चण्डीगढ़, 26 फरवरी- हरियाणा की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा ने कहा है कि प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को मनाये जाने वाले अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस को सुनियोजित ढंग से मनाया जाना चाहिए तभी हम समाज में इस दिवस के महत्व का संदेश पहुंचा सकते हैं।
यहां अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में लक्ष्य-प्राप्त करने वाली महिलाओं एवं बालिकाओं का चयन करने के लिए बुलाई गई राज्य स्तरीय चयन कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रही थी।
बैठक में बताया गया कि बालिकाओं को खेल,संस्कृतिक कार्य, सामाजिक कार्य, मीडिया एवं साहित्य, बहादुरी, शिक्षा एवं सर्वश्रेष्ठ बाल देखभाल संस्थान जैसी विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार दिया जाता है। पुरस्कार स्वरूप 11-11 हजार रुपये नकद व प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। विभिन्न संस्थानों में 4 से 6 आयु वर्ग, 6 से 10वर्ष , 10 से 14 तथा 14 से 18 आयु वर्ग की विशेष प्रतियोगिताएं करवाई जाती हैं , जिनमें मौके पर चित्रकारी, नृत्य तथा संगीत प्रतियोगिताएं शामिल हैं, हर श्रेणी में तीन-तीन पुरस्कार भी दिए जाते हैं । इनमें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान के लिए क्रमश: 5100 रुपये, 2100 रुपये व 1100 रुपये के पुरस्कार दिए जाते हैं।
बैठक में इस बात की भी जानकारी दी गई कि सभी कार्यक्रम अधिकारियों को जिला, खंड एवं ग्राम स्तर पर महिला सशक्तिकरण संबंधी कार्यक्रम आयोजित करने के आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिये गये हैं । बैठक में बताया गया कि जगन्ननाथ बाल आश्रम रोहतक ने झारखंड की रहने वाली चांदनी को उसके मूल राज्य झारखंड में पहुंचाने का कार्य किया है जो कि सर्वश्रेष्ठ बाल देखभाल संस्थान श्रेणी में एक सराहनीय कार्य है।
श्रीमती ढांडा ने कहा कि प्रदेश में केवल आर्थिक विकास ही नहीं हुआ बल्कि सामाजिक संकेतकों ने महिलाओं की स्थिति में सुधार भी दर्शाया है। प्रदेश सरकार महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्घ है और गत कुछ वर्षों के दौरान उनके सशक्तिकरण एवं विकास के लिए अनेक योजनाएं शुरू की गई हैं। हमें इन्हें और अधिक निष्ठाभाव से लागू करना होगा।
राज्य स्तरीय चयन कमेटी में महिला एवं बाल विकास विभाग की महानिदेशक श्रीमती रेनू. एस. फुलिया, हरियाणा राज्य महिला आयोग की कार्यकारी अध्यक्ष श्रीमती प्रीति भारद्वाज दलाल, सूचना, जन संपर्क एवं भाषा विभाग की अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन), श्रीमती वर्षा खांगवाल भी शामिल थीं।