फरीदाबाद( विनोद वैष्णव )। सिटी को स्मार्ट और सुरक्षित बताने वाली भाजपा सरकार को नींद से जगाने के लिए यह खबर काफी जहां एक वरिष्ठ पत्रकार से खुले आम एक चोर गिरोह ने पहले बडी चतुराई से मोबाईल चुरा लिया और फिर खुले आम फिल्मी स्टाईल में मोबाइल लौटाने की एवेज में पांच हजार की रंगदारी मांगी।
शहर की पुलिस और नेताओं की शाख पर बट्टा लगाने वाली यह घटना गत् 21 अगस्त 2018 रात्रि 9.15 की है जब सैक्टर 21 ए में रहने वाले शहर के नामी पत्रकार जगन्नाथ गौतम अपने पडोसी मित्र कमलकांत शर्मा के साथ फतेहपुर चंदीला गाँव की सब्जी मण्डी में सब्जी और फल लेने गए थे।
यह गांव वार्ड 19 में पड़ता है, और इस वार्ड के पार्षद सतीश कुमार है जो भाजपा के नेता हैं तथा इसी गांव के निवासी हैं। यहां से थोडा ही दूरी पर क्षेत्र की विधायक सीमा त्रिखा का मकान है तथा आधा किलोमीटर की दूरी पर ही पुलिस के सबसे दमदार आला अधिकारी पुलिस आयुक्त का मुख्यालय है। यह क्षेत्र फरीदाबाद के पॉश इलाकों में गिना जाता है। किन्तु गुंडागर्दी के मामले में इस क्षेत्र ने मेवात, पलवल और अन्य अपराधिक इलाकों को भी पीछे छोड दिया है। सब्जी मण्डी गांव फतेहपुर चंदीला और रेलवे स्टेशन फाटक बीच स्थित है।
गौतम ने बताया जब वह अपने श्री शर्मा के साथ सब्जियां खरीदने के बाद घर लौटे तो पता चला कि जेब में उनका सेमसंग का एस6 मॉडल का फोन नहीं है। तभी दोनों उल्टे पांव तुरंत सब्जी मण्डी भागे, जहां-जहां जिस रेहडी से सब्जी खरीदी थी फोन का पता किया। तब उनको वहां फोन तो नहीं मिला लेकिन, ये पता चला कि यहां पर कई फोन चोर गिरोह सक्रिय हैं। एक ग्राहक ने बताया कि इस सब्जी मण्डी में उसके दो फोन चोरी हो चुके हैं। इसी बीच मेरे साथी मित्र अपने फोन से मेरा फोन नंबर मिलाते रहे। फोन की घंटी लगातार बज रही थी, काफी देर बाद एक युवक ने फोन उठाया, जो अपने आपको गांव फतेहपुर चंदीला का गूर्जर बता रहा था। उसने कहा कि फोन वापिस चाहिए तो फोन की कीमत देनी पडेगी नहीं तो वह उसका मदरबोर्ड बदलवाकर बेच देगा। उसने यह भी धमकी दी की पुलिस को बताया और किसी को साथ लाया तो देख लेना हम गूर्जर हैं सबक सिखा देंगे, और फोन भी नहीं मिलेगा।
गौतम ने बताया कि वह पुलिस थाने जाने जा रहे थे मगर उनकी गाडी स्टार्ट नहीं हुई। तभी चोर ने उनको फोन वापिस लेने की बस 10 मिनट की मोहलत दी थी। उन्होने गाडी स्टार्ट न होने पर पहले चोर गिरोह से फोन लेने का फैसला किया। उन्होने बताया जब वह गांव के अंदर बदमाशों द्वारा बताए स्थान पर गए तो चोरों ने पहले पांच हजार रूपए मांगे थे, मगर बातचीत के बाद चार हजार रूपए फिरौती बसूलने के बाद उन्होने लौटा दिया। उन्होने बताया बदमाशों ने उनके स्थान पर किसी और को बुलाया था इसलिए फौन लेने के लिए कमलकांत शर्मा गए थे। इस सारे प्रकरण में उनको लगभग 12 बज गए और बाद में मिस्त्री को बुलाकर गाडी स्टार्ट करवाई घर पहुंचे।
गौतम ने बताया वह यहीं के वाशिंदे हैं और लगभग 5 दसकों में भी आजतक उन्होने इस प्रकार की घटना कभी फरीदाबाद जिले में नहीं सुनी थी। फिल्हाल उन्होने पुलिस आयुक्त अमिताभ ढिल्लन से मिलकर इस मामले की लिखित शिकायत की है। पुलिस आयुक्त ने भी इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच क्राईम ब्रंाच को सौंप दी है। वहीं इस घटना की पूरे पत्रकार जगत ने निंदा करते हुए कहा कि यह पुलिस और नेताओं की कार्यशैली पर प्रश्र चिन्ह लगाता है। जहां शहर के पॉश इलॉकों में लोग सुरक्षित नहीं है तो अन्य क्षेत्रों में कैसे कोई महफूज होगा।