विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल ने मनाया ग्रीन डे
Posted by: admin | Posted on: July 20, 2018फरीदाबाद( विनोद वैष्णव )। विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर-2 में ग्रीन-डे मनाया गया। इस अवसर पर स्कूल की डॉयरेक्टर सुनीता यादव ने बताया कि ग्रीन डे के आयोजन पर विद्यालय में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें जूनियर विंग के द्वारा ग्रीन कलर वीक सेलिब्रेट किया। इस अवसर पर प्ले ग्रुप के बच्चों ने ग्रीन वेजीटेबल रेम्प वॉक की। साथ ही नर्सरी के बच्चों ने सुंदर डांस की प्रस्तुति के माध्यम से पेड़ लगाने का संदेश दिया। प्रैप के बच्चों ने एक प्ले के माध्यम से ‘सेव ट्री-सेव लाइफ’ का संदेश देते हुए सभी को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया। बच्चों ने हरी सब्जियों के साथ के साथ हरे रंग की ड्रेस पहनकर हरियाली उत्सव में हिस्सा लिया। इसमें बच्चों ने पेड़-पौधों का स्वरूप बनकर पर्यावरण बचाने के लिए प्रेरित किया। छोटे-छोटे बच्चों ने हरे परिधान पहनकर ग्रीन डे मनाया और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। बच्चों ने पौधे भी रोपे। स्कूल डॉयरेक्टर सुनीता यादव ने इस अवसर पर कहा कि पेड़ बचाओ, जीवन बचाओ केवल एक नारा भर नहीं है, ये एक जिम्म्ेदारी है जिसे धरती पर रहने वाले हरेक इंसान को समझना और मानना चाहिये। पेड़ों को बचाने के द्वारा अपने स्वस्थ पर्यावरण और हरी पृथ्वी को बचाने के लिये ये हम सभी के लिये बड़ा मौका है। पेड़ धरती पर जीवन का प्रतीक है। आज की आधुनिक दुनिया में पेड़ों को बचाना बहुत ज़रुरी है जहाँ शहरीकरण, औद्योगिकीकरण और ग्लोबल वार्मिंग तेजी से बढ़ रहा है। स्कूल की प्रिंसपिल ज्योति चौधरी ने कहा कि हमारे जीवन का पालन-पोषण करने के लिये हमारी धरती माँ की तरफ से वास्तव में हमें बहुत सारे बहुमूल्य उपहार दिये गये हैं। उनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण उपहार पेड़ है। ये धरती पर मानव और पशु दोनों के लिये भोजन और छत का महत्वपूर्ण साधन हैं। पेड़ जंगल के अंदर रहने वाले बहुत सी जन जातियों के लिये प्राकृतिक घर है साथ ही सभी पक्षियों के भी घर उपलब्ध कराता है। ये हमें फर्निचर बनाने के लिये टिम्बर, शुद्ध हवा, मृदा अपरदन और बाढ़ से बचाता है, गर्मी में ठंडी और स्वच्छ हवा प्रदान करता है तथा गोंद, कागज, रबर, दवा, बारिश आदि का बड़ा साधन है। हमें अपने जीवन में पेड़ का भूमिका और महत्ता को समझना चाहिये और इसे सुरक्षित रखने की प्रतिज्ञा के साथ ही लोगों को अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिये प्रेरित करना चाहिये।