अन्तर्राष्ट्रीय
now browsing by category
यामी गौतम ने निर्माता के साथ ‘बत्ती गुल मीट चालू’ की यात्रा शुरू की!
Vinod Vaishnav |यामी गौतम ने ‘बत्ती गुल मीट चालू’ के साथ 2018 की दमदार शुरुवात कर दी है।घोषणा के कुछ दिन बाद, फिल्म की निर्माता ‘प्रेरणा अरोड़ा’ के साथ अभिनेत्री पहली बार सार्वजनिक तौर पर नज़र आई। यामी गौतम ने निर्माता प्रेरणा अरोड़ा के साथ अपनी एक तस्वीर भी साझा की।एक विशेष समारोह में यामी खूबसूरत सफ़ेद पोशाक में नज़र आई।अभिनेता-निर्माता की यह जोड़ी नारी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए नज़र आई।यामी गौतम ने ट्वीटर पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए लिखा,”एक नई यात्रा और यह खूबसूरत इंसान.. #PrernaaArora #BattiGulMeterChaalu @kriarj”काम की बात करे तो,”यामी गौतम जल्द ही शाहिद कपूर और वाणी कपूर के साथ फ़िल्म ‘बत्ती गुल मीट चालू’ में नज़र आएंगी।यामी गौतम ने काबिल में एक दृष्टिहीन लड़की के किरदार से हर किसी को मंत्रमुक्त कर दिया था, जहां उनके अभिनय को समीक्षकों और दर्शकों दोनो ने ही समान रूप से खूब सराहा था।
भनकपुर को देश का दूसरा गांव तथा हरियाणा का पहला गांव होने का गौरव हासिल हुआ
सोनू के टीटू की स्वीटी’ कलाकारों ने दिल्ली में किया हनी सिंह के गीत को लॉन्च
Vinod Vaishnav | आगामी कॉमेडी-ड्रामा फ़्लिक ‘सोनू के टीटू की स्वीटी‘ के कलाकारों-नुसरत बारूचा, कार्तिक आर्यन और सनी सिंह ने फिल्म के डायरेक्टर लव रंजन के साथ नई दिल्ली के साकेत स्थित पीवीआर सिलेक्ट सिटी में अपनी फिल्म का पहला गाना ‘दिल चोरी सड्डा हो गया‘ लॉन्च किया। अपने असाधारण संगीत और अनोखी शैली के साथ भारतीय संगीत उद्योग का मनोरंजन करने वाले हनी सिंह के कमबैक वाला यह गीत विशेष पार्टी ट्रैक है, जो हंसराज हंस के द्वारा 1990 के हिट गाने पुनरीक्षित संस्करण है। भारत में हिप-हॉप और रैप संगीत का दूसरा नाम हनी सिंह है। जब भी संगीत की इन दो शैली को याद किया जाता है, तब हनी सिंह का नाम ही जुबान पर आता है।
फ़िल्म ‘सोनू के टीटू की स्वीटी‘ के गीत ‘दिल चोरी सड्डा हो गया‘ से हनी सिंह की दमदार वापसी कर रहे हैं। फिल्म का यह पार्टी सॉन्ग 26 दिसंबर को रिलीज हुआ है, जिसमें ब्रोमेंस के साथ रोमांस का तड़का है। इस संबंध में डायरेक्टर लव रंजन ने कहा कि यह फिल्म ब्रोमेंस और रोमांस के बीच एक खुला युद्ध की तरह है। ‘दिल चोरी‘ ट्रैक के साथ हनी सिंह की वापसी के बारे में निर्देशक लव रंजन ने कहा, इस गीत को आवाज देने के लिए हनी सिंह को तैयार करने का सारा श्रेय भूषण कुमार को जाता है, क्योंकि मैं वास्तव में हनी सिंह को इतना करीब से नहीं जानता था, लेकिन भूषण कुमार ने हनी सिंह को इस गाने को आवाज देने के लिए तैयार किया।
फिल्म के बारे में उन्होंने कहा, “आजकल शादियां एक-दूसरे के साथ जुड़ने वाले केवल दो परिवारों के बीच का रिश्ता नहीं रह गया है, बल्कि दोस्तों के लिए भी ऐसी ही भावनाएं पैदा हो रही हैं। इसलिए इस फिल्म की अवधारणा ब्रोमेंस और रोमांस के बीच के संघर्ष को बनाई गई है। हालांकि, अभी इस फिल्म के बारे में ज्यादा कुछ खुलासा नहीं कर सकता, लेकिन इतना जरूर कहना चाहूंगा कि फिल्म देखने के बाद आप शादी की आधुनिक अवधारणा को समझ जाएंगे। आप इस फिल्म में टॉम एंड जेरी जैसी केमिस्ट्री देखेंगे।
टी-सीरीज़ और लव फिल्म्स की संयुक्त प्रस्तुति और लव रंजन द्वारा निर्देशित ‘सोनू के टीटू की स्वीटी‘ अगले साल 9 फरवरी को रिलीज होगी।
संजय दत्त ने दोस्ती की खातिर छोड़ी अपनी फ्लाइट
ओकिनावा ने अपना नवीनतम ई—स्कूटर ‘प्रेज़’ लॉन्च किया :-जीतेन्द्र शर्मा
नई दिल्ली, Vinod Vaishnav | भारत की सबसे तेजी से बढ़ती इलेक्ट्रिक टू—व्हीलर उत्पादन कंपनी ओकिनावा ने अपना नवीनतम ई—स्कूटर ‘प्रेज़‘ लॉन्च किया है, जो टू—व्हीलर क्षेत्र में नवाचार और परफॉर्मेंस के अविवादित लीडर के रूप में इसकी स्थिति को और भी मजबूत करेगी। ‘प्रेज़‘, जिसे #व्हील्स ऑफ चेंज बताया गया है और भारत में ई—वाहन में क्रांति कहा गया है, वह 75 कि.मी./घंटा की अधिकतम गति के साथ भारत की सबसे तेज ई— स्कूटर है। अपनी खूबियों को बढ़ाते हुए, यह सिंगल चार्ज पर 170—200कि.मी. तक की दूरी करके सबसे लंबी में सफर भी करती है!
2000 रुपए की बेहद अफोर्डेबल प्री—बुकिंग रकम पर भारत में ओकिनावा के सभी अधिकृत डीलरशिप्स पर 24 नवंबर से उपलब्ध है । प्रेज़ भारत की अगली पीढ़ी के लिए पसंदीदा ई—स्कूटर के रूप में ओकिनोवा की प्रीमियम प्रस्तुति है । इस ई— स्कूटर को पूरे देश में अदायगी के आसान विकल्पों पर एचडीएफसी बैंक शाखाओं से आसानी से फायनांस करवाया जा सकता है।
अत्याधुनिक तकनीकी प्रतिभा और ताकत की निशानी के रूप में पहचाने जाने वाले, ओकिनावा की व्यापक कुशाग्रता ‘प्रेज़‘ में दिखाई देती है। इसके भविष्यवादी डिजाइन, अनूठी इंजीनियरिंग, अत्याधुनिक उपकरण और अनोखे सौंदर्य ने इस उद्योग के अनुभवियों व समीक्षकों को प्रभावित किया है, जो अगली पीढ़ी की स्टाइल की मांगों को पूरा करने के उद्देश्य से भविष्य के परिवहन के लिए ‘प्रेज़‘ की प्रशंसा एक निर्णायक ई—स्कूटर के रूप में कर रहे हैं।
अपनी अनूठी रेंज और परफॉर्मेंस के अलावा, प्रेज़ में कई और खूबियां भी हैं। एलईडी लाइट्स, डिजिटल स्पीडोमीटर से लेकर इकॉनमी, स्पोर्टी और टर्बो जैसे विभिन्न स्पीड मोड्स के साथ, यह यात्रियों को सर्वोत्कृष्ट भविष्यवादी राइड देता है। गैस चार्ज के साथ टेलीस्कोपकि फ्रंट फोर्क और रियर सस्पेंशन, ट्यूबलेस टायर्स के साथ मजबूत एल्युमिनियम अलॉय व्हील्स के साथ ही स्टैंड में एंटी—थेफ्ट सेंसर लगे हुए हैं। अन्य खूबियां जो प्रेज़ को अलग बनाती हैं, वे हैं मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, बड़ा बूट स्पेस, कीलेस स्टार्ट जो कीलेस सफर देती है और प्री—लोडेड ‘फाइंड माई स्कूटर‘ लोकेशन ट्रैकर डिवाइस। ‘प्रेज़़ ग्लॉसी पर्पल/ब्लैक डबल टोन, मैट ब्लू/ब्लैक और मैट गोल्डन/ब्लैक के विभिन्न शेड्स में उपलब्ध है, जो लक्षित ग्राहकों की पसंद और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाए हैं और स्कूटर को आकर्षक, स्पेस—एज लुक देते हैं।
इस स्कूटर का स्पेसियस अर्गोनॉमिक्स ईएबीएस (इलेक्ट्रॉनिक असिस्ट ब्रेकिंग सिस्टम‘ के प्रेज़ कंट्रोलर में भविष्यवादी तकनीक से स्टाइलिश ग्राफिक्स और 3डी लोगो के साथ संयोजित है, जिससे यह ताकत के पुनर्निर्माण में सक्षम होती है, जो वाहन की परफॉर्मेंस को इस वर्ग में सर्वश्रेष्ठ बनाता है। प्रेज़ ने ई—वाहनों के बारे में पहले की जाने वाली बातों को झूठा साबित कर दिया है कि ये परफॉर्मेंस या माइलेज को डिलिवर करने में सक्षम नहीं हैं। ओकिनावा की उत्कृष्ट तकनीक और अर्गोनॉमिक्स ने भी ‘प्रेज़‘ को कुशलता के लिए ट्रीट बनाया है, और यह राइडर्स को आरामदायक राइडिंग अनुभव देने के लिए सबसे उन्नत सुरक्षा रक्षा फीचर्स के साथ सुसज्जित है।
अपनी नवीनतम प्रस्तुति पर टिप्पणी करते हुए, ओकिनावा स्कूटर्स के संस्थापक व एमडी श्री जीतेन्द्र शर्मा ने कहा, “प्रेज़ के साथ, ओकिनावा के सालों के मेहनती रिसर्च ने आखिरकार यथार्थ आकार ले लिया है। इस उद्योग में, इसे अब तक बनाई गई सबसे परिपूर्ण ई–स्कूटरों में से एक माना गया है, जिसमें सर्वोत्कृष्ट डिजाइन और तकनीक का संयोजन बेहतरीन ताकत देता है। ‘प्रेज़‘ में प्रत्येक खूबी को राइडर्स की मांगों और प्राथमिकताओं पर ध्यानपूर्वक विचार करने के बाद जोड़ा गया है, जिन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में लगभग 25000 कि.मी में प्रेज़ के दिन भर के टिकाव के परीक्षण और प्रत्येक घटक की जटिल जांच के बाद प्राप्त किया गया है, जो राइडर्स के परिवहन के अनुभव को काफी हद तक सहज करती हैं। ‘प्रेज़‘ का चुनाव करने में दिलचस्पी रखने वाले खरीददारों को आगे सहूलियत देने की कोशिश में, ओकिनावा की साझेदारी में एचडीएफसी बैंक इस ई—स्कूटर की ऑन—रोड कीमत का 80% तक का लोन देकर इस ई—स्कूटर को चुनने के लिए फायनांस के आसान विकल्प देगा। यह ऑफर पूरे भारत में उपलब्ध होगा, जो टिअर 1, 2 और 3 शहरों में इस ई—वाहन के बढ़ते बाजार को सहूलियत देगा। हम दृढ़ता से यह विश्वास करते हैं कि भारत ग्राहक दिल खोलकर ‘प्रेज़‘ का स्वागत करेंगे और यह भारतीय सड़कों पर ई—वाहन की क्रांति के नए युग का अगुआ साबित होगा।”
प्रेज़ भारतीय बाजार के लिए ओकिनावा ऑटोटेक के दीर्घकालिक ध्येय के पहिये का एक अनिवार्य दांता है, जिसने अपने डीलर व वितरण नेटवर्क का आगे विस्तार करने में 40 मिलियन डॉलर का संस्थागत निवेश पाया है। मिथकों को दूर करने वाला और तकनीकी रूप से आश्चर्य, प्रेज़ निश्चित रूप से भारतीय सड़कों का विद्युतिकरण करता है और#व्हील्स ऑफ चेंज का प्रदाता बनने के ओकिनावा के वादे को पूरा करता है, ताकि परंपरागत टू—व्हीलर्स की तुलना में स्थाई भविष्य की ओर तेजी से जाने में उनकी मदद की जा सके।
ओकिनावा ऑटोटेक प्रा. लि. के बारे में
श्री जीतेन्द्र शर्मा — एमडी और श्रीमती रुपाली शर्मा— चेयरपर्सन द्वारा 2015 में स्थापित, ओकिनावा आज सबसे तेजी से बढ़ती और सबसे व्यापक भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियों में से एक है। यह हाई स्पीड ई—स्कूटर्स और बाइक्स का उत्पादन करती है। ‘बदलाव लाने की ताकत‘ और ‘प्रदूषण का समाधान‘ देने के कार्पोरेट सिद्धांत के साथ, ओकिनावा साफ तौर पर वैश्विक आशंका के विरुद्ध कड़े कदम उठाती दिखती है। यह एक अग्रणी विदेशी कंपनी के साथ तकनीक अनुबंध के माध्यम से प्राप्त अत्याधुनिक जापानी तकनीक की मदद से हाई—स्पीड ईवी का उत्पादन करती है।
ओकिनावा की बाइक्स की सबसे प्रमुख खूबियों में से एक यह है कि ये सुरक्षा के हिस्से में कोई भी समझौता किए बिना 80—100 कि.मी./घंटे की रफ्तार पर चल सकती हैं। इस प्रकार से, ये वाहन इस मिथक को तोड़ रहे हैं कि ई—बाइक्स पारंपरिक ईंधन पर चलने वाले वाहनों के परफॉर्मेंस के स्तर से मेल खाने में सक्षम नहीं हैं। ओकिनावा गो ग्रीन, मां पृथ्वी को बचाओ और ग्रह पर कार्बन डायऑक्साइड के निशानों को घटाओं जैसे ‘तीन सिद्धांतों‘ के माध्यम से प्रकृति संरक्षण के उद्देश्य के साथ इको—फ्रेंडली, स्थाई और सामाजिक तौर पर जिम्मेदार मॉडल पर काम करता है।
दिल्ली में आयोजित हुआ राष्ट्रीय कुष्ठ रोग सम्मेलन
नई दिल्ली, Vinod Vaishnav | कुष्ठ रोग से लड़ने के लिए सरकार के नेतृत्व में एक सहयोगी और मजबूत प्रयास की जरूरत है, जिसमें कुष्ठ रोग के क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न संस्थाओं का समर्थन भी बेहद जरूरी है। भारत में कुष्ठरोग उन्मूलन के लिए इसे एक गंभीर बीमारी के रूप में चित्रित करने, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित करने, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हितधारकों के साथ बेहतर प्रयासों को साझा करने और कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों से बातचीत करने के लिए एक तीन दिवसीय राष्ट्रीय कुष्ठ रोग सम्मेलन का आयोजन किया गया। 5 से 7 दिसंबर तक होटल हॉलिडे इन, एरोसिटी, नई दिल्ली में आयोजित किये गये इस सम्मेलन का उद्देश्य सभी हितधारकों को एक साथ लाने, एक-दूसरे के साथ उनके अनुभवों को साझा करने, एक-दूसरे से सीखने और राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम में आगे सुधार लाने हेतु जरूरी कदमों की सिफारिश करने के लिए एक मंच प्रदान करना था। यह सम्मेलन नोवार्टिस फाउंडेशन, दि निप्पॉन फाउंडेशन, आईएलईपी, डब्ल्यूएचओ, एचकेएनएस, आईएई और सेंट्रल लेप्रोसी डिविजन (सीएलडी) के सहयोग से आयोजित किया गया।
रुझानों से पता चलता है कि भारत में अभी भी समाज में बहुत से मामले अज्ञात हैं और बीमारी का प्रसार लगातार जारी है। सरकार और मंत्रालय ने कुष्ठ रोग मुक्त भारत बनाने के लिए अपने प्रयासों को अंतिम छोर तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता को दोहराया है।
सम्मेलन के विषय में बताते हुए डॉ. एम.ए. आरिफ (कंट्री डायरेक्टर नेदरलैंड लेप्रसी रिलीफ इंडिया (एनएलआर इंडिया) और सम्मेलन के आयोजन सचिव) ने कहा, यह अमूमन होने वाले अकादमिक सम्मेलन से अलग एक अनूठी सम्मेलन है। हमारा उद्देश्य यहां सम्मिलित राष्ट्रीय एवम् अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं जो ग्रासरूट लेवल पर काम कर रहे हैं, ऐसे लोग जो लेप्रोसी से प्रभावित हैं आदि के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य अभ्यास पर चर्चा करना है। उनका अनुभव, कार्य के दौरान आने वाली चुनौतियां एवम् मुद्दे बेहद महत्वपूर्ण हैं जिनसे रूबरू होकर चर्चा करने के लिए ऐसे व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया था। उन्होंने बताया कि लेप्रोसी को लेकर काफी नवाचार कार्यक्रम किये जा रहे हैं जिसके तहत ऐंडेमिक डिस्ट्रिक्ट (जहां अधिकतम केस होने की संभावना है) में अभियान चलाया गया और हाउस सर्च की गयी जिससे कि इन केसों का शुरूआत में ही पता चल सके और रोकथाम की जा सके, इससे विकलांगता को रोकने में मदद मिलेगी।
इसके अतिरिक्त एक नवाचार पहल के तहत इस वर्ष की शुरूआत में पंचायती राज को जोड़ा गया, जिन्होंने शपथ ली कि वे कुष्ठ रोग से प्रभावित लोगों से भेद-भाव नहीं करेंगे। हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि कुष्ठ रोगों का शीघ्र पता लगा सकें जिससे कि समय से पूर्व विकलांगता की रोक-थाम हो सके और कुष्ठ रोग से प्रभावित रोग भी मुख्यसमाज में बिना भेद-भाव सामान्य रूप से रहें। डॉ. आरिफ ने कहा कि ऐसे सम्मेलन मेट्रो के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों, राज्य स्तर आदि पर भी आयोजित होने चाहिए जिससे कि हम पूरी तरह से इस पर काबू पा सकें। इस सम्मेलन के माध्यम से आये नतीजों पर विचार-विमर्श के साथ हम उन्हें वास्तविकता में बदलने का प्रयास करेंगे।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत डॉ. अनिल कुमार, डीडीजी(एल) के नेतृत्व में केंद्रीय कुष्ठ रोग प्रभाग ने इस संख्या में तेजी से कमी लाने के लिए कई कठोर कदम उठाए हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैंः
· लेप्रोसी केस डिटेक्शन कैंपेन (एलसीडीसी)- पल्स पोलियो अभियान के अनुरूप, सर्वाधिक प्रभावित जिलों में लेप्रोसी केस डिटेक्शन कैंपेन (एलसीडीसी) की शुरुआत की गई थी। 2016 का एलसीडीसी देश के 20 राज्यों के 163 जिलों में शुरू किया गया, जिसमें 360 मिलियन लोगों की जांच की गईं। जिसमें से अभी तक 5.5 लाख संदग्धिं की पहचान की गई है। इसमें 34000 मामलों में इसकी पुष्टि हो चुकी है।
· इस कलंक और भेदभाव को कम करने के लिए कुष्ठ रोग जागरुकता अभियान ‘स्पर्श’ शुरू किया गया। स्पर्श कुष्ठ रोग जागरुकता अभियान की शुरुआत 30 जनवरी 2017 यानि कि एंटी लेप्रोसी डे के मौके पर शुरू किया गया। जिसमें स्वास्थ्य विभाग से जुड़े क्षेत्र के सहयोग और समन्वय में राष्ट्रव्यापी ग्राम सभाएं आयोजित की गईं। ये ग्राम सभाएं लगभग 3.5 लाख गांवों में आयोजित की गईं।
· आशा आधारित सर्विलांस फॉर लेप्रोसी सस्पेक्ट्स (एबीएसयूएलएस) जिसमें आशा समुदाय में संदिग्ध कुष्ठ रोगियों का पता लगाएंगी और उनकी जानकारी दर्ज कराएंगी।