केंद्र की भाजपा सरकार निरंतर पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाकर लोगों की जेबें खाली करने का काम कर रही है :-अशोक बुवानीवाला

भिवानी ( विनोद वैष्णव )। केंद्र की भाजपा सरकार निरंतर पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाकर लोगों की जेबें खाली करने का काम कर रही है। ये बात हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता अशोक बुवानीवाला ने प्रैस को जारी विज्ञप्ति में कही। बुवानीवाला ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि होने से आमजन के उपयोग में आने वाली वस्तुओं के दाम बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंडियन ऑयल कॉर्प के डाटा के अनुसार राजधानी सहित देशभर के अन्य शहरों में पेट्रोल की कीमत 72.49 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई है, हालांकि 11 जनवरी को तो यह किमत 78.50 तक पहुंच गई थी। जो कि पिछले तीन वर्षों में सबसे ज्यादा है। इससे पहले पेट्रोल की सबसे ज्यादा कीमत अगस्त 2014 में 72.51 रुपये प्रति लीटर दर्ज की गई थी। बुवानीवाला ने कहा कि कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में जैसे शहरों में तो पेट्रोल की कीमत क्रमश: 75.19 रुपये, 80.60 रुपये और 75.18 रुपये प्रति लीटर दर्ज की गई। तीनों शहरों में भी यह कीमत तीन वर्षों में सबसे ज्यादा है। इसी तरह, डीजल की कीमत भी इस हफ्ते लगातार रिकार्ड स्तर तक बढ़ रही है। दिल्ली में डीजल की कीमत 63.53 रुपये प्रति लीटर तो कोलकाता में इसकी कीमत 66.20 रुपये, मुंबई में 67.65 रुपये और चेन्नई में 67.00 रुपये प्रति लीटर दर्ज की गई। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ौत्तरी के साथ अस्थिरता निरन्तर बनी हुई है और हर रोज उसके मूल्य में कोई न कोई बदलाव आ रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि केन्द्र सरकार चुनिंदा कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए जानबूझ कर पट्रोलियम पद्धार्थों पर कोई नियंत्रण नहीं रखना चाह रही है। बुवानीवाला ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की मूल्यवृद्धि पर वर्तमान भाजपा सरकार के मंत्री सडक़ पर उतरकर धरना-प्रदर्शन करते थे। उन्होंने कहा कि अब केंद्र व प्रदेश में भाजपा की सरकार है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत निरंतर गिर रही है तो फिर भाजपा के मंत्री क्यों चुप है? बुवानीवाला ने कहा कि चुनावों से पूर्व बड़े-बड़े वायदे करने वाली भाजपा सत्ता में आकर पूरी तरह से बदल गई। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें साल 2014 के बाद सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कांग्रेस पार्टी के शासनकाल के तीन साल पहले के मुकाबले आधी रह गई हैं। परन्तु फिर भी मोदी सरकार इसका फायदा आम जनता को नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को बड़ा मुद्दा बनाया था और अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल महंगा होने के बावजूद यूपीए सरकार को इस पर जमकर घेरा था। परन्तु आज अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल सस्ता होने के बावजूद भारत में पट्रोल की कीमतें आसमान छु रही है और मोदी सरकार जनता की परेशान का आनंद ले रही है। बुवानीवाला ने कहा कि केन्द्र सरकार को भाषणों व विज्ञापनों के बजाएं देश की आम जनता को आग लगाती पट्रोल-डीजल की कीमतों से राहत देनी चाहिए।

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