फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : डीएवी शताब्दी कॉलेज के पर्यटन विभाग ने हाल ही में 08 दिनों का शैक्षिक दौरा आयोजित किया, जिसमें विद्यार्थियों को हिमाचल प्रदेश के खूबसूरत पर्यटन स्थलों का अनुभव कराया गया। इस यात्रा ने विद्यार्थियों को पर्यटन क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं को सीखने का मौका दिया, जिसमें पढ़ाई और व्यावहारिक अनुभव दोनों का मेल था।
32 विद्यार्थियों और 02 शिक्षकों का यह समूह लाहुल स्पीति, जिस्पा वैली, कोकसर, गम्फू, हम्प्टा पास, रोहतांग पास, बारालाचा, कसोल, मणिकरण, सिस्सू, कुल्लू और मनाली जैसे मशहूर स्थलों पर गया। यात्रा के दौरान विद्यार्थियों ने पर्यटन के पर्यावरणीय, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक प्रभावों पर शोध किया। इससे उन्हें स्थानीय समुदायों और पर्यावरण पर पर्यटन के असर को समझने में मदद मिली।
पर्यटन विभाग के प्रमुख श्री अमित कुमार ने इस दौरे का बेहतरीन ढंग से प्रबंधन किया। छात्राओं की सुरक्षा के लिए शिक्षिका सुश्री हिमांशी डौंडियाल ने खास ध्यान दिया, जिससे यात्रा सफल रही।
इस दौरान विद्यार्थियों ने रिवर राफ्टिंग, पर्वतारोहण, ट्रेकिंग, कैंपिंग, रॉक क्लाइम्बिंग और हाइकिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों में भाग लिया। इन गतिविधियों ने उनकी टीम भावना और साहस को मजबूत किया और उन्हें हिमाचल की प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव भी कराया। विद्यार्थियों ने होटल, यात्रा एजेंसियों, स्थानीय लोगों और सरकारी विभागों से जानकारी जुटाकर फील्डवर्क किया और अपनी रिपोर्ट तैयार की।
कॉलेज की प्राचार्या डॉ. अर्चना भाटिया जी ने इस तरह के शैक्षिक दौरों के महत्व पर जोर दिया और कहा कि यह विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ व्यावहारिक अनुभव भी देता है। उन्होंने विद्यार्थियों की भागीदारी की सराहना की और आगे भी ऐसे आयोजनों के लिए प्रेरित किया।
कॉलेज में स्व-वित्त पोषित पाठ्यक्रम की समन्वयक डॉ. रुचि अरोड़ा ने विद्यार्थियों और शिक्षकों की मेहनत और उत्साह की तारीफ की। उन्होंने कहा कि ऐसे शैक्षिक दौरे न केवल विद्यार्थियों की समझ बढ़ाते हैं, बल्कि उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार भी करते हैं।
इस दौरे के दौरान विद्यार्थियों ने यात्रा कार्यक्रम, प्रमुख पर्यटन स्थल, रहने की सुविधाएं, और हिमाचल के पर्यटन से जुड़ी समस्याओं और समाधानों पर शोध किया। उन्होंने पर्यटन को और बेहतर बनाने के सुझाव भी दिए।
यह शैक्षिक दौरा डीएवी शताब्दी कॉलेज की पढ़ाई के साथ-साथ व्यावहारिक अनुभव देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिससे छात्र- छात्राएं भविष्य में पर्यटन के क्षेत्र में अच्छे उद्यमी बन सकें। इस यात्रा ने अकादमिक और व्यावहारिक शिक्षा के बीच एक नया मापदंड स्थापित किया है।