पलवल (विनोद वैष्णव) : एमवीएन विश्विद्यालय के स्कूल ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज में विश्व हृदय दिवस मनाया गया जिसमें मुख्य अतिथि फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल के प्रिंसिपल कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर कमल गुप्ता रहे। मुख्य अतिथि डॉक्टर कमल गुप्ता ने नवयुवकों में हार्ट अटैक के बढ़ते हुए रुझानों और उनकी रोकथाम के बारे में विशेष व्याख्यान दिए। उन्होंने कहा की आपको जानकर आश्चर्य होगा की भारत को दिल से संबंधित बीमारियों की राजधानी कहा जाता है।
उन्होंने कहा की दिल से संबंधित बीमारी विश्व भर में मृत्यु का सबसे प्रमुख कारण है। उन्होंने बताया की हार्ट अटैक क्या होता है, कैसे होता है, इसके क्या कारण हैं, इसके क्या लक्षण हैं और इसको कैसे रोका जा सकता है। उन्होंने बताया की लोगों में भ्रम है की हार्ट अटैक के दौरान तेज दर्द होता है, पसीना आता है, सांस लेने में दिक्कत होती है लेकिन उन्होंने बताया की आजकल साइलेंट हार्ट अटैक बढ़ रहा है जिसमे इस प्रकार के लक्षण नहीं आते जिसके कारण हम चिकित्सक के पास नहीं जाते। उन्होंने नवयुवकों में हार्ट अटैक के बढ़ते हुए रुझानों के बारे में कहा की इसका मुख्य कारण बुरी खाने की आदतें, शारीरिक अभ्यास की कमी, धूम्रपान, मानसिक तनाव इत्यादि हैं। उन्होंने कहा की बढ़ते हुए हार्ट अटैक के मामलों को कम करने के लिए हमें अपने दैनिक दिनचर्या में बदलाव लाना है जैसे की सुबह जल्दी उठना, शारीरिक अभ्यास करना, ज्यादा पानी पीना, जंक फूड और धूम्रपान का सेवन न करना।
उनके साथ आई टीम ने सीपीआर प्रक्रिया के बारे में प्रैक्टिकली समझाया।विभाग के डीन डॉक्टर तरुण विरमानी ने कहा की प्रतिवर्ष विश्व हृदय दिवस को एक थीम रहती है और इस बार की थीम है यूज हार्ट, नो हार्ट। इस थीम का मतलब है की अपने दिल का सही इस्तेमाल करें और अपने दिल के बारे में जानें। उन्होंने कहा की दिल हमारे शरीर का मुख्य अंग हैं क्योंकि पूरे शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति दिल के द्वारा ही होती है। उन्होंने यह भी कहा की आज के आधुनिक जीवन में कुछ गलत आदतों के कारण दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं।
विश्विद्यालय के प्रबंधक संचालक कांता शर्मा, कुलाधिपति वरुण शर्मा, कुलपति डॉक्टर अरुण गर्ग, उप कुलपति डॉक्टर एन पी सिंह, कुलसचिव डॉक्टर राजीव रतन, प्रोफेसर नरेंद्र विवेक आहूजा, डीन एकेडमिक डॉक्टर योगेंद्र सिंह ने इसकी सराहना की और कहा कि इस प्रकार के दिवसों को मनाने से विद्यार्थियों में जागरूकता बढ़ती है जिसके कारण वो अपने पूरे शरीर के अंगों को महत्ता को समझ पाते हैं। इस अवसर पर सभी अध्यापक गण विद्यार्थियों सहित उपस्थित रहे।