्रश्न पूछे जिनके बहुत ही अच्छे एवं सरल तरीके से उत्तर दिए गएI फिजियोथैरेपी विभाग के विभागाध्यक्ष महेश धानु एवं सह अध्यापक स्वेता और यासुदास उपस्थित रहेI

Posted by: | Posted on: July 9, 2020

साहसिक कार्य के लिए पुलिस कर्मी रामअवतार एवं उसकी पुरी टीम को वार्ड 29 के पार्षद प्रतिनिधि विनोद भाटी एवं वार्ड वाशियो ने सम्मानित किया

फरीदाबाद (देवेंदर सिंह /दीपक शर्मा )|वार्ड नः 29 की गली नः 16 बसेलवा कालोनी के एक मकान में लगी आग को हरियाणा पुलिस के एसआई राम अवतार ने अपनी सुझबूझ से आग को बुझाया ओर एक व्यक्ति की जान भी बचाई ओर एक बडा हादसा होने से बचाया क्योकि उस घर में गैस से भरे तीन सलैण्डर थे जिनकी वजह से एक बडा हादसा हो सकता था इस साहसिक कार्य के लिए रामअवतार एवं उसकी पुरी टीम को वार्ड 29 के पार्षद प्रतिनिधि विनोद भाटी एवं वार्ड वाशियो ने सम्मानित किया |

Posted by: | Posted on: July 4, 2020

डॉ मिनाक्षी पांडेय की नजर से श्री वृन्दावन एक दिव्य दैविक धाम – पार्ट 2

वृन्दावन भगवान कृष्ण की लीला से जुडा हुआ है। यह स्थान श्री कृष्ण भगवान के बाललीलाओं का स्थान माना जाता है। यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में मथुरा से 12 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर-पश्चिम में यमुना तट पर स्थित है। हरिवंश पुराण, श्रीमद्भागवत, विष्णु पुराण आदि में वृन्दावन की महिमा का वर्णन किया गया है।वृन्दावन वह जगह है जहा श्री कृष्ण ने महारस किया था। यहाँ के कण कण में राधा कृष्ण के प्रेम की आध्यात्मिक धरा बहती है। वृन्दावन पावन स्थली का नामकरण ‘वृन्दावन’ कैसे हुआ इसके बारे में अनेक मत है। वुन्दा तुलसी को कहते है- पहले यह तुलसी का घना वन था इसलिए वृन्दावन कहा जाने लगा। वृन्दावन की अधिष्ठात्री देवी वृंदा अर्थात राधा है। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार श्री राधा रानी के सोलह नामो में से एक नाम वृंदा भी है। वृन्दावन को ब्रज का हृदय कहते है जहाँ श्री राधाकृष्ण ने अपनी दिव्य लीलाएँ की हैं। इस पावन भूमि को पृथ्वी का अति उत्तम तथा परम गुप्त भाग कहा गया है। पद्म पुराण में इसे भगवान का साक्षात शरीर, पूर्ण ब्रह्म से सम्पर्क का स्थान तथा सुख का आश्रय बताया गया है। इसी कारण से यह अनादि काल से भक्तों की श्रद्धा का केन्द्र बना हुआ है। चैतन्य महाप्रभु, स्वामी हरिदास, श्री हितहरिवंश, महाप्रभु वल्लभाचार्य आदि अनेक गोस्वामी भक्तों ने इसके वैभव को सजाने और संसार को अनश्वर सम्पति के रूप में प्रस्तुत करने में जीवन लगाया है।वृन्दावन की प्राकृतिक छटा देखने योग्य है। यमुना जी ने इसको तीन ओर से घेरे रखा है। यहाँ के सघन कुंजो में भाँति-भाँति के पुष्पों से शोभित लता तथा ऊँचे-ऊँचे घने वृक्ष मन में उल्लास भरते हैं। बसंत ॠतु के आगमन पर यहाँ की छटा और सावन-भादों की हरियाली आँखों को शीतलता प्रदान करती है, वह श्रीराधा-माधव के प्रतिबिम्बों के दर्शनों का ही प्रतिफल है। वृन्दावन का कण-कण रसमय है। यहाँ प्रेम-भक्ति का ही साम्राज्य है। वृन्दावन में श्रीयमुना के तट पर अनेक घाट हैं। वृन्दावन की गलिया बड़ी प्रसिद्ध है और इन गलियों को कुंज गलिया कहते है। हैं।

‘वृन्दा’ तुलसी को कहते हैं। यहाँ तुलसी के पौधे अधिक थे। इसलिए इसे वृन्दावन कहा गया।वृन्दावन की अधिष्ठात्री देवी ‘वृन्दा’ हैं। कहते हैं कि वृन्दा देवी का मन्दिर सेवाकुंज वाले स्थान पर था। यहाँ आज भी छोटे-छोटे सघन कुंज हैं। श्री वृन्दा देवी के द्वारा परिसेवित परम रमणीय विविध प्रकार के सेवाकुंजों और केलिकुंजों द्वारा परिव्याप्त इस रमणीय वन का नाम वृन्दावन है। यहाँ वृन्दा देवी का सदा-सर्वदा अधिष्ठान है। वृन्दा देवी श्रीवृन्दावन की रक्षयित्री, पालयित्री, वनदेवी हैं। वृन्दावन के वृक्ष, लता, पशु-पक्षी सभी इनके आदेशवर्ती और अधीन हैं। श्री वृन्दा देवी की अधीनता में अगणित गोपियाँ निरंतर कुंजसेवा में संलग्न रहती हैं। इसलिए ये ही कुंज सेवा की अधिष्ठात्री देवी हैं। पौर्णमासी योगमाया पराख्या महाशक्ति हैं। गोष्ठ और वन में लीला की सर्वांगिकता का सम्पादन करना योगमाया का कार्य है। योगमाया समाष्टिभूता स्वरूप शक्ति हैं।

इन्हीं योगमाया की लीलावतार हैं- भगवती पौर्णमासीजी। दूसरी ओर राधाकृष्ण के निकुंज-विलास और रास-विलास आदि का सम्पादन कराने वाली वृन्दा देवी हैं। वृन्दा देवी के पिता का नाम चन्द्रभानु, माता का नाम फुल्लरा गोपी तथा पति का नाम महीपाल है। ये सदैव वृन्दावन में निवास करती हैं। ये वृन्दा, वृन्दारिका, मैना, मुरली आदि दूती सखियों में सर्वप्रधान हैं। ये ही वृन्दावन की वनदेवी तथा श्रीकृष्ण की लीलाख्या महाशक्ति की विशेष मूर्तिस्वरूपा हैं। इन्हीं वृन्दा ने अपने परिपालित वृन्दावन के साम्राज्य को महाभाव स्वरूप राधारानी के चरण कमलों में समर्पण कर रखा है। इसीलिए राधिका जी ही वृन्दावनेश्वरी हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि श्रीमती रानी के सोलह नामों में से एक नाम वृन्दा भी है। वृन्दा अर्थात अपने प्रिय श्री कृष्ण से मिलने की आकांक्षा लिए इस वन में निवास करती हैं और इस स्थान के कण-कण को पावन तथा रसमय करती हैं। है। यहाँ पर उस परब्रह्म परमात्मा ने मानव रूप अवतार धारण कर अनेक प्रकार की लीलाएँ की। विशेषकर यह वृन्दावन भगवान् श्रीकृष्ण की लीला क्षेत्र है। किसी संत ने कहा है कि-

वृन्दावन सो वन नहीं, नन्दगांव सो गांव।
बंशीवट सो बट नहीं, कृष्ण नाम सो नाम।

अर्थात वृन्दावन के बराबर संसार में कोई पवित्र वन नहीं है और नंदगाव के बराबर कोई गांव नही , बंशीवट के बराबर कोई वट वृक्ष नहीं है, और श्री कृष्ण नाम के बराबर कोई दूसरा नाम श्रेष्ठ नहीं है। वृन्दावन में भगवान श्रीकृष्ण की चिन्मय रूप प्रेमरूपा राधा जी साक्षात विराजमान हैं। राधा साक्षत भक्ति रूपा हैं। इसलिए इस वृन्दावन में वास करने तथा भजन कीर्तन एवं दान इत्यादि करने से सौ गुना फल प्राप्त होता है। शिरोमणि श्रीमद्भागवत में यत्र-तत्र सर्वत्र ही श्रीवृन्दावन की प्रचुर महिमा का वर्णन प्राप्त होता है।चतुर्मुख श्री ब्रम्हा जी ने श्रीकृष्ण की अद्भुत लीला-माधुरी का दर्शन कर बड़े विस्मित हुए और हाथ जोड़कर प्रार्थना करने लगे। ब्रह्माजी कह रहे हैं- ‘अहो! आज तक भी श्रुतियाँ जिनके चरणकमलों की धूलि को अन्वेषण करके भी नहीं पा सकी हैं, वे भगवान मुकुन्द जिनके प्राण एवं जीवन सर्वस्व हैं, इस वृन्दावन में उन ब्रजवासियों में से किसी की चरणधूलि में अभिषिक्त होने योग्य तृण, गुल्म या किसी भी योनि में जन्म होना मेरे लिए महासौभाग्य की बात होगी।

यदि इस वृन्दावन में किसी योनि में जन्म लेने की सम्भावना न हो, तो ब्रजधाम में कही भी किसी प्रान्त में प्रान्त किसी शिला के रूप में जन्म ग्रहण करूँ, जिससे वहाँ की मैला साफ़ करने वाली जमादारनियाँ भी अपने पैरों को साफ़ करने के लिए उन पत्थरों पर पैर रगड़ें, जिससे उनकी चरणधूलि को स्पर्श करने का भी सौभाग्य प्राप्त हो। श्री उद्धव जी कहते हैं कि जिन्होंने दुस्त्यज्य पति-पुत्र आदि सगे-सम्बन्धियों, आर्यधर्म और लोकलज्जा आदि सब कुछ का परित्याग कर श्रुतियों के अन्वेषणीय स्वयं-भगवान ब्रजेन्द्रनन्दन श्री कृष्ण को भी अपने प्रेम से वशीभूत कर रखा है- मैं उन गोप-गोपियों की चरण-गोपियों की चरण-धूलि से अभिषिक्त होने के लिए इस वृन्दावन में गुल्म, लता आदि किसी भी रूप में जन्म प्राप्त करने पर अपना अहोभाग्य समझूँगा। रंगभूमि में उपस्थित माथुर रमणियाँ वृन्दावन की भूरि-भूरि प्रशंसा करती हुई कह रही हैं-अहा! इन तीनों लोकों में श्रीवृन्दावन और वृन्दावन में रहने वाली गोप-रमणियाँ ही धन्य हैं, जहाँ परम पुराण पुरुष श्रीकृष्ण योगमाया के द्वारा निगूढ़ रूप में मनुष्योचित लीलाएँ कर रहे हैं। कृष्ण प्रेम में उन्मत्त एक दूसरी गोपी को सम्बोधित करती हुई कह रही है- अरी सखि! यह वृन्दावन, वैकुण्ठ लोक से भी अधिक रूप में पृथ्वी की कीर्तिका विस्तार कर रहा है, क्योंकि श्री कृष्ण के चरणकमलों के चिह्नों को अपने अंक में धारण कर अत्यन्त सुशोभित हो रहा है।जब भी श्रीकृष्ण अपनी विश्व-मोहिनी मुरली की धुन छेड़ देते थे ,उस समय वंशीध्वनि को मेघा गर्जन समझकर मयूर अपने पंखों को फैलाकर उन्मत्त की भाँति नृत्य करने लगते हैं। इसे देखकर पर्वत के शिखरों पर विचरण करने वाले पशु-पक्षी सम्पूर्ण रूप से निस्तब्ध होकर अपने कानों से मुरली ध्वनि तथा नेत्रों से मयूरों के नृत्य का रसास्वादन करने लगते हैं।श्री शुकदेव जी परम पुलकित होकर वृन्दावन की पुन:पुन: प्रशंसा करते हैं- अपने सिर पर मयूर पिच्छ, कानों में पीले कनेर के सुगन्धित पुष्प, श्याम अंगों पर स्वर्णिम पीताम्बर, गले में पंचरंगी पुष्पों की चरणलम्बित वनमाला धारणकर अपनी अधर-सुधा के द्वारा वेणु को प्रपूरितकर उसके मधुर नाद से चर-अचर सबको मुग्ध कर रहे हैं तथा ग्वालबाल जिनकी कीर्ति का गान कर रहे हैं, ऐसे भुवनमोहन वेश धारणकर श्रीकृष्ण अपने श्रीचरण चिह्नों के द्वारा सुशोभित करते हुए परम रमणीय वृन्दावन में प्रवेश कर रहे हैं। इसलिए अखिल चिदानन्द रसों से आप्लावित मधुर वृन्दावन को छोड़कर श्रीकृष्ण कदापि अन्यत्र गमन नहीं करते हैं।एक रसिक और भक्त कवि ने वृन्दावन के सम्बन्ध में श्रुति पुराणों का सार गागर में सागर की भाँति संकलन कर ठीक ही कहा है. वृन्दावन की प्राकृतिक सौंदर्यता देखने योग्य है। यमुना ने इसको तीन ओर से घेरे रखा है।

आज भी श्री वृन्दावन के कण कण में श्री कृष्ण की मधुर ध्वनि सुनायी देती है और उस पवित्रता और अद्भुत दिव्यता का एहसास होता है और इसका अनुभव हम वहां की मिटटी पर जाकर महसूस कर सकते हैं यहाँ के सघन कुंजों में भाँति-भाँति के पुष्पों से शोभित लता तथा ऊँचे-ऊँचे घने वृक्ष मन में उल्लास भरते हैं। यहाँ की छटा और सावन-भादों की हरियाली आँखों को जो शीतलता प्रदान करती है उसका बयान शब्दों में नही किया जा सकता है वृन्दावन का कण-कण रसमय है। यहाँ प्रेम-भक्ति का ही साम्राज्य है। गर्ग संहिता में श्री वृन्दावन का महत्त्व गोलोकधाम से भी बढ़ कर मन गया है. कई विश्व प्रसिद्ध लोग अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण समय वृन्दावन में बिताते हैं और अपना जीवन आध्यात्म में समर्पित करते हैं जो शांति क्युकि यहाँ के वातावरण में है मेरा ये मानना है ऐसी परम शांति संपूर्ण विश्व में कहीं नही है अपने-अपने कामों से अवकाश प्राप्त कर अपने शेष जीवन को बिताने के लिए यहाँ अपने निवास स्थान बनाकर रहते हैं। वे प्रतिदिन साधु-संगतों, हरिनाम संकीर्तन, श्री मद्भागवत आदि ग्रन्थों के होने वाले पाठों में सम्मिलित होकर धर्म-लाभ प्राप्त करते हैं। ब्रज के केन्द्र में स्थित वृन्दावन में सैंकड़ों मन्दिर हैं। जिनमें से अनेक ऐतिहासिक धरोहर भी है। श्री सूरदास जी ,श्री चैतन्य महाप्रभू ,स्वामी हरिदास जी जैसे संतों का इस पवित्र स्थान से सम्बन्ध रहा है. ना जाने कितने विद्वानों ,ऋषि मुनियों ने अपना सब कुछ छोड़ कर श्री वृन्दावन में रहकर श्री कृष्ण साधना को अपने जीवन का परम उद्देश्य बना लिया

वृन्दावन में निधिवन

श्री वृन्दावन में स्थित निधिवन के बारे में कहा जाता है कि की यहाँ आज भी हर रात कृष्ण गोपियों संग रास रचाते है। यही कारण है कि निधिवन को संध्या आरती के पश्चात बंद कर दिया जाता है और उसके बाद वहां फिर किसी को अंदर प्रवेश करने की अनुमति नही है यहाँ तक कि वहां आने वाले वाले पशु-पक्षी भी संध्या होते ही निधि वन को छोड़कर चले जाते है।निधि वन के अंदर ही ‘रंग महल’ है . और जिसके बारे में ऐसा कहा जाता है कि वहां प्रतिदिन श्री कृष्ण और श्रीमति राधा रानी के लिए रखे गए चंदन की पलंग को शाम सात बजे के पहले सजा दिया जाता है। पलंग के बगल में श्रीमति राधा रानी और श्री कृष्ण के लिए एक जल से भरा पात्र श्रृंगार का सामान और दातुन संग पान रख दिया जाता है। सुबह पांच बजे जब ‘रंग महल’ का पट खुलता है तो पात्र का जल थोड़ा सा मिलता है ,दातुन कुची हुई और पान खाया हुआ मिलता है। रंगमहल में भक्त केवल श्रृंगार का सामान ही चढ़ाते है और प्रसाद स्वरुप उन्हें भी श्रृंगार का सामान मिलता है।निधि वन की एक अन्य खासियत यहाँ के तुलसी के पेड़ है। निधि वन में तुलसी का हर पेड़ जोड़े में है। इसके पीछे यह मान्यता है कि जब राधा संग कृष्ण वन में रास रचाते हैं तब यही जोड़ेदार पेड़ गोपियां बन जाती हैं। जैसे ही सुबह होती है तो सब फिर तुलसी के पेड़ में बदल जाती हैं। साथ ही एक अन्य मान्यता यह भी है की इस वन में लगे जोड़े की वन तुलसी की कोई भी एक डंडी नहीं ले जा सकता है। लोग बताते हैं कि‍ जो लोग भी ले गए वो किसी न किसी आपदा का शिकार हो गए इसलिए इन्हे कोई भी नही छूता , रंग महल में आज भी प्रसाद (माखन मिश्री) प्रतिदिन रखा जाता है।शयन के लिए पलंग लगाया जाता है। सुबह बिस्तरों के देखने से प्रतीत होता है कि यहां निश्चित ही कोई रात्रि विश्राम करने आया तथा प्रसाद भी ग्रहण किया है। लगभग दो ढ़ाई एकड़ क्षेत्रफल में फैले निधिवन के वृक्षों की खासियत यह है कि इनमें से किसी भी वृक्ष के तने सीधे नहीं मिलेंगे तथा इन वृक्षों की डालियां नीचे की ओर झुकी तथा आपस में गुंथी हुई प्रतीत हाते हैं।निधिवन परिसर में ही संगीत सम्राट एवं धुपद के जनक श्री स्वामी हरिदास जी की जीवित समाधि, रंग महल, बांके बिहारी जी का प्राकट्य स्थल, राधारानी बंशी चोर आदि दर्शनीय स्थान ऐसी भी मान्यता है निधिवन में प्रतिदिन रात्रि में होने वाली श्रीकृष्ण की रासलीला को देखने वाला अंधा, गूंगा, बहरा, पागल और उन्मादी हो जाता है ताकि वह इस रासलीला के किसी को बता ना सके।

इसी कारण रात्रि 8 बजे के बाद पशु-पक्षी, परिसर में दिनभर दिखाई देने वाले बन्दर, भक्त, पुजारी इत्यादि सभी यहां से चले जाते हैं। और परिसर के मुख्यद्वार पर ताला लगा दिया जाता है। उनके अनुसार यहां जो भी रात को रुक जाते है वह सांसारिक बन्धन से मुक्त हो जाते हैं और जो मुक्त हो गए हैं, उनकी समाधियां परिसर में ही बनी हुई है। निधिवन में जो 16000 आपस में गुंथे हुए वृक्ष आप देख रहे हैं, वही रात में श्रीकृष्ण की 16000 रानियां बनकर उनके साथ रास रचाती हैं। रास के बाद श्रीराधा और श्रीकृष्ण परिसर के ही रंग महल में विश्राम करते हैं। जबकि सच इस प्रकार है – अनियमित आकार के निधिवन के चारों तरफ पक्की चारदीवारी है। परिसर का मख्यद्वार पश्चिम दिशा में है।परिसर का नऋत्य कोण बढ़ा हुआ है और पूर्व दिशा तथा पूर्व ईशान कोण दबा हुआ है। गाइर्ड जो 16000 वृक्ष होने की बात करते हैं वह भी पूरी तरह झूठ है क्योंकि परिसर का आकार इतना छोटा है कि 1600 वृक्ष भी मुश्किल से होंगे और छतरी की तरह फैलाव लिए हुए कम ऊँचाई के वृक्षों की शाखाएं इतनी मोटी एवं एवं मजबूत भी नहीं है कि दिन में दिखाई देने वाले बंदर रात्रि में इन पर विश्राम कर सकें इसी कारण वह रात्रि को यहाँ से चले जाते हैं।इस परिसर की चारदीवारी लगभग 10 फीट ऊंची है और बाहर के चारों ओर रिहायशी इलाका है जहां चारों ओर दो-दो, तीन-तीन मंजिला ऊँचे मकान बने हुए है और इन घरों से निधिवन की चारदीवार के अन्दर के भाग को साफ-साफ देखा जा सकता है। वह स्थान जहाँ रात्रि के समय रासलीला होना बताया जाता है वह निधिवन के मध्य भाग से थोड़ा दक्षिण दिशा की ओर खुले में स्थित है।यदि सच में रासलीला देखने वाला अंधा, गूंगा, बहरा हो जाए या मर जाए तो ऐसी स्थिति में निश्चित ही आस-पास के रहने वाले यह इलाका छोड़कर चले गए हाते। निधिवन के अन्दर जो 15-20 समाधियां बनी हैं वह स्वामी हरिदास जी और अन्य आचार्यों की समाधियां हैं जिन पर उन आचार्यों के नाम और मृत्यु तिथि के शिलालेख लगे है

Posted by: | Posted on: June 26, 2020

हरियाणा पत्रकार संघ का एक प्रतिनिधी मंडल राज्य के पत्रकारों की मांगों को लेकर आज करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिला

चंडीगढ़/करनाल (विनोद वैष्णव )।हरियाणा पत्रकार संघ का एक प्रतिनिधी मंडल राज्य के पत्रकारों की मांगों को लेकर आज करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिला । मांग पत्र में पत्रकारों को चिकित्सा बीमा देने, कोविड-19 में रहे बेरोजगार पत्रकारों को राहत पैकेज देने तथा लघु समाचार पत्रों को लाभकारी नई विज्ञापन नीति बनाने की एवं प्रेस मान्यता देने वाली कमेटी का गठन करने की माँग की गई की । इस बैठक में करनाल के सांसद संजय भाटिया भी उपस्थित थे ।

Posted by: | Posted on: June 19, 2020

कुलदीप सिंह ऑल इंडिया फिल्मस एंड टीवी आर्टिस्ट एसो. अध्यक्ष नियुक्त

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ): कुलदीप सिंह को ऑल इंडिया फिल्मस एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन ने फरीदाबाद जिला प्रेसिडेंट नियुक्त किया। इस अवसर पर कुलदीप सिंह ने एसोसिएशन के फॉउंडर एवं ट्रस्टी चन्दर प्रकाश गर्ग का आभार व्यक्त किया। कुलदीप सिंह ने कहा कि यह एसोसिएशन हर कलाकार को उसके करियर में आगे बढ़ने में प्रोत्साहित करेगी ओर हर सम्भव मदद करेगी। फिल्म- टीवी इंडस्ट्री मे कास्टिंग काउच एक बीमारी की तरह है उसको भी जड़ से ख़त्म करने के लिए एसोसिएशन देश भर में प्रयासरत है।

इस अवसर पर कुलदीप सिंह ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के अकस्मात निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में भाईभतीजा वाद बहुत प्रचलित है और सच्चे ओर प्रतिभा संपन्न कलाकार की कदर नहीं है यह बॉलीवुड में बड़े दुःख की बात है।