42 वर्षीय महिला के पेट से निकाला 11किलो का ट्यूमर

( विनोद वैष्णव )। बढ़ती उम्र के साथ कुछ स्वास्थ्य समस्याएं होना एक आम बात होती है। ऐसे में इन परेशानियों को नजरअंदाज कर देना कभी-कभी बड़ी बीमारी का रूप धारण कर लेता है। ऐसा ही कुछ हुआ बड़कल निवासी (बदला हुआ नाम) सलमा के साथ। सलमा को तकरीबन एक साल से पेट दर्द की समस्या थी। इसके साथ ही धीरे-धीरे पेट फूलने लगा। पहले से ही डायबिटीज और हाइपरटेंशन से पीड़ित सलमा को सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी। सलमा की इस हालत को देखते हुए उसके परिजनों ने उसका आल्ट्रासाउंड करवाया। आल्ट्रासाउंड कराने पर पता चला कि सलमा के पेट में बहुत बड़ी गांठ है। परिजन उसको लेकर एशियन अस्पताल पहंुचे।
एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल के कैंसर सर्जन डाॅ. रोहित नैय्यर ने सलमा का पेट सीटी स्कैन कराने की सलाह दी। पेट सीटी से बात स्पष्ट हो गई कि सलमा के पेट में बहुत बड़ी गांठ थी। डाॅक्टर ने ट्यूमर की संभावना जताते हुए परिजनों की मरीज की स्थिति के बारे में जानकारी दी और तुरंत सर्जरी कराने की सलाह दी। परिजनों की स्वीकृति मिलने पर सर्जरी की गई। डाॅ. रोहित नैय्यर, डाॅ. थान सिंह तोमर  और डाॅ. विकास जैन सहित आॅन्कोलाॅजी टीम ने सफलतापूर्वक सर्जरी की। ढ़ाई घंटे की सर्जरी के दौरान मरीज के पेट से 30 बाई 28 सेंटीमीटर की 11 किलो का ट्यूमर निकाला। इसके अलावा बीमारी को बढ़ने से रोकने के उद्देश्य से डाॅक्टरों ने मरीज की बच्चादानी और अंडकोश भी निकाला गया। ट्यूमर की जांच फ्रोजन सेक्शन (इस तकनीक के माध्यम से पता चल जाता है कि गांठ कैंसर की है या नहीं) से की गई, जिसकी रिपोर्ट आधे घंटे के भीतर आ गई।
डॉ. रोहित ने बताया कि यह सर्जरी बहुत जटिल सर्जरी थी। महिला को हाइपरटेंशन और डायबिटीज की समस्या थी और उम्रदराज होने के कारण यह समस्या निरंतर बढ़ रही थी। ट्यूमर लेफ्ट ओवरी (बाएं अंडकोश) की ओर से बढ़ रहा था और इसने लिवर को दबा दिया था। पेट को ऊपर की ओर धकेल रहा था, जिसके कारण मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। सर्जरी के बाद अभी सलमा पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं।

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