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Posted by: | Posted on: August 12, 2020

वार्ड 3, जिला परिषद फरीदाबाद से भावी उम्मीदवार विक्रांत गौड़ ने कृष्ण जन्माष्टमी की सभी क्षेत्रवासियों को शुभकामनाएं दी

वार्ड 3, जिला परिषद फरीदाबाद से भावी उम्मीदवार विक्रांत गौड़ ने कृष्ण जन्माष्टमी की सभी क्षेत्रवासियों को शुभकामनाएं दी

Posted by: | Posted on: August 6, 2020

फरीदाबाद के फिक्की के चैयरमेन एवं प्रसिद्ध उधोगपति,परफेक्ट ब्रेड के के डायरेक्टर एच के बत्रा की पत्नी ने अपने घर को दिये से रोशन कर दिवाली जैसा माहौल बनाया एवं जय श्री राम के जयकारे लगाए

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | फरीदाबाद के फिक्की के चैयरमेन एवं प्रसिद्ध उधोगपति,परफेक्ट ब्रेड के के डायरेक्टर एच के बत्रा की पत्नी ने अपने घर को दिये से रोशन कर दिवाली जैसा माहौल बनाया एवं जय श्री राम के जयकारे लगाए |

अयोध्या में प्रभु राम के मंदिर निर्माण के लिए बुधवार को जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन किया,उसके साथ ही फरीदाबाद शहर में भी उल्लास छा गया । औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में भी बुधबार शाम को सभी ने घी के दिए जलाये । मंदिरों के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए भले ही कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासनिक आदेश से बंद हों, पर इसकी बाह्य व भीतरी साज-सज्जा पर तो कोई असर नहीं है। इसलिए मंदिरों को बिजली एवं दियो की रोशनी से सजाया गया है। भगवान राम परिवार की प्रतिमाओं के लिए नए वस्त्र पहनाये गये । घर -घर दीपावली जैसी चमक रही |

Posted by: | Posted on: August 4, 2020

पेड़ मानव जीवन का आधार है: नरेंद्र गुप्ता

फरीदाबाद(विनोद वैष्णव )| पेड़ मानव जीवन का आधार हैं। हमें जीवन दायनी प्राण वायु आक्सीजन हमें पेड़-पौधों से ही मिलती है। पेड़-पौधे ही बारिश कराने में मददगार होते हैं। इससे सभी को पौधे लगाने चाहिए साथ ही उनका पालन कर उन्हें पेड़ बनाना चाहिए। उक्त वाक्य फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक नरेंद्र गुप्ता ने सैक्टर-11 ई ब्लॉक में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान संबोधित करते हुए कहे। रोटरी क्लब ऑफ फरीदाबाद आस्था द्वारा उक्त पार्क को आस्था वन के रूप में विकसित किया जा रहा है जिसमें विधायक नरेंद्र गुप्ता व प्रशासन के सहयोग से लगभग 2 हजार फलों के साथ-साथ छायादार पेड़ लगाए जा रहे हैं। इस मौके पर विधायक नरेंद्र गुप्ता ने कहा कि जब से दुनिया शुरू हुई है, तभी से इंसान और कुदरत के बीच गहरा रिश्ता रहा है। पेड़ों से पेट भरने के लिए फल-सब्जियां और अनाज मिला, तन ढकने के लिए कपड़ा मिला, घर के लिए लकड़ी मिली। इनसे जीवनदायिनी ऑक्सीजन भी मिलती है, जिसके बिना कोई एक पल भी जिंदा नहीं रह सकता। इनसे औषधियां मिलती हैं। नरेंद्र गुप्ता ने कहा कि पेड़ इंसान की जरूरत हैं, उसके जीवन का आधार हैं। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को यह संकल्प लेना चाहिए कि वह एक पेड़ अवश्य लगाएं और पेड़ लगाने के साथ-साथ उसे पाल-पोसकर बड़ा भी करे ताकि आने वाली पीढिय़ां भी उसका लाभ उठा सके। इस मौके पर रोटरी क्लब ऑफ फरीदाबाद आस्था के प्रधान अविकल आर्य, पूर्व प्रधान राज भाटिया व साहिल ग्रोवर ने संयुक्त ने बताया कि रोटरी क्लब आस्था द्वारा आस्था वन विकसित किए जा रहे हैं और इस पार्क को भी उन्होंने विकसित करके आस्था वन में तब्दील करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि वे इस मुहिम को आगे भी जारी रखेंगे क्योंकि यह न केवल हमारे लिए बल्कि आगामी पीढ़ी के लिए भी काफी जरूरी है। इस मौके पर आरएस गांधी, वासदेव अरोड़ा, सुरेंद्र शर्मा बबली, गोल्डी बरेजा, प्रेम पसरीचा, भाजपा मंडलाध्यक्ष कुलदीप साहनी, सचिन शर्मा, नीरज मित्तल, टीपी भारद्वाज, वजीर डागर, विक्रम चौधरी, राजकुमार अग्रवाल, संजय जिंदल, रोहताश शर्मा, मनीष अग्रवाल, रोहित बजाज, आशीष गुप्ता, देव बजाज, मनोज बांगिया, पवन मेधलानी आदि रोटेरियन्स, आरडब्ल्यूए के सदस्य व मौजिज लोग मौजूद रहे।

Posted by: | Posted on: July 27, 2020

श्री वृन्दावन धाम – “श्री गोपेश्वर महादेव” (Gopeshwar Temple )

श्री वृन्दावन धाम – “श्री गोपेश्वर महादेव

जैसा कि आज २७ जुलाई २०२० को श्रावण सोमवार है तो बस मेरे मन में इच्छा जाएगी की मैं वृन्दावन स्थित श्री गोपेश्वर महादेव ,जो श्री वृन्दावन धाम में स्थित हैं के बारे में कुछ विशेष जानकारी दूँ।

कहते हैं की सम्पूर्ण विश्व में सिर्फ यही एक ऐसा विश्व प्रसिद्ध मंदिर है जहाँ श्री शिव ने एक गोपी का रूप धारण करके श्री कृष्ण के महारास में प्रवेश किया था , क्युकि उस महारास में श्री कृष्ण के अलावा किसी और पुरुष का प्रवेश वर्जित था। शिव का यह दुर्लभ स्वरुप वृन्दावन के अलावा किसी और स्थान पर नहीं मिलेगा। वृन्दावन की दिव्य भूमि पर पहुँचते ही व्यक्ति जिस आनन्द ,प्रेम उन्माद और आध्यात्मिक गहराई में डूब जाता है शायद उसका वर्णन शब्दों में कर पाना संभव नही है।दिव्य श्री कृष्ण का स्वरूप वृन्दावन में पूर्णतम ,मथुरा में पूर्णतर और द्वारका में पूर्ण है और ब्रजधाम माधुर्य की पराकाष्ठा है। भगवान श्री कृष्ण का गोपियों के साथ महारास एक ऐसा महत्वपूर्ण अवसर है जिसकी चर्चा वेदों ,पुराणों और शास्त्रों में भी वर्णित है भगवान शिव को भी महारास के दर्शनों की इतनी गहरी लालसा थी की ब्रजधाम की शक्ति ,दिव्यता और श्री कृष्ण प्रेम उन्हें भी ब्रजधाम खींच लाया। भगवान श्री कृष्ण का गोपी रूप धारण किया हुआ दुर्लभ स्वरुप शायद ही वृन्दावन के अलावा ,विश्व में कहीं भी इसका उल्लेख मिलेगा। श्री मद्भागवत में इसका विस्तृत वर्णन किया गया है की जब रासलीला करने की अभिलाषा से श्री कृष्ण ने वेणुवादन आरम्भ किया तो भगवान शिव को भी इस अद्भुत दैवीय दृश्य को देखने की इच्छा और लालसा जागी और इस अभिलाषा से वो श्री वृन्दावन धाम को चले आये।

एक तरफ श्रीकृष्ण के महारास के दर्शनों की लालसा में उनका गोपीरूप धारण करना और दूसरी तरफ वृन्दावन के कोतवाल हैं। श्री मद्भागवत में उल्लेख है जब रास करने की अभिलाषा से श्रीकृष्ण ने वेणु-वादन आरम्भ किया तो उसके स्वर को सुनकर भोलेनाथ भी प्रभु के रास-दर्शन की अभिलाषा में वृन्दावन आ पहुंचे। सखियों ने उन्हें रोकते हुए कहा यहाँ पुरुषों का प्रवेश वर्जित है। रास में प्रवेश का अधिकार केवल गोपियों को हैं। यह सुनकर भोलेनाथ ने तत्काल गोपी वेश धारण किया और बन गए गोपेश्वर।

इसकी विस्तृत चर्चा आने वाले समय में मैं अपनी पुस्तक में करुँगी।

श्री हितवृंदावंने श्री गोपेश्वर महादेव को वृन्दावन धाम का रक्षक मन।

सम्वत १८१७ की रचना ” हरिकला बेलि ” में उन्होंने अब्दाली के द्वारा किये हुए हमले की चर्चा करते हुए श्री वृन्दावन धाम में गोपेश्वर महादेव, मथुरा के भूतेश्वर, और गोवर्धन के चकलेश्वर का भी वर्णन किया है। कहते हैं श्रीकृष्ण की इस पावन लीला के बाद उनके प्रपौत्र वज्रनाथ ने इन्हे खोजकर वंशीवट के समीप स्थापित किया। तभी से गोपेश्वर महादेव यहाँ भक्तों को दर्शन लाभ दे रहे हैं।यहाँ साधकों ने इन्हे इस पवित्र वन के कोतवाल की संज्ञा दी है जिनके दरबार में हाजिरी के बिना ब्रजयात्रा पूर्ण नहीं मणि जाती है- “नाम विदित गोपेश्वर जिनकौ, ते वृंदा कानन कुतवार। “

व्रज में वैष्णवों का शिव के साथ समन्वय अद्धभुत है। महाप्रभु चैतन्य की परम्परा के अंतर्गत रूप गोस्वामीजी ने आज से ४८५ साल पहले संवत १५८९ में अपनी संस्कृत रचना “विदग्ध माधव” नाटक रूप में गोपेश्वर महादेव के पौराणिक महत्व का उल्लेख किया। बल्ल्भ कुल के गोस्वामी विठ्ठलनाथ जी की वि. सं. १६०० की ब्रजयात्रा में वंशीवट के समीप गोपेश्वर का उल्लेख किया है। सुकवि जगतनंद संवत १६२४ में गुंसाईं जी की दूसरी वन यात्रा के दौरान जहाँ व्रज के आठ प्रसिद्ध महादेवों में गोपेश्वर का उल्लेख किया, वहीं उनकी ‘व्रज ग्राम वर्णन’ रचना में भी इसकी जानकारी मिलती है।

श्री वृन्दावन धाम – “श्री गोपेश्वर महादेव

राधा बल्ल्भ संप्रदाय के चाचा हित वृन्दावन ने वन का रक्षक गोपेश्वर को मन। संवत १८१७ की रचना ‘हरिकला बेली’ में उन्होंने अब्दाली के द्वारा किये गए हमले की दुहाई देते हुए वृन्दावन के रक्षक गोपेश्वर से प्रार्थना करने के साथ ही मथुरा के भूतेश्वर तथा गोवर्धन के चकलेश्वर का भी उल्लेख किया है- “वन रक्षगोपेसुर पुरी रक्ष भूतनाथ, गिरी की तरहटी चक्रेसुर रक्षा करौ। “ब्रिटिश जिलाधिकारी एफ. एस. ग्राउस ने भी गोपेश्वर के बारे में लिखा है।जैसा गोपेश्वर महादेव की लीला भी अजब है। एक तरफ श्रीकृष्ण के महारास के दर्शनों की लालसा में उनका गोपीरूप धारण करना और दूसरी तरफ वृन्दावन के सड़कों के लिए कोतवाल हैं। शिव का यह दुर्लभ स्वरुप वृन्दावन के अलावा किसी और स्थान पर नहीं मिलेगा। श्री मद्भागवत में उल्लेख है जब रास करने की अभिलाषा से श्रीकृष्ण ने वेणु-वादन आरम्भ किया तो उसके स्वर को सुनकर भोलेनाथ भी प्रभु के रास-दर्शन की अभिलाषा में वृन्दावन आ पहुंचे।

कहते हैं श्रीकृष्ण की इस पावन लीला के बाद उनके प्रपौत्र वज्रनाथ ने इन्हे खोजकर वंशीवट के समीप स्थापित किया। तभी से गोपेश्वर महादेव यहाँ भक्तों को दर्शन लाभ दे रहे हैं।यहाँ साधकों ने इन्हे इस पवित्र वन के कोतवाल की संज्ञा दी है जिनके दरबार में हाजिरी के बिना ब्रजयात्रा पूर्ण नहीं मणि जाती है- “नाम विदित गोपेश्वर जिनकौ, ते वृंदा कानन कुतवार। ” विं.सं. १८२२ में व्रजयात्रा को आये दतिया के महाराज पारीछित देव ने भी गोपेश्वर के दर्शन करके अपनी व्रजयात्रा को सार्थक किया। मेरा लगातार आध्यात्म से जुड़े हुए विषयों पर लिखने का उद्देश्य लोगों को कुछ आध्यात्मिक जगत से जुडी जानकारियाँ देते रहना और समाज के कल्याण का है, किसी की भावनाओं को आहत करना मेरा उद्देश्य नही। क्युकि मनुष्य का परम कर्त्तव्य वाह्य या आंतरिक रूप से जीवन में स्थिरता प्राप्त करना है और समाज में लोगों को निःस्वार्थ प्रेरित करने और उनके उन्नति का मार्ग प्रशस्त करना है।

Dr.Meenakshi Pandey
Professor

Posted by: | Posted on: July 27, 2020

उड़ान NGO के द्वारा ऑनलाइन तीज का तीन दिवसीय आयोजन किया गया :-सारिका

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | प्रति वर्ष उड़ान NGO फ़रीदाबाद शहर में बड़े स्तर पर तीज मेले का आयोजन करता था ।परन्तु इस बार कोरोना वैश्विक महामारी के कारण उड़ान संस्था के द्वारा ऑनलाइन तीज का तीन दिवसीय आयोजन किया गया।जिसमें विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं में सभी प्रतिभागियों ने बड़े ही उत्साह से भाग लिया।सर्व श्रेष्ठ गायन में नेहा सक्सेना ने बाज़ी मारी और सबसे उत्तम नृत्य प्रतिभा तिवारी का रहा। सबसे सुंदर मेहंदी वाले हाथ सरिता यादव और सबसे मनमोहक चूड़ी वाले हाथ मनीषा सिंगला के रहे।अनेक प्रतिभागियों में से तीज क्वीन क्वीन की हक़दार प्रथम स्थान पर एकता चौधरी,दूसरे स्थान पर हेमलता उप्पल और तृतीय स्थान पर बबीता सचदेवा रही।ऑनलाइन निर्णय देने की भूमिका उड़ान संस्था की कोर टीम राजेश बाला सरधाना,सारिका गुप्ता,अंजना रावत ,साधना जैन,मीनाक्षी गुप्ता और सीमा छाबड़ा ने निभाई।सभी प्रतिभागियों को गिफ़्ट हेम्पर और सर्टिफ़िकेट दिए गये।कोरोना काल की इस ऑनलाइन तीज उत्सव का सभी ने भरपूर आनंद लिया।

Posted by: | Posted on: July 22, 2020

केबीसी संस्था ने गांव गांव जाकर फलदार पौधे लगाए

होडल (विनोद वैष्णव )| पर्यावरण संरक्षण के तहत पलवल जिले के हथीन क्षेत्र के बहीन, मानपुर नांगलजाट, पहाड़ी आलीब्राह्मण आली मेवात, अन्धोप एवं सेवली गांवों में केबीसी संस्था पलवल के द्वारा एसजीआई संस्था एवं अमेरीकन संस्था वन ट्री प्लान्टेड के सहयोग से कोरोना महामारी के चलते सोशल डिस्टेंसिगं को ध्यान में रखते हुए कुल 16500 फलदार पौधे लगाए गए। फलदार पौधारोपण का शुभारम्भ पिछले रविवार को बहीन गांव से कृषिमंत्री जेपी दलाल ने किया था। पौधारोपण के मुख्य संयोजक बहीन निवासी एवं आईआईटी दिल्ली एलुमीनाई डॉ शिवसिंह रावत एसई सिंचाई विभाग गुडगाँव हैं।केबीसी संस्था के सचिव हुक्म सिंह रावत ने बताया कि पलवल जिले के लगभग 50 गांवों में एक लाख से ज्यादा फल वाले पौधे लगाए जाएंगे। पौधे अलग अलग तिथि को 6 विभिन्न स्थानों से बांटे जाएंगे। सेंटर हैं- बहीन, मलाई, मिंडकोला, धतीर, औरंगाबाद एवं पृथला। मुख्य रूप से नींबू, अमरूद, अनार, आंवला, जामुन, पपीता एवं सीताफल के पौधे लगाए जा रहे हैं। अगला कार्यक्रम शनिवार एवं रविवार को शुरू किया जाएगा। पौधारोपण कार्यक्रम में नांगल जाट से कान्हा नम्बरदार, मास्टर रामजीलाल, मास्टर महेंदर, देवी, हजारी नम्बरदार, बहीन से जयराम, दुल्ली,रामपरसाद, रतिराम, उद्दी ठेकेदार, अमरचन्द, सुमेर जेलदार, पहाडी से यशपाल मास्टर, विजय सरपंच, हरिचंद, देशराज, मानपुर बल्ली, जगपाल, भीम सिंह मास्टर, अन्धोप से नरेश सरपंच, मानसिंह, हरपाल, आली ब्राह्मन नरेश, ओमप्रकाश सरपंच, परमा, देवदत्त, मांगेराम नम्बरदार, आली मेव से साकिर सरपंच, शौकीन, रज्जाक, शमीम अहमद, रिसाल पटवारी, सेवली से भूपेन्द्र, गौरव आदि उपस्थित थे। इन पौधों की देखरेख एवं पानी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी ग्रामीणों व नवयुवकों ने ली

Posted by: | Posted on: July 21, 2020

बाबा बन्दा वीर बैरागी के 350वें जन्मदिन पर सेमिनार आयोजित हुआ

बाबा बन्दा वीर बैरागी के 350वें जन्मदिन पर सेमिनार आयोजित हुआ

जीन्द(विनोद वैष्णव)| बाबा बन्दा वीर बैरागी के 350वें जन्मदिन पर जीन्द के बुलबुल काम्पलैक्स में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में पंजाब औद्योगिक विकास निगम के चैयरमैन कृष्ण कुमार बाबा ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा ने की। इसके अलावा सेमिनार में पूर्व मंत्री रामकिशन बैरागी, अखिल भारतीय अग्रवाल समाज के अध्यक्ष एवं प्रमुख समाज सेवी राजकुमार गोयल, वैष्णव बैरागी परिषद हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष राजकुमार भोला, वैष्णव बैरागी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र स्वामी, बी आर अंबेडकर ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूट पूंडरी के चेयरमैन यशपाल वालिया विनायक ग्रुप ऑफ कम्पनीज यूगांडा के मुख्य प्रबन्ध निदेशक यमुना प्रसाद पेशवा, अखिल भारतीय वैष्णव बैरागी सेवा संघ के युवा प्रदेश अध्यक्ष मनोज, भारतीय जनता पार्टी जल प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक मुकेश कुमार शर्मा, बैरागी शिक्षण संस्थान के प्रधान सतेंद्र सिंह, रियल बॉयोग्रीन एग्रो के एमडी जगमहेन्द्र, सुरेश चैहान तलोड़ा, कृष्ण फौजी अहिरका, सज्जन सैनी, स्वर्णकार संघ जींद के अध्यक्ष संजय वर्मा, अंकुर शर्मा, सावर गर्ग, पवन बंसल, रामधन जैन, मुकेश राठौड़, सुरेश लाठर, सौरभ, गौरव वालिया, पवन मान सरपंच, रमेश रजाना, सरदार उमराव सिंह इत्यादि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। इस सेमिनार का मंच संचालन डा. नरेश कालीरमण ने किया। इस सेमिनार में हरियाणा के अलावा दूसरे राज्यों से भी प्रतिनिधियों ने शिरकत की।इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजक राजकुमार भोला द्वारा एक मांग पत्र पेश किया गया। जिसमें केन्द्र सरकार, प्रदेश सरकार और जीन्द प्रशासन से मांग की गई। केन्द्र सरकार से मांग की गई की कि बाबा बन्दा वीर बैरागी के जन्मदिन को पूरे देश मे राष्ट्रीय पर्व के रूप में घोषित किया जाए। प्रदेश सरकार से मांग की गई कि प्रदेश किसी बड़े संस्थान, यूनिवर्सिटी और सड़क मार्ग का नाम बाबा बन्दा वीर बैरागी के नाम पर रखा जाए। जीन्द प्रशासन से मांग की गई कि ऐसे महापुरूष की याद में किसी बड़े चैंक का नाम बाबा बन्दा वीर बैरागी के नाम पर रखा जाए। ये सभी मांगे मुख्य अतिथियों के समक्ष रखी गई और उनसे इन मांगो को पूरा करवाने की मांग की गई। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि कृष्ण कुमार बाबा ने कहा कि महापुरूष किसी भी जाति विशेष के नहीं होते। महापुरूष पूरे समाज के लिए आदर्श होते है। इसी तरह बाबा बन्दा वीर बैरागी भी पूरे समाज के लिए थे। उन्हें 9 जून 1716 को दिल्ली में कुतुबमीनार के पास अमानवीय यात्राएं देकर शहीद कर दिया गया और इसी के साथ देश को मुगल शासन ने आजाद कराने की इस महायोद्धा की चुनौती समाप्त हो गई। उस समय जालिम मुगलों ने उनके 4 वर्ष के बेटे अजय सिंह और उनकी पत्नी के साथ 740 साथियों को भी शहीद कर दिया गया था। विधायक कृष्ण मिढा ने कहा कि ऐसे महापुरूषों की जयन्तियों पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम समाज को जोड़ने का काम करेंगे।

Posted by: | Posted on: July 16, 2020

आल एस्कार्टस इम्पलाइज यूनियन के प्रधान त्रिलोक सिंह ने अपनी कार्यकारणी गठित की

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | फरीदाबाद के सबसे बडी एस्कार्टस ग्रुप कंपनी तथा फोर्टिस एस्कार्टस हास्पीटल के मजदूरों की एक मात्र मान्यता प्राप्त आल एस्कार्टस इम्पलाइज यूनियन का चुनाव गुप्त मतदान के द्वारा मुख्य चुनाव अधिकारी उमेष गुप्ता तथा चुनाव अधिकारी ललित गोस्वामी की देख-रेख में दिनाॅक 4.7.2020 को शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ। जिसमें प्रधान पद के लिए त्रिलोक सिंह को चुना गया। तथा एस्कार्टस प्लांट-1 से तीन प्रतिनिधी रमेष तिवारी, राजेष कुमार, कुषल दत्त निर्वाचित हुए। एस्कार्टस प्लांट -2 फार्मटेªक से 6 प्रतिनिधी राजेन्द्र प्रसाद, सुन्दर पाल, हरजीत सिंह, सदाराम, राममेहर, राजेन्द्र शर्मा निर्वाचित हुए। एस्कार्टस प्लांट-3 से तीन यूनियन प्रतिनिधी होषियार सिंह, संजय कपूर, राजेष्वर त्यागी निर्वाचित हुए। एस्कार्टस आर0 ई0 डी0 से कुलदीप सिंह, एस्कार्टस ई0सी0ई0 से सचिन शर्मा, एस्कार्टस के0एम0सी0 से विपिन गौतम, तथा एस्कार्टस फोर्टिस हास्पीटल से बलवन्त सिंह निर्वाचित हुए।

Posted by: | Posted on: July 16, 2020

घेवर(सावन महीने की मिठाई ) पर कोरोना वायरस की मार के चलते 50 % बिक्री कम हो रही है :- संचालक रमेश हलवाई

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव)।सावन के महीने में सावन की प्रसिद्ध मिठाई घेवर की सोंधी -सोंधी महक हलवाईयों की दुकानों की तरफ खींच ही ले जाती है। सावन का महीना आते ही बाजारों की रौनक बढ़ने लगी है। घेवर व अन्य पकवानों की दुकानें सज गई हैं। सावन का पर्व शुरू होते ही लोग भी घेवर व अन्य मिष्ठान खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके चलते ही लोग इस माह में ज्यादातर घेवर की मिठाईयों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं और इनका स्वाद चख कर आनंद लेने से पीछे नहीं हैं। सावन का महीना शुरू होते ही एक ओर जहां लोगों को गर्मी व लु से निजात मिलती है वहीं घेवर का भी स्वाद लेते हैं। तीज का पर्व होने के कारण यह महीना विशेष महत्व रखता है। तीज पर लोग अपने सगे संबधियों व् लडकियों को संधार में घेवर भेज कर उनकी खुशियों में शामिल होते हैं। वहीं बहने भी अपने भाईयों को तीज देने पर उनकी दीर्घायु की मंगलकामनाएं करते हैं। वहीं बाजारों में भी तीज की रौनक लौट आती है। बाजार फिरनी व घेवर की दुकानों से सज जाते हैं। लोग सहज ही इन दुकानो की तरफ आकर्षित हो जाते हैं।

रमेश हलवाई ने बताया कि क्यों सावन में घेवर बनता है

सावन का मौसम सबसे बरसाती का मौसम होता है जिसके कारण मौसम में नमी होती है इसलिए घेवर भी बहुत नमी वाला बनता है। बस सावन में ही घेवर बनता है अगर और मौसम में घेवर बनाया गया तो घेवर ज्यादा हार्ड बनेगा और वो खाया नहीं जाएगा टेस्ट भी नहीं आएगा ।

घेवर के प्रकार
प्लेन घेवर ,दूध वाला घेवर ,खोया वाला घेवर ,मलाई रबड़ी वाला घेवर,केसर वाला घेवर।

घेवर की सावन में विक्री
5,6 कॉन्टल की बिक्री।

घेवर में कोई मिलावट नहीं होती न ही कोई पहचान
रमेश हलवाई का कहना है कि घेवर में कोई मिलावटी नहीं होती है न ही कोई पहचान क्योकि घेवर अलग अलग तरह का होता है और उसमे मिलावटी की जरूरत नहीं होती और घेवर में दूध ,मेदा ,घी, चीनी ये इस्तेमाल की जाती है तो सभी के रेट एक जैसे होते है.

घेवर खराब होने का समय
हलवाई का कहना है कि खोया वाला घेवर 2 दिन बाद खराब हो जाता है वो खट्टा पड़ जाता है लेकिन प्लेन घेवर 7,8 दिन में खराब हो सकता है।

त्योहारों पर घेवर की डिमांड ज्यादा होने पर
का कहना है कि सभी हलवाई एक महीने पहले ही फीका घेवर बन बाना शुरू कर देते है ताकि डिमांड ज्यादा होने पर किसी तरह की परेशानी न आये। और जो छोटी-छोटी दुकाने है वो हम जैसे बड़ी दुकानों से खरीद लेते है।

घेवर का रेट
मेवा घेवर:-320
खोया घेवर – 250-350
प्लेन दूध – 200
फीका घेवर:-250
सादा घेवर:-240
मेवा घेवर:-320
कैसर – 400
मिलाई – 320
शुद्ध घी – 400-450

घेवर का नाम घेवर क्यों है

मुनि राज महाराज का कहना है कि पहले 3,4 दिन मेदा रखी होती थी। और उसमे पॉजिटिव वाले कीड़े पड़ जाते थे घर में कुछ मीठा न होने पर लोग उस मेदा और घी व् चासनी का घोल बनाते थे उस घोल का नाम खमीरा था तो लोगो ने घी और चासनी के बनने के बाद जो तैयार हुआ उसे घेवर का नाम दे दिया। और उसकी की बड़ी बड़ी गोल आकर में रोटियां बना कर सभी बहन अपने भाइयो के लिए वो ही लेकर जाती थी।

सफाई व शुद्धता हमारी प्राथमिकता में शामिल हैं, ग्राहक की संतुष्टि ही हमारा लक्ष्य है। सावन की मिठाई घेवर बरसात होने पर अधिक स्वादिष्ट लगता है व इसकी बिक्री में भी इजाफा हो जाता है। ज्यों-ज्यों तीज का त्यौहार निकट आता जाएगा, त्यों-त्यों घेवर की बिक्री बढती जाएगी। चूंकि फरीदाबाद शहर के आस-पास ग्रामीण एरिया है, ऐसे में तीज के अवसर पर घेवर की जमकर बिक्री होती है।
रमेश हलवाई , बल्लबगढ़

https://www.facebook.com/watch/?v=1595128347331044
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Posted by: | Posted on: July 16, 2020

रायन इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा लावन्या जैन 10 कक्षा में 99.4 % अंक लेकर सफलता के नए आयाम प्राप्त किए :- प्रिंसिपल निशा शर्मा

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव )| सैंट्रल बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन (CBSE) द्वारा घोषित सेकेंडरी कक्षाओं के परीक्षा परिणाम में फरीदाबाद स्थित रायन इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम देते हुए अपने स्कूल व अपने अभिभावकों का नाम रोशन किया है। स्कूल की प्रिंसिपल निशा शर्मा ने बताया कि लावन्या जैन ने 99.4 % अंक लेकर सफलता के नए आयाम प्राप्त किए हैं। लावन्या तथा उसकेअभिभावकों ने भी उसकी इस उपलब्धि का श्रेय विद्यालय की प्रिंसिपल तथा उनके अमूल्य मार्गदर्शन को दिया। युविका यशी ने 99.2%अंकों के साथ दूसरा स्थान तथा अनन्शुमान सिंह चीमा ने 98.6%अंकों के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया। अंग्रेजी तथा गणित में 100,हिंदी में 99,विज्ञान में 98 तथा फ्रेंच तथा सोशल साइंस में 99अंक प्राप्त कर छात्रों ने सफलता के नए आयाम प्राप्त किए। सभी छात्रों ने अपनी सफलता का श्रेय विद्यालय के चेयरमैन डा ए एफ पिंटो तथा डायरेक्टर मैडम ग्रेस पिंटो को दिया तथा उनके अमूल्य मार्गदर्शन के लिए तहे दिल से धन्यवाद दिया ,इस आशा के साथ कि भविष्य में भी वे इसी प्रकार छात्रों का मार्ग दर्शन करते रहेंगे।

प्रधानाचार्या ने इस अपूर्व सफलता के लिए प्रभु यीशु का धन्यवाद किया तथा छात्रों तथा उनके अभिभावकों को बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि चेयरमैन सर डा ए एफ पिंटो तथा मैनेजिंग डायरेक्टर मैडम ग्रेस पिंटो के मार्गदर्शन में रायन ग्रुप आफ इंस्टीटयूशनस इसी प्रकार तरक्की करता रहेगा।

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