Tuesday, May 1st, 2018

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Posted by: | Posted on: May 1, 2018

सेंसेशनल खुशाली कुमार की गुरु रंधावा के साथ ‘रात कमाल है’ विश्व चार्टबस्टर पर सबसे आगे

( विनोद वैष्णव )| फैशन की दुनिया से आकर एक्टिंग में छा जाना बहुत बड़ी बात होती है और यही कारनाम किया है खुशाली कुमार ने, जिनका म्यूजिक वीडियो चारों ओर धूम मचा रहा है। इसी कड़ी में शामिल हो गया है उनका नया गाना ‘रात कमाल है’। गुरु रंधावा के साथ लीड भूमिका वाला उनका यह नया गाना यूट्यूब पर विश्व चार्टबस्टर साबित हो रहा है। सोशल मीडिया पर इस गाने में उनकी हॉट इमेज और उभर कर सामने आ रही हैं, जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं। खुशाली कुमार, जो शकीरा और जस्टिन बीबर के म्यूजिक वीडियोज को डिजाइन कर चुकी हैं, उन्होंने अपने भी इस नए गाने के म्यूजिक वीडियो में खुद को डिजाइन किया है। बातचीत में खुशाली ने अपने इस बदले हुए रूप और फिटनेस के पीछे के कुछ गुप्त कारकों का खुलासा किया। खुशाली ने कहा, ‘योग का नियमित अभ्यास निश्चित रूप से मेरी फिटनेस के पीछे का मुख्य कारण है। मैं हर दिन कम से कम एक घंटे सूर्यनमस्कर करती हूं, जो मुझे हमेशा सकारात्मक रखता है। सभी परिस्थितियों में सकारात्मक रहना आज के समय में बेहद महत्वपूर्ण है।’बता दें कि अभिनय के अलावा प्रतिभावान खुशाली कुमार ने फैशन के क्षेत्र में भी बेहतरीन सफलता हासिल की है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सिंगिंग मेगास्टार शकीरा के अलावा दो बार के ग्रैमी पुरस्कार विजेता गायक लीन रिम्स, कारमेन इलेक्ट्रा, स्पाइस गर्ल मेलानी बी और जस्टिन बीबर के म्यूजिक वीडियोज ‘वेट फॉर ए मिनट’ के लिए भी फैशन डिजाइन किया है। भारत सरकार की महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय से भी उनके काम को भी पुरस्कृत किया जा चुका है।

Posted by: | Posted on: May 1, 2018

रामलीला मैदान पर बना भव्य राम दरबार

( विनोद वैष्णव )|जहां एक और अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर सालो से राजनैतिक रोटियां सेकी जा रहीं वही प्रेम और श्री राम भक्ति का परचम फैलती शहर की एक रामलीला कमेटी ने रामलीला भवन के मुख्य द्वार पर श्री राम जानकी सहित हनुमान जी की भव्य मूर्ति व सुंदर गुम्बद का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है । कमेटी के महासचिव सौरभ कुमार का कहना है कि यह मंच अभी तक हमारे लिए पूजनीय था परन्तु अब इसके मुख्य द्वार पर राम और सीता जी के विराजमान होने से राह चलता भी द्वार पर सर झुका कर जाएगा और 67 वर्ष पुरानी यह श्री राम की लीला स्थली और भी पूजनीय हो जाएगी।विजय रामलीला कमेटी मार्किट नम्बर 1 फरीदाबाद स्थित, शहर की सबसे पुरानी रामलीलाओं में से एक है जिसे बुज़ुर्गों ने पाकिस्तान से हिंदुस्तान आकर धर्म और आस्था के संरक्षण हेतु आरम्भ किया था। पिछले 67 वर्षों से यहां मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की जीवन लीला का बड़े ही सुन्दर ढंग से मंचन किया जा रहा है। संस्था के कार्यकर्ता राम में ओर जन सेवा में विश्वास रखने वाले हैं और लीला मंचन के अलावा समय समय पर रक्त दान शिविर, कन्या विवाह में सहयोग, आर्थिक असहाय बच्चों की पढ़ाई में मदद करते आये हैं। आज इन्होंने लीला की इस पावन स्थली को आस्था का केंद्र बना कर इसकी शोभा दुगनी करदी।  कमेटी के चेयरमैन सुनील कपूर ने बताया कि इसमें करीब 4 लाख रुपये का खर्चा होने का अनुमान है। मूर्ति के कारीगर कलकत्ता से आकर पिछले 2 महीने से मूर्ति को आकार दे रहें हैं। इसके बाद इनमे रंग भरने के लिए मथुरा से कारीगर बुलवाये जाएंगे और इस वर्ष की रामलीला से पूर्व यह दरबार तैयार मिलेगा।
Posted by: | Posted on: May 1, 2018

एम वी एन विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाया गया

( विनोद वैष्णव )|  एम वी एन विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ  कुलपति प्रो. (डॉ) जे.वी. देसाई  और माननीय कुलसचिव डॉ. राजीव रतन , प्रो. (डॉ.) बदरुद्दीन, डॉ. विनीत सिन्हा जी, डॉ दिशा सचदेवा जी द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया।कार्यक्रम के संचालक  तरुण विरमानी  ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय तौर पर श्रमिक दिवस मनाने की शुरुआत 4 मई 1886 को हुई थी। अमेरिका में श्रमिक संघों ने मिलकर निश्चय किया कि वे 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे, जिसके लिए संगठनों ने हड़ताल की। इस हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम ब्लास्ट हो गया। जिससे निपटने के लिए पुलिस ने मजदूरों पर गोली चला दी, जिसमें कई श्रमिकों की मौत हो गई और 100 से ज़्यादा लोग घायल हो गए। इसके बाद 1889 में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन मैं घोषणा की गई की गई कि हेमार्केट नरसंघार में मारे गए निर्दोष लोगों की याद में 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के रुप में मनाया जाएगा। भारत में श्रमिक दिवस कामकाजी लोगों के सम्मान में मनाया जाता है। भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान ने 1 मई 1923 को मद्रास में इसकी शुरुआत की थी, हालांकि उस समय इसे मद्रास दिवस के रुप में मनाया जाता था। 1 मई को श्रमिकों/कामगारों के समाज में योगदान और सम्मान में प्रत्येक वर्ष श्रमिक दिवस मनाया जाता है जिसे हम लेबर डे, मई दिवस, श्रमिक दिवस आदि नामों से भी जानते हैं। इस दिन समाज निर्माण में श्रमिकों, कामगारों, मजदूरों की महत्ता का सम्मान किया जाता है।

इस अवसर पर विधि विभाग के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ. राहुल वार्ष्णेय जी ने श्रमिकों की मुख्य समस्याएं का उल्लेख करते हुए बताया कि भारत में श्रमिकों और कामगारों की प्रमुख समस्याएं जैसे कामगारों में शिक्षा का अभाव, कार्य के अनियमित एवं अनिश्चित घंटे होना, स्थायित्व का अभाव एवं मालिकों की दूषित मनोवृत्ति का होना। प्रतिकूल कार्य की दशाएं एवं लघु व कुटीर उद्योगों का पतन होना मुख्य हैं।

उन्होंने बताया भारत में श्रम नीति, सामाजिक सुरक्षा एवं न्याय की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित हुई है और इसके दो मुख्य उद्देश्य रहे हैं। देश में औद्योगिक शांति बनाए रखना और श्रमिकों के कल्याण को हर परिस्थिति में सुरक्षित एवं प्रोत्साहन देना। श्रमिकों एवं कामगारों के अधिकारों के लिए कई प्रकार के कानून एवं नियम हैं,जिसमें समय समय पर संशोधन किया जाता है। जिसमें कुछ मुख्य नियम: न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948, ठेका मजदूरी

अधिनियम 1970, प्रसूति लाभ अधिनियम 1961, समान मजदूरी अधिनियम 1976, श्रमिक मुआवजा अधिनियम 1923,

कर्मचारी राज्य बीमा योजना अधिनियम 1948, ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972, राष्ट्रीय बाल श्रमिक नीति 1987, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद 1996, रोजगार एवं प्रशिक्षण निदेशालय हैं। जिनसे श्रमिकों/कामगारों के अधिकारों का प्रवर्तन करवाया एवं किया जा सकता है जिससे समाज में उनके सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा के न्याय को प्राप्त किया जाता है।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) देसाई जी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस लाखों श्रमिकों के परिश्रम, दृढ़ निश्चय और निष्ठा का दिवस है। किसी भी समाज, देश, संस्था और उद्योग में काम करने वाले श्रमिकों की अहम एवं महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इमारत हो या राष्ट्र, उसकी नींव की आधारशिला श्रमिकों के श्रम से ही होती है। अतः श्रमिकों को उचित सम्मान देना हम नागरिकों, उद्योगपतियों एवं सरकारों का प्रथम कर्तव्य है।इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय के कर्मचारी गणों के योगदान का आभार व्यक्त किया एवं उन्हें प्रोत्साहित किया की एम वी एन संस्था को और अधिक दक्षता से अग्रसर किया जा सके।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के समस्त कर्मचारी गणों के लिए सौ मीटर दौड़, वॉलीबॉल और क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें 100 मीटर दौड़ में महिला प्रतियोगियों में रामवती प्रथम, शीला द्वितीय, देववती तृतीय स्थान पर रहीं वहीं 40 वर्ष से कम पुरुष प्रतियोगियों में दीपक प्रथम, तौफीक द्वितीय, किस्मत तृतीय स्थान पर रहे दूसरी ओर 40 वर्ष से अधिक 100 मीटर दौड़ में करण माली ने प्रथम स्थान, महेंद्र द्वितीय और कुंवरपाल तृतीय स्थान पर रहे। वॉलीबॉल खेल में महेश की कप्तानी में विश्वविद्यालय परिवहन विभाग की टीम ने प्रथम स्थान और दिनेश की कप्तानी में विश्वविद्यालय सुरक्षा कर्मी  की टीम ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया वहीं क्रिकेट में विश्वविद्यालय परिवहन विभाग   की टीम ने जीत हासिल की। अंत में उनके लिए जलपान की व्यवस्था भी की गई।

कार्यक्रम के अंत में माननीय कुलसचिव डॉ. राजीव रतन जी ने सभी लोगों का धन्यवाद प्रस्तुत किया और कहा श्रमिक का मतलब हमेशा गरीब से नहीं होता है श्रमिक वह इकाई है जो हर सफलता का अभिन्न अंग है, फिर वह चाहे ईंट गारे से सना इंसान हो या ऑफिस की फाइल्स के बोझ तले दबा एक कर्मचारी। हर इंसान जो किसी संस्था के लिए श्रम करता है और बदले में पैसे लेता है श्रमिक कहलाता है। श्रमिक/कामगार पैसा कमाने के लिए काम नहीं करते हैं बल्कि जीवन न्याय संगत हो इसके लिए कार्य करते हैं। श्रमिक ही एक ऐसा व्यक्ति है जो आपके सपनों को साकार करने के लिए अपना पसीना बहाता है।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव श्रीमान दीपक मिश्रा जी, सहकुलसचिव श्री कपिल चौहान जी, श्रीमान त्रिलोक शर्मा जी, खेलकूद प्रशिक्षक श्री राम कुमार जी,एस्टेट मैनेजर श्री विवेक चौधरी जी ने अपने समस्त सहयोगियों के साथ इस कार्यक्रम में उपस्थित होकर सहयोग व प्रतियोगियों का समर्थन किया।

Posted by: | Posted on: May 1, 2018

लिंग्याज विद्यापीठ ने लगाया रक्तदान शिविर

फरीदाबाद( विनोद वैष्णव )। लिंग्याज विद्यापीठ एवं रोटरी क्लब फरीदाबाद ईस्ट के सौजन्य से लिंग्याज कैम्पस में आज लगाए गए रक्तदान शिविर में 150 यूनिट के लक्ष्य से ज्यादा 164 यूनिट रक्त किया गया। रक्तदाताओं में संस्थान के छात्र-छात्राओं के अलावा स्टाफ का भी सहयोग रहा। रेडक्रास सोसायटी एवं बी.के. अस्पताल ने शिविर में तन्मयता से अपनी भूमिका निभाई।
उक्त रक्तदान शिविर का उदघाटन लिंग्याज विद्यापीठ के उप-कुलाधिपति डा. आर.के. चौहान ने किया। इस अवसर पर विद्यापीठ के कुलपति डा. डी.एन. राव, निदेशक दिनेश सदाना, रोटरी क्लब ईस्ट के प्रधान तरुण गुप्ता, सलाहकार योगेश सचदेवा, रक्तदान के जिला निदेशक एच.एल. भूटानी तथा रोटरी ब्लड बैंक के प्रधान सुभाष कुमार उपस्थित रहे। रक्तदाताओं को रिफ्रेशमेंट के साथ पारितोषिक भी दिए गए।