फरीदाबाद Vinod Vaishnav | आपकी अपनी अधिकार के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर देसराज सिंह राणा ने हिसार जिले के उकलाना में हुए गुडिय़ा के बलात्कार और हत्या के घृणास्पद अपराध की कड़े शब्दों में निंदा की। हरियाणवी समाज में इस प्रकार के बढ़ते हुए अपराधों की घटनाओं के लिए उन्होंने सरकार की कानून व्यवस्था पर ढीली पकड़ को जिम्मेवार ठहराया है। उन्होंने कहा कि ‘बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ’ जैसे अभियान केवलमात्र नारों तक ही सीमित होकर रह गए हैं क्योंकि सच्चाई यह है कि वर्ष 2016 में छह वर्ष की आयु से नीचे वाली बालिकाओं के साथ इस प्रकार के अपराधों के 32 मामले दर्ज हुए हैं। उसी वर्ष में 18 वर्ष से कम आयु वाली बालिकाओं के साथ 532 मामले दर्ज हुए हैं जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि सरकार का अभियान किसी भी प्रकार के वैचारिक परिवर्तन को लाने में सफल नहीं हुआ है।
देसराज राणा ने सरकार से कहा है कि वह अपने पुलिस तंत्र को चुस्त-दुरुस्त करें और गुडिय़ा के मामले में अपराधी को तुरंत पकडक़र पीड़ित परिवार को न्याय दिलवाएं। इस समस्या की गम्भीरता की ओर ध्यान दिलाने के लिए उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार 1020 मामले बाल यौन उत्पीडऩ सुरक्षा एक्ट के तहत दर्ज किए गए हैं। यह अपने आपमें बहुत चिंतनीय है। राणा ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने अपने तीन साल के शासनकाल में किसी भी मौके पर प्रशासनिक कौशल नहीं दिखाया और न ही कभी ऐसा लगा कि सरकार का हालातों पर कोई कंट्रोल है। कानून व्यवस्था का यह हाल है कि न कोई शिक्षण संस्थाओं में सुरक्षित है, न कोई घर में सुरक्षित है और न ही बाहर सुरक्षित है। रेयान हत्या कांड अभी सुलझा ही नहीं था कि उकलाना और रोहतक में असामाजिक तत्वों ने दरिन्दगी करने का दुःसाहस कर डाला। उकलाना कांड की जाँच सीबीआई से करवाई जाए, क्योंकि कहीं ऐसा न हो कि गुरूग्राम के रेयान स्कूल के प्रद्युमन हत्याकांड की तरह दोषी कोई हो और फंसा किसी और को दिया जाए। पलवल और भिवानी में भी सरेआम अपराधियों ने बेखौफ गोलीबारी की। पलवल में दो प्रमुख लोग गोलियों के शिकार हुए तो भिवानी में राहुल नाम का छात्र अपने बिमार पिता की दवाई लेते मेडिकल हाल पर गोली से गम्भीर रूप से घायल हो गया। ये सब तब हुआ जब पुलिस को इस आशय की सूचना पहले से थी। प्रदेश में जहां कानून व्यवस्था चौपट है