शताब्दी महाविद्यालय में ‘डिमिस्टिफाइंग सस्टेनेबिलिटी’ पर एक्सटेंशन लेक्चर

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : डीएवी शताब्दी महाविद्यालय के पर्यावरण क्लब द्वारा ‘डिमिस्टिफाइंग सस्टेनेबिलिटी’ विषय पर आयोजित एक्सटेंशन लेक्चर में पर्यावरण से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस कार्यक्रम मुख्य वक्ता के रूप में नरसी मोनजी संस्थान, मुंबई से बीटेक करने के बाद अमेरिका के सवाना, जॉर्जिया और बर्मिंघम, अलाबामा से उच्च शिक्षा प्राप्त कर चुके चैतन्य आहूजा शामिल हुए। उन्होंने कई वर्षों के कार्य अनुभव के साथ पर्यावरण में डिज़ाइन शोधकर्ता के रूप में योगदान दिया है। आहूजा ने छात्रों को सस्टेनेबिलिटी के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराया और गुड़गांव रोड पर स्थित बंधवारी लैंडफिल साइट का उल्लेख करते हुए सर्कुलर इकॉनमी के महत्व पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की कार्यकारी प्राचार्या डॉ. अर्चना भाटिया ने की। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए सतत विकास की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम के संयोजक और पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्राध्यापक डॉ. नीरज सिंह ने सतत विकास और चिर स्थाई विकास की अवधारणा को स्पष्ट किया। उन्होंने भारत की अंतर्राष्ट्रीय भूमिका और उसकी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं पर भी विचार साझा किए। तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में कंप्यूटर साइंस विभाग के प्राध्यापक ई.एच. अंसारी और कार्यकारी सचिव के रूप में अर्थशास्त्र विभाग के प्राध्यापक नेत्रपाल सैन भी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में लगभग 100 से अधिक छात्र-छात्राओं और महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने भाग लिया।

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