भूपानी में स्थित उतरभारत के सबसे बड़े आवासीय सतयुग दर्शन विद्यालय में दिनांक २७ जुलाई को नवागंतुक विद्यार्थियों के स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। उत्सव का आरमभ दीप प्रज्ज्वलन की पावन परमपरा के साथ पूरा किया गया। सतयुग दर्शन विद्यालय परिवार में नए छात्रों के आगमन की खुशी में इस कार्यक्रम का आयोजन कर उनका स्वागत किया गया। जिसमें भिन्न- भिन्न स्कूलों से आए नए छात्रों ने अत्यन्त उत्साह एवं आत्मविश्वास के साथ अपना परिचय दिया और कहा कि सतयुग दर्शन विद्यालय के इस मनमोहक तथा पवित्र वातावरण में भौतिक मूल्यों को धारण करने वाली शिक्षा के साथ-साथ ध्यानकक्ष द्वारा दी जा रही नैतिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा ग्रहण करना उनके जीवन का एक नया पहलू है।सतयुग दर्शन विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने अनेक सास्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुतियाँ दी। विभिन्न कलाओं की श्रेणी में नृत्य कला एवं अभिनय कला का विशेष स्थान है और इन कलाओं की प्रवीणता में सतयुग दर्शन विद्यालय के विद्यार्थी सबसे आगे हैं। नृत्य कला एवं नाटक कला का प्रदर्शन विद्यार्थियों ने अत्यन्त उत्साह के साथ किया। विद्यार्थियों ने अत्यन्त सुंदर ढंग से अभिनयकला द्वारा यह दर्शाया कि प्रकृति अनादि काल से मानव की सहचरी रही हैं लेकिन मानव ने भौतिक सुख-पूर्ति के लिए सदा इसके साथ खिलवाड़ ही किया है। वर्तमान अवस्था तो यह है कि पर्यावरण को पॉलथीन के अंधाधुंध प्रयोग से जिस तरह प्रदूषित किया जा रहा है उससे समपूर्ण वातावरण आहत हो चुका है। विद्यार्थियों ने इस समस्या का समाधान सझ्ुााते हुए सदेंश दिया कि सभी को इस समस्या से निजात पाने के लिए बढ़चढ़ कर आगे आना होगा और किसी भी वस्तु को खरीदते समय पॉलथीन की जगह जूट अथवा कागज व कपड़े से निर्मित थैलों इत्यादि का ही प्रयोग करना होगा जिससे प्रकृति को इस भयावह परिस्थिति से बचाया जा सके। विद्यालय की प्रधानाचार्या डा0 जय श्री भार्गव ने विद्यालय को चरमोत्कर्ष तक पहुँचाने का बीड़ा उठाया एवं विद्यार्थियों के आत्मविश्वास को बढ़ाया व उन्होंने इस बात पर बल दिया कि आज की इस भागदौड़ भरी जिन्दगी में अभिवावकों का अपने बच्चों के लिए समय निकालना अति आवश्यकहै।
सतयुग दर्शन विद्यालय में दिनांक २७ जुलाई को नवागंतुक विद्यार्थियों के स्वागत समारोह का आयोजन किया गया
