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February, 2024

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Posted by: | Posted on: February 29, 2024

मोंटेसरी स्नातक समारोह और रायन इंटरनेशनल स्कूल, फ़रीदाबाद के जूनियर विंग का वार्षिक समारोह

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | मोंटेसरी स्नातक समारोह और रायन इंटरनेशनल स्कूल, फ़रीदाबाद के जूनियर विंग का वार्षिक समारोह, दो शो में, 28 फरवरी, 2024 को स्कूल एम्फीथिएटर में ‘बेहतर भविष्य का निर्माण’ थीम के साथ आयोजित किया गया था। यह समारोह मोंटेसरी के छात्रों केलिए एक महत्वपूर्ण समारोह था स्नातक क्योंकि वे मोंटेसरी से अपनी शैक्षणिक यात्रा के अगले चरण में स्थानांतरित हो गए।
समारोह की शुरुआत सर्वशक्तिमान के प्रति समर्पण और बाइबिल पाठ से हुई ।भगवान की स्तुति के गीतों ने समां बाँध दिया । विशिष्ट अतिथियों और अभिभावकों का विभिन्न भाषाओं में गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस कार्यक्रम में सुश्री आशा धैया जिला शिक्षा अधिकारी, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय सलाहकार, डॉ दीपा कपूर, कर्नल विपिन सोंधी सहित विभिन्न क्षेत्रों से तीस अतिथि उपस्थित थे। सुश्री निधि नंदराजोग, मोहम्मद नसीम मसूरी, वैज्ञानिक, डॉ. दिनेश रघुवंशी, कवि,श्री विभव शर्मा,शतरंज,सुश्री मीनाक्षी पाहुजा,तैराकी, द ब्रांड स्टोरी से श्री अभय कौशिक , श्री जितेंद्र सिंह सहित स्कूल के कुछ पूर्व छात्र जो अपने क्षेत्र में अनुकरणीय काम कर रहे हैं भी आमंत्रित थे ।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति में हैप्पीनेस डांस, लेट्स सिंग टुगेदर, वाद्य प्रदर्शन, लयबद्ध बीट्स जैसे मनमोहक प्रदर्शन शामिल थे, जिन्होंने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ा दी। विक्ट्री रिदम, ‘हील द वर्ल्ड’ प्रशिक्षित युवा रायनाइट्स द्वारा समापन नृत्य था जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया ।

उत्कृष्ट छात्रों को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों, नेतृत्व गुणों और स्कूल समुदाय में योगदान के लिए पुरस्कृत किया गया । उनकी मोंटेसरी यात्रा के दौरान उनके समर्पण और उत्कृष्टता की सराहना करने के लिए उन्हें पुरस्कार प्रदान किए गए। सत्र 2023-24 के लिए रायन प्रिंस और प्रिंसेस की घोषणा की गई।

रायन फ़रीदाबाद का मोंटेसरी स्नातक समारोह एक शानदार सफलता थी, जो मोंटेसरी के सफर को संक्षेप में प्रस्तुत करता है – स्वतंत्रता, रचनात्मकता और आजीवन सीखने के लिए प्रेम को बढ़ावा देना। जैसे ही स्नातक छात्र अपने मोंटेसरी वर्षों को अलविदा कहते हैं, वे अपने साथ अमूल्य सबक और अनुभव ले जाते हैं जो भविष्य में उनका मार्गदर्शन करेंगे।
इस समारोह में न केवल स्नातक कक्षा की उपलब्धियों का जश्न मनाया गया, बल्कि बच्चों के ‘समग्र विकास’ के संकल्प पर भी प्रकाश डाला गया, जो आदरणीय चेयरमैन सर डॉ. ए.एफ. पिंटो और डायरैक्टर मैडम डॉ. ग्रेस पिंटो का दृष्टिकोण है। अतिथियों ने अपने भाषण में युवा ब्रिगेड को समाज में प्रेम, शांति और सह-अस्तित्व के भविष्य के दूत बनाने के लिए शिक्षकों और अभिभावकों के सहयोगात्मक प्रयासों की सराहना की। प्रिंसिपल, सुश्री पीया शर्मा ने अपने भाषण में स्कूल में अनुकूल और समावेशी वातावरण का वादा किया, जो छात्रों के स्वस्थ पालन-पोषण के लिए आवश्यक है।

Posted by: | Posted on: February 29, 2024

शताब्दी महाविद्यालय में आयोजित रक्तदान शिविर में एक सौ सत्तर यूनिट ब्लड का एकत्रीकरण

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : डी.ए.वी. शताब्दी महाविद्यालय, फरीदाबाद के एन.एस.एस और वाई.आर.सी. यूनिट ने ग्लोबली इंटीग्रेटेड फाउंडेशन फॉर थैलेसीमिया (जी.आई.एफ.टी.), आर.बी.टी.सी. सिविल हॉस्पिटल और डिवाइन चैरिटेबल ब्लड सेंटर के सहयोग से रक्तदान शिविर लगाया। शिविर का उद्घाटन कॉलेज की कार्यकारी प्राचार्या डॉ. विजय वंती जी के द्वारा किया गया | प्राचार्य महोदया ने सबका उत्साह बढाते हुए नेक कार्य में अपना योगदान देने के लिए सभी को प्रेरित किया।

इस कार्यक्रम में विजेंद्र सोरोत, सचिव रेड क्रॉस सोसायटी फरीदाबाद बतौर मुख्य अतिथि, विमल खंडेलवाल, संरक्षक रेड क्रॉस सोसायटी फरीदाबाद विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे | इस अवसर पर जी.आई.एफ.टी. फाउंडर एंड प्रेजिडेंट मदन चावला व मंडल बाल कल्याण अधिकारी कमलेश शास्त्री ने भी छात्रों को रक्तदान की महत्तवता बताते हुए ज्यादा से ज्यादा रक्तदान करने के लिए जागरूक किया |

रक्तदान शिविर से विद्यार्थियों को यह संदेश दिया गया कि युवा वर्ग को किसी भी खुशी के मौके पर फिजूल खर्ची करने की बजाय रक्तदान जैसे सामाजिक कार्यों को बढ़ावा देना चाहिए। वाई.आर.सी. काउंसलर गर्ल्स यूनिट डॉ. रेखा, वाई.आर.सी. काउंसलर बॉयज यूनिट दिनेश कुमार, एन.एस.एस. बॉयज यूनिट पी.ओ. डॉ. जितेंद्र ढुल व एन.एस.एस. गर्ल्स यूनिट पी.ओ. कविता शर्मा ने भी छात्र-छात्राओं का मनोबल बढ़ाया और राज्य में थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों के लिए लगातार रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया। इस शिविर में लगभग एक सौ सत्तर यूनिट ब्लड एकत्रित किया गया |

Posted by: | Posted on: February 27, 2024

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ब्रिक्सेस-2024 में खेल और समग्र स्वास्थ्य पर विद्वानों ने की चर्चा

फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज़ (एमआरआईआईआरएस) में सोमवार को तीसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ब्रिक्सेस-2024 का शुभारंभ हुआ। ‘बच्चों और युवाओं के लिए समग्र स्वास्थ्य और खेल में प्रगति: विज्ञान के जरिए नवाचार, एकीकरण और स्थिरता’ विषय पर आयोजित हुए इस चार दिवसीय सम्मेलन में 20 देशों से आए 450 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने शारीरिक गतिविधि, नवीन प्रौद्योगिकी के एकीकरण और प्राचीन बीमारियों में कमी लाने के लिए नवीनतम शोध के महत्व जैसे विषयों पर विचार रखे।

सम्मेलन की शुरुआत स्वागत सत्र के साथ हुई, जिसमें मेयो क्लिनिक, यूएसए के प्रोफेसर  व अमेरिकन सोसाइटी फॉर प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी के पूर्व अध्यक्ष स्टीफन कोपेकी ने सभी को संबोधित करते हुए बीमारियों से बचाव के लिए शारीरिक रूप से सक्रिय रहने पर ज़ोर दिया। साथ ही स्वस्थ शरीर के लिए पोषण, उचित नींद, खेलकूद, मनोरंजन जैसे विषयों पर भी बात की। सत्र की अध्यक्षता प्रति उप कुलपति एमआरआईआईआरएस प्रोफेसर जीएल खन्ना और डॉ. जतिन सोनी ने की।

इसके बाद सम्मानित अतिथियों और वक्ताओं ने सम्मेलन में विषय के दृष्टिकोण और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। एमआरआईआईआरएस के प्रति उपकुलपति और ब्रिक्सेस के संस्थापक सदस्य व उपाध्यक्ष प्रो. जी. एल. खन्ना ने स्वागत भाषण देते हुए खेल और स्वास्थ्य विज्ञान पर वैश्विक चर्चा को आगे बढ़ाने में सम्मेलन की महत्वपूर्ण भूमिका पर बात की। उन्होंने खेल शिक्षा और अनुसंधान की दिशा में एमआरआईआईआरएस की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताते हुए कहा कि संस्थान खेलों को बढ़ावा के लिए प्रमुखता से काम कर रहा है। 

एमआरईआई के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला ने अध्यक्षीय संबोधन में खेल और स्वास्थ्य विज्ञान में उत्कृष्टता के लिए सहयोग, नवाचार और प्रतिभाओं को तराशने के महत्व पर फोकस किया। उन्होंने कहा कि भारत विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है और पूरे विश्व की नजर देश पर है। खेलों और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरी के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत सपने को पूरा किया जा सकता है। 

एमआरआईआईआरएस के उपकुलपति डॉ. संजय श्रीवास्तव ने स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा में आधुनिक चुनौतियों के समाधान में शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका पर विचार रखे। उन्होंने सामाजिक कल्याण के लिए नवाचार और अनुसंधान की तरफ से किए जा रहे कार्यों पर भी चर्चा की। 

ब्रिक्सेस के अध्यक्ष और संस्थापक सेक्रेटरी-जनरल, दक्षिण अफ्रीका के प्रोफेसर हंस डी रिडर ने ब्रिक्सेस पर उद्घाटन भाषण देते हुए सम्मेलन के विषय को विस्तार से समझाया। साथ ही खेल व स्वास्थ्य विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान के भविष्य पर अपनी बात रखी। 

लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. जगबीर सिंह चीमा ने बतौर सम्मानित अतिथि कहा कि सम्मेलन का विषय व्यक्तिगत और सामाजिक तौर पर हर किसी के लिए महत्वपूर्ण है। हर आयु वर्ग के लोगों को मानसिक और शारीरिक तौर पर स्वस्थ होना जरूरी है  और इसके बारे में जागरूकता को ऐसे सम्मेलन मददगार साबित होते हैं। 

मुख्य अतिथि, सुजाता चतुर्वेदी, खेल सचिव, भारत सरकार ने सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित किया। उन्होंने खेल और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में सरकार के दृष्टिकोण और उठाए गए सराहनीय प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस तरह के सम्मेलन सरकारी नीतियों के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और पूरी उम्मीद है कि इस सम्मेलन से भी बेहतरीन निष्कर्ष निकलेंगे। 

समारोह के दौरान ब्रिक्सेस स्मारिका, जर्नल और पुस्तक का विमोचन भी किया गया।  समापन सत्र में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कार वितरित किए गए। अंत में आयोजन सचिव डॉ. संजीव गुप्ता ने सभी का आभार जताते हुए कहा कि ये सम्मेलन सहयोग, अनुसंधान और नवाचार की भावना को दर्शाता है। 

ब्रिक्स काउंसिल ऑफ एक्सरसाइज एंड स्पोर्ट्स साइंस (BRICSCESS) की स्थापना लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण के संबंध में ब्रिक्स की विशिष्ट चिंताओं को संबोधित करने की आवश्यकता को लेकर की गई है।इस सम्मेलन को लेकर कई अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ प्री-कॉन्फ्रेंस कार्यशालाओं का आयोजन करने में जुटे हैं। इनमें ब्रिक्सेस के संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. मिंग-काई चिन,   ब्रिक्सस के वर्तमान अध्यक्ष  प्रो. हंस डी रिडर सहित कई गणमान्य लोग शामिल हैं। 

Posted by: | Posted on: February 26, 2024

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षांत समारोह संपन्न, 675 विद्यार्थियों को 1200 डिग्री और डिप्लोमा प्रदान किए

पलवल (विनोद वैष्णव) : हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि कौशल शिक्षा जीवन में सबसे बड़ा धन है। उद्योग की सहायता से ही कौशल शिक्षा का पाठ्यक्रम विकसित किया जा सकता है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने इस क्षेत्र में पूरे देश में अभिनव प्रयोग किया है। इसके लिए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू बधाई के पात्र हैं। राज्यपाल सोमवार को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने अपने हाथों से 35 विषयों के 675 विद्यार्थियों को 1200 डिग्री और डिप्लोमा प्रदान किए। साथ ही अपने-अपने विषय में उत्कृष्ट रहे 10 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल भी दिए। उद्योग, उद्यमिता और कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली आठ विभूतियों को मानद उपाधियों से नवाजा गया।

इससे पूर्व राज्यपाल का दीक्षांत समारोह में पहुंचने पर कुलपति डॉ. राज नेहरू ने भव्य स्वागत किया। राष्ट्रीयता की धुनों से प्रेरित प्रोसेसन के साथ राज्यपाल को मंच पर लाया गया। दीक्षांत में गाउन पहनने की बजाय विद्यार्थियों और सभी अतिथियों ने सफेद कुर्ते पजामे और छात्राओं ने सफेद सूट और साड़ी पहनकर दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया। मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की रचनात्मक सोच और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की कर्मठता से अस्तित्व में आया है 1000 करोड रुपए से भी ज्यादा की इस परियोजना का लक्ष्य विद्यार्थियों को कौशल के साथ रोजगार से जोड़ना है।

कुलपति डॉ. राज नेहरू ने देश के 116 इंडस्ट्री पार्टनर विश्वविद्यालय के साथ समन्वित करके एक नया मॉडल विकसित किया है। यह पूरे देश के लिए एक उदाहरण भी है और प्रेरणा भी है। उन्होंने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के इन्नोवेटिव स्किल स्कूल की भी जमकर सराहना की, जिसमें विद्यार्थियों को नौवीं क्लास से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी और ब्लॉक चेन जैसे विषय पढ़ाए जा रहे हैं। राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने डिग्री प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि 85 फ़ीसदी से भी ज्यादा विद्यार्थियों की प्लेसमेंट होगी। साथ ही विद्यार्थी उद्यमिता के क्षेत्र में भी अपना योगदान सुनिश्चित करेंगे। इस अवसर पर कुलपति डॉ. राज नेहरू एवं कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने उद्यमिता विकास के लिए सिडबी के सहयोग से सुपर 30 प्रोग्राम की लॉन्चिंग भी राज्यपाल के हाथों से करवाई।

कुलपति डॉ. राज नेहरू ने इस अवसर पर कहा कि कौशल विद्या सबसे बड़ा धन है और हम विद्यार्थियों को यहां से धनवान बनाकर भेज रहे हैं। वह दुनिया की सभी चुनौतियों और बेरोजगार के संकट को कौशल की सहायता से परास्त करेंगे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को ऐसी शिक्षा दी गई है कि वह समाज में उदाहरण प्रस्तुत करेंगे और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे कुलपति डॉ. राज नेहरू ने आज के इस समारोह में डिग्री, डिप्लोमा मेडल और मानद उपाधियां प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों व विशिष्ट विभूतियों को बधाई देते हुए कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को आप पर गर्व है और पूरा विश्वास है कि आप समाज में एक नजीर पेश करेंगे। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने विद्यार्थियों के उत्साहवर्धन के लिए राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय का आभार ज्ञापित किया।

विशिष्ट अतिथि के रूप में दीक्षांत समारोह में उपस्थित रूप आटोमोटिव्स के प्रबंध निदेशक मोहित ओसवाल ने विद्यार्थियों को उद्योग और उद्यमिता के क्षेत्र में बेहतर सेवाएं देने और उत्कृष्ट के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
इससे पूर्व कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने मुख्य अतिथि राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय की स्वीकृति से दीक्षांत समारोह प्रारंभ करवाया। अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आरएस राठौड़, परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर निर्मल सिंह, डीन प्रोफेसर ऋषिपाल, प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव और प्रोफेसर जॉय कुरियाकोजे ने अपने-अपने संकायों के विद्यार्थियों को डिग्री डिप्लोमा दिलवाने की परंपरा का निर्वाह किया। सभी डीन और विभाग अध्यक्ष पारंपरिक वेशभूषा में केसरिया पगड़ी बांधकर प्रोफेशन का हिस्सा बने।

675 विद्यार्थियों को मिले 1200 डिग्री डिप्लोमा

श्री विश्वकर्मा के कौशल विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में 675 विद्यार्थियों को 1200 डिग्री डिप्लोमा प्रदान किए गए। यह डिग्री डिप्लोमा डीजी लॉकर में भी उपलब्ध रहेंगे। विद्यार्थी इनका आवश्यकता अनुसार लाभ ले सकेंगे। इस दीक्षांत समारोह में 35 विषयों के विद्यार्थियों को डिग्री डिप्लोमा प्रदान किए गए। अपने-अपने विषय में उत्कृष्ट रहे 10 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल प्रदान किए गए। इनमें विक्रम, अखिलेश कुमार, आरती कुमारी, कोमल, पूजा देवी, कमल किशोर पांडे, पिंकी, पायल, कंचन और कनक के नाम शामिल हैं। राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि गोल्ड मेडल पाने वाले 10 विद्यार्थियों में सात छात्राएं शामिल हैं। यह बहुत गर्व का विषय है।

उद्योग, उद्यमिता और कला के क्षेत्र में आठ विभूतियों को मानद उपाधियां

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने मानद उपाधि देने की एक विशिष्ट परंपरा की शुरुआत की है, जिसमें उद्योग, उद्यमिता और कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली आठ विभूतियों को मानद उपाधियां प्रदान की गई। उद्यम के क्षेत्र में बीकानेरवाला के डायरेक्टर रमेश कुमार, अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मास्टरशेफ रणवीर बरार और जेबीएम ग्रुप के प्रेजिडेंट भारत भूषण गुप्ता को उद्योग के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा गया। उद्यम के क्षेत्र में अरविंदर सैनी और बंचारी लोक काव्य के क्षेत्र में शिवचरण के नाम पर मास्टर आफ वोकेशन एंटरप्रेन्योरशिप की मानद उपाधि दी गई। इसी तरह से कृषि क्षेत्र में उद्यमिता के लिए यमुनानगर के धर्मवीर कंबोज, मिनिएचर पेंटिंग के क्षेत्र में राजस्थान के हनुमान सैनी और लकड़ी की नक्काशी के क्षेत्र में झज्जर के चंद्रकांत को डिप्लोमा इन एंटरप्रेन्योरशिप प्रदान किया गया। राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय, कुलपति डॉ. राज नेहरू एवं कुल सचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने मानद उपाधि प्राप्त करने वाली सभी विभूतियों को बधाई दी।

Posted by: | Posted on: February 23, 2024

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल होंगे मुख्य अतिथि

फरीदाबाद। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षांत समारोह 26 फरवरी को आयोजित होगा। हरियाणा के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय इस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे, जबकि रूप ऑटोमोटिव्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मोहित ओसवाल विशिष्ट अतिथि के रूप में दीक्षांत समारोह में शिरकत करेंगे। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने बताया कि इस समारोह में 670 विद्यार्थियों को डिग्री और डिप्लोमा प्रदान किए जाएंगे। दीक्षांत समारोह में जुलाई 2021 से जुलाई 2023 के बीच डिग्री और डिप्लोमा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों को सम्मिलित किया जाएगा। उत्कृष्ट विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल भी प्रदान किए जाएंगे।


श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के जिम्नेजियम हाल में होने वाले इस दीक्षांत समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने बताया कि इस समारोह में पश्चिमी सभ्यता के प्रतीक गाउन की बजाय विद्यार्थी सफेद कुर्ता-पजामा अथवा धोती कुर्ता पहन कर अपनी डिग्री लेंगे और इसी तरह से छात्राएं भी सफेद सूट अथवा साड़ी पहनकर दीक्षांत समारोह का हिस्सा बनेंगी। शिक्षा में उत्कृष्टता का हमारा अपना एक इतिहास है। इसलिए हम अपनी परंपराओं पर गर्व करना सीखें। हमारी वेशभूषा अपने आप में हमें गौरवान्वित करने का अवसर देती है। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि गुलामी के प्रतीकों को हमें मिटाना है। अपनी सभ्यता पर गर्व करने के लिए हमारे पास बहुत से आधार है। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने बताया कि दीक्षांत समारोह में राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय की उपस्थिति में प्रोसेसन का आयोजन होगा। यह विश्वविद्यालय के लिए और दीक्षांत समारोह का हिस्सा बनने वाले सभी विद्यार्थियों के लिए गर्व का विषय है कि उन्हें हरियाणा के राज्यपाल एवं कुलाधिपति के हाथों यह डिग्रियां मिलेंगी।
कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि दीक्षांत समारोह किसी भी शिक्षण संस्थान के लिए अत्यंत हर्ष एवं गर्व का विषय होता है। यह विद्यार्थियों के जीवन के नए अध्याय की शुरुआत है। प्रोफेसर ज्योति राणा ने तैयरियों का जायजा भी लिया।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर निर्मल सिंह ने बताया कि दीक्षांत समारोह के लिए 25 फरवरी को रिहर्सल का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए विद्यार्थियों को पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। जो विद्यार्थी रिहर्सल में हिस्सा लेंगे उन्हीं विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह में डिग्रियां प्रदान की जाएंगी। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों को जो डिग्री और डिप्लोमा दिए जाएंगे यह डीजी लॉकर में भी उपलब्ध होंगे। प्रोफेसर निर्मल सिंह ने बताया कि अव्वल विद्यार्थियों को मेडल दिए जाएंगे।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आरएस राठौड़ ने कहा कि यह एक बहुत ही शुभ अवसर है जब विश्वविद्यालय के नए परिसर में यह दीक्षांत समारोह होने जा रहा है। इसके लिए सभी शिक्षकों अधिकारियों और विद्यार्थियों में पूरा उत्साह है। दीक्षांत समारोह के लिए विभिन्न संकायों के अधिष्ठाताओं की बैठक का आयोजन भी किया गया।

फोटो परिचय- दीक्षांत समारोह की जानकारी देते कुलपति डॉ. राज नेहरू, कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा एवं परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर निर्मल सिंह।

Posted by: | Posted on: February 22, 2024

एमवीएन विश्विद्यालय में दो दिवसीय वार्षिक उत्सव का आयोजन

पलवल (विनोद वैष्णव) : एमवीएन विश्विद्यालय में दो दिवसीय वार्षिक उत्सव 2K24 का आयोजन किया गया। उत्सव के प्रथम दिवस का सुभारंभ मुख्य अतिथि एमटीवी इंडिया फेम एलिना चौहान, विश्विद्यालय के कुलपति डॉक्टर अरुण गर्ग, उप कुलपति डॉक्टर एन पी सिंह, कुलसचिव डॉक्टर राजीव रतन, डायरेक्टर कॉरपोरेट अफेयर्स नरेंद्र विवेक आहूजा ने द्वीप प्रवज्लित करके राष्ट्रीय गान के साथ किया। डॉक्टर अरुण गर्ग ने कहा की में चाहता हूं की मेरा छात्र सुशिक्षित होने के साथ साथ एक सामाजिक नागरिक भी बने। उन्होंने कहा की अपने विद्यार्थियों के चहुमुखी विकास के लिए हम अच्छी कंपनियों और अच्छे लोगों को अपने साथ जोड़ रहे हैं। डॉक्टर एन पी सिंह ने कहा की एमवीएन विश्विद्यालय जिस उद्देश्य के साथ स्थापित की गई है वह उद्देश्य पूरा हो रहा है और जल्दी ही एमवीएन एनसीआर क्षेत्र का नंबर एक विश्विद्यालय होगा।

नरेंद्र विवेक आहूजा ने बताया कि कोई भी उत्सव बिना किसी सामाजिक कार्य के अधूरा रहता है इसलिए इस उत्सव के दौरान रक्त दान, नेत्र जांच और नेत्र दान संकल्प का भी आयोजन किया गया है। उत्सव के प्रथम दिवस पर विभिन्न प्रतियोगिता एकल गायन, नुक्कड़ नाटक, श्लोक वचन, पोस्टर मेकिंग, बॉलीवुड क्विज, बेस्ट सेल्फी, वेब पेज डिजाइनिंग, लोगो डिजाइनिंग, डिबेट, स्लोगन राइटिंग, सामूहिक गायन, एकल नृत्य, फैशन शो इत्यादि का आयोजन किया गया और विजेताओं को उचित इनाम भी दिए गए। विश्विद्यालय के प्रबंधक संचालक कांता शर्मा, कुलाधिपति वरुण शर्मा ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ साथ विद्यार्थियों के लिए इस प्रकार के उत्सवों का समय समय पर होना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि ये उत्सव विद्यार्थियों के मानसिक स्तर को बढ़ाते हैं। इस उत्सव के प्रायोजक मुख्य रूप से सिस्टोपिक लेबोरेटरीज, केसी प्रशांत पैथ लैब, पप्पन प्लाजा होटल, केक स्पॉट, मोरेंगो एशिया हॉस्पिटल, मेडिकल लाइट, वीएलसीसी, स्टोरिया, मेक्शोबुल रहे। उत्सव के दूसरे दिन भी विभिन्न कार्यक्रम होंगे और मुख्य आकर्षण केंद्र इंदीप बख्शी द्वारा स्टार नाइट प्रर्दशन होगा।

Posted by: | Posted on: February 21, 2024

PM श्री परियोजना के तहत, केंद्रीय विद्यालय सिख लाइन्स ने 20 फरवरी 2024 को मेरठ के प्रसिद्ध शिक्षाविद्, विद्वान और लेखक डॉ किरण सिंह द्वारा एक विशेषज्ञ वार्ता का आयोजन किया

सुबह प्रार्थना सभा के बाद, कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्र इस अतिथि व्याख्यान से लाभान्वित हुए। प्राचार्य श्री नवल सिंह , उप प्राचार्य श्री दीपक , सभी शिक्षक गण एवम छात्रों ने डॉ. किरण सिंह का गर्मजोशी से स्वागत किया।डॉ किरण सिंह ने छात्रों को हमारे भारतीय संविधान के गुणों से परिचित कराने के लिए अपने ज्ञानवर्धक भाषण की शुरुआत की। उन्होंने प्रस्तावना को उद्धृत किया और छात्रों को प्रस्तावना के मूल शब्दों से अवगत कराया। बाद में उन्होंने छात्रों को समझाया कि भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है और इसमें अन्य देशों के संविधान की अच्छी खूबियां समाहित हैं। छात्रों के साथ बातचीत में उन्होंने छात्रों से पूछा कि वे संविधान के बारे में क्या जानते हैं या इसका अर्थ क्या है और छात्रों के उत्तरों से उन्होंने इस विचार को विस्तार से बताया।परीक्षा के इस समय में छात्रों को निर्देश देने के लिए, उन्होंने अपने विचारों का दूसरी ओर रुख किया और छात्रों को अपने समय का व्यवस्थित रूप से उपयोग करने, शिक्षा को अपने हथियार के रूप में उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जो समय प्रबंधन, कड़ी मेहनत, अनुशासन आदि से संभव है। उन्होंने छात्रों का उचित मार्गदर्शन किया। परिश्रम द्वारा रोल मॉडल और प्राचार्य श्री नवल सिंह के निर्देशन में पिछले वर्षों में विद्यालय द्वारा उत्पादित सर्वोत्तम परिणाम को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया उन्होंने हमारे महान अतीत को याद दिलाकर छात्रों में देशभक्ति की भावना भी विकसित की और देशभक्ति जगाने के लिए कई उद्धरण भी दिए।उनका मुख्य ध्यान छात्रों को सफलता प्राप्त करने के लिए मेहनती, सक्रिय और अनुशासित होने के लिए प्रेरित करना था।कार्यक्रम का समापन उप प्राचार्य दीपक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

Posted by: | Posted on: February 20, 2024

शांतनु माहेश्वरी की ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ हुए 2 साल: बताया अफसान की भूमिका निभाने के बारे में

मुंबई (रूबी सिंह /विनोद वैष्णव ) | जैसा कि ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ ने अपनी दूसरी वर्षगांठ मनाई है, अभिनेता शांतनु माहेश्वरी जिन्होंने अफसान की भूमिका बखूबी निभाई, अपने अनुभव के बारे में खुल कर बात की और फिल्म के साथ अपनी यादगार सफर पर विचार किया। शांतनु ने सफलतापूर्वक हजारों फैंस और आलोचकों का दिल जीत लिया और उन्हें नीली आंखों वाला लड़का कहा जाने लगा और उन्हें उस वर्ष देखने लायक अभिनेताओं में टॉप पर रखा गया।

“ऐसा महसूस नहीं हो रहा है कि ‘गंगूबाई काठियावाड़ी‘ दो साल की हो गई है, ऐसा लग रहा है जैसे कुछ दिन पहले ही मैं संजय सर के साथ शूटिंग कर चूका हूँ और सेट पर उनसे सीख रहा था। हर कोई मुझे अफसान का किरदार निभाने के लिए याद करता है और यह बहुत बढ़िया है।” इतने खूबसूरत किरदार के लिए याद किया जाना।” शांतनु ने खुलासा किया

निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ काम करने पर शांतनु ने आगे कहा, “सेट पर संजय सर जैसे किसी व्यक्ति के साथ रहना और उन्हें अपने सामने अपनी जादू की छड़ी घुमाते हुए देखना बहुत संतुष्टिदायक अनुभव था। मैं सभी कौशलों को हमेशा याद रखूंगा।” और तकनीकें मुझे मास्टर के साथ सेट पर रहते हुए सीखने को मिलीं।

” वर्क फ्रंट की बात करें तो शांतनु अब नीरज पांडे की फिल्म ‘औरों में कहां दम था’ के साथ-साथ बंगाली सिनेमा में चलचित्र से डेब्यू करते नजर आएंगे।

Posted by: | Posted on: February 20, 2024

मानव रचना में एचआर राउंड टेबल के तीसरे संस्करण का आयोजन हुआ

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज (एमआरआईआईआरएस) में शनिवार को स्कूल ऑफ लीडरशिप एंड मैनेजमेंट की ओर से एचआर राउंड टेबल के तीसरे संस्करण का आयोजन हुआ। “फ्यूचर रेडी-डिकोडिंग द वे फॉरवर्ड” विषय पर हुए इस कार्यक्रम में देशभर की प्रतिष्ठित कंपनियों से विशिष्ट प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। 

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. अमित भल्ला, उपाध्यक्ष, एमआरईआई ने कहा, ‘मानव रचना में इनोवेशन और नए स्टार्टअप को बढ़ावा देकर युवाओं को हुनरमंद बनाया जाता है, जिससे कि उद्योगों की जरूरतों के मुताबिक भावी पेशेवर तैयार हो सकें । एचआर राउंड टेबल जैसे कार्यक्रम का मकसद विभिन्न उद्योगपतियों और प्रतिभागियों को एक मंच पर लाकर अहम विषयों से जुड़े सवालों के जवाब तलाशना है।’

कार्यक्रम के मेंटर रहे डॉ. एस.वाई. सिद्दीकी, चेयरमैन, स्ट्रैटेजिक मेंटरिंग बोर्ड, एमआरईआई व पूर्व कार्यकारी सलाहकार, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने कहा, ‘बदलती चुनौतियों के साथ बदलाव जरूरी है। हर परिस्थिति में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए संगठनों को लचीलेपन और दक्षता के साथ अनुकूल नेतृत्व के माध्यम से कार्य संस्कृति को बदलना चाहिए।’ 

इसके बाद बतौर मुख्य भाषण में अजय मेहता – पूर्व सीईओ, नोकिया मोबाइल्स (एपीएसी) पार्टनर, एसवीपी इंडिया ने कहा कि, ‘गतिशील कार्यस्थल आज की जरूरत है और कार्यबल की ज़रूरतों के हिसाब से संगठनों को बदलना चाहिए। पेशेवरों के लिए जहां आधुनिक हाइब्रिड कार्य मॉडल में अपस्किलिंग बेहद जरूरी है, वहीं लीडरशिप स्तर पर नेतृत्व के साथ सहानुभूति, विश्वास और पारदर्शिता जैसे गुणों का समावेश चाहिए।’

कार्यक्रम के दौरान कुल चार सत्रों में पैनल चर्चा हुई जिसमें वक्ताओं ने विभिन्न विषयों पर विचार और सुझाव साझा किए। पहले सत्र में “कार्य का भविष्य (कार्य, कार्यस्थल और कार्यबल)” विषय पर चर्चा हुई। मॉडरेटर की भूमिका निभाते हुए  दीपक धवन , सीईओ और संस्थापक, टैलेंटनिक एचआर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ने कहा, ‘ नवाचार और नेतृत्व सामने आने वाली जटिल चुनौतियों को दूर करने के प्रमुख साधन हैं। पिछले दशक में  सभी स्तरों पर हमने जो तेजी से विकास देखा है, वह देश के लिए नई उम्मीद है।’ पैनल में अनुराग मलिक, पार्टनर, अर्न्स्ट एंड यंग और सीमा बंगिया, उपाध्यक्ष व मुख्य लोक अधिकारी, महिंद्रा एयरो एंड डिफेंस सेक्टर, महिंद्रा एंड महिंद्रा शामिल रहे। 

दूसरा सत्र “समय से पूर्व कौशल विकास: उच्च शिक्षा की भूमिका” विषय पर हुआ, जिसमें मॉडरेटर की भूमिका निभाते हुए एमआरआईआईआरएस के उपकुलपति प्रोफेसर (डॉ.) संजय श्रीवास्तव ने कहा,‘आज के दौर में उच्च शिक्षा की भूमिका समग्र और सामाजिक विकास के साथ नैतिक नेतृत्व को बढ़ावा देने की भी है। एआई युग में भी भावनात्मक बुद्धिमत्ता और पारस्परिक कौशल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे।’ पैनल में टेक महिंद्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मानव संसाधन, अभिषेक तिवारी, एमआरवीपीएल की चीफ ऑपरेटिंग अधिकारी डॉ. गौरी भसीन और डीन, इंडस्ट्री कनेक्ट, मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (एमडीआई), गुड़गांव प्रो. (डॉ.) सुमिता राय ने चर्चा की। 

तीसरे सत्र में “बहु-पीढ़ीगत कार्यबल का प्रबंधन” विषय पर बतौर मॉडरेटर केएस बख्शी, ग्रुप हैड-मानव संसाधन इंटरग्लोब एंटरप्राइजेज ने कहा, ‘एक ऐसा वातावरण तैयार करना जरूरी है जहां नवाचार व विकास के लिए कार्यबल को उचित माहौल मिले। बहु-पीढ़ी वाले कार्यबल के प्रबंधन के लिए विभिन्न आयु वर्गों की प्राथमिकताओं, मूल्यों और सीमाओं के बीच संतुलन रखना चाहिए।’ पैनल में किरण सिंह, प्रमुख-मानव संसाधन,  मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्रा. लिमिटेड  और सलिल बिहारी लाल, मुख्य मानव संसाधन अधिकारी,  मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड  शामिल रहे।

चौथे सत्र में “जीवन में पर्यावरण, सामाजिक और कॉर्पोरेट प्रशासन का समावेश” विषय पर इंद्रजीत सिंह, पार्टनर, वित्तीय सलाहकार डेलॉइट इंडिया और डॉ. धीरज वर्मा एवीपी – एचएसई और सस्टेनेबिलिटी ऑपरेटिंग सिस्टम- हाई वोल्टेज – ग्लोबल, हिताची एनर्जी टेक्नोलॉजी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने विचार रखे। मॉडरेटर के तौर पर डॉ. सुरेश त्रिपाठी, मुख्य मानव संसाधन अधिकारी, एयर इंडिया ने कहा,‘पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) आज के दौर में व्यावसायिक योजनाओं का मुख्य बिंदु है और सभी हितधारकों को प्रभावित करता है। व्यावसायिक लक्ष्यों को निर्धारित करते हुए सामुदायिक आवश्यकताओं और  पर्यावरणीय हितों पर भी फोकस होना चाहिए।’

समापन सत्र में प्रीति बजाज, सीईओ और प्रबंध निदेशक, ल्यूमिनस पावर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड  ने उद्योगों के रुझानों पर चर्चा करते हुए भविष्य में तरक्की के लिए जरूरी कौशल और सतत प्रयासों जैसे बिंदुओं पर प्रकाश डाला। 

राजीव कपूर, एमडी,  एमआरईआई ने कहा कि,एचआर राउंड टेबल ने उद्योग जगत के सम्मानित प्रतिनिधियों और प्रतिष्ठित दिग्गजों को अपने अनुभव और रणनीतिक दूरदर्शिता को साझा करने का मंच दिया है। इस दौरान रखे गए बहुमूल्य विचार भविष्य के लिहाज से महत्वपूर्ण नीतियां बनाने में मददगार साबित होंगे।‘

समापन सत्र में राजीव दुबे- मेंटर, एचआर राउंड टेबल; चेयरमैन, महिंद्रा फर्स्ट चॉइस व्हील्स लिमिटेड; सदस्य, गवर्निंग बॉडी-अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन, जिनेवा ने कहा, ‘एचआर राउंड टेबल का यह संस्करण, अग्रणी उद्योग पेशेवरों और शिक्षाविदों के नजरिए से उन सवालों के जवाब तलाशता है, जिनसे न्यू नॉर्मल के साथ आगे बढ़ने की तैयारी करते हुए संगठन जूझ रहे हैं।’

मानव रचना एचआर राउंड टेबल प्रोफेसर डॉ. दीप्ति डबास हज़ारिका, डीन, स्कूल ऑफ लीडरशिप एंड मैनेजमेंट की देखरेख में आयोजित किया गया। इसमें  प्रसिद्ध उद्योगों के प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाकर उनके अनुभवों, दूरदर्शी सोच, नवीन दृष्टिकोण व विशिष्ट कार्यों को साझा करने का मौका दिया, जिससे संगठनों को भविष्य के लिए प्रभावशाली रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी।  

Posted by: | Posted on: February 19, 2024

37वे अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड सूरजकुंड मेले के सफल समापन अवसर पर नोडल आफिसर यू एस भारद्वाज को सम्मानित करते हुए हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय द्वारा सम्मनित किया गया

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