फरीदाबाद( पिंकी जोशी ) :- हरियाली तीज एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। कुछ स्थानों पर इसे मधुश्रवा तीज भी कहते हैं। इस पर्व को मां पार्वती और भगवान शिव के मिलन की याद में मनाया जाता है। इस बार हरियाली तीज का पर्व 11 अगस्त, बुधवार को है। इस दिन महिलाएं मां पार्वती की पूजा करती हैं। नवविवाहिताएं अपने पीहर आकर यह त्योहार मनाती हैं। इस दिन सभी महिलाए व्रत रखती है और विशेष शृंगार किया जाता है।
हरियाली तीज की पूजा में काले रंग की गीली मिट्टी, पीले रंग का कपड़ा, बेल पत्र , केले के पत्ते, धतूरा, आंकड़े के पत्ते, तुलसी, शमी के पत्ते, जनेऊ,धागा और नया कपड़ा रखें। यह सारी चीज़े पूजा की थाली में होनी बहुत जरुरी होते है। कहा जाता है कि बिना इन सामग्री के पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है तो ध्यान रखे इनमे से सभी सामग्री आपकी थाली में होनी चाहिए।
इसके अलावा श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, तेल और घी, कपूर, दही, चीनी, शहद ,दूध और पंचामृत आदि एक थाली में सजा लें। पूजा शुरू करने से पहले काली मिट्टी के प्रयोग से भगवान शिव और मां पार्वती तथा भगवान गणेश की मूर्ति बनाएं। फिर थाली में सुहाग की सामग्रियों को सजा कर माता पार्वती को अर्पित करें।
वहीं, माँ पार्वती के शृंगार के लिए चूडियां, महौर, खोल, सिंदूर, बिंदी, बिछुआ, मेहंदी, आल्ता, कुमकुम, कंघी, सुहागिन के श्रृंगार की चीजें होनी चाहिए। सोलह सिंगार चढ़ाने से माँ पार्वती अतिप्रस्न हो जाती है। साथ ही महिलाओ को इस दिन सुबह जल्दी उठ कर स्नान करना चाहिए उसके बाद माँ पार्वती की पूजा करनी चाहिए। पूजा करते समय ध्यान रखे की आप ज्योत देसी घी या फिर तिल के तेल का प्रयोग करे।
ध्यान रखे की हरियाली तीज पर हरे वस्त्र जरूर पहने। वैसे तो सावन में चारो तरफ हरयाली होती है लेकिन तीज के दिन एक अलग ही हरयाली नजर आती है। हिंदु मान्यताओ के हिसाब से हरा रंग खुशयाली से जुड़ा हुआ है। हरा रंग प्रकर्ति से जुड़ा हुआ है इसलिए इसका महत्व कुछ ज्यादा ही है। इसे जीवन और खुशयाली का रंग भी कहा जाता है। हरा रंग मन को शांति प्रदान करता है और जीवन में खुशयाली भी लाता है इसलिए इस दिन हरे रंग के वस्त्र जरूर पहने यह फलदायक माना जाता है।
तीज के दिन मेहंदी का ख़ास महत्व बताया गया है। इसलिए इस दिन महिलाओ को हाथो में मेहंदी जरूर रचानी चाहिए। कहा जाता है इस दिन माँ पार्वती ने भगवान शिव को मनाने के लिए अपने हाथों में मेंहदी रचाई थी। मां पार्वती की हाथो में लगी मेहंदी को देखकर भगवान शिव अति प्रसन्न हुए। इसलिए इस दिन महिलाएं व्रत करके मां पार्वती और भोलेनाथ से अटल सुहाग की कामना करती हैं और अपने हाथो में मेहंदी भी लगाती है।
नोट : यह सभी जानकारी सोशल मीडिया के द्वारा ली गयी है।