September, 2023
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मानव रचना के छात्र अनीश भानवाला ने 19वें एशियाई खेल में कांस्य पर साधा निशाना
फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : उपलब्धियों की बात करें तो कॉमनवेल्थ गेम्स, 2018 में शूटिंग चैंपियनशिप में अनीश ने देश की झोली में स्वर्ण पदक डाला और मात्र 15 साल की उम्र में ये उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। साल 2017 में ब्रिस्बेन में कॉमनवेल्थ शूटिंग चैंपियनशिप में रजत पदक भी उनकी शानदार उपलब्धियों में शामिल रहा है। साल 2018 में सिडनी में हुए आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप में अनीश ने ना सिर्फ व्यक्तिगत स्वर्ण हासिल किया, टीम को पदक दिलाने में भी विशेष योगदान दिया। शूटिंग से पहले उन्होंने एथलीट के तौर पर भी कई बार प्रतिभा दिखाई है। उन्होंने अंडर-12 मॉडर्न पेंटाथलॉन विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। वहीं साल 2013 में अंडर-12 मॉडर्न पेंटाथलॉन विश्व चैंपियनशिप और 2015 में एशियाई मॉडर्न पेंटाथलॉन चैंपियनशिप में भी उनकी भागीदारी रही।

निशानेबाजी में अनीश भानवाला ने कई प्रतिष्ठित पुरस्कार और उपलब्धियों को हासिल किया है। साल 2019 में, उन्हें असाधारण खेल प्रतिभा और खेल के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 2019 में ही अनीश को योनो एसबीआई एथलीट ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिला। वर्ष 2017-18 और 2018-19 के लिए TOISA (टाइम्स ऑफ इंडिया स्पोर्ट्स अवार्ड्स) की ओर से वर्ष 2017-18 और 2018-19 में उन्हें इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड्स से नवाजा गया।
शूटिंग में उनकी बेहतरीन खेल प्रतिभा को देखते हुए भारतीय खेल प्राधिकरण ने 2016-17 और 2017-18 दोनों के लिए प्रतिष्ठित एथलीट ऑफ द ईयर पुरस्कार से सम्मानित किया। साल 2022 में, हरियाणा सरकार ने उनके समर्पण को देखते हुए माननीय राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय जी ने प्रतिष्ठित भीम पुरस्कार
से सम्मानित किया था।
डी०ए०वी० शताब्दी महाविद्यालय में “ई–वेस्ट मैनेजमेंट” जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन
फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : डी०ए०वी० शताब्दी महाविद्यालय में एन.जी.ओ.- इको-सवेरा के सहयोग से इको क्लब, एन०एस०एस० और एन०सी०सी० यूनिट द्वारा “ई—वेस्ट मैनेजमेंट” जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 300 विद्यार्थियों ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम में एन.जी.ओ. की फाउंडर श्रीमती पूजा बहल ने अपने वक्तव्य में बताया कि हमें गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग डिब्बों में डालना चाहिए ताकि उसे सही तरीके से रिसाइकिल किया जा सके।
ईको–सवेरा की सदस्य मीनाक्षी सक्सेना ने विभिन्न उपायों के बारे में बताया कि कैसे हम अपने शहर और आस-पास की जगह को प्लास्टिक मुक्त कर सकते हैं। ईको–सवेरा की सदस्य मीनू बहल ने विद्यार्थियों को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उचित निपटान और पुनर्चक्रण के बारे में भी जागरूक किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्थानीय ई–वेस्ट पुनर्चक्रण केंद्रों के साथ सहयोग करना और महाविद्यालय परिसर में पुराने और अनाउपर्युक्त इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के संग्रह अभियान की सुविधा प्रदान कराना था। उन्होनें होडल में बन रहे प्लास्टिक रीसाइकल प्लांट व एन.एच.पी.सी. चौक स्थित NAMO के ई–वेस्ट पुनर्चक्रण प्लांट के बारे में भी विद्यार्थियों के साथ जानकारी साँझा की।
कार्यवाहक प्राचार्या डॉ० सविता भगत ने कहा कि हमें समस्याओं पर ही नहीं बल्कि उनके समाधानों पर बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के जागरुकता अभियान चलाकर हम अपनी युवा पीढ़ी को आने वाले कल को संवारने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे इस तरह की पर्यावरण सुरक्षा की मुहिम में बढ़–चढ़कर भाग लें। उन्होंने ये भी बताया कि महाविद्यालय के प्रांगण में ऐसी व्यवस्था की जाएगी जहां सभी प्लास्टिक वेस्ट को इकट्ठा करेंगे और फिर उसे ‘NAMO’ द्वारा रिसाइक किया जाएगा।कार्यक्रम का संचालन डॉ०प्रिया कपूर(डीन साइंस) द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में डॉ जितेंद्र ढुल (पी.ओ.- बॉयज यूनिट), डॉ० अंकिता मोहिंद्रा (एच.ओ.डी.–बी. बी. ए. ), डॉ० नीरज सिंह (इंचार्ज एनवायरनमेंट और ईको क्लब), डॉ० राजकुमारी (इंचार्ज-साइंस गैलेक्सी क्लब), मिस कविता शर्मा (पी.ओ.-गर्ल्स यूनिट) और विभिन्न विभागों के प्राध्यापकगण भी उपस्थित रहे।
एमवीएन विश्विद्यालय ने विश्व हृदय दिवस मनाया
पलवल (विनोद वैष्णव) : एमवीएन विश्विद्यालय के स्कूल ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज में विश्व हृदय दिवस मनाया गया जिसमें मुख्य अतिथि फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल के प्रिंसिपल कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर कमल गुप्ता रहे। मुख्य अतिथि डॉक्टर कमल गुप्ता ने नवयुवकों में हार्ट अटैक के बढ़ते हुए रुझानों और उनकी रोकथाम के बारे में विशेष व्याख्यान दिए। उन्होंने कहा की आपको जानकर आश्चर्य होगा की भारत को दिल से संबंधित बीमारियों की राजधानी कहा जाता है।

उन्होंने कहा की दिल से संबंधित बीमारी विश्व भर में मृत्यु का सबसे प्रमुख कारण है। उन्होंने बताया की हार्ट अटैक क्या होता है, कैसे होता है, इसके क्या कारण हैं, इसके क्या लक्षण हैं और इसको कैसे रोका जा सकता है। उन्होंने बताया की लोगों में भ्रम है की हार्ट अटैक के दौरान तेज दर्द होता है, पसीना आता है, सांस लेने में दिक्कत होती है लेकिन उन्होंने बताया की आजकल साइलेंट हार्ट अटैक बढ़ रहा है जिसमे इस प्रकार के लक्षण नहीं आते जिसके कारण हम चिकित्सक के पास नहीं जाते। उन्होंने नवयुवकों में हार्ट अटैक के बढ़ते हुए रुझानों के बारे में कहा की इसका मुख्य कारण बुरी खाने की आदतें, शारीरिक अभ्यास की कमी, धूम्रपान, मानसिक तनाव इत्यादि हैं। उन्होंने कहा की बढ़ते हुए हार्ट अटैक के मामलों को कम करने के लिए हमें अपने दैनिक दिनचर्या में बदलाव लाना है जैसे की सुबह जल्दी उठना, शारीरिक अभ्यास करना, ज्यादा पानी पीना, जंक फूड और धूम्रपान का सेवन न करना।

उनके साथ आई टीम ने सीपीआर प्रक्रिया के बारे में प्रैक्टिकली समझाया।विभाग के डीन डॉक्टर तरुण विरमानी ने कहा की प्रतिवर्ष विश्व हृदय दिवस को एक थीम रहती है और इस बार की थीम है यूज हार्ट, नो हार्ट। इस थीम का मतलब है की अपने दिल का सही इस्तेमाल करें और अपने दिल के बारे में जानें। उन्होंने कहा की दिल हमारे शरीर का मुख्य अंग हैं क्योंकि पूरे शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति दिल के द्वारा ही होती है। उन्होंने यह भी कहा की आज के आधुनिक जीवन में कुछ गलत आदतों के कारण दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं।
विश्विद्यालय के प्रबंधक संचालक कांता शर्मा, कुलाधिपति वरुण शर्मा, कुलपति डॉक्टर अरुण गर्ग, उप कुलपति डॉक्टर एन पी सिंह, कुलसचिव डॉक्टर राजीव रतन, प्रोफेसर नरेंद्र विवेक आहूजा, डीन एकेडमिक डॉक्टर योगेंद्र सिंह ने इसकी सराहना की और कहा कि इस प्रकार के दिवसों को मनाने से विद्यार्थियों में जागरूकता बढ़ती है जिसके कारण वो अपने पूरे शरीर के अंगों को महत्ता को समझ पाते हैं। इस अवसर पर सभी अध्यापक गण विद्यार्थियों सहित उपस्थित रहे।
स्वस्थ जीवनशैली व नियमित स्वास्थ्य जांच से दिल की बीमारियों से बचाव संभव : डा. एस.एस. बंसल
विश्व हृदय दिवस पर वरिष्ठ हृदय विशेषज्ञ ने लोगों को किया जागरूकफरीदाबाद। हर साल 29 सितंबर को हम विश्व हृदय दिवस को मनाते हैं। यह दिन हृदय रोग के बारे में जागरूकता फैलाने के एक अंतरराष्ट्रीय अभियान का हिस्सा है क्योंकि दुनिया में हर साल 1.7 करोड़ लोग हृदय अटैक की वजह से मर जाते हैं, जिसमें सबसे अधिक मौतें भारत में होती हैं। दुनिया के अधिकांश हिस्सों में आधुनिक जांच और उपचार के तौर-तरीके उपलब्ध होने के बावजूद यह पूरी दुनिया में हो रहा है। हृदय रोग की शीघ्र पहचान और समय पर इलाज से इसे आसानी से रोका जा सकता है। बीमारी की मूक प्रकृति और इसके जोखिम कारकों के कारण लोगों को नियमित स्वास्थ्य जांच के महत्व के बारे में शिक्षित करने की आवश्यकता है। यह जानकारी देते हुए एसएसबी हार्ट एंड मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के सीएमडी एवं वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एस. एस. बंसल ने बताया कि हार्ट अटैक की अचानक और शांत प्राकृतिकता और जाँच में देरी मौत के मुख्य कारण हैं। भारत में हर साल हार्ट अटैक की वजह से लाखों लोगों अपना जीवन खो देते हैं, जिनमें 16 प्रतिशत लोग हार्ट अटैक के एक घंटे के भीतर ही मर जाते हैं, इससे पहले कि वे या उनके परिवार जन यह जान पाएं कि उन्हें हार्ट अटैक हुआ है, वे अक्सर अचानक ही मर जाते हैं। उन्होंने बताया कि हार्ट अटैक कभी कभी सोते समय भी आ जाता है और मरीज को उसकी जाँच या इलाज करवाने का भी मौका नहीं मिलता। इसमें बिना किसी लक्षण के अचानक मृत्यु होना एक आम बात हो गयी है। कोलेस्ट्रॉल ब्लॉक वर्षों तक मानव हृदय में चुपचाप तब तक बनता रहता है जब तक कि ब्लॉक 70 प्रतिशत या उससे अधिक तक नहीं पहुंच जाता। हृदय रोग से पीडि़त लगभग 30 से 40 प्रतिशत व्यक्तियों में, विशेष रूप से मधुमेह रोगियों में, 90 प्रतिशत से अधिक मरीजों के गंभीर ब्लॉक भी कोई लक्षण नहीं दिखाते। हालांकि दिल का दौरा 50 प्रतिशत ब्लॉक के साथ भी हो सकता है जो ज़ोरदार शारीरिक गतिविधि या व्यायाम में अचानक वृद्धि के कारण हो सकता है। यही कारण है कि सबसे विश्वसनीय परीक्षण द्वारा शीघ्र पता लगाना इस साइलेंट किलर से होने वाली मृत्यु को रोकने का एकमात्र उपाए है। शीघ्र पता लगाने के लिए सबसे विश्वसनीय परीक्षण सी.टी कोरोनरी कैल्शियम स्कोरिंग और सी.टी कोरोनरी एंजियोग्राफी है। इसलिए हमने एस.एस.बी. अस्पताल में अपने अधिकांश स्वास्थ्य जांच पैकेजों में सी.टी कैल्शियम स्कोरिंग को शामिल किया है। उन्होंने बताया कि हर आयु वर्ग में दिल का दौरा पडऩे की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। एस.एस.बी. हार्ट एंड मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में, हमारा सबसे कम उम्र का दिल का दौरा पडऩे वाला मरीज सिर्फ 19 साल का एक स्कूल जाने वाला लडक़ा था और सबसे बड़ी उम्र का मरीज 107 साल का था। समय पर आपातकालीन एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग से दोनों को बचा लिया गया। हालाँकि यह पुरुषों में अधिक है लेकिन, महिलाएं भी इससे बची नहीं हैं। महिलाओं में भी यह किसी भी उम्र में हो सकता है। इस साइलेंट किलर से अचानक होने वाली मौत को रोकने का सबसे अच्छा तरीका कोरोनरी धमनी कैल्शियम स्कोरिंग और कोरोनरी सी.टी एंजियोग्राफी के लिए विशेष सी.टी स्कैन मशीनों पर दिल की जांच करके प्रारंभिक चरण में हृदय धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमाव की पहचान करना है, जो एक बहुत ही सुरक्षित और गैर-आक्रामक ओ.पी.डी परीक्षण है। यह सभी उपयुक्त मरीजों में किया जाना चाहिए। यह हल्के से मध्यम हृदय रोग का भी पता लगा सकता है जिसे टी.एम.टी, स्ट्रेस इको या थैलियम या पी.ई.टी-सी.टी सहित कोई अन्य परीक्षण नहीं पकड़ सकता है। सी.टी कोरोनरी एंजियोग्राफी पर हल्के से मध्यम हृदय रोग के पता चलता ही रोग की प्रगति को नियंत्रित करने के लिए स्टैटिन की दवा की आवश्यकता होती है और सी.टी एंजियो पर मध्यम से महत्वपूर्ण रोग मौजूद होने पर एस्पिरिन टैबलेट की भी आवश्यकता होती है। सी.टी एंजियोग्राफी में पाए गए मध्यम या गंभीर हृदय रोग वाले रोगियों में रेडियल एंजियोग्राफी की जानी चाहिए ताकि आवश्यक दवाओं के साथ समय पर एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग द्वारा गंभीर ब्लॉक का आकलन और इलाज किया जा सके। इस साइलेंट किलर से मौत को रोकने का यह सबसे अचूक तरीका है। उच्च रक्तचाप, मधुमेह और उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर जैसे प्रमुख जोखिम कारकों की उपस्थिति के लिए सभी व्यक्तियों की जांच 20 वर्ष की आयु से शुरू होनी चाहिए। जिन लोगों के परिवार में हृदय रोग और उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर का इतिहास है, उन्हें 13 वर्ष की आयु में लिपिड प्रोफाइल की जांच करानी चाहिए। सभी को धूम्रपान छोडऩे और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए जिसमें फल, सब्जियां, बादाम, दालें, ब्राउन ब्रेड और चावल जैसे स्वस्थ भोजन शामिल हैं। उन्होंने बताया कि फुल क्रीम डेयरी उत्पाद, तली हुई चीजें, मिठाइयाँ, फास्ट फूड, हाइड्रोजनीकृत वसा, अतिरिक्त नमक और लाल मांस से बचें। शरीर का आदर्श वजन बनाए रखने के लिए सही मात्रा में कैलोरी और प्रोटीन का सेवन करें। दिल के लिए कम से कम 30 मिनट तक नियमित व्यायाम जरूरी है। अपनी उपयुक्तता और ताकत के आधार पर तेज चलना, साइकिल चलाना, तैराकी, योग, बैडमिंटन या टेनिस आदि का खेल खेलना दिल को स्वस्थ बनाए रखने के लिए उपयोगी है।

लिम्का स्पोर्ट्स ने कराया लिंगयास विद्यापीठ में खेल का आयोजन।
लिम्का स्पोर्ट्स द्वारा लिंगयास विश्वविद्यालय में 28/09/2023 को भव्य तरीके से YO-YO टेस्टिंग खेल का आयोजन किया गया। इस खेल में लिंगयास विद्यापीठ में अलग – अलग कोर्स के छात्रों ने भाग लिया। उन सभी छात्रों में काफी उत्साह दिखा। इस खेल के आयोजन में लिम्का स्पोर्ट्स द्वारा विजयी छात्रों को पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। खेल के समापन में Runner Up छात्रों को लिम्का स्पोर्ट्स ड्रिंक दिया गया। इस आयोजन में छात्रों को पुरस्कार के तौर पर टी-शर्ट, जैकेट, कैप आदि दिया गया।

सहौदया फरीदाबाद चैप्टर एसोएिशन प्रतिनिधि मंडल ने की बिप्लब देव से शिष्टाचार मुलाक़ात
30 सिंतबर को 60 विद्यालय के 500 विद्यार्थियों द्वारा चंद्रयान-3 पर बनाएं गए समुहगान का होगा लांच जिले में चले रहे सीबीएससी स्कूलों में कार्यरत टीचर्स बेहतर कार्य के लिए होगें सम्मानितफरीदाबाद। सेक्टर-14 डीएवी स्कूल में आगामी 30 सिंतबर को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में त्रिपुरा के पूर्व सीएम एवं भारतीय जनता पार्टी के हरियाणा प्रदेश प्रभारी बिप्लब देव मुख्यातिथि के रुप में उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में फरीदाबाद के सीबीएससी स्कूल लगभग 80 विद्यालय भाग लेगें, जिसमें 60 विद्यालयों के 500 विद्यार्थियों की मदद से चंद्रयान-3 पर बनाएं गए समुहगान को लांच किया जाएगा, वहीं दूसरी तरफ उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार से 80 विद्यालयों में बेहरत कार्य करने वाले एक विद्यालय से एक अध्यापक को सम्मानित किया जाएगा। उक्त जानकारी विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल के निदेशक दीपक यादव ने दी।दीपक यादव ने बताया कि मंगलवार को फरीदाबाद सीबीएससी से सहौदया फरीदाबाद चैप्टर एसोएिशन के बैनर तले पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल महिला मोर्चा हरियाणा की वाइस प्रेजिडेंट प्रवीन जोशी के नेतृत्व में त्रिपुरा के पूर्व सीएम एवं भारतीय जनता पार्टी के हरियाणा प्रदेश प्रभारी बिप्लब देव से मिला। जहां उनकी यह मुलाकात बहुत सकारात्मक रहीं। इस मुलाकात के दौरान विद्यालयों को लेकर काफी चर्चा हुई, जिसमें कोरोना कॉल से लेकर अब तक शिक्षा के क्षेत्र में आ रही तमाम समस्याओं पर विस्तार से चर्चा हुई। इस क्रम में दीपक यादव ने बताया कि इस सकारात्मक मुलाकात में उनके साथ सुरेश चंद्रा, विजय लक्ष्मी, ज्योति दहिया भी मौजूद रहीं। इसी कड़ी में 30 सिंतबर को आयोजित होने वाले कार्यक्रम की रूप रेखा को लेकर चर्चा हुई। जिसमें प्रदेश प्रभारी बिप्ल्बदेव ने सीबीएससी विद्यालय द्वारा इस चंद्रयान को लेकर बनाएं गए समुह गान की सराहना की।

भारत विकास परिषद गोविंद शाखा फरीदाबाद द्वारा एनीमिया मुक्त भारत को लेकर सुषमा स्वराज कॉलेज में लगाया गया विशाल कैंप।
फरीदाबाद(विनोद वैष्णव ) | भारत विकास परिषद गोविंद शाखा फरीदाबाद द्वारा एनीमिया मुक्त भारत के अंतर्गत 400 छात्रों हेतु एनीमिया चेकअप कैंप आयरन दवा वितरण एवं कैंसर जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया इस सेमिनार का आयोजन बल्लभगढ़ सेक्टर 2 सुषमा स्वराज राजकीय कॉलेज में किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में टिप्परचंद शर्मा समाजसेवी कार्यक्रम अध्यक्ष रितिका गुप्ता प्रधानाचार्य सुषमा स्वराज राजकीय कॉलेज, वहीं वशिष्ठ अतिथि के रूप में निधि जैन सचिव महिला एवं बाल कल्याण भारत विकास परिषद भाग लिया और इस मौके पर आम आदमी पार्टी जिला अध्यक्ष हरिंदर भाटी भी मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत से ही एनीमिया चेकअप कैंप आयरन दवा वितरण एवं कैंसर जागरूकता सेमिनार में बच्चों की काफी भीड़ रही। छात्राओं को दवाई भी वितरण की गई। कार्यक्रम में छात्राओं के लिए प्रतियोगिता बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का आयोजन किया गया इसमें स्लोगन बनाने वाले विजेता रहे छात्राओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे टिप्पर चंद शर्मा ने कहा कि बच्चों के लिए इस तरह के कैंप का लगाना बहुत ही लाभदायक है। खासकर छात्रों के लिए और आज जो एनीमिया चेकअप कैंप लगाया गया है इसको लेकर के एनीमिया मुक्त भारत अभियान जो की चलाया जा रहा है उसे कड़ी में इस तरह का कैंप जो है बहुत ही छात्राओं के लिए हेल्पफुल होने वाला है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही रितिका गुप्ता प्रधानाचार्य सुषमा स्वराज राज्य के कॉलेज ने कहा कि भारत विकास परिषद गोविंद शाखा के द्वारा लगाए गए इस कैंप के लिए वह सभी टीम मेंबर्स का हार्दिक धन्यवाद करती हैं और खास कर अध्यक्ष अजय शर्मा जिन्होंने दूसरी बार कॉलेज में इस तरह का कैंप लगाया है इससे पहले संस्था द्वारा सैकड़ो की संख्या में यहां पर विशाल पौधारोपण किया गया था और आज यह जो कैंप लगाया है यह स्टूडेंट्स के लिए बहुत ही लाभकारी सिद्ध होने वाला है। इस मौके पर निधि जैन सचिव महिला एवं बाल कल्याण भारत विकास परिषद ने कहा कि यह बच्चे जो कि देश का भविष्य है इनके स्वस्थ रहने के लिए आज जो यह कैंप लगाया गया है। इसकी जितनी तारीफ की जाए उतना कम है कार्यक्रम के अंत में भारत विकास परिषद गोविंद शाखा के अध्यक्ष अजय शर्मा ने मुख्य अतिथि टिप्पर चंद शर्मा कालेज प्रधानाचार्य रितिका गुप्ता का और आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में भारत विकास परिषद गोविंद शाखा इस तरह के कई कैंप केवल इसी कॉलेज में नहीं बल्कि अन्य कॉलेज में भी लगाएगा । वही आज जिन बच्चों ने प्रतियोगिता में भाग लिया है उन्हें वह हार्दिक बधाई देते हैं और सभी टीम मेंबर्स का वह धन्यवाद करते हैं जिन्होंने इस कैंप को सफल बनाने में अपना विशेष सहयोग दिया। कार्यक्रम में सचिव योगेश कुमार बंसल कोषाध्यक्ष रमन कुमार सूद महिला संयोजक नीरू गोयल डॉक्टर दीपा गुप्ता श्री राम भारद्वाज सहित काफी संख्या में लोगों का विशेष सहयोग रहा।

एमवीएन यूनिवर्सिटी पलवल के कृषि छात्रों ने धानुका एग्रीटेक का दौरा किया
एमवीएन विश्वविद्यालय के कृषि प्रोफेसरों और स्टाफ सदस्यों के साथ बी.एस.सी. कृषि के 50 विद्यार्थियों ने धानुका एग्रीटेक, पलवल का दौरा किया। यह कार्यक्रम डॉ. जितेंद्र तोमर, निदेशक धानुका अनुसंधान एवं विकास की देखरेख में आयोजित किया गया था। डॉ. मनोज उपाध्याय वैज्ञानिक धानुका एग्रीटेक ने कृषि क्षेत्र में अनुसंधान और विकास पर जोर दिया। उन्होंने बताया धानुका के पास संभवतः सबसे बड़ी अनुसंधान एवं विकास टीम में से एक है, जिसका नेतृत्व कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किया जाता है, जिनके पास भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), राज्य कृषि विश्वविद्यालयों (एसएयू) में काम करने का व्यापक अनुभव है। इस कार्यक्रम में डॉ. भगत सिंह सहरावत जी पूर्व डी.जी. हरियाणा सरकार के बागवानी विभाग और सलाहकार धानुका ने भारत में कृषि विविधता पर व्याख्यान दिया। डॉ. अनिल सहरावत जी आयुक्त गन्ना, डॉ. अब्दुल रज्जक जिला उद्यान अधिकारी एवं श्री विजेन्द्र सिंह दलाल प्रधान प्रगतिशील किसान क्लब आदि ने भारतीय कृषि पर व्याख्यान दिये। डॉ. धर्मवीर पाठक, प्रोफेसर कृषि एमवीएन विश्वविद्यालय में जैविक खेती एवं भूमि तैयारी पर व्याख्यान दिया गया। एमवीएन विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने कृषि से संबंधित विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिये। एमवीएन विश्वविद्यालय के सात छात्र धानुका एग्रीटेक में प्रशिक्षु के रूप में काम कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में स्थानीय किसान भी मौजूद थे। अंत में दोपहर के भोजन के साथ प्रमाण पत्र वितरण का आयोजन किया गया। एम.वी.एन यूनिवर्सिटी के कुलपति. प्रो. (डॉ.) अरुण गर्ग, उपकुलपति प्रो. (डॉ.). एन.पी. सिंह और रजिस्ट्रार डॉ. राजीव रतन ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई दी। अंत में डीन स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर प्रो. (डॉ.) मयंक चतुर्वेदी ने इस कार्यक्रम का आयोजन के लिए धानुका एग्रीटेक को धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ. डी.वी. पाठक, डॉ. राम सनेही, डॉ. मानवेंद्र, डॉ. हरेंद्र डागर, डॉ. सुभाष, श्री बिहारी सिंह इस कार्यक्रम में उपस्थित थे । एमवीएन ग्रुप के चांसलर श्री वरुण शर्मा, श्रीमती संतोष शर्मा व एमडी श्रीमती कांता शर्मा ने इस कार्यक्रम की प्रशंशा की और बताया कि इस प्रकार का कार्यक्रम छात्रों, शोधकर्ताओं और किसानों के लिए फायदेमंद है।

लिंगयास विद्यापीठ में ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया
फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | लिंगयास विद्यापीठ में 23/09/2023 को ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया । कार्यकर्म का आयोजन चांसलर Dr. Picheswar Gadde, वाईस चांसलर Dr. M.P. Gupta और प्रो चांसलर Dr. M.K.Soni, रजिस्ट्रार Mr. Prem kumar Salwan के दवारा डीप प्रज्वलित करके से आरम्भ किया गय। इस अद्वितीय अवसर पर छात्र अपने माता-पिता के साथ उपस्थित थे और कई छात्र सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया। ओरिएंटेशन प्रोग्राम में फॉर्मल एंड इनफॉर्मल इवेंट्स का आयोजन किया गय। विद्यापीठ के चांसलर , वाईस चांसलर , प्रो चांसलर और रजिस्ट्रार ने छात्रों को पढाई और जीवन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिया ।

चांसलर, ने इस मौके पर कहा, “यह नया अध्याय आपके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। आपका संघर्ष और मेहनत ही आपके सफलता की कुंजी है। समापन में, छात्रों और उनके परिवारों ने इस उपक्रम को यादगार बनाया और नए अध्याय की शुरुआत पर उत्साह और प्रसन्नता के साथ अग्रसर हुए।

फरीदाबाद के मेट्रो कैंसर इंस्टिट्यूट का केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया उदघाटन
फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : मेट्रो ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के फरीदाबाद स्थित 350 बेड वाले मेट्रो कैंसर इंस्टिट्यूट का केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा उदघाटन किया गया | मेट्रो कैंसर इंस्टिट्यूट, अत्याधुनिक तकनीक और अनुभवी कैंसर विशेषज्ञों से सुसज्जित, क्षेत्र का कैंसर सम्बंधित सेवाओं का सबसे उन्नत हॉस्पिटल है। यहां उत्तर भारत का पहला और एकमात्र हाइपर आर्क वाला हू-बीम है, जिससे कैंसर मरीजों को एडवांस रेडिएशन ट्रीटमेंट दिया जाता है। इस हॉस्पिटल में पेट सीटी स्कैन, मैमोग्राफी, ब्रेकीथेरेपी समेत अन्य सभी तरह के आधुनिक उपकरण मौजूद हैं ।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने संबोधन में, भारत में कैंसर के फैलाव को कंट्रोल करने के लिए मजबूत बुनियादी ढांचे के निर्माण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिससे उभरने के लिए इलाज की विशेष सुविधाओं और देखभाल की जरूरत होती है। मेट्रो कैंसर इंस्टिट्यूट जैसा विश्वस्तरीय संस्थान निश्चित ही इस क्षेत्र में मरीजों को एडवांस इलाज मुहैया कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जिस तरह हम बेहतर कनेक्टिविटी के लिए एक्सप्रेस-वे में निवेश करते हैं, उसी तरह हमें डेडिकेटेड स्पेशलिटी सेंटर्स में निवेश करना चाहिए ताकि हेल्थ से जुड़े मामलों में अच्छे नतीजे प्राप्त किए जा सकें ।

मेट्रो ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के चेयरमैन डॉक्टर (प्रोफेसर) पुरुषोत्तम लाल ने वर्षों से उनके अस्पताल पर भरोसा जताने के लिए लोगों का शुक्रिया किया | उन्होंने कहा, “मेट्रो हॉस्पिटल, फरीदाबाद का हमेशा से एक ही उद्देश्य रहा है, फरीदाबाद क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना और मेट्रो कैंसर इंस्टिट्यूट की स्थापना उसी दिशा में एक कदम है। 2002 में हरियाणा के पहले हार्ट सेंटर से अपने सफर की शुरुआत करने के बाद आज यह बढ़कर 750 बेड वाला क्षेत्र का सबसे बड़ा हॉस्पिटल बन गया है। हमारा फोकस दुनिया के समक्ष उपचार मानकों के जरिए अपने मरीजों को वर्ल्ड क्लास केयर देना है।”

मेट्रो कैंसर इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर डॉक्टर सुमंत गुप्ता ने भी इस मौके पर मेट्रो कैंसर इंस्टिट्यूट की एडवांस सुविधाओं के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया, “कैंसर का इलाज अब काफी बेहतर हो चुका है। बोन मैरो ट्रांसप्लांट टारगेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी जैसे नई तकनीकों की बदौलत ‘कैंसर सर्वाइवर्स’ अब एक वास्तविकता बन गए हैं यानी लोगों की जान बचाई जाने लगी है। मेट्रो कैंसर इंस्टिट्यूट इस क्षेत्र का सबसे एडवांस और व्यापक सुविधाओं वाला अस्पताल है जहां अनुभवी कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर हैं और अस्पताल भी मॉडर्न व एडवांस सुविधाओं से सुसज्जित है।”
मेट्रो कैंसर इंस्टिट्यूट अपने मल्टी मोडेलिटी दृष्टिकोण के जरिए समग्र और एकीकृत केयर मुहैया कराता है, जिसका लक्ष्य सटीक इलाज़ के साथ बेहतर लेवल की एविडेंस बेस्ड कैंसर केयर देना है। मेट्रो कैंसर इंस्टिट्यूट की कुछ प्रमुख विशेषताओं में-
- डेडिकेटेड 350 बेडस
- कैंसर केयर के लिए डेडिकेटेड यूनिट्स, बोन मैरो ट्रांसप्लांट और ल्यूकेमिया का इलाज – ऑर्गन स्पेसिफिक कैंसर का इलाज
- लेटेस्ट पेट -सीटी, एमआरआई, सीटी और मैमोग्राफी की सुविधा
- व्यक्तिगत उपचार योजनाओं के लिए कैंसर टयूमर बोर्ड

यहां इलाज की तमाम बेहतर सुविधाएं और विशेषज्ञ उपलब्ध हैं. मेडिकल ऑन्कोलॉजी, हेमेटोलॉजी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, न्यूक्लियर मेडिसिन और थैरानोस्टिक्स, ऑन्को – न्यूट्रिशन, ऑन्को – रिहैबिलिटेशन और पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी के ट्रीटमेंट यहां उपलब्ध हैं।
मेट्रो कैंसर इंस्टिट्यूट को लोगों की सेवा के लिए समर्पित करते हुए एक बार फिर मेट्रो ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स ने दिखा दिया है कि वो क्षेत्र के लोगों के लिए उच्चतम गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने और एडवांस इलाज मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है।