टंकी पर चढ़ कर करते रहे ड्रामा ….और लूटता रहा सरकारी खजाना-दुष्यंत चौटाला

नई दिल्ली( विनोद वैष्णव )। हरियाणा में दवा व मेडिकल सामान खरीद घोटाले की आग केवल जिला स्तर तक नहीं पहुंची बल्कि इस घोटाले की लपटें केंद्रीय स्तर पर हुई खरीद तक भी पहुंच गई हैं। इनेलो संसदीय दल के नेता व हिसार से सांसद दुष्यंत चौटाला ने शनिवार को नई दिल्ली में जनपथ स्थित अपने आवास पर पत्रकार वार्ता में इस घोटाले की सिलसिलेवार परतें खोली। उन्होंने हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के खरीद के आंकड़ों का भी मुंहतोड़ जवाब देते हुए कहा कि हरियाणा में पिछले तीन वर्षों के दौरान जिला स्तर व राज्य स्तर पर केवल 40 करोड़ की दवाईयां नहीं बल्कि खरीद का आंकड़ा 200 करोड़ से उपर का है। उन्होंने इस खरीद को लेकर जुटाए गए आंकड़ें और कागजात भी पत्रकारों के समक्ष प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री या तो गलत आंकड़े प्रस्तुत कर या तो जनता को गुमराह कर रहे हैं या फिर अधिकारी स्वास्थ्य मंत्री को गुमराह कर रहे हैं। यह फैसला विज जी स्वयं करें गुमराह करना है या होना है।दुष्यंत चौटाला ने पत्रकार वार्ता में आरटीआई से प्राप्त आंकड़ों की प्रति प्रस्तुत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना के तहत केंद्रीय  जिला स्तर पर डेढ़ वर्ष में 176. करोड़  24 लाख रूपये के दवाईयां, उपकरण व अन्य सामान खरीदा गया है। यह आंकड़ा वर्ष 2015-16 तथा 2017 के दिसंबर तक है। तीन वर्ष अवधि में यह राशि दोगुनी हो जाएगी। नेशनल हेल्थ मिशन के तहत हरियाणा में की गई खरीददारी का आंकड़ा इससे अलग है। उन्होंने कहा कि जो आंकड़ें आरटीआई से प्राप्त हैं, एनएचएम के तहत हरियाणा के जिलों 808 करोड़ 13 लाख 91 हजार 488 रूपये खर्च किए गए है जबकि अधिकारिक वैबसाईट पर यह आंकड़ा 1457 करोड़ रूपये का है। सांसद दुष्यंत चौटाला ने केंद्रीय स्तर पर हुए घोटाला का सुबूतों के साथ पर्दाफाश करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने ओम सर्जिकल इंडस्ट्रीज से जम्मू-कश्मीर सरकार को दिए टेंडर रेट पर दवाईयां खरीदी जबकि जम्मू-कश्मीर सरकार ओम सर्जिकल इंडस्ट्रीज को दो वर्ष के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया था। उन्होंने कहा कि जिस कंपनी को जम्मू कश् मीर सरकार ने ब्लैक लिस्ट कर दिया, उस कंपनी के रेटों पर हरियाणा सरकार ने दवाईयां व अन्य मेडिकल सामान क्यों खरीदा। जाहिर है कि दवाईयों और मेडिकल उपकरणों की प्रदेश स्तरीय खरीद में सरकार की शह और उच्च अधिकारियों की मिलीभगत से भी बड़ा गडबड़झाला हुआ है।
16 गुना ज्यादा दाम पर खरीदे उपकरण—-
इनेलो संसदीय दल के नेता ने कुरूक्षेत्र व हिसार जिलों में खरीदे गए मेडिकल के विभिन्न आईटमों के रेटों में कई गुना अंतर मिला। सांसद ने बताया कि कुरूक्षेत्र में एलिवेटर 300 रूपये में खरीद गई, वही ऐलिवेटर हिसार में जीके कंपनी से 4500 रूपये, कुरूक्षेत्र में जीआईसी रेस्ट्रोरटिव 400 रूपये में खरीदा गया वही हिसार में 2900 रूपये में तथा एक्सट्रेक्शन फोरसेप की कीमत कुरूक्षेत्र के 425 रूपये के मुकाबले हिसार में 6900 रूपये यानि 16 गुना ज्यादा दामों पर खरीदे गए। उन्होंने कहा कि यह दवा घोटाला की एक छोटी तस्वीर है, खरीद की पूरी पिक्चर में बड़ी धांधली है।
इनेलो सांसद ने कहा कि जिला स्तर पर मेडिकल सामान के खरीद में घोटाला न केवल कोटेशन के द्वारा की गई खरीद में नहीं किया गया। उन्होने टेंडर के द्वारा की गई खरीद की भी परत-दर परत पूरी पोल खोली। उन्होंने हिसार में की गए पांच टेंडर के कागजात प्रस्तुत करते हुए कहा कि बार-बार उन्हीं कंपनी से खदीद की गई जोकि फर्जी पाई गई हैं और इन्हें ही कोटेशन के आधार पर करोड़ों रूपये के खरीद आर्डर दिए गए। इतना ही नहीं उन्होंने जेके ट्रेडर्स कंपनी के बिल भी प्रस्तुत करते हुए खुलासा किया कि किस प्रकार लगातार बिलबुक से लाखों रूपये  बिल काटे गए उन्होंने कृष्णा इंटरप्राइजिज कंपनी के बारे खुलासा करते हुए कहा कि यह हरियाणा फार्मेसी कांउसिल के चेयरमैन सोहनलाल कंसल की पत्नी के नाम पर है इस कंपनी के नाम पहले टेंडर में 70 प्रतिशत, दूसरे टेंडर में 23 प्रतिशत, तीसरे टेडर में 16 प्रतिशत सामान खरीदा गया जबकि जेके कंपनी जोकि सोहनलाल कंसल का पुत्र कनिष्क कंसल अप्रत्यक्ष रूप से चला रहा है, को टेंडर का अधिकांश हिस्सा दिया गया। इसके अलावा सालासर ट्रेडिंग कंपनी को टेंडर जारी किए गए। इस कंपनी का कोई अता-पता नहीं है।
दुष्यंत चौटाला ने पत्रकार वार्ता में इन कंपनी द्वारा टेंडर के समय जमा करवाए गए सिक्योरिटी राशि चैक की कॉपी भी प्रस्तुत किए जिनपर कोई तारीख का उल्लेख तक नहीं है।
सोहनलाल कंसल की नियुक्ति के आदेश छुट्टी के दिन हुए जारी-
हरियाणा फार्मेसी कांउसिल के चेयरमैन के पद को लेकर सरकार द्वारा जारी किए आदेशों को लेकर भी सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सोहनलाल कंसल सरकार का बेहद चहेता है जिसके नियुक्ति केआदेश भी छुट्टी के दिन रविवार यानि 4 मार्च 2018 को जारी किए गए।
रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत अरूण पराशर को लेकर भी सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उनकी शैक्षणिक योग्यता पर भी उंगलियां उठी हुई है और सरकार उन्हें लगातार एक्सटेंशन दे रही है। उन्होंने कहा कि आरटीआई प्राप्त जानकारी के अनुसार पराशर ने बारहवीं की परीक्षा सीबीएचई से पास की है।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सरकार की जांच में अनेक कंपनियां फर्जी पाई गई हैं परन्तु हरियाणा सरकार ने इस कंपनियों के खिलाफ अभी तक एफआईआर क्यों नहीं करवाई और नही स्वास्थ्य मंत्री ने अभी तक इस दवा खरीद घोटाले की कैग  से जांच करवाने के आदेश जारी किए।
–कहीं एओ और ट्रैजरी का इस्तेमाल नहीं किया गया-
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि तीन वर्षों के दौरान करोड़ों रूपये की दवा व उपकरण व सामान खरीद में एकांउट्स अफसर की चैकिंक या अनुसंशा नहीं है और नहीं ट्रैजरी के माध्यम से भुगतान किया गया। सप्लाई करने वाली कंपनियों को करोड़ों रूपये का भुगतान सीधे बैंक खाते से चैक जारी कर किया गया। यह सरासर बड़ा घोटाला है। इस अवसर पर दिल्ली प्रदेश प्रवक्ता दिनेश डागर, प्रदेश प्रवक्ता दलबीर धनखड़, अजय गुलिया मौजूद थे।

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