महर्षि दयानंद सरस्वती के 140वें निर्वाण दिवस पर प्रभातफेरी व सत्संग आयोजन

अपने आदर्श एवं महान युग प्रवर्तक स्वामी दयानंद सरस्वती के 140वें निर्वाण दिवस के अवसर पर प्रभातफेरी और सत्संग का भव्य आयोजन बहुत श्रद्धा पूर्वक तीन नंबर सी ब्लॉक में आर्य समाजी वसु मित्र सत्यार्थी के निवास पर किया गया। आर्य समाज एन एच 4, आर्य समाज एन आई टी, नंबर 3 और महर्षि दयानंद योगधाम की संयुक्त प्रभातफेरी हवन यज्ञ के बाद भजन गाते और “वेद की ज्योति जलाने को ऋषि दयानंद आये थे” और ओम का झंडा ऊचा रहेगा आदि नारों से वातावरण को गुंजायमान करते हुए सत्संग स्थल में पहुंचे जहां वसु मित्र सत्यार्थी, विभु मित्र सत्यार्थी, नीरा सत्यार्थी, विवेक शर्मा, जिंदूलाल मुंजाल, विकास भाटिया, कुलदीप गोयल, सुशील सतीजा, महिन्द्र पाल भाटिया, हर्ष सिंह बंगारी, सुरेश आर्य और उपस्थित ऋषि भक्तों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत और अभिनंदन किया। प्रेरणादायक मधुर भजनों और उपदेश के माध्यम से महऋषि दयानंद के उपकारों को स्मरण करते हुए भजनोपदेशक आचार्य प्रदीप शास्त्री व जितेन्द्र सरल और ढोलक वादक सुरेंद्र भाटिया ने मधुर भजनों द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि प्रकट की। भजनोपदेशक आचार्य प्रदीप शास्त्री ने परिवार की महत्ता को भजन “जिस घर में हो प्यार, हो पित्रों का हो सत्कार, खूश रहते हों नर नार, वो घर कितना सुंदर है” और ऋषि दयानंद के गुरु आदेश पालन और सम्मान को प्रेरणादायक भजन “गुरु देव प्रतिज्ञा है मेरी वेदों की पावन वाणी का मैं घर-घर नाद बजा दूंगा, इस वैदिक धर्म की वैदी पर जीवन बलि चढ़ा दूंगा, भजन द्वारा प्रस्तुत किया” मुख्य अतिथि, गुरुकुल इंद्रप्रस्थ के आचार्य ऋषिपाल ने कहा कि वेद की ज्योति जलती रहे और स्वामी जी के महाप्रयाण दिवस पर हमें प्रतिज्ञाबद्ध होना चाहिए कि हम ऋषि की आज्ञा शिरोधार्य करते हैं और अंतिम सांस तन मन धन से इस पुनीत कार्य में संलग्न रहकर कृण्वन्तो विश्वमार्यम् के सपने को साकार करें। दीपावली के दिन स्वामी जी तो चले गये परन्तु भारत के सांस्कृतिक और राष्ट्रीय नवजागरण में उनका बहुत महत्वपूर्ण योगदान को हम कभी भुला नहीं सकते। विशिष्ट अतिथि बड़खल विधानसभा क्षेत्र विधायक सीमा त्रिखा ने कहा कि दयानंद जी हमारे प्रेरणास्रोत हैं उन्होंने अपना सारा जीवन समाज सुधार में ही बिता दिया। खुद कष्ट सहे और दूसरों के जीवन को सुखद बनाया। दीपावली पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए मंगलकामना की। आर्य समाजी वसु मित्र सत्यार्थी के संयोजन में आयोजित कार्यक्रम में अनिल बेताब ने देशभक्ति के मुक्तक प्रस्तुत किए “रखने को जिंदा दोस्तों पहचान के लिए, वाजिब है फर्ज ये हर इक इंसान के लिए, आओ कसम ये खाएं कि सब कुछ लुटाएंगे, भारत की आन बान और शान के लिए” महर्षि दयानंद सरस्वती जी के 200वें जयंती वर्ष के उपलक्ष में आयोजित विशाल वेद प्रचार और भव्य यज्ञ रथ के 251 गाँवों में सफल यात्रा पूरी करने पर योगाचार्य देवराज आर्य और आचार्य सुशील शास्त्री का पटका व फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया। मंच संचालन करते हुए कर्मचंद शास्त्री ने कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए ऋषि भक्तों का आर्य समाज और सत्यार्थी परिवार की तरफ से आभार प्रकट किया। इस अवसर पर विशेष रुप से न्यायधीश सत्यभूषण आर्य, राजन सिक्का, कुलभूषण सखुजा, संजय सखुजा, जोगिंदर कुमार, महाबीर सिंह भड़ाना, देवेन्द्र आर्य, डाँ सत्यदेव गुप्ता, मनोज वोहरा, मनोज शर्मा, सुधीर बंसल, धर्मवीर शास्त्री, विनोद मलिक, मनोहर लाल नंदवानी, गोल्डी मल्होत्रा, भारत भूषण शर्मा, जगदीश चंद विरमानी, धर्मबीर आर्य, सुरेश गुलाटी, अजय ग्रोवर, सुरेश अरोड़ा, संजय अरोड़ा, सर्वेश भाटिया, माता यज्ञानंदा हर्ष गुलाटी, उषा कुकरेजा, संतोष विरमानी उपस्थित रहे और भारी संख्या में आर्य भक्त और बच्चे सम्मिलित हुए।

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