आध्यत्म

now browsing by category

 
Posted by: | Posted on: April 1, 2018

राम जिनका नाम है, अयोध्या जिनका धाम है, ऐसे रघुनंदन को, हमारा प्रणाम है:- विपुल गोयल 

फरीदाबाद( विनोद वैष्णव ) : मोरारी बापू जी के मुख से फरीदाबाद में 26 मई से 3 जून  तक होने वाली श्रीराम कथाकी तैयारियां शुरू हो गयी हैं. इसी को लेकर फरीदाबाद के सेक्टर-15 में काठी नंबर 999 में कार्यालयस्थापित किया गया है. इस मौके पर हवन और भोज का आयोजन किया गया.कार्यक्रम में हरियाणा कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल, मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के प्रेजिडेंट  डॉ. प्रशांतभल्ला, वाईस प्रेजिडेंट डॉ. अमित भल्ला, संस्थान की मुख्य संरक्षक सत्य भल्ला, मानव रचना इंटरनेशनलइंस्टिट्यूट ऑफ़ रिसर्च एंड स्टडीज के वीसी डॉ एनसी वाधवा समेत कई जाने-मानेलोग शामिल हुए.इस मौके पर विपुल गोयल ने कहा कि फरीदाबाद के लिए ये बहुत गर्व की बात है की मोरारी बापू जी यहाँलोगों के बीच आ रहे हैं, उन्होंने यहाँ मौजूद सभी लोगोंसे आग्रह किया की ज़्यादा से ज़्यादा लोग इस नेककार्य में जुड़ें. उन्होंने इस मौके पर डॉ प्रशांत भल्ला और डॉ अमित भल्ला का भी धन्यवाद् किया की उन्होंनेइस नेक कार्य का बीड़ा उठाया है. इस दौरान डॉ प्रशांत भल्ला ने 26 मई से 3 जून तक होने वाले कार्यकर्मऔर उसकी व्यवस्थाओं के बारे में सबको जानकारी दी.कार्यक्रम के दौरान कई धार्मिक संस्थाओं के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया साथ ही उन्होंने सहयोग देने का वादाकिया. यहाँ साई धाम के मोतीलाल गुप्ता, विश्व हिन्दू परिषद फरीदाबाद के जिला मंत्री काली दास  गर्ग, श्री बांके बिहारी मंदिर के प्रधान ललित गोस्वामी, फरीदाबाद के पूर्व मेयर अशोक अरोड़ा, मशहूर कविदिनेश रघुवंशी, सेक्टर 15 के गुरुद्वारा से ख़ज़ान सिंह संधू, जीएस  बिंद्रा, केंद्रीय सनातन धर्म सभा केप्रेजिडेंट सविंदर खुल्लर, आर्य समाज सेक्टर 15 के चीफ कोषाध्यक्ष  जेएल आहूजा,  डिप्टी सेक्रेट्री एसके बंसल, प्रधान एसपी अरोरा, जोगीराम जी, राजीव  शर्मा, प्रमोद गुप्ता, जेपी  गुप्ता और  कई वरिष्ठ लोग मौजूद रहे.

Posted by: | Posted on: April 1, 2018

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सुमित गौड़ ने हनुमान जन्मोत्सव पर बांटे लड्डू

( विनोद वैष्णव ) |प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सुमित गौड़ अपने समर्थकों के साथ हनुमान जयंती के अवसर पर एसी नगर स्थित शिव-हनुमान मंदिर, सेक्टर-16ए स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूजा अर्चना की। गौड़ व उपस्थित जनों ने हनुमान जी की पूजा अर्चना की और समाज में सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान गौड़ ने सवा मन लड्डू का प्रसाद चढ़ाया और लोगों में प्रसाद बांटा। इसके उपरांत सुमित गौड़ ने अपने सेक्टर-10 स्थित कार्यालय एवं बल्लभगढ़ स्थित कार्यालय पर भी भगवान हनुमान का भोग लगा प्रसाद वितरित किया। इस मौके पर उनके साथ मुख्य रुप से महेंद्र शर्मा, पूर्व लोकसभा क्षेत्र अध्यक्ष ¨रकू चंदीला, देव पंडित, दिनेश पंडित, भोला ठाकुर, प्रदीप भट्ठ, डॉ. सौरव शर्मा, एडवोकेट गौतम नारायण ¨सह, वरुण बंसल मौजूद थे।

Posted by: | Posted on: March 29, 2018

भगवान महावीर जयंती पर पौधे लगाने और पक्षियों की सेवा का लें संकल्प -अमन गोयल

फरीदाबाद ( विनोद वैष्णव ): भगवान महावीर ने हमें जियो और जीने दो का सिद्धांत दिया है इसीलिए उनकी जयंती पर हमें प्रकृति द्वारा निर्मित सभी जीवों की सेवा का संकल्प लेना चाहिए । ये विचार युवा भाजपा नेता अमन गोयल ने महावीर जयंती पर सेक्टर 16 स्थित श्री 1008 पाशर्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर से निकाली गई रथयात्रा के दौरान व्यक्त किए । महावीर जयंती पर पाशर्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर से विशाल रथयात्रा निकाली गई जिसमें भगवान महावीर स्वामी को रथ में विराजमान किया गया ।इस मौक़े पर जैन मुनि विशद सागर ने प्रवचन भी दिया । रथ यात्रा के साथ हाथी, घोड़े, स्कूल के बच्चे, झांकियाँ , बैंड एवं शहनाई वादकों ने जुलूस में शिरकत की । जुलूस में हजारों जैन भाइयों ने हिस्सा लिया जिसमें होडल, बंचारी, पलवल बल्लभगढ़ , दिल्ली आदि जगहों से भी जैन समाज के प्रतिनिधियों ने शिरकत की । रथ यात्रा का शुभारंभ युवा भाजपा नेता अमन गोयल , समिति के प्रधान पी सी जैन और भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष जितेंद्र चौधरी ने किया । यात्रा के शुभारंभ के मौके पर रथ से बैल हटाकर पशु पक्षियों के प्रति प्रेम का संदेश दिया गया और श्रद्धालुओं ने खुद  रथ खींचने की कमान संभाली । इस मौके पर अमन गोयल ने कहा कि भगवान महावीर ने हमें सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया है और उनके दिए सिद्धांत आज के दौर में भी प्रासंगिक है । उन्होंने कहा कि भगवान महावीर ने हमें शिक्षा दी है कि अजीव में ही जीव है इसीलिए हमें सभी जीवो की रक्षा का अपना दायित्व निभाना चाहिए । उन्होंने कहा कि भगवान महावीर जयंती पर सभी को ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने चाहिए और गर्मियों में पक्षियों के लिए पानी के साथ उनके खाने का भी प्रबंध करने का संकल्प लेना चाहिए । इस मौके पर समिति के महासचिव वीके जैन , रतिराम जैन, रवि जैन, पंकज जैन, ए पी जैन, जोगेंद्र जैन, ,अनिल जैन, कमल और अजय कुमार जैन सहित सहित दिगम्बर जैन सभा से अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे ।

Posted by: | Posted on: March 29, 2018

श्री सालासर बालाजी एवं खाटूश्याम मंदिर में सर्वसम्मति से प्रधान पद के लिए पवन कुमार ‘वशिष्ठ’ को चुना गया

( विनोद वैष्णव )|  गांव कैली स्थित श्री सालासर बालाजी एवं खाटूश्याम मंदिर में सर्वसम्मति से प्रधान पद के लिए पवन कुमार ‘वशिष्ठ’ को चुना गया। प्रधान ने कार्यकारणी का विस्तार करते हुए सर्वसम्मति से सचिव की जिम्मेदारी संदीप शर्मा को व कोषाध्क्ष के लिए सुनील अरावतिया को जिम्मेदारी सौपीं गई।सभी ने धर्म कार्य को आगे बढ़ाने व मंदिर की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए जिम्मेंदारी का निर्वाहन करने की शपथ ली। इस दौरान एग्जीक्यूटिव मेंबर गौतम चौधरी, अरुण बजाज, रमेश झंवर, विजय शर्मा, प्रफुल शर्मा, पारसमल सांड, अनिल गुप्ता, पाठ संयोजक मनमोहन शर्मा आदि को चुना गया।यह चुनाव की प्रक्रिया चुनाव अधिकारी आर.पी गुप्ता, बी.एल शर्मा, एम.सी जैन की उपस्थिति में हुआ। इस मौके पर प्रशासक आई.एस यादव के साथ शहर के समाजसेवी, उद्योगपत्तियों की उपस्थिति में हनुमान जयंती, 27वां वार्षिकोत्सव व मंदिर स्थापना महोत्सव के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम को लेकर चर्चा हुुई।

Posted by: | Posted on: March 29, 2018

राष्ट्रपति भवन में उद्योगपति एस एस बांगा रूपांतरण: तिहाड़ से हरिद्वार पुस्तक राष्ट्रपति को भेंट करते हुए। 

फरीदाबाद ( विनोद वैष्णव )। सार्क चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के जनरल असेंबली मेंबर एस एस बांगा ने अपनी संपादित रूपांतरण: तिहाड़ से हरिद्वार तक पुस्तक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेंट की। यह पुस्तक कैदी सुधार पर लिखी गई है। किस तरह योग, आध्यात्म के जरिए अपने अंदर सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। इस पुस्तक के माध्यम से बताया गया है।
बांगा ने बताया कि राष्ट्रपति ने पुस्तक के उद्देश्य पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने इस पुस्तक को पढऩे का भी आश्वासन दिया। बांगा संबध हैल्थ फाउंडेशन और वायॅस ऑफ टोबेको विक्टिम के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल के हिस्सा थे। जिन्होंने राष्ट्रपति से मिलकर तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थाअेां के लिए राष्ट्रीय अभियान चलाने की मांग की। इसका नेतृत्व सीवान बिहार से सांसद ओम प्रकाश यादव ने किया। इस दौरान उद्योगपति बांगा ने औद्योगिक नगरी में तेजी से कैंसर से हो रही मौत से भी राष्ट्रपति को अवगत कराया। शहर में तेजी से जल व वायु प्रदूषण की वजह से जानलेवा बीमारियां पैर पसार रही है।
Posted by: | Posted on: March 26, 2018

परमपद प्राप्ति हेतु जीवन में संतुलन/समता की महत्ता

( विनोद वैष्णव )| रामनवमी की पवित्र बेला पर आज परमपद प्राप्ति हेतु, ट्रस्ट के मार्गदर्शक श्री सजन जी ने समय की अमूल्यता के विषय में बताते हुए कहा कि कि संतोष, धैर्य, सच्चाई व धर्म ये चारित्रिक सुदृढ़ता के मु2य आधार एवं मानव व्यक्तित्व के मजबूत स्तंभ हैं। इन को धारण कर जीवन व्यवहार में लाने पर ही मानव की अन्दरूनी एवं बैहरूनी दोनों वृत्तियों में संतुलन की स्थिति उत्पन्न होती है जिससे स्वत: सामय अवस्था पनपती है। सामय समान होने का भाव है, समानता है, समता है व मानव की मूल प्रकृति है। सामय से ही समभाव स्थापित होता है। फलत: मानव सुख-दु:ख, हर्ष-शोक, लाभ-हानि, जय-पराजय में एक समान यानि निरपेक्ष बने रह, समदर्शिता अनुरूप अपने को सब प्राणियों में और सब प्राणियों को अपने में देखता है। उन्होंने कहा कि यह अपने आप में मानव की परिपूर्ण सचेतन अवस्था होती है जिसके अंतर्गत उसे अपने शाश्वत नित्य स्वरूप यानि च्च्ईश्वर है अपना आप प्रकाशज्ज् इस सत्य का बोध बना रहता है। ऐसा सत्य बोधी ही कुदरत प्रदत्त अपने विवेकशक्ति रूपा विशेष गुण का यथोचित प्रयोग कर पाता है और जगतीय उपज-बिनस के खेल के प्रभावों से अपनी मानसिकता को मुक्त रखते हुए, सदा एकरस सामय अवस्था में सुदृढ़ता से स्थिर बना रहता है।

श्री सजन जी ने आगे संस्था को समबोधित करते हुए कहा कि इस सम अवस्था में उसके लिए सहजता से विभिन्न पक्षों के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक विचारों में सामय स्थापित करना सरल हो जाता है। इस तरह उसके मन की गति स्थिर हो जाती है और समरसता उत्पन्न होती है। इस समरसता की स्थिति में उसके लिए अपने ख़्याल को समपूर्ण कायनात में अनवरत गुंजायमान अनहद श4द में अखंडता से लीन रखते हुए ब्रह्म सत्ता यानि ब्रह्म भाव को ग्रहण करना सहज हो जाता है। फलत: मानव कत्र्ता होते हुए भी, ईश्वर के निमित्त हर कर्म निष्कामता व अकत्र्ता भाव से समपन्न करते हुए संकल्प रहित बना रह, कर्मफल से बचा रहता है। इसलिए उस बलवान व बुद्धिमान इंसान के अंदर जगतीय क्षणभंगुर पदार्थों के प्रति आसक्ति व लिप्ति नहीं पनपती और वह अपनी मूल स्वरूप स्थिति में अडिग बना रह परोपकार कमाता है।

इस उपल4िध के दृष्टिगत सजन जी ने कहा कि जीवन में संतुलन एवं समता की परम आवश्यकता है। इस आवश्यकता पूर्ति हेतु युवावस्था की भक्ति यानि समभाव-समदृष्टि की युक्ति अनुसार, संतोष, धैर्य, सच्चाई, धर्म जैसे अंतर्निहित सद्गुणों को पहचान कर निष्कामता से उनका वर्त-वर्ताव करो। इससे भाव संतुलन, मानसिक संतुलन, वैचारिक संतुलन व व्यावहारिक संतुलन तो पनपेगा ही साथ ही एक निगाह एक दृष्टि, एक दृष्टि एक दर्शन भी हो जाएगा। परिणामस्वरूप मन संकल्प रहित हो शांत हो जाएगा, वृत्तियाँ निर्मल हो जाएँगी और सजन-भाव अनुसार जीवनयापन करना सहज हो जाएगा। इस तरह जीवन जीने का वास्तविक आनन्द प्राप्त हो जाएगा। श्री सजन जी ने कहा कि यह अपने आप में शरीरधारी जीव की इस सगुण ब्रह्मांड में विचरते हुए भी इसके त्रिगुणात्मक प्रकृति के प्रभाव से मुक्त रह, स्थिरता से आत्म परमेश्वर स्वरूप में बने रहने की बात होगी जिसके परिणामस्वरूप बुखार की तरह घटने-बढऩे वाला शारीरिक स्वभावों का टमैपरेचर सम हो जाएगा और तीनो तापों का रोग मिट जाएगा। यह बिना यत्न के समभाव-समदृष्टि हो जन्म की बाजी जीत लेने की मंगलकारी बात होगी जिसके परिणामस्वरूप स्वार्थी व परमार्थी दोनों राज्य प्राप्त कर रूप, रंग, रेखा से रहित हो जाओगे।

चार दिन चले इस आयोजन के अंत में उन्होंने सजनों से कहा कि याद रखो ईश्वर सर्वव्यापक है, ग्रहों, ब्रह्मांडों को नियन्त्रित रखता है, फिर भी वह विचलित नहीं होता। यद्यपि वह इस संसार में है तथापि वह संसार से परे है। उसका अभिन्न अंश होने के नाते हमें उसी को ही प्रतिबिमिबत करना चाहिए। इस हेतु हमें अपना ख़्याल व दृष्टि (ध्यान) उसी के साथ जोड़े रख उससे प्राप्त शांति और आनन्द को बनाए रखना चाहिए और विशुद्ध प्रेम, अच्छाई व सामंजस्यता से परिपूर्ण विचारों का आदान-प्रदान कर उन्हें ही अपने मन-वचन-कर्म द्वारा प्रसारित करना चाहिए। याद रखो अंतर्मन्दिर की वेदी पर जहाँ अन्तज्र्ञान का प्रकाश है वहाँ चंचलता का व उससे उत्पन्न अशांति व असंतुलन का कोई स्थान नहीं, यानि व्याकुल प्रयत्नों और अन्तहीन खोज का कोई चिन्ह नहीं। अत: समभाव अपना कर समबुद्धि हो जाने का भरसक यत्न करो व अपनी वृति-स्मृति, बुद्धि व स्वभावों का ताणा-बाणा निर्मल रखते हुए, सदाचारी बन अपने सच्चे घर पहुँच विश्राम को पाओ।

संस्था की प्रबन्धक न्यासी श्रीमती रेशमा गांधी ने बताया कि रामनवमी महायज्ञ में भजन-र्कीान निरंतर चल रहा है। सारी वसुंधरा राममय हो गई है। भक्तजन सतवस्तु के कुदरती ग्रन्थ का अमृतत्व निरंतर प्राप्त कर रहे हैं। उन्होने बताया कि अब महायज्ञ अंतिम-चरण में है। उनके अनुसार आज पूरी रात्रि कीर्तन चलता रहा।

Posted by: | Posted on: March 25, 2018

विधायक टेकचन्द शर्मा का वृद्धआश्रम 51000/-रुपये का सहयोग

फरीदाबाद( विनोद वैष्णव )। पृथला विधानसभा के विधायक टेकचन्द शर्मा के सौजन्य से सीकरी गांव स्थित वृद्धआश्रम को 51000/- रुपये की राशी का हरियाणा सरकार से सहयोग प्राप्त हुआ। वृद्धआश्रम सीकरी की कार्यकारणी के अध्यक्ष आरडी शर्मा एवं उनके सहयोगी उपाध्यक्ष सुन्दरलाल गर्ग, मा. सुखपाल सिंह, महासचिव अनिल अरोड़ा, सचिव श्रीमती रेखा शर्मा, काजल अरोड़ा व रिषभ अरोड़ा ने विधायक के कार्यालय में श्री टेकचन्द शर्मा का मालाओं द्वारा अभिनन्दन किया। आरडी शर्मा ने विधायक जी का धन्यवाद करते हुऐ कहा कि बुजुर्ग ही हमारे तीर्थ है और उनका मान स�मान करना हमारा धर्म है। टेकचन्द शर्मा ने वृद्धआश्रम सीकरी में चल रही समाज कल्याण गतिविधियों की सरहाना करते हुऐ कहा कि कि बुजुर्गों के इलाज हेतु शीघ्र ही वृद्धआश्रम के नजदीक हस्पताल का निर्माण शुरु होगा। श्रीमती रेखा शर्मा सचिव ने वृद्धआश्रम में चल रहे व्यवसायिक केन्द्र (सिलाई) के बारे में जानकारी दी कि 20 कमजोर वर्ग की महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अनिल अरोड़ा ने बताया कि शीघ्र ही क�प्यूटर व्यवसायिक प्रशिक्षण आर�भ किया जायेगा।

Posted by: | Posted on: March 25, 2018

परमपद प्राप्ति हेतु प्रणववाचक मूल मंत्र आद् अक्षर की महत्ता

( विनोद वैष्णव )| यज्ञ उत्सव के तृतीय दिवस ट्रस्ट के मार्गदर्शक श्री सजन जी ने सत्संग में उपस्थित सजनों को समबोधित करते हुए कहा कि जीवन के परम लक्ष्य को सिद्ध कर परमपद प्राप्त करने हेतु च्ना किसी से प्यार कर, ना किसी से वैर रख, दोस्ती ला लै तूं आद् दे नाल दिलों दुई भाव नूं छडज्। उन्होंने बताया कि यहाँ आद् श4द से तात्पर्य सृष्टि के उस मौलिक, प्रथम, प्रधान व मु2य कारण से है जो कि वेदान्तियों के अनुसार ब्रह्म यानि सबसे बड़ी चेतन सत्ता है तथा जगत का मूल कारण और सत्, चित्त्, आनंदस्वरूप मानी जाती है। ओ3म् के ब्रह्म पर्याय के द्वारा उसकी सर्वरूपता सिद्ध है। इसी आद् को हिन्दी में प्रणव/ओउम्/अक्षर/ब्रह्मबीज, उर्दू में अलिफ, गुरुमुखी में ओंकार आदि नामों से समबोधित किया जाता है। उन्होने कहा कि सजनों नाम चाहे कुछ भी हो परन्तु हकीकत में इसे ही अत्यन्त पवित्र, नित्य, स्थिर, दृढ़, अनश्वर, अविनाशी, स्वयंभू व परब्रह्मवाचक यानि परमात्मा को व्यक्त, प्रकट या सूचित करने वाला श4द माना जाता है। इसी से सकल सृष्टि यानि जगत की उत्पत्ति होती है, पालन होता है व अंतत: इसी में सबका लय हो जाता है। उन्होंने सजनों को स्पष्ट किया कि हकीकत में रूप, रंग, रेखा से रहित परब्रह्म ही श4द ब्रह्म द्वारा संपूर्ण संसार को ब्रह्म सत्ता के रूप में, एक रस प्रकाशित करता हुआ, सभी प्राणियों में प्रवेश करता है और एक होकर भी अपने आपको अनेक रूपों में सृजित कर लेता है।

उन्होने कहा कि वास्तव में ओ3म् आद् अक्षर ही अजर-अमर आत्मा का निराकार रूप है। यही श4द ब्रह्म ही वह केन्द्र बिन्दु है जहाँ से ब्रह्म, जीव और जगत के सत्य का प्रगटन होता है। इसी में समस्त ज्ञान विज्ञान समाया/सिमटा हुआ है और इसी का वर्णन सब वेद शास्त्र व धर्म ग्रन्थ कर रहे हैं। यही अन्दरुनी व बैहरुनी वृत्ति की निर्मलता व सर्वांगीण उन्नति का एकमात्र साधन है और यथार्थ में दिव्यता की खिड़की खोलने की कुन्जी है। यही सुरत और श4द के मिलन का व विलीन होने का केन्द्र-बिन्दु है, जहाँ पहुँच जीव विश्राम को पाता है। इसी संदर्भ में श्री सजन जी ने यह भी बताया कि इस ब्रह्म के मूर्त और अमूर्त दो रूप है जो क्षर और अक्षर रूप में समस्त प्राणियों में स्थित है। अक्षर वह परब्रह्म है और क्षर संपूर्ण जगत है। इस आधार पर ओ3म ही परब्रह्म परमेश्वर से प्रकट हुआ उनका स्वरूप है। यह ही समग्र विश्व को ढके हुए है यानि सारे संसार का एक भी पदार्थ ऐसा नहीं है जो ओ3म से बाहर हो। इस नाते ओ3म ही जीवन है यानि संपूर्ण जगत का प्राण है। यह ही वेदो का सार, तपस्वियों का वचन, ज्ञानियों का अनुभव है। इसलिए तो कहा जाता है कि जिसने इस मंगलमय ओ3कार को जान लिया वही मुनि है अन्य कोई पुरुष नहीं। उन्होंने कहा कि जैसे बाँस के द्वारा खाई को लांघा जाता है, वैसे ही ओ3म के सेतु द्वारा जीवन, मृत्यु को पार करता है। इस तरह यह ही आत्मा को मुक्ति देने वाला है। श्री सजन जी ने यह भी कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए जो भी प्राणी ओ3म अक्षर का पाठ करके पूर्ण एवं दृढ़ विश्वास के साथ प्रभु की उपासना करता है उसे निश्चय ही प्रभु मिलन की राह मिल जाती है और वह अवश्य प्रभु को पाने में सफल हो जाता है। यही नहीं इस ओंकार अक्षर को श्रद्धाभाव के साथ ऊँचे स्वर में या मन में उच्चारण करने से अनेक प्रकार के शारीरिक-मानसिक लाभ तो प्राप्त होते ही हैं, साथ ही इस मूलमंत्र का निष्काम भाव से अजपा जाप करने वाला आत्मिक ज्ञान प्राप्ति का अधिकारी भी बनता है। इस तरह ओंकार की उपासना और चिंतन करके उसके द्वारा अपने इष्ट को चाहने वाला वह आत्मज्ञानी परमगति को प्राप्त करता है। सारत: उन्होंने कहा कि ओ3म अक्षर को जानकर मनुष्य जो कुछ भी चाहता है, जिसकी इच्छा करता है उसे वही मिल जाता है। उसे हर काम में सफलता मिलती है और बिगड़े काम बन जाते हैं। इस तरह ओ3म की ध्वनि उस सुन्दर वृक्ष के समान, जो प्रचण्ड सूर्य के ताप से झुलसते हुए मनुष्य को शीतल छाया प्रदान करता है, प्राणी को शीतलता प्रदान करती है।

अंत में उन्होंने इस संदर्भ में सब सजनों से निवेदन किया कि अगर आत्मा के परम तत्व को जान अभय पद प्राप्त करना चाहते हो यानि ब्रह्म नाल ब्रह्म हो दुनियां से आजाद रहना चाहते हो तो इस एकाक्षर श4द ब्रह्म की रटन लगा, इसे अपने ख़्याल यानि रोम-रोम में बसा लो। ऐसा करने से ही हृदय में ब्रह्म भाव पनपेगा और आप अपने अस्तित्व के मूलाधार च्आत्माज् व च्आत्मा में जो है परमात्मा उसे जान, च्विचार ईश्वर है अपना आपज् इस शाश्वत भाव पर खड़े हो, जीवन की वास्तविकता यानि यथार्थ ज्ञान का स्पष्टता व सत्यता से बोध व प्रयोग कर, अमरत्व को प्राप्त कर लोगे।

इस अवसर पर उपस्थित अनेक श्रद्धालुओं से बातचीत के दौरान पता चला कि यहाँ पर हर प्रकार से उनकी सुख-सुविधा का ध्यान रखा जा रहा है तथा उन्हें किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं हो रही।

Posted by: | Posted on: March 25, 2018

मंत्री विपुल गोयल ने गांव जोधपुर की गौशाला के लिए स्वैच्छिक कोष से 11 लाख रुपये देने की घोषणा की

( विनोद वैष्णव )। हरियाणा के उद्योग एवं पर्यावरण मंत्री विपुल गोयल ने रविवार को गांव जोधपुर की गौशाला के लिए स्वैच्छिक कोष से 11 लाख रुपये देने की घोषणा की। श्री राधे गौसेवा समिति द्वारा गांव जोधपुर की गौशाला में आयोजित वार्षिक उत्सव के अवसर पर उद्योग मंत्री ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि गौसेवा सरकार का संकल्प है। वर्तमान सरकार ने गाय की तस्करी करने वाले लोगों को दण्ड देने का कानून बनाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गौसेवा आयोग का गठन किया। शीघ्र ही जिला में 80 से 100 एकड़ क्षेत्र में गौअभ्यरण बनाया जाएगा जिसमें सडक़ पर घूमने वाली बेसहारा गायों व नंदियों को एक छत के नीचे रखकर उनकी सेवा करने की व्यवस्था की जाएगी। गौसेवा ही नारायण सेवा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को उनका हक़ देने का काम किया है। प्रदेश सरकार ने पिछले तीन वर्षों में किसानों को उनकी फसल खराब होने पर तीन हजार करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है। उद्योग मंत्री ने क्षेत्र के किसानों से अपनी फसल का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमा करवाने का आहवान किया। ताकि प्राकृतिक आपदाओं से फसल में हुए नुकसान की भरपाई किसानों को  प्राप्त हो सके। यह सरकार किसान हितेषी सरकार है। उन्होंने ग्रामीणों से आहवान किया कि वे केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएं।प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में पलवल के विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की कोई भी कोर कसर नहीं छोडी जा रही है। प्रदेश के सभी क्षेत्रों में विकास कार्य समान रूप से बिना किसी भेदभाव के करवाए जा रहे हैं।उद्योग मंत्री ने कहा कि विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय जिला पलवल के गांव दूधौला में स्थापित किया जा रहा है। यह देश की ऐसी पहली स्कील यूनिवर्सिटी है जिससे युवाओं को अपने हाथ का हुनर तथा स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।इस अवसर पर गांव जोधपुर की गोशाला में श्री राधे गौसेवा समिति ने हरियाणा के उद्योग एवं पर्यावरण मंत्री विपुल गोयल का भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर के.एम.पी. के किसानों ने भी उद्योग मंत्री का पगड़ी बाँधकर स्वागत अभिनंदन किया।इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह सौरोत, प्रदेश उपाध्यक्ष किसान मोर्चा वीरपाल दीक्षित, पवन अग्रवाल, कर्नल राजेन्द्र सिंह रावत, गांव के सरपंच सुंदर, पूर्व सरपंच सुरेन्द्र, पोप सिंह, नरेश, महेन्द्र सिंह डागर, नेतराम, मानसिंह नेहरा सहित अन्य गांवों के पंच सरपंच एवं गणमान्य लोग मौजूद थे।इससे पूर्व उद्योग मंत्री ने गांव गहलब के शहीद हुए पैरा कमांडो सुनील सहरावत के घर जाकर उनके परिवार को सांत्वना दी। उद्योग मंत्री ने शहीद सुनील के नाम पर शहीद स्मारक बनाने का आश्वासन दिया। उद्योग मंत्री ने शहीद सुनील की मां को भी दी सांत्वना दी। विपुल गोयल शहीद सुनील की मां से बोले देश को आपके लाल पर नाज है। शहीद स्मारक बनाकर आपके बेटे को रखेंगे जीवंत। उल्लेखनीय है कि आगरा में अभ्यास के दौरान पैराशूट ना खुलने की वजह से सुनील सहरावत का देहांत हो गया था।

Posted by: | Posted on: March 25, 2018

सतयुग दर्शन वसुन्धरा में परमपद प्राप्ति हेतु आत्मज्ञान की महत्ता

( विनोद वैष्णव ) |सतयुग दर्शन वसुन्धरा में आयोजित राम नवमी यज्ञ महोत्सव के द्वितीय दिवस  सजन जी ने कहा कि अंत:करण/हृदय आकाश की शुचिता के लिए आत्मज्ञान एकमात्र सर्वोत्तम साधन है। आत्मज्ञान से तात्पर्य अपने को पूर्ण रूप से जानने/पहचाने से है। अपने आप से यहाँ आशय सजनों आत्म (स्व) की पहचान वस्तुत: आत्मा/परमात्मा की पहचान से है। इसे आत्मा का स्वरूप ज्ञान या ब्रह्म का ज्ञान यानि आध्यात्मिक ज्ञान भी कहते हैं। यह आत्म-साक्षात्कार व ब्रह्म-साक्षात्कार की स्थिति है। इसी विषय में और स्पष्टता देते हुए उन्होंने कहा कि आत्मा ब्रह्म है तो परमात्मा परब्रह्म है। ब्रह्म से यहाँ तात्पर्य उस सब में बड़ी, परम तथा नित्य चेतनसत्ता से है जो जगत का मूल कारण और सत् -चित-आनंदस्वरूप मानी गई है तथा परब्रह्म से तात्पर्य उस निर्गुण और निरुपाधि ब्रह्म से है जो जगत से परे है। याद रखो जो उस सूक्ष्मतम आद् स्रोत के साथ जुड़, आत्मज्ञान प्राप्त कर लेता है और तद्नुकूल ब्रह्म भाव/सर्व एकात्मा का भाव अपना लेता है वह एकता, एक अवस्था में आ परमात्मा के साथ परमात्मा हो जाता है।आगे  सजन जी ने आत्मज्ञान को और स्पष्ट करते हुए बताया कि आत्मज्ञान, सामान्य ज्ञान से सर्वथा भिन्न है। यह बुद्धि की प्रखरता का नहीं अपितु माया के स्पर्श से दूर आत्मा की निष्कलुषता यानि पावनता का प्रतिबिमब है। यह आत्मा की पुकार है जिसको सुनकर व्यक्ति सन्मार्ग पर चलने के लिए स्वत: प्रेरित होता है और जीवात्मा/परमात्मा के विषय में समयक् ज्ञान प्राप्त कर सदा जाग्रत अवस्था में बना रहता है यानि आत्मसत्ता के प्रति विश्वास रखते हुए हर कार्य विवेकपूर्ण करता है। उन्होंने कहा कि इस उपल4िध के दृष्टिगत आत्मज्ञान प्राप्ति को महत्व दो और सर्वव्याप्त एकात्मा को जानो 1योंकि जो आत्मा को यानि स्वयं को जान जाता है वह उस ब्रह्म (ईश्वर) को यानि सबको पहचान लेता है। इस संदर्भ में उन्होंने स्पष्ट किया कि ब्रह्म ही पूर्ण है अत: उसका ज्ञान ही पूर्ण ज्ञान है। जिस व्यक्ति को इस आत्मतत्व का पूर्णत: ज्ञान हो जाता है वह शीघ्र ही उच्च शिखर (सिद्धि) पर चढ़ जाता है। इंद्रियों के विषय फिर उसे विषतुल्य लगने लगते हैं यानि बाह्य पदार्थों के प्रति उसमें अरूचि उत्पन्न हो जाती है और संसार मिथ्या प्रतीत होने लगता है। इस तरह मन की चंचलता के कारण उत्पन्न विषय-विकारों से सहज ही मुक्ति मिल जाती है और इनके स्थान पर जीवन में संतोष, क्षमा, धैर्य, विनय, शील, सरलता, स्पष्टता, समता आदि गुण प्रकट हो जाते हैं। फलत: जीवन निखर जाता है और व्यक्ति शोक, लोभ, मायाबंधन से सर्वथा छूटकर सच्चिदानंद स्वरूप हो जाता है और अफुर हो परमपद को प्राप्त कर मृत्यु के भय से मुक्त हो जाता है। अन्य श4दों में जब मनुष्य राग और भोग में रूचिशील जीवन जीने के स्थान पर, वैराग्य और त्याग में प्रवृत्त होकर, आत्मा और परमात्मा के स्वरूप और समबन्ध का विचार कर, लौकिक और भौतिक साधनों से भिन्न, आध्यात्मिक उन्नति के साधनों के समबन्ध में अपने मन में विवेचन करता है तो आत्मा और अनात्मा के विवेक ज्ञान द्वारा आध्यासिक/मिथ्याज्ञान से उत्पन्न भ्रमपूर्ण और कल्पित ज्ञान से मुक्ति पा, जीवात्मा और परमात्मा के विषय का समयक् ज्ञान प्राप्त कर, ब्रह्मसाक्षात्कार कर सकता है। इस तरह इस ज्ञान को आत्मसात् करने वाला जीव जीवनमुक्त हो, ब्रह्मभूत हो जाता है। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य पूर्ति्त हेतु सजनों वेद-शास्त्रों में वर्णित अध्यात्मिक विषयों यथा सर्वव्यापी आत्मतत्व/चैतन्य/ब्रह्म/परमेश्वर आदि का मनन एवं चिंतन कर, अक्षर ब्रह्म यानि अपने अविनाशी आत्मतत्व को जानो। इससे श्रेष्ठ अक्षर अव्यय ब्रह्म व उससे परे परब्रह्म का मर्म तो स्पष्ट होगा ही साथ ही अपने च्च्स्व-भावज्ज् (क्षर विराट् विश्व) का रहस्य तथा उसकी कार्यप्रणाली भी स्पष्ट होगी। इस तरह आपके लिए सतत् आत्मनिरीक्षण व आत्मनियंत्रण द्वारा अपने आचार-विचारों व चारित्रिक स्वरूप का निरंतर परिशोधन करते हुए च्च्ईश्वर है अपना आपज्ज् इस विचार पर सुदृढ़ बने रह, इस जगत में अपने समस्त कर्तव्यों का संपादन निर्लिप्तता से करते हुए अकत्र्ता भाव में अडिग बने रहना सहज हो जाएगा और आप आत्मा यानि शुद्ध चैतन्य यानि परम तत्तव का साक्षात्कार कर अपना जीवन सफल बनाने में कामयाब हो जाओगे।

संस्था की प्रबन्धक न्यासी श्रीमती रेशमा गांधी ने बताया कि इस महोत्सव में वसुंधरा के प्रांगण में दिन-रात श्रद्धालुओं का आगमन जारी है। भक्तजनों के रहने, खाने-पीने की समुचित व्यवस्था परिसर में ही की गयी है। श्रीमती रेशमा गाँधी ने बताया कि वे स्वयं समस्त आयोजन पर नजर रखे हुए हैं ताकि किसी भक्तजन को असुविधा का सामना न करना पड़े।