फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | मानव रचना इंटरनेशनल स्कूलों की फरीदाबाद सहित सभी आठ शाखाओं में ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के दौरान शिक्षक विकास कार्यशालाओं का आय़ोजन किया गया। इन कार्यशालाओं में स्कूलों के सभी शिक्षकों ने भाग लिया। शिक्षकों की जानकारी और कौशल को बेहतर बनाने के लिए आयोजित की गई कार्यशालाओं में समावेशी कक्षाएं लेने, आयु व रूचि के मुताबिक पढ़ाने, कहानी के जरिए समझाने, छात्रों संग बेहतर संवाद स्थापित करने जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया।
मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल्स की निदेशक संयोगिता शर्मा ने कहा कि 21वीं सदी के मुताबिक छात्रों में कौशल विकसित करने के लिए प्रगतिशील और अत्याधुनिक शिक्षण पद्धति को अपनाना बेहद जरूरी है। इसलिए शिक्षकों के इनसे परिचित कराने के लिए कार्यशालाएं आयोजित हुई हैं। एमआरआईएस आईबी सेक्टर-14 प्रमुख रितु दुबे ने प्रारंभिक शिक्षकों के लिए संवाद- आधारित पद्धतियों पर जानकारी दी। वाइस-प्रिंसिपल डॉ. शालिनी बिंद्रा ने 21वीं सदी में पढ़ाई के साथ कौशल निखारने की प्रक्रिया पर चर्चा की।
वहीं प्राथमिक और मिडिल स्कूलों के शिक्षकों को योग्यता आधारित शिक्षण पद्धति के बारे में विस्तार से समझाया गया। इस सत्र को एमआरआईएस सेक्टर 46 गुरुग्राम की हेडमिस्ट्रेस मालबिका चट्टोपाध्याय सहित डॉ. शिवानी बख्शी और सुश्री संध्या अरोड़ा ने संबोधित किया। एनसीईआरटी में ग्रुप विद स्पेशल नीड्स के शिक्षा विभाग के पूर्व प्रोफेसर डॉ. अनुपम आहूजा ने कक्षा में समावेशी शिक्षा पर विचार रखे। जबकि एमआरआईएस नोएडा परामर्श और कल्याण विभागाध्यक्ष अभय कुमार वी ने नियमित कक्षाओं में समावेशी शिक्षा और होने वाले भेदभाव पर बात करते हुए इसे दूर करने के उपाय सुझाए।
एमआरआईएस चार्मवुड की वाइस प्रिंसिपल सुरभि जोशी ने सत्र में भाषा प्रवीणता पर संबोधित किया। कार्यक्रम प्रमुख सुश्री अर्चना पणिक्कर ने प्रभावी सत्र योजना और कक्षा में संवाद की रणनीति पर जानकारी दी। कंसल्टेंट और फ्यूचर स्किल्स एंड सस्टेनेबिलिटी एमआरआईएस लीड सुश्री रचना मिश्रा ने कक्षा सेटअप में कक्षा प्रबंधन पर बात करते हुए नई शिक्षा नीति पर विस्तार से जानकारी दी। कहानीकार डॉ. शिवानी कनोडिया ने विशेष सत्र लिया जिसमें कहानी के जरिए पाठ्यक्रम को रुचिकर बनाने के बारे में बताया।
एमआरआईएस सेक्टर 21सी प्रिंसिपल सीमा अनीस ने कक्षाओं में होने वाले भेदभाव के बारे में समझाते हुए शिक्षकों को ऐसे तरीके बताए जिससे कक्षा में हर छात्र के लिए सीखने का माहौल तैयार हो सके। इसके साथ ही कार्यशाला में प्रारंभिक वर्षों को समझने, विषय-आधारित सत्र योजनाओं का मसौदा तैयार करने, और आवश्यक शिक्षक कौशल जैसे विषयों पर भी चर्चा हुई। इस दौरान मोनिका कथूरिया,गुंजन शर्मा, अनीता दास गुप्ता, मीना खन्ना, पूजा पांडे, करुणा झा ने संबोधित किया।